Antarvasna

टीचर की हॉट वाइफ की चुत का भोसड़ा बनाया – Antarvasna

Antarvasna : मेरा नाम अनिल है और में जमशेदपुर का रहने वाला हूँ। दोस्तों मुझे छोटी उम्र से ही सेक्स करने की बहुत इच्छा थी और इसलिए में हमेशा एक औरत जिसका नाम दिव्या था, में उस औरत के साथ सेक्स करना चाहता था, क्योंकि वो बहुत अनुभवी और सुंदर अच्छी लगती।

दोस्तों यह बात उस समय की है जब में पढ़ाई कर रहा था और में इंग्लीश की ट्यूशन के लिए मेरे एक सर के घर जाता था और हम लोग पांच दोस्त थे, जो वहां पर एक साथ जाते थे।वो सर हम सभी को दोपहर तीन बजे बुलाते थे और वो हमे पांच बजे तक पढ़ाकर फ्री करते थी और हम सभी दोस्त हर दिन पढ़ने जाते थे।

दोस्तों हमारे वो सर शादीशुदा थे और उनकी पत्नी एकदम मस्त माल थी और वो बहुत ही सुंदर थी। फिर जिस दिन पहली बार मैंने उसको देखा में बस उसी के बारे में दिन रात सोचा करता था। उसका नाम विनीता था और वो एक बिंगाली परिवार से थे। दोस्तों में आप सभी को बता दूँ|

कि विनीता हर दिन दोपहर के समय अपने बेडरूम में सोती थी और सर हम सभी को हॉल में पढ़ाते थे।फिर विनीता के उठने का समय 4.30 का था और वो गाउन पहनकर सबसे पहले बाथरूम में जाती हॉल में बस एक ही बाथरूम था और हम लोग जहाँ पढ़ते थे। वो जगह बाथरूम के बिल्कुल पास ही थी।

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फिर जब भी वो बाथरूम के अंदर मूतने बैठती और फिर मूतने लगती, तब उसका पेशाब इतने दबाव के साथ निकलता था कि उसकी आवाज़ हमारे कानों तक आ जाती। दोस्तों मेरे मन में बस यही इच्छा होती थी कि मुझे बस एक बार उसके साथ सेक्स करने का मौका मिल जाए|

उसके बाद मेरी ज़िंदगी मस्त हो जाएगी, मुझे बड़ा मज़ा आएगा में हमेशा उसकी चुदाई के विचार में डूबा रहा करता था।फिर ऐसे ही दिन गुज़रते चले गये और कुछ दिन बाद हमारे सर जो एक स्कूल में टीचर थे उनका तबादला हो गया। तभी सर ने हम सभी को बताया कि उनका अब तबादला हो गया है|

इसलिए हम किसी और टीचर का बंदोबस्त कर ले। फिर सर ने हमे एक बात बताई कि उनकी पत्नी भी वही विषय पढ़ाती है अगर हम चाहे तो उनसे ट्यूशन ले सकते है, क्योंकि सर का तबादला कुछ दिनों के लिए हुआ था और उन्हे अभी अपने घरवालों को अपने साथ ले जाने की अनुमति और रहने के लिए कोई फ्लेट भी नहीं मिला था|

इस वजह से सर वहां पर अकेले ही जा रहे थे।अब मेरे सभी दोस्तों ने साफ मना कर दिया और वो दूसरे टीचर के पास जाने लगे थे, लेकिन में विनीता मेडम से ट्यूशन लेने को तैयार हो गया। फिर जब सर जाने लगे तब वो मुझसे कहने लगी कि में अपनी टीचर का ध्यान भी रखूं और अगर उन्हे कोई भी चीज़ चाहिए तो उन्हे में ला दूँ।

फिर मैंने सर को अपनी तरफ से पूरा पूरा भरोसा दिलाया कि में हाँ ठीक है में ऐसा ही करूँगा और सर चले गये।अब मेरी मेडम घर में एकदम अकेली रहने लगी थी, उनका अब तक कोई भी बच्चा भी नहीं था और फिर मैंने मेडम से ट्यूशन लेना शुरू कर दिया और में कुछ ही दिन में मेडम का बहुत अच्छा दोस्त भी बन गया |

मेडम भी मेरी दोस्त बन गई। अब में मेडम का बहुत ध्यान रखने लगा था और मेडम मुझे एक छात्र की तरह प्यार भी बहुत करती थी। फिर धीरे धीरे एक महिना बीत गया।एक दिन मैंने मेडम से पूछा कि मेडम क्या आपको सर की याद नहीं आती? तब मेडम ने मुझसे कहा कि हाँ याद तो मुझे उनकी बहुत आती है|

लेकिन मेरे पास कोई और रास्ता भी तो नहीं है। अब मैंने मेडम से हिम्मत करके कहा कि मेडम क्या में आपसे एक बात पूछ सकता हूँ? मेडम ने कहा कि हाँ तुम मुझसे कुछ भी बोलो, उसके पहले में तुम्हे एक बात बोलना चाहती हूँ।फिर मेडम ने मुझसे कहा कि जब हम दोनों एक दूसरे का इतना ध्यान रखते है और एक बहुत अच्छे दोस्त भी है|

तो फिर आज से तुम मुझे मेडम नहीं बल्कि विनीता के नाम से बुलाना और वैसे भी तुम पूरे दिन मेरे घर में ही तो रहते हो, इसलिए मुझे तुम्हारे मुहं से मेडम सुनना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। अब में तैयार हो गया और फिर विनीता ने मुझसे कहा कि क्यों तुम मुझसे अभी कुछ पूछ रहे थे?

तब मैंने बहुत हिम्मत करके उनसे कहा कि विनीता फिर में चुप हो गया और में अपनी आधी बात में ही रुक गया। अब विनीता मुझसे पूछने लगी हाँ बोलो ना वो क्या बात है? और मैंने कुछ नहीं कहा। फिर उसने मुझे अपनी कसम दे दी और वो बोली कि कहो ना नहीं तो तुम मुझसे कभी भी बात मत करना और मुझसे दोबारा पढ़ने भी मत आना।

फिर उस बात को सुनकर मैंने उसको पूछा कि तुम बुरा तो नहीं मनोगी? उसने कहा कि नहीं मुझे कुछ भी बुरा नहीं लगने वाला। अब में कहने लगा कि तुम्हे क्या सेक्स करने का मन नहीं करता? मेरे यह शब्द सुनकर विनीता एकदम चुप हो गयी और वो मेरी तरफ एकदम आश्चर्य से देखने लगी।

में उस वजह से एकदम डर गया था और मैंने उसको माफी मांगी।अब उसने मुझसे कहा कि तुम्हे माफ़ नहीं बल्कि मुझे तुम्हे धन्यवाद कहना चाहिए तुम्हे मेरा कितना ख्याल है और मेरे पति को मेरा ज़रा सा भी ध्यान नहीं है और उसने तभी मुझे मेरे गाल पर एक चुम्मा दे दिया, जिसकी वजह से में एकदम चकित रह गया।

फिर उसके बाद हम दोनों ने साथ में खाना खाया और उसके बाद में अपने घर चला गया। फिर कुछ दिनों के बाद में एक दिन विनीता के घर गया, लेकिन वो उस समय मुझे घर में कहीं भी दिखाई नहीं दे रही थी, में हर एक कमरे को देख रहा था, लेकिन वो कहीं भी नहीं थी।

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अब उसके बाद मैंने बाथरूम का दरवाजा खोला और फिर दोस्तों मैंने उस दिन वो द्रश्य देखा जो मैंने कभी सपने में सोचा भी नहीं था। दोस्तों उस समय बाथरूम का दरवाजा अंदर से बंद नहीं था और जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो देखा कि विनीता अपने बाथरूम के कोमोड पर बैठी हुई थी।

उस समय उसका गाऊन, ब्रा और पेंटी सब कुछ खुली हुई उसके पास ही में रखी हुई थी। वो उस समय एकदम नंगी थी और उसने अपने एक हाथ की तीन उँगलियाँ अपनी चूत में डाली हुई थी और वो अपने दूसरे हाथ से अपने बूब्स को दबा रही थी। उस समय उसकी दोनों आँखे बंद थी और वो बहुत मस्त मज़ा ले रही थी।

फिर में करीब पांच मिनट तक बिना कुछ कहे बिना हिले खड़ा रहकर उसको अपनी चकित नजरों से देखता रहा, जिसकी वजह से मेरा लंड पूरा तनकर खड़ा और एकदम सख्त हो चुका था। अब मेरा मन कर रहा था कि में अभी उसको पकड़कर उसकी बहुत जमकर चुदाई कर दूँ|

लेकिन मैंने अपने आपको शांत कर रखा था और कुछ देर बाद मैंने कहा विनीता यह क्या है? तब विनीता मेरी आवाज को सुनकर एकदम से डर गई और वो अपनी उंगली को चूत से बाहर खींचकर अपने उस एक तरफ पड़े गाउन से अपने नंगे गोरे जिस्म को ढकने की कोशिश करने लगी।

अब वो मेरी तरफ देखती हुई अपने कमरे में चली गई और में हॉल में जाकर सोफे पर बैठ गया, कुछ देर बाद वो कपड़े पहनकर अपने कमरे से बाहर आई और वो मेरे पास आकर बैठ गई। अब वो मुझसे कहने लगी कि तुम्हे क्या पता एक शादीशुदा औरत इतने दिन अपने पति के बिना कैसे रह सकती है?

सेक्स की जरूरत तो हर एक को होती है उस काम को करने की सभी की इच्छा होती है और मेरी भी बहुत होती है। फिर मुझसे यह सभी बातें कहकर वो उसी समय मुझसे लिपटकर ज़ोर ज़ोर से रोने लगी थी। अब मैंने उसको संभाला और उसने कुछ देर बाद शांत होकर मुझे यह बात बाहर किसी से नहीं कहने को कहा|

उसके पति से भी नहीं, में उसकी वो बात मान गया।फिर मैंने उसको कहा कि अगर तुम्हे सेक्स की इतनी ही चाहत है तो में तुम्हारी यह चाहत जरुर पूरी कर सकता हूँ, यह शब्द मेरे मुहं से सुनकर वो और भी ज़ोर से मुझसे लिपट गई और कुछ देर बाद मुझे उसने एक बार फिर से एक चुम्मि दी।

अब उसने मुझसे पूछा क्या सच क्या तुम मुझे प्यार करोगे? और यह बातें मेरे पति को भी नहीं बताओगे? तुम कितने अच्छे हो यह बात कहकर वो मुझे चूमने लगी और में भी उसको कसकर अपनी बाहों में दबाने लगा और कुछ देर तक हम वैसे ही रहे।फिर में जाने के लिए उठने लगा|

तभी उसने मुझसे कहा कि तुम कहाँ जा रहे और तुम मुझे कब प्यार करोगे? मैंने उसको कहा कि में शाम को आठ बजे आ जाऊंगा और फिर में अपने घर चला गया। फिर उसके बाद में शाम को उसके घर जा पहुँचा और अंदर गया तो मैंने देखा कि उसने एक बहुत ही सुंदर जालीदार साड़ी पहन रखी थी।

दोस्तों उसके बड़े आकार के बूब्स उसके ब्लाउज से बाहर आने को तड़प रहे थे, उसका वो गोरा मुलायम पेट पूरा साफ साफ नजर दे रहा था और वो एक शादीशुदा थी, इसलिए उसका जिस्म पूरा हराभरा था और मुझे ऐसी ही औरते अच्छी लगती थी।दोस्तों उसकी कमर बड़ी मस्त थी, वो ज्यादा गोरी नहीं थी|

लेकिन उसका रंग बहुत ही मस्त था, वो बहुत ही सुंदर और हॉट सेक्सी औरत थी और वो सर से लेकर पैरों तक एकदम सेक्सी और चोदने के लायक ही थी। दोस्तों उसको देखकर मुझे ऐसा लगता था कि जैसे वो मुझसे अपनी चुदाई करवाने के लिए एकदम तैयार है। अब वो तुरंत मुझे अपने कमरे में ले गई|

फिर उसने अंदर से अपना बेडरूम का दरवाजा बंद कर लिया, उसके लंबे काले बाल खुले हुए थे। अब मैंने उसको कहा कि आज में उसको हर तरह से खुश और उसकी सेक्स की गर्मी को पूरी तरह से ठंडा कर दूँगा।वो मुस्कुराकर मुझसे बोली कि चलो देखते है। फिर उसके ऐसा कहने पर मेरा लंड और भी ज्यादा गरम हो गया |

मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया, में उसके नरम गुलाबी होंठो को चूमने लगा, कुछ देर बाद मैंने उसको पलंग पर बैठा दिया और अब में उसके नरम मुलायम पेट पर अपना हाथ फेरने लगा। फिर वो भी अब जोश में आने लगी और वो मेरे सर के बाल को सहलाने लगी। मैंने उसके बूब्स को अपने एक हाथ से ज़ोर से पकड़ लिया |

में उनको दबाने मसलने लगा था, वो पहले तो थोड़ा दर्द से करहा रही थी, लेकिन उसके बाद वो धीरे धीरे एकदम शांत हो गई और में उसके बूब्स को लगातार दबाता रहा और ऐसा करते हुए मैंने उसकी साड़ी के पल्लू को उसके कंधे के ऊपर से नीचे गिरा दिया।फिर धीरे धीरे में अब उसकी साड़ी को खोलने लगा|

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वो अब मेरे सामने अपने पेटीकोट और ब्लाउज में थी। उसके बाद उसने भी अब मेरी शर्ट और पेंट को उतार दिया, जिसकी वजह से में अब सिर्फ़ अंडरवियर में था। अब उसने मुझे पलंग पर लेटा दिया और वो मेरे ऊपर सो गयी और अपने होंठो से मेरी छाती को चूमने और फिर जीभ से चाटने भी लगी।

फिर उसके ऐसा करने पर मुझे लगा कि यह अब पूरी तरह से गरम हो चुकी है और इसको इस काम का पूरी तरह से बहुत ज्यादा अनुभव भी है और मुझे उसकी चूत की गरमी का भी अंदाजा हो गया।फिर वो मुझे कुछ देर तक ऐसे ही लगातार चूमती रही और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि क्या तुम भी अब मेरे बूब्स का मज़ा नहीं लेना चाहते|

मुझसे यह शब्द कहते कहते उसने अपना ब्लाउज उतार दिया। अब उसके दोनों बड़े आकार के बूब्स को देखकर में एकदम हैरान बहुत चकित हो गया, क्योंकि उसकी निप्पल का रंग भूरा था और उसके बूब्स का रंग बिल्कुल गोरा था। फिर मैंने जोश में आकर उसको एक ही बार में पलंग पर लेटा दिया |

अब में उसके ऊपर चड़कर उसकी एक निप्पल को चूसने लगा और दूसरे बूब्स को दबाने लगा था, जिसकी वजह से वो ज़ोर ज़ोर से आहें भरने लगी और मुझसे और भी ज़ोर से दबाने को कहा।फिर मैंने भी ठीक वैसा ही किया। उसने मेरे सर को पीछे से पकड़कर ज़ोर से अपनी छाती पर रगड़ने लगी, जिसकी वजह से मुझे ऐसा लग रहा था|

कि जैसे वो अपने पूरे बूब्स मेरे मुहं में भर देना चाहती है। फिर कुछ देर बाद मैंने उसके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और मैंने उसको भी उतारकर दूर फेंक दिया। तब मैंने देखा कि वो एक बहुत सुंदर फूलों वाली आक्रति की गुलाबी रंग की पेंटी पहने हुए थी। अब उस द्रश्य सुंदरता को देखकर मुझे ऐसा लग रहा था|

कि में अभी अपना गरम लंड उसकी चूत में डाल दूँ, उसकी गोरी जांघे मोटी मोटी और अच्छे आकार में थी।फिर मैंने उसको पूछा कि तुम अपने पति के साथ सेक्स कैसे करती हो? तब उसने मुझसे कहा कि वो मुझे इतना ज़्यादा मज़ा नहीं देते, वो मेरे बूब्स को कुछ देर चूसते है|

फिर वो अपना लंड मेरी चूत में डाल देते है और उसके बाद वो कुछ ही देर धक्के लगाने के बाद झड़ जाते है और उस वजह से मुझे तो ठंडा होने का मौका ही नहीं मिलता। तुमने मुझे जिस दिन बाथरूम में पहली बार मेरी चूत में उंगली करते हुए देखा था वो तो में उनके यहाँ पर होते हुए भी हर कभी करती हूँ।

अब मैंने उसको पूछा कि क्या तुम और कुछ नहीं करती हो? तब उसने कहा कि और होता ही क्या है? फिर मैंने उसको कहा कि तुम्हे तो अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है।अब उसने मुझसे पूछा क्या सच अगर ऐसा है तो जल्दी करो ना और ऐसा कहने पर मैंने उसकी पेंटी को धीरे धीरे उतार दिया।

अब मैंने उसको बिल्कुल नंगी कर दिया था। दोस्तों मैंने उस दिन पहली बार किसी औरत की चूत को ऐसे बिना कपड़ो के देखा था, उसकी चूत का दाना एकदम लाल रंग का और उठा हुआ था और उस पर हल्के हल्के भूरे रंग के बाल चारो तरफ थे। अब मैंने अपनी अंडरवियर को उतार दिया|

तब वो मेरा भी मोटा और 6 इंच लंबा लंड देखकर वो मुझसे कहने लगी कि ऐसे लंड से अपनी चुदाई करवाने का मज़ा मुझे आज पहली बार आएगा।अब मैंने उसको कहा कि क्या तुम इसको भी चखना चाहोगी? उसने कहा कि नहीं मुझे घिन आएगी, तब मैंने उसको कहा कि तुम एक बार करके तो देखो।

अब मैंने उसको बिना कुछ कहे उसके दोनों पैरों को पूरा फैला दिया और अब में उसके पैरों के बीच में बैठकर उसकी चूत पर मैंने एक चुम्मि दे दी। मेरे ऐसा कहने पर उसने मुझसे कहा कि तुम ऐसा मत करो, क्या तुम्हे घिन नहीं आएगी? फिर मैंने कहा कि इसी में तो सारा मज़ा है|

उसको यह बात कहकर मैंने चूत को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया और में अपनी दो उँगलियों से उसकी चूत को फैलाने लगा था।अब मेरे ऐसा करने पर उसको बहुत दर्द हो रहा था, इसलिए उसने मुझसे ऐसा ना करने को कहा, लेकिन में अब उसकी बातें कहाँ सुनने वाला था।

फिर वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भर रही थी और में पूरे ज़ोर से उसकी चूत को चूस रहा था। दोस्तों उसकी चूत से एक बहुत ही अच्छी मदहोश करने वाली खुशबू आ रही थी और उसकी चूत बहुत गरम भी थी। में करीब 15 मिनट तक उसकी चूत को चूसता रहा और कुछ देर बाद अब उसको भी अच्छा लगने लगा था।

फिर मैंने उसको पूछा क्यों अब तुम्हे कैसा लग रहा है? उसने मुझसे कहा कि अब कुछ अच्छा लग रहा है।मैंने अब अपनी दो उँगलियाँ उसकी गरम चूत में घुसा दी, लेकिन उसकी चूत इतनी टाईट थी कि वो अंदर ही नहीं जा रही थी। दोस्तों उसकी चूत में मेरी उंगली नहीं जा रही थी |

इसलिए मैंने उसकी चूत में अपना थोड़ा सा पेशाब गिरा दिया, तब उसने मुझसे पूछा कि तुमने यह सब क्यों किया? मैंने उसको कहा कि यह इसलिए इसकी वजह से तुम्हे ज्यादा दर्द नहीं हो और ऐसा करने पर तुम्हारी सुखी चूत भी गीली हो जाएगी। अब मेरी उंगली उसमे बहुत आसानी से फिसलकर अंदर चली गई|

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में उसको ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा, मेरे ऐसा करते हुए उसका पूरा जिस्म काँपने लगा और उसने मुझसे कहा कि तुम जल्दी से अपना मुहं और उंगली वहां से दूर हटा लो, क्योंकि में अब झड़ने वाली हूँ।अब मैंने उसको कहा कि में उसको पीना चाहता हूँ, मुझसे इतना कहते हुए वो झड़ गई|

में उसकी चूत से बाहर निकले पूरे चूत रस को पी गया, मैंने उसकी एक बूँद को भी नीचे नहीं गिराया। फिर उसने मुझसे कहा कि आज पहली बार तुमने मुझे पूरी तरह से संतुष्ट और बहुत खुश भी किया है और में भी अब तुम्हारा लंड चूसना चाहती हूँ। फिर मुझसे इतना कहकर उसने भी मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया |

मेरे लंड की चमड़ी को नीचे करके उसके अंदर वाले मुलायम हिस्से को वो अपनी जीभ से रगड़ने लगी। उस वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।अब वो मेरा पूरा 6 इंच का लंबा लंड अपने मुहं में लेना चाहती थी उसके चूसने की वजह से कुछ देर बाद में अब झड़ने वाला था, इसलिए मैंने अपना लंड उसके मुहं से निकालना चाहा|

लेकिन वो भी वही करना चाहती थी जो मैंने उसके साथ किया था। अब मेरे थोड़ा ऐठने की वजह से लंड उसके मुहं से बाहर निकल गया और में वहीं झड़ गया मेरा पूरा वीर्य उसके पूरे मुहं में पिचकारी की तरह चला गया और कुछ उसके होंठो पर भी गिरा कुछ उसके गाल पर और चारो तरफ।

अब वो उस पूरे वीर्य को अपने होंठो और उंगली से चाटने लगी और उसका पूरा मज़ा लेने लगी।फिर उसने मुझसे धन्यवाद कहा और लंड को अपनी जीभ, होंठो से चाटकर साफ कर दिया और अब उसने मुझसे अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए कहा। फिर मैंने भी ठीक वैसा ही किया |

में धीरे धीरे अपने लंड को उसकी चूत में डालने लगा, लेकिन अंदर जाने से पहले ही वो ज़ोर से चीख पड़ी। अब मैंने थोड़ा और ज़ोर लगाया, मेरा चार इंच लंड उसकी चूत में चला गया और उस वजह से उसका दर्द और भी ज्यादा बड़ गया। अब वो ज़ोर से छटपटाने लगी और मुझसे उसने बस बहुत है बाहर निकालने को कहा।

फिर उसने मुझसे कहा कि मेरे पति का लंड तो सिर्फ़ चार इंच का ही है और अब में तुम्हारा इतना लंबा लंड कैसे अंदर लूँ? मैंने कहा कि तुम उसकी बिल्कुल भी चिंता मत करो, उसको इतना कहकर मैंने एक और ज़ोर का झटका लगा दिया, जिसकी वजह से अब मेरा थोड़ा सा लंड उसकी चूत में समा गया |

उस दर्द की वजह से उसकी आँखों से आंसू बाहर निकल पड़े, लेकिन में तब भी नहीं रुका और मैंने धीरे धीरे करके अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया। दोस्तों उसकी चूत बहुत गरम थी, में अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करता रहा। कुछ देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी थी।

अब वो मेरे हर एक धक्के के साथ अपनी कमर को मेरे साथ साथ आगे पीछे करने लगी और हम दोनों अभी अभी झड़े थे इसलिए दोबारा इतनी जल्दी हमारा झड़ना बहुत मुश्किल था। अब हमें उस खेल का मज़ा और भी ज़्यादा आने लगा, ऐसा करते करते कुछ देर बाद वो झड़ गयी|

उस वजह से उसकी गरम चूत एकदम गीली हो गई और वो एकदम शांत होने लगी, लेकिन में नहीं रुका और में उसको धक्के देकर चोदता रहा।फिर उसने मुझे अब रुकने को कहा, लेकिन में रुका नहीं और में अपना काम करता रहा, करीब दस मिनट के बाद में भी झड़ गया |

मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी चूत में डालकर एकदम शांत होकर में उसकी बाहों में लेट गया। अब वो मुझे चूमती रही और वो मेरे ऊपर लेट गई। कुछ देर बाद मैंने उससे कहा कि अभी तो और एक मज़ा बाकी है उसने पूछा वो क्या?फिर मैंने कहा कि अभी में तुम्हारी गांड मारूँगा जिसमे तुम्हे बहुत मज़ा आएगा।

दोस्तों उसको उसके बारे में कुछ भी नहीं पता था। उसको लगा कि इसमे भी बहुत मज़ा आएगा और वो तैयार हो गई। फिर मैंने उसको उसके पलंग के एक कोने में कुत्ते की तरह बैठने के लिए कहा और उसके दोनों हाथों को मैंने बेड के ऊपर रख दिए, उसका पैर ज़मीन पर और उसकी कमर बीच में थी।

फिर मैंने उसके मुहं में अपने लंड को डाल दिया, जिसकी वजह से वो थोड़ा सा गीला हो जाए और अब में अपनी जीभ से उसकी गांड को चाटने लगा और मैंने उसको पूरी तरह से गीला कर दिया, उसको अब अच्छा लग रहा था। फिर मैंने अपना लंड अपने हाथों में लेकर उसकी गांड के छेद पर लगा दिया |

अपने हाथों से पकड़कर मैंने एक जोरदार धक्का मार दिया, मेरे धक्का मारते ही वो दर्द से चीख पड़ी और उसने मुझसे कहा कि मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, उफ्फ्फ्फ़ प्लीज अब बस करो वरना में मर जाउंगी।अब मैंने उसको कहा कि तुम थोड़ा सा सहन करो क्योंकि यह पहली बार है|

ना इसलिए तुम्हे थोड़ा सा दर्द जरुर होगा और फिर में बार बार धक्के लगाता रहा और हर बार वो चीखती चिल्लाती रही। दोस्तों मेरा लंड लगातार कुछ अंदर बाहर आता जाता रहा और ऐसा करते हुए मेरा लंड अब तीन इंच अंदर चला गया।अब उसने मुझसे रोते हुए उसको छोड़ देने को कहा|

लेकिन मैंने उसको समझाया कि बस कुछ देर बाद ही उसको मज़ा आने लगेगा। फिर ऐसा कहने पर वो मान गई और मैंने फिर एक जोरदार धक्का लगाकर अपना लंड थोड़ा और अंदर डाल दिया, ऐसा करते हुए मेरा पूरा का पूरा लंड अब उसकी गांड में चला गया और वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ भरने लगी।

फिर मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया और कुछ देर बाद उसको भी मज़ा आने लगा था और में उसके बूब्स को पीछे से पकड़कर अब दबाने लगा था और में उसकी गांड को भी धक्के मारने लगा। दोस्तों ऐसा करते हुए में दो बार झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी गांड में डाल दिया |

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फिर में पलंग पर लेकर लेट गया और उसके बूब्स को चूसने लगा। फिर कुछ देर बाद में सीधा लेट गया और उसको मैंने अपने लंड पर बैठाया, विनीता ने धीरे धीरे मेरा पूरा लंड अपनी चूत में डलवा लिया और अब वो मज़ा लेने लगी।फिर वो जोश में आकर अपनी उंगली के बड़े बड़े नाख़ून से मेरी गांड के आसपास के हिस्से को खरोचने लगी|

ऐसा करने पर मुझे बहुत आराम बड़ा मज़ा आ रहा था। फिर उसने मेरी गांड के छेद पर अपने मुहं का थूक गिराया और अपनी उंगली को मेरे मुहं से गीला करके वो मेरी गांड में अपनी उंगली को डालने लगी थी, जिसकी वजह से मुझे पहली बार बहुत दर्द हुआ, लेकिन कुछ देर बाद मज़ा भी आने लगा था।

फिर में कुछ देर धक्के देने के बाद उसकी चूत में झड़ गया।दोस्तों वो करीब दस मिनट तक ऐसा ही करती रही और ऐसा करते हुए हम दोनों कब सो गए हमें पता ही नहीं चला। फिर सुबह हुई और हम दोनों एक दूसरे के जिस्म से लिपटे हुए उठे और अब जब भी मौका मिलता में उसकी दिन में भी चुदाई करने लगता।

अब हम दोनों हर दिन एक साथ सोने लगे और मैंने उसको हर एक आसन में चोदा और उसको चुदाई का पूरा मज़ा दिया, हम दोनों ब्लूफिल्म भी साथ में देखते और हम उस तरीके में एक दूसरे के साथ चुदाई का वो खेल खेलते थे।दोस्तों मैंने उसकी बहुत बार गांड मार मारकर उसके कूल्हों को पहले से भी ज्यादा फैला दिया|

जिसकी वजह से वो और भी सुंदर सेक्सी लगने लगी थी। दोस्तों मैंने उसकी चुदाई करके अब अपनी एक बहुत पुरानी इच्छा को भी पूरी करना चाहा। एक बार चुदाई के समय मैंने उसको कहा कि जब में तुम्हारे पति से पढ़ता था और तब तुम दोपहर को सोने के बाद उठकर पेशाब करने जाती थी |

तब तुम्हारे पेशाब करने की वो आवाज सुनकर मुझे तुम्हारी चूत को चाटने का बहुत मन करता था।अब उसने यह पूरी बात सुनकर मुझसे कहा कि तुम अपनी उस इच्छा को भी चाहो तो अभी पूरी कर लो और फिर वो बाथरूम में गई। फिर उसने उसी आवाज के साथ पेशाब करना शुरू किया |

मैंने उसके पेशाब करते समय ही अपना मुहं उसकी चूत से सटा दिया, उसका सारा पेशाब मेरे मुहं पर गिरने लगा और में उसका मज़ा लेने लगा। फिर इस तरह जब मेरा मन करता में विनीता को चोदने लगा और वो भी पूरी चाहत के साथ मुझसे अपनी चुदाई करवाती थी ।

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