चुदक्कड़ हॉट मुस्लिम गर्ल की चुदाई – muslim sex story
muslim sex story :सलाम वालेकुम दोस्तों , मैं नूरा हूँ दोस्तो! 23 साल की हूँ मैं और एकदम बिंदास हूँ| जो मन में आता वो करती हूँ|न मैं शर्माती हूँ और न किसी से डरती हूँ|निहायत बेशरम हूँ, निडर हूँ, बहुत बड़ी बुरचोदी और मादरचोद हूँ मैं!
मुझे लण्ड पकड़ने का और लण्ड से खेलने का जबरदस्त शौक है और मैं यह शौक हर हाल में पूरा करती हूँ|जिसका मन होता है उसका लण्ड लपक कर पकड़ लेती हूँ और अगर लण्ड पसंद आ गया तो फिर उसे मुंह में लेती हूँ और फिर बुर में लेती हूँ|
लण्ड घर का हो, कुनबे का हो लण्ड, नाते रिश्तेदारों का हो या फिर बाहर वालो का हो लण्ड, या फिर किसी गली मोहल्ले का हो लण्ड, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता|मैं हाथ बढ़ाकर सबके लण्ड पकड़ ही लेती हूँ|मुझे किसी भी लण्ड से कोई परहेज नहीं है|
मैं सबके लण्ड से बेहद मोहब्बत करती हूँ, सबसे हंस हंस कर प्यार से और खुल कर बातें करती हूँ|मैं ऐसे मर्दों को ज्यादा पसंद करती हूँ जिनके लण्ड मेरे मन माफिक होते हैं|
मेरा निकाह हो चुका है|मैं अब शादीशुदा हूँ किसी की बीवी हूँ और किसी की बहू हूँ|लेकिन मैं अपना शौक पूरा करती हूँ और बड़ी अच्छी तरह से पूरा करती हूँ|यह उन दोनों की बात है जब मैं 19 साल की थी| मैं एक अय्याश अम्मी की अय्याश बेटी हूँ|
एक दिन अम्मीजान फातिमा बेगम अपनी दोस्त सकीना बेगम से बैठी हुई बातें कर रही थी|मैं पीछे से छुप कर उसकी बातें सुन रही थी|अम्मी अपने दोस्त को बता रही थीं, जब हमारे पास धन दौलत है, पैसा है|
जिस्म है, शवाब है, शराब है, हुस्न है और मस्त जवानी है तो फिर मैं अय्याशी क्यों ना करूँ? जवानी का पूरा मज़ा क्यों न लूटूं? मैं तो अपनी बेटी नूरा को भी अय्याश बना दूंगी, उसे भी शराब पीना और लण्ड पीना सिखा दूँगी|
उसे भी अपनी अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेलना सिखा दूंगी| जब वह अपनी अम्मी चुदाने लगेगी तो सब कुछ अपने आप सीख जाएगी| मैं भी उसकी चूत में लण्ड पेला करुँगी|
वह अपने दोस्तों के लण्ड मेरी चूत में पेलेगी और मैं अपने दोस्तों के लण्ड उसकी बुर में पेलूँगी| हमारे घर में तब चारों तरफ लण्ड ही लण्ड होंगे| अभी तो मैं अपनी बेटी से छुप छुप कर चुदवाती हूँ|
मैं बाहर भी चुदवाने जाती हूँ| जब वह बुर चोदी पूरी जवान हो जाएगी तो फिर हम दोनों मिलकर चुदाई का मज़ा लूटेंगी| मैं उसकी जवानी का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार कर रही हूँ|
मैं मन ही मन सोचने लगी कि मैं तो जवान हो चुकी हूँ| अब किस बात का इंतज़ार?मेरी बड़ी बड़ी चूचियां हैं| मेरी मस्त गांड है मेरे मस्ताने चूतड़ हैं, मेरी चूत में घनी घनी झांटें हैं, मेरी चूत पकी हुई है|मैं लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा के बारे में सब जानती हूँ|
हर रोज़ पोर्न देखती हूँ|नेट पर ब्लू फिल्म देखती हूँ, बड़े बड़े लण्ड देखती हूँ, अम्मी बेटी की चुदाई देखती हूँ|लड़कियों को लण्ड पीते हुए देखती हूँ और सामूहिक चुदाई में एक दूसरे की बुर में लण्ड पेलते हुए देखती हूँ और क्या चाहिए?
मैं सेक्स की कहानियां पढ़ती हूँ, चुदाई की कहानियां भी खूब एन्जॉय करती हूँ|गाली देना भी मैं जानती हूँ|तो फिर अम्मी जान मुझे अपने हाथ से लण्ड क्यों नहीं पकड़ाती? मुझे अपने साथ लण्ड क्यों नहीं पीने देती?
बस उसी दिन मैंने ठान लिया कि मैं सबके लण्ड पकडूँगी और मज़ा लूंगी|मैं लण्ड पकड़ने के लिए अम्मी का इंतज़ार क्यों करूँ?बस मैं सीधे अपनी सहेली नाज़ के घर चली गयी|
पहले तो मैंने उससे इधर उधर की बातें की और फिर कहा, यार, मुझे किसी का लण्ड पकड़ाओ| मैं लण्ड पकड़ने आयी हूँ|
वह बोली, अच्छा ये बात है तो चलो मेरी अम्मी से मिलो| वह खुद ही कोई न कोई लण्ड तुझे पकड़ा देगी|
नाज़ मुझे अपनी अम्मी के पास ले गयी|मैं उसकी अम्मी से मिली तो नाज़ ने कहा, अम्मी जान, ये नूरा है मेरी सहेली! इसने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा|वह बोली, क्या? क्या अभी तक तूने लण्ड नहीं पकड़ा? अपनी गांड मरा रही थी तू मदीहा?
तेरी अम्मी ने तुझे अभी तक लण्ड नहीं पकड़ाया? तेरी अम्मी का भोसड़ा … बहुत बड़ी बुर चोदी है तेरी माँ! उसकी बहन का भोसड़ा! तू रुक जा थोड़ी देर मैं अभी यही तुझे पकड़ाती हूँ लण्ड!
उसने किसी को फोन किया तो बस 5 मिनट में ही दो लड़के आ गए|आंटी बोली, तुम लोग अपने कपड़े खोल कर इन दोनों लड़कियों के आगे नंगे नंगे खड़े हो जाओ|वो सच में कपड़े खोल कर नंगे नंगे खड़े हो गए|
मैंने देखा कि उनके लण्ड आधे तो खड़े ही थे| दोनों लण्ड की झांटें बिलकुल साफ़ थीं|लण्ड का सुपारा निकला हुआ था| पेल्हड़ भी मस्त लग रहे थे|आंटी बोली, नाज़ एक लण्ड तू पकड़ ले और एक लण्ड नूरा को पकड़ा दे|
तुम दोनों नंगी होकर मेरे सामने लण्ड पियो| लण्ड चाटो, लण्ड चूसो|मैं और नाज़ वही करने लगी|फिर आंटी भी आ गयी और अपना भोसड़ा खोल दिया सबके सामने!वह एकदम जवान थी|उसका भोसड़ा बड़ा सेक्सी और हॉट दिख रहा था|
वह बिलकुल नंगी हो गयी और बोली, बेटी नाज़, अब तुम नूरा के हाथों से लण्ड अपनी अम्मी के भोसड़ा में पलो और चोदो| इस बुर चोदी नूरा को बताओ की लण्ड पेल पेल कर कैसे चोदा जाता है अम्मी का भोसड़ा!
नगमा और अम्मीजान को ठरकी पडोसी ने पेला – muslim chudai kahani
मैंने कहा, यार नाज़, लण्ड तो बड़ा मस्त है … बड़ा मोटा है| आज मुझे सच महसूस हो रहा है कि मैं जवान हो गयी हूँ| मेरी चूत बहन चोद फड़फड़ा रही है| मेरी चूचियाँ तनी हुई हैं| मुझे लण्ड चूसने में बड़ा अच्छा लग रहा है पर ये हैं कौन?
नाज़ ने बताया, ये है कासिम मेरी खाला का बेटा और ये है सलीम मेरी फूफी का बेटा! दोनों भोसड़ी के मेरे सामने मेरी अम्मी चोदते हैं और मेरी अम्मी के सामने मुझे चोदते हैं| सलीम और कासिम दोनों एक दूसरे की अम्मी चोदते हैं|
खाला अपने बेटे का लण्ड फूफी की बुर में घुसा देती है और फूफी अपने बेटे का लण्ड खाला की बुर में घुसा देती है|मैंने कहा, तो फिर दोनों अपनी अपनी अम्मी चोदते हैं या नहीं?वह बोली, हां चोदते हैं! अपनी अपनी अम्मी भी चोदते हैं|
अरे यार, जब बेटी अपने अब्बू का लण्ड पकड़ती है तो अम्मी अपने बेटे लण्ड क्यों नहीं पकड़ सकती? बेटी अपने अब्बू से चुदवा लेती है तो अम्मी अपने बेटे से क्यों नहीं चुदवा सकती? हमारे यहाँ सब जायज़ है यार!
अब देखो न मेरे भाईजान की शादी मेरी खाला जान से हो गयी| तो अम्मी उसकी साली हो गयी तो वह साली की बुर तो चोदेगा ही! इसी तरह बेटी का निकाह उसके मामू से हो जाता है तो अम्मी उसकी ननद बन जाती है तो बेटी ननद की बुर जरूर चाटेगी|
अब्बू उसका ननदोई बन जाता है तो अब्बू का लण्ड अपनी बुर में जरूर पेलवायेगी| इसलिए हमारे यहाँ सब लोग सबकी बुर चोदते हैं|मैंने उस दिन चुदवाया तो नहीं पर दोनों खूब मस्ती से चूमा, चाटा, चूसा और झड़ते हुए लण्ड पिया तब घर वापस आयी|
मेरी जब उम्र बढ़ी और मैं पूरी तरह जवान होने लगी तो मैं लण्ड पे लण्ड पकड़ती गयी| लण्ड मुट्ठ मार के पीती गयी|कुछ लड़के मुझसे अपने लण्ड का सड़का मरवाने लगे और मैं सड़का मार के लण्ड पीने लगी|
मुझे लण्ड चूसने में बड़ा मज़ा आने लगा और फिर एक दिन मैंने लण्ड अपनी बुर में पेलवा लिया|बस उस दिन से मैं चुदवाने भी लगी|मैंने अपनी सहेलियों के भाइयों से खूब चुदवाया|
मेरी एक सहेली ने अपने अब्बू का लण्ड मुझे पकड़ा दिया तो उसने भी मुझे चोदा और अपनी बेटी के सामने चोदा|फिर उसने मुझे अपनी खाला की बेटी से मिलवा दिया वह भी अपने अब्बू से फंसी थी|
उसने तो अपने हाथ से अपने अब्बू का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया था|अब मुझे बड़े लोगों से चुदवाने में मज़ा आने लगा|मैं एक तरफ लण्ड पकड़ने लगी, बुर चुदवाने लगी और दूसरी तरफ अम्मी जान पर नज़र रखने लगी|
उसकी जासूसी करने लगी की वह क्या करती है और किससे साथ करती है?मैंने एक दिन सवेरे सवेरे देखा कि अम्मी किसी का लण्ड चूस रही है|कुछ देर बाद लण्ड अपनी चूत में पेलवा लिया और चुदवाने लगी|
मुझे मालूम हुआ कि वह मेरा पड़ोसी समीर अंकल है| उसका लण्ड मुझे पसंद आया|मैं चुपचाप जाकर अपने बिस्तर पर लेट गयी, अम्मी को कुछ नहीं मालूम हुआ|उस दिन मैं कॉलेज से जल्दी घर आ गयी|
मैंने देखा कि अम्मीजान अपनी ननद के बेटे से खूब धकाधक चुदवा रही हैं|उसका बेटा मुझसे 5 साल बड़ा था लेकिन उसका लण्ड साला बहुत बड़ा था|बड़ा सेक्सी लण्ड था उसका!
मैंने अम्मी का भोसड़ा एक बार फिर चुदते हुए देखा|रात को लगभग 12 मेरी नींद खुली तो मैंने फिर देखा कि मेरी अम्मी जान किसी और मरद से चुदवा रहीं हैं|उसका लण्ड बड़ा मोटा था और वह बोल भी रहा था|
भाभी जान, अब जल्दी से अपनी बेटी की चूत मुझे दिलवाओ| वह जवान तो लगभग हो चुकी है| अगर वह ना चुदवाये तो मेरा लण्ड ही प्यार से पकड़ ले तो मुझे मज़ा आ जायेगा| फिर कुछ दिन बाद में चोद लूँगा मैं उसे!
अम्मी ने कहा, अच्छा देखूंगी मैं … फिलहाल तुम मेरी बेटी की अम्मी चोदो!ये सब देख कर मुझे ख़ुशी भी हुई|मेरे मन में गुद गुदी होने लगी| मेरी चूत गरम भी हो गयी और मुझे गुस्सा भी आ गया|
मैं फिर सीधे दनदनाती हुई अम्मी के कमरे में घुस गयी, मैंने कहा, कितने लण्ड खाती है तेरी बुरचोदी बुर अम्मी जान?
वह बोली, अरे वाह तू आ गयी नूरा … अच्छा किया! तू भोसड़ी की फातिमा पहले मेरे सवाल का जबाब दे?
हां हां दूँगी जबाब, पर इतना तनतना क्यों रही है तू?”तेरी बहन का भोसड़ा, तेरी बिटिया की बुर बहन चोद फातिमा ! तुझे बस अपनी बुर की ही परवाह है किसी और की बुर की नहीं? बस दिन रात बस अपनी बुर फड़वाया करती है तू!
तूने कहाँ सब देख लिया, बुर चोदी मदीहा? बुर मेरी है मैं जो चाहूंगी वो करुँगी| तेरी गांड क्यों फट रही है?”गांड मेरी नहीं फट रही है| गांड तो अब तेरी फटेगी जब मैं तेरा नाम ले ले कर खुले आम सबसे चुदवाऊंगी| सबके लण्ड खुल्लम खुल्ला पेलूँगी
अपनी बुर में! तब तेरी होगी बदनामी!मैं बदनामी से नहीं डरती| मुझे तो लण्ड चाहिए लण्ड!”लण्ड मुझे भी चाहिए भोसड़ी वाली! तू कान लगा कर सुन ले बुरचोदी फातिमा , आज से तू लण्ड पहले मेरी बुर में पेलेगी फिर अपनी बुर में! नहीं तो मैं …”
हम दोनों की बातें वह आदमी बड़े मजे से सुन रहा था जो अम्मी का भोसड़ा चोद रहा था|अम्मी ने कहा, अच्छा तू इधर आ मेरे पास!मैं आगे बढ़ी और अम्मी के पास पहुँच गयी|
उसने मुझे लण्ड पकड़ाते हुए कहा, अच्छा ले तू इसे पकड़ कर और चूस कर दिखा| मुझे पता तो चले कि तू अब लण्ड ठीक से पकड़ने लगी है| लण्ड ठीक से चूसने लगी है और लण्ड पीने का भी हुनर तुझे आता है|
मैंने लण्ड लपक कर पकड़ लिया और उसे बड़े प्यार से कई बार चूमा, चारों तरफ घुमा कर देखा और फिर सुपारा जबान से छूकर कहा, पहले ये तो बता कि ये लण्ड है किसका अम्मीजान?
वह बोली, ये लण्ड मेरी सहेली के शौहर आदिल का है| वह अपने मायके गयी है और इसे मुझे सौंप कर गयी है| कह रही थी कि जब तक मैं न आऊं तब तक तुम इससे दिन रात चुदवाती रहना| इसलिए मैं आजकल इससे रोज़ चुदवा रही हूँ|
जब मन होता है तब चुदवा लेती हूँ|मैं लण्ड मस्ती से चूसने लगी|तब तक मेरे कपड़े भी उतर चुके थे, मैं पूरी नंगी हो चुकी थी|मैंने कहा, अंकल, तुम दूसरों की बीवियां चोदते हो या फिर कुछ और भी?
वह बोला, बेटी मदीहा, मुझे चोदने की आदत है| मैं बुर चोदता हूँ, मुंह में लौड़ा पेलता हूँ, चूची चोदता हूँ, कभी कभी किसी की गांड भी चोद लेता हूँ| मैं यह कभी नहीं देखता कि ये अम्मी की चूत है या बेटी की चूत, बहू की चूत है |
सास का भोसड़ा, जेठानी की चूत है या देवरानी की चूत, ननद की बुर है या भाभी की बुर! मुझे तो बस बुर चाहिए चोदने के लिए| अब मेरी नज़र तेरी बुर पर है, मदीहा|मैंने कहा, फिर भोसड़ी के … देर क्यों कर रहा है तू?
पेल क्यों नहीं देता अपना लण्ड मेरी बुर में … और चोद क्यों नहीं लेता अपनी भाभी की बिटिया की बुर?उसने फ़ौरन लण्ड पेल दिया और मुझे चोदने लगा|मैं भी एक मंजी हुई रंडी की तरह भकाभक चुदवाने लगी|
कुछ देर में मैंने लण्ड अम्मी के भोसड़े में पेल दिया और चुदवाने लगी उसकी बुर!वह मुझे बड़े गौर से चुदवाते भी देख रही थी और अब लण्ड पेलते हुए भी देख रही थी|वह बोली, बेटी मदीहा, तूने ये सब कहाँ से सीखा?
तू तो बहुत अच्छी तरह चुदवा लेती है और लण्ड भी दूसरे की बुर में अच्छी तरह पेल लेती है?मैंने कहा, अरे अम्मीजान, मैं खूब चुदी हुई हूँ| मेरी बुर चुदी चुदाई है पर लगती नहीं कि इतनी चुदी हुई है|
अम्मी ने कहा, मुझे तो तेरे चुदाने के सलीके पर बड़ा गुमान हो रहा है| बड़ी बड़ी औरतें भी इतनी अच्छी तरह से नहीं चुदवा पातीं जितनी अच्छी तरह से तू चुदवा लेती है| तू सच में बहुत बड़ी बुरचोदी है|
फिर मेरा निकाह मेरी खाला के देवर से हो गया| मैं अपनी खाला की देवरानी बन गयी|अम्मी मेरी बहन हो गयी और अब्बू मेरा जीजू!नए नए चुदाई के रिश्ते बन गए|फिर मेरे चुदवाने के तरीके में और ज्यादा निखार आ गया|
शादी के बाद मैं ससुराल में भी दिन रात चुदने लगी| सब लोग मुझे अपना लण्ड पकड़ाने लगे| मैं वहां के सारे लण्ड अपनी बुर में पेलवाने लगी|इधर मायके में भी मैं सब लोगों से भचाभच चुदवाने लगी| कई लोगों से खुल कर चुदवाने लगी|
तब एक दिन अम्मी जान ने पूछा, कितने लण्ड खाती है तेरी बुरचोदी बुर बेटी मदीहा?मैंने कहा, ये सवाल मुझसे नहीं मेरी बुरचोदी बुर से पूछो अम्मी जान| मेरी बुर तो बस लण्ड खाती चली जाती है गिनती कभी नहीं!