नगमा और अम्मीजान को ठरकी पडोसी ने पेला – muslim chudai kahani
muslim chudai kahani : मेरा नाम नगमा है दोस्तो! मैं 24 साल की एक मद मस्त गोरी चिट्टी हसीना हूँ; अपनी जवानी के उमंगों में और अपने मदमाते जिस्म के गुरुर में रहती हूँ| मेरा कद 5′ 4″ का है और बदन छरहरा है|
मेरी आँखें बड़ी बड़ी हैं, चेहरा गोल और चूतड़ थोड़ा उभरे हुए हैं|मेरे बूब्स बड़े बड़े हैं, सुडौल और आकर्षक भी हैं|
लोग इन्हें देख देख कर मज़ा लेते हैं और अपने होंठ चाटने लगते हैं|
मैं कॉलेज में एक शोख़, चंचल और शरारती लड़की के नाम से जानी जाती हूँ| मैं बहुत बोल्ड हूँ, मुंहफट हूँ और खुल्लम खुल्ला सब बोलती हूँ|मेरे मुंह से गालियां भी खूब निकलती हैं और मैं लंड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें भी खूब करती हूँ|
एक दिन अचानक मेरी सहेली फातिमा मेरे घर आ गई|मैंने उसे बड़े प्यार से बैठाया और कहा, बोल भोसड़ी की फातिमा , आजकल क्या हो रहा है?वह बोली, कुछ नहीं यार कुछ भी नया नहीं है!
मैं बोली, अच्छा ऐसी बात है? तू तो बहनचोद रोज़ नए नए लंड का मज़ा लूटती है!वह बोली, नहीं यार, रोज़ तो नहीं … पर हां दूसरे तीसरे दिन एक नया लंड जरूर ले लेती हूँ|हाय दईया … तू माँ की लौड़ी बड़ी नसीब वाली है|
ढोंगी मौलवी ने मेरी अम्मी की चूत मारी -Muslim Sex Story
मुझे भी दिलवाओ न कोई लंड?”तू भोसड़ी वाली पहले अपनी माँ चुदाना सीख ले, फिर तेरी झोली में लंड ही लंड आ जायेंगे|”मैं फातिमा के साथ बैठी हुई खूब गन्दी गन्दी बातें कर रही थी और गालियां भी बिंदास दे रही थी|वह भी खूब गालियां दे रही थी|
तब मैंने देखा कि मेरी अम्मी जान हमारी सब बातें सुनसुन कर मज़ा ले रही हैं|वे हमारे पास आईं और बोलीं, तू तो बड़ी मस्त गालियां देती है फातिमा ?फातिमा बोली, मेरी अम्मी ने कहा था कि तुमको अगर बोल्ड बनना है
तो पहले गालियां देना सीखो| तो मैंने सीख लिया|मेरी अम्मी ने कहा, हां, मैंने सुना है फातिमा कि तू अपनी माँ चुदाने लगी है आजकल?वह बोली, हां आंटी, माँ चुदाने में बड़ा मज़ा आ रहा है आजकल| नगमा को मैं वही बताने जा रही थी कि आप आ गई|
अम्मी मुस्कराकर बोली, हां, तू नगमा को भी सिखा दे माँ चुदाना क्योंकि अभी वह थोड़ा शर्माती है| जब तक पूरी तरह बेशर्म नहीं होगी तब तक जवानी का मज़ा नहीं ले पायेगी|
फातिमा बोली, हां आंटी, मेरी अम्मी भी यही बात कह रही थीं| तभी तो मैं बिल्कुल बेशर्म हो गयी और अब तो हम दोनों माँ बेटी मिलकर नंगी नंगी एकसाथ लंड चूसती हैं और खूब एन्जॉय करती हैं|अम्मी की बातों ने मुझे अंदर से बेशर्म बना दिया|
अब मैं अम्मी पर नज़र रखने लगी|उधर फातिमा मुझे अपने साथ अपने घर लिवा गई|मैं उसकी अम्मी जान से मिली|वह बोली, हाय दईया, कहाँ थी तू अब तक शगुफ़्ता? माँ चुदा रही थी क्या तू अपनी?
मेरे बोलने के पहले ही फातिमा बोली, नहीं अम्मी जान, ये माँ नहीं चुदा रही थी| इसे तो माँ चुदाना नहीं आता| इसलिए आज यह मुझसे माँ चुदाना सीखने आयी है|आंटी बोली, अच्छा तो तू नगमा के सामने मेरी चूत चोदेगी?
यह सुनकर मेरी चूत गीली हो गयी|फिर रात में जब मैं उनके साथ लेटी तो एक अंकल भी आ गए|वह फातिमा का ससुर था|फातिमा ने उसका लंड मुझे पकड़ा दिया|मैं उसका लंड पकड़ कर मस्त हो गयी|
फिर उसके कहने पर मैंने वही लंड फातिमा की माँ की चूत में पेला|फातिमा की माँ सच में बड़ी सेक्सी और हॉट औरत थी| इतनी चुदक्कड़ औरत बहुत कम होती हैं|
उसकी चूत में बेटी के ससुर का लंड पेला तो उसने पूरा लौड़ा एक ही बार में घुसेड़वा लिया और उफ़ तक नहीं बोली|कुछ देर बाद उसकी माँ ने वही लंड मेरी चूत में पेल दिया|मुझे सच में बड़ा दर्द हुआ| मैं चिल्ला पड़ी|
लेकिन जब मज़ा आने लगा तो भकाभक चुदवाने लगी|उस दिन मैंने खुल कर रात भर अपनी चूत चुदवाई और फातिमा की माँ की चूत भी चोदी; फातिमा की भी चूत में लंड पेला|
हम तीनों ने एक दूसरी की चूत में लंड पेल पेल कर रात भर अय्याशी की|फातिमा का ससुर सेक्स की दवाई खा कर आया था इसलिए उसका लंड झड़ ही नहीं रहा था|इस तरह मैं एक ही रात में सीख गई माँ चुदाना|
मुझे शक हो गया कि मेरी अम्मी जान ग़ैर मर्दों के लंड का मज़ा लेती हैं|मैं किसी गैर मरद का लंड उसके हाथ में देखना चाहती थी|हमारे पड़ोस में एक कादर अंकल रहते हैं| वे 45 साल के एकदम गोरे चिट्टे स्मार्ट और हैंडसम आदमी हैं|
वे अक्सर हमारे घर आते हैं, काफी देर तक बैठते हैं और अम्मी से खूब हंस हंस कर बातें करते हैं|मैंने कभी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया|लेकिन आज जब अंकल आये तो मैं छिप कर उन दोनों की बातें सुनने लगी|
अम्मी को बिल्कुल मालूम नहीं हुआ कि मैं उनकी बातें सुन रही हूँ|वे दोनों एकदम खुल कर बोल रहे थे|कादर अंकल ने कहा, आसिया भाभी जान, तेरी बेटी नगमा तो बहुत ज्यादा खूबसूरत और हॉट भी है| मेरा दिल उस पर आ गया है|
भाभी जान कभी उसकी भी जवानी का मज़ा चखाओ न मुझे?अम्मी ने कहा, अच्छा तो तू भोसड़ी का आ गया न अपनी औकात पर| तू मेरी बेटी पर बुरी नज़र रखता है| तेरी बेटी का क्या हाल है?
उसने बताया, मेरी बेटी अपनी अम्मी जान के साथ साथ बड़े बड़े गैर मर्दों के लंड का मज़ा लेती है| बड़ी अय्याश है मेरी बेटी और उसकी माँ दोनों| तुम अपनी बेटी की चूत दिलवाओ न भाभी जान?
अम्मी ने कहा, अच्छा कादर भाई, कल रात को 10 बजे आ जाना, मैं तेरी इच्छा पूरी कर दूँगी|अंकल जाने के बाद मैं बाहर गयी और फ़ौरन अंदर आ गयी जैसे कि मैं अभी अभी बाहर से आई हूँ |
मुझे अंकल और अम्मी की बातों के बारे में कुछ नहीं मालूम|मुझे देख कर अम्मी जान बोली, आ गई तू अपनी चुदा कर शगुफ़्ता?
मैंने कहा, अभी तो माँ चुदाना सीख कर आयी हूँ अम्मी जान| अभी तो सचमुच में माँ चुदाना बाकी है|
वे बोली, तेरी अम्मी जान बड़ी हरामजादी चुदक्कड़ औरत है| समझ में आया भोसड़ी की शगुफ़्ता?मैं तो तब तक बेशर्म हो ही चुकी थी तो मैंने भी उसी तरीके से जबाब दिया, तेरी बेटी भी, माँ की लौड़ी, बहुत बड़ी अय्याश है|
समझ में आया मेरी चूतचोदी अम्मी जान?मेरी बात सुनकर अम्मी ने मुझे गले लगा लिया और बोली, यही तो मैं चाहती थी कि तू मेरे साथ मेरी दोस्त बन कर रह! मैं तेरी चूतचोदी आसिया हूँ और तू मेरी मेरी चूत चोदी शगुफ़्ता!
अब आएगा हम दोनों को जवानी का और लंड का असली मज़ा|हम दोनों खूब खिलखिलाकर हंसने लगीं|अगले दिन रात को 10 बजे किसी ने दरवाजा खटखटाया|मैंने दौड़ कर दरवाजा खोला|मुझे मालूम था कि बाहर कौन है|
दरवाजा खुलते ही मैंने कहा, अरे कादर अंकल, इतनी रात गए आप यहाँ? सब खैरियत तो है न?वह मुस्कराकर बोला, हां बेटी शगुफ़्ता, सब खैरियत है| मैं तो तेरी अम्मीजान से मिलने आया हूँ बस!
मैंने मन में कहा, भोसड़ी के कादर, मैं सब जानती हूँ| तू मादरचोद मेरे सामने मेरी माँ के भोसड़ा में लंड पेलने आया है और आज तू अपना लंड मेरी माँ के सामने मेरी भी चूत में पेलना चाहता है, तेरी बहन का भोसड़ा|
मैं चुप रही और उसे अम्मी जान के पास ले गयी|अम्मी जान बोली, आओ यार कादर, लगता है कि तू बिल्कुल तैयार होकर आया है|वह बोला, अरे आप जैसी मस्तानी और खूबसूरत भाभी जान के सामने तैयार होकर ही आना पड़ता है|
आपका हुकुम बजाना जो है भाभी जान!अम्मी जान ने माहौल को गरमाने के लिए सीधा सवाल किया, अच्छा ये बता कादर कि तू आज किस किस की चूत में लंड पेल कर आया है?
वह बोला, अरे भाभी, आज तो मैंने पहले अपनी साली की चूत ली और फिर उसके सामने उसकी बेटी की चूत भी ली| मैंने मजे से दोनों माँ बेटी को चोदा और उन दोनों ने भी मुझसे खूब मजे से चुदवाया|
माहौल इतना गर्म हो गया कि अम्मी जान ने अंकल का पजामा पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसे अपने बगल में लिटा लिया|अंकल लेट तो गया लेकिन उसकी नज़र मुझ पर थी| वह बड़ी ललचाई नज़रों से मुझे देखने लगा|
अम्मी ने अंकल के पाजामे का नाड़ा बड़े प्यार से खोला और मुझे बुला कर कहा, बेटी शगुफ़्ता, ज़रा इसमें हाथ घुसेड़ कर देखो कि इसके अंदर क्या है?मैंने भी बड़ी मस्ती से हाथ अंदर घुसेड़ दिया तो मेरा हाथ उसके लंड से टकरा गया|
तब मैंने कहा, हाय रब्बा, ये तो भोसड़ी का लंड है अम्मी जान!अम्मी ने बड़े प्यार से कहा तो इस मादर चोद को बाहर निकाल लो बेटी|मैंने लंड बाहर निकाला तो वह फनफनाकर मेरे आगे खड़ा हो गया|
मैं भी लंड देख कर हैरान हो गयी और बोली, हाय दईया, यह तो फातिमा के ससुर के लंड से भी बड़ा है और मोटा भी|तभी मैं लंड हिला हिला कर उसकी चुम्मियाँ लेने लगी; उसका चमकता हुआ सुपारा चाटने लगी और पेल्हड़ भी सहलाने लगी|
तब तक उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मम्मे मसलने लगा|फिर वह बोला, तेरे मम्मे बड़े मस्त है बेटी शगुफ़्ता| इतने बड़े बड़े और मस्ताने मम्मे तो मेरे खानदान में किसी के भी नहीं है|
फिर उसने मेरा पजामा भी खोल डाला और मैं मादरचोद उसके आगे हो गयी एकदम नंगी|उसने मेरी चूत सहलाई और बोला, भाभी जान, तेरी बेटी की चूत बड़ी हसीं है| आज इसे चोदने में ज़न्नत का मज़ा आएगा|
तब तक अम्मी जान भी अपने कपड़े उतार कर हमारे सामने आ गयी और मेरे साथ लंड चूमने लगीं|उसका नंगा जिस्म देख कर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गई|मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा|
हम दोनों माँ बेटी एकदम नंगी नंगी अंकल का लंड चाटने और चूसने में लग गईं|अंकल तो मादर चोद पहले से ही नंगा था|हम दोनों मिलकर लंड का सुपारा चाटने लगीं|फिर अम्मी ने मेरे मुंह में लंड घुसेड़ दिया तो मैं लंड चूसने लगी|
बाद में मैंने लंड अम्मी के मुंह में घुसा दिया तो वह लंड चूसने लगीं|यह मेरा पहला मौक़ा था जब मैं नंगी अम्मी के साथ लंड चूस रही थी|मुझे सच में बड़ा मज़ा रहा था|अम्मी भी मुझे बड़े प्यार से लंड चुसा रही थी|
मैं मन में कहने लगी कि खुदा करे कि सबकी अम्मी ऐसी ही हों जो अपनी बेटियों को अपने हाथ से लंड चुसाया करें|उधर अंकल बारी बारी से हम दोनों की चूत चाट रहा था|हम तीनों सेक्स की मस्ती में चूर थे|
मेरी माँ की चूत एकदम भठ्ठी की तरह जल रही थी और मेरी भी चूत का यही हाल था|फिर मैंने अंकल का लंड पकड़ा उसे हिलाया, अम्मी के भोसड़ा पर रख दिया और कहा, अंकल अब तुम पेलो लंड मेरी माँ की चूत में और चोदो|
अंकल ने देर नहीं लगायी और लंड सट्ट से घुसा दिया अंदर|मैं उसके चूतड़ दबा दबा कर अपनी माँ का भोसड़ा चुदवाने लगी|अम्मी बोली, हाय शगुफ़्ता, बड़ा मज़ा आ रहा है बेटी! आज पहली बार तूने लंड मेरी चूत में पेला है|
लगता है कि तुझे माँ चुदाना आ गया है| तुझे फातिमा की माँ ने सिखा दिया है माँ चुदाना|मैंने कहा, हां अम्मी जान, मैंने फातिमा के ससुर का लंड फातिमा की माँ के भोसड़ा में पेला था| मैंने खुद चोदा था फातिमा की माँ का भोसड़ा|
फिर मैंने वही लंड फातिमा की चूत में भी पेला था| एक ससुर ने मेरे सामने अपनी बहू की चूत चोदी| फिर दोनों ने लंड पकड़ पकड़ कर मेरी चूत में भी पेला था| उस दिन मैं खूब चुदी थी और अच्छी तरह चुद कर ही घर वापस आयी थी|
कुछ देर बाद अम्मी ने लंड अपनी चूत से निकाला और मेरी चूत में घुसेड़ दिया और बोली, बेटी शगुफ़्ता, मुझे भी अपनी बेटी की चूत चुदाना आता है| आज मैं तेरी चूत के चीथड़े उड़ा दूँगी शगुफ़्ता| तुझे अगर माँ चुदाना आता है |
तो मुझे भी बेटी चुदाना आता है|अंकल तो मुझे बड़ी मस्ती से घपाघप चोदने लगा|मुझे चुदवाने में ज़न्नत का मज़ा आने लगा| मुझे नहीं मालूम था की इतना मस्त और मोटा तगड़ा लंड मेरे पड़ोस में ही है|
मैं तो बिल्कुल सातवें आसमान पर पहुँच गई|चुदवाने में कितना मज़ा आता है इसका अनुभव आज मुझे पहली बार हो रहा था|मैं बोली, हाय मेरे अंकल राजा, मुझे खूब चोदो| फाड़ डालो मेरी चूत| मेरी माँ के आगे मुझे खूब हचक हचक कर चोदो|
ये मेरी हरामजादी अम्मी जान अपने आगे अपनी बिटिया की चूत चुदा चुदा कर खूब मज़ा ले रही है| ऐसी होतीं हैं चुदक्कड़ अम्मियाँ जो अपनी बेटियों को जवानी का पूरा मज़ा लेना सिखा देती हैं|
मुझे अपनी अम्मी जान से प्यार हो गया है उसके भोसड़े से तो और ज्यादा प्यार हो गया है|अम्मी अंकल के पेल्हड़ सहला सहला कर मेरी चूत में बार बार लंड पेल रही थीं|बीच बीच में वे लंड चाट भी लेती थीं|
माँ बेटी की इस तरह की चुदाई बड़ी मनमोहक होती है दोस्तो|इतने में मैं खलास हो गयी और अंकल भी खलास होने की कगार पर आ गया|तब मैंने लंड मुट्ठी में लिया और थोड़ा आगे पीछे किया तो लंड ने भक्क से उगल दिया |
अपना वीर्य और तब हम दोनों ने मस्ती से वीर्यपान किया और मज़ा लिया|इस तरह रात भर कभी मैं चुदी कभी अम्मी चुदी|
फिर सवेरे उठ कर अंकल अपने घर चला गया|रात में माँ बेटी चुदाई के बाद हम दोनों उठ कर अपने दैनिक काम में लग गयी|
जब हम दोनों नाश्ते पर बैठीं तो अम्मी जान बोली, शगुफ़्ता, रात को तो तेरे साथ चुदाई में जो मज़ा आया वह मज़ा पहले कभी नहीं आया| क्या मस्त चुदाई हुई है रात को हम दोनों की|
मैंने कहा, हां अम्मी जान, मुझे कल रात चुदाई का असली मज़ा आया| माँ चुदाने में इतना मज़ा आता है मुझे कल ही मालूम हुआ|अम्मी बोली, हां यार शगुफ़्ता, मैं तेरी चूत तेरी माँ के सामने चोदना चाहती थी तो चोद लिया|
मुझे तेरी चूत में लंड पेलने में बड़ा मज़ा आया|मैंने कहा, हां यार आसिया, मुझे भी अपनी माँ की चूत में लंड पेलने में जो मज़ा आया उसे बयान नहीं किया जा सकता|अम्मी बोली, हां यार बहुत अच्छा हुआ|मुझे वह चुदाई आज भी अच्छी तरह याद है|