Antarvasna

छिनाल मौसी की ताबड़तोड़ चुदाई -Antarvasna

Antarvasna :मेरा नाम उमंग है, मैं एक हट्टा कट्टा नौजवान हूँ और एक कंपनी में काम करता हूँ।मैं गोरा हूँ, घुंघराले बालों वाला हूँ और क्लीन शेव रहता हूँ।

मेरी अंजलि मौसी बड़ी खूबसूरत, चंचल और बिंदास है, हंसमुख है, बोल्ड है और हंसी मजाक करने में सबसे तेज है।उसे गन्दी गन्दी बातें करने से कोई परहेज़ नहीं है।

अपनी बातों के बीच बीच में लण्ड, बुर, चूत भोसड़ा वगैरह खूब खुल्लम खुल्ला बोलती है।गालियां तो उसके मुंह से अक्सर निकल ही जाती हैं जिन्हें सुनकर सब लोग एन्जॉय करतें हैं।

मैं उसकी गालियां सुनने के लिए घंटों इंतज़ार करता हूँ।वह जब भोसड़ी वाली, माँ की लौड़ी, बहन चोद बोलती है तो मेरा लण्ड साला खड़ा हो जाता है।

जब भी वह अपनी सहेलियों से बातें करती है तो गालियां जरूर बकती है और मैं वो गालियां सुन सुन कर एन्जॉय करता हूँ।उसका कद 5′ 4″ है रंग गोरा है और जिस्म एकदम संगमरमर जैसा है।

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छिनाल मौसी की ताबड़तोड़ चुदाई -Antarvasna

उसकी बड़ी बड़ी कजरारी आँखें, गोल गोल सुर्ख गाल, गुलाबी होंठ और बड़ी बड़ी मस्तानी चूचियाँ किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं।वह जब सज धज कर बाहर निकलती है तो लोग उसे देखते ही रह जाते हैं।

उसकी पतली कमर, बड़े बड़े उभरे हुए चूतड़ और उनके बीच की मटकती हुई गांड अपना अलग ही जलवा बिखेरती है।मैं तो सच में उसके नाम का मुट्ठ मारता हूँ।मेरा मन करता है कि मैं उसके मुंह में अपना लौड़ा घुसेड़ दूँ

उसकी चूचियों में अपना लौड़ा पेल दूँ और अगर किसी दिन मुझे नंगी मिल जाए तो घपाघप चोद डालूं उसकी फुद्दी!अंजलि मौसी मुझसे केवल एक साल बड़ी है।वह 25 साल की है और मैं 24 साल का!

एक दिन मैंने कहा, मौसी तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो।वह बोली, अच्छा, तो फिर क्या करेगा तू मेरा, अगर मैं तुझको अच्छी लगती हूँ।मैं, कर तो बहुत कुछ सकता हूँ मौसी जी, पर डरता हूँ।

मौसी, मुझे डरपोक लोग अच्छे नहीं लगते … तुम भोसड़ी के डरपोक हो तो मुझसे दूर रहो।मुझे उसकी गाली पसंद आ गई मैंने कहा, दूर रह कर कहाँ जाऊंगा? तुम्हारे सामने रहूंगा

तो निडर हो जाऊंगा, बेशर्म हो जाऊंगा और गन्दी गन्दी बातें करने लगूंगा।वह बोली, गन्दी गन्दी बातें करने के लिए कलेजा चाहिए। बड़ों बड़ों की गांड फट जाती है गन्दी गन्दी बातें करने में!

आसान नहीं है गन्दी गन्दी बातें करना!मैं, पर तुम्हारी तो नहीं फटती अंजलि मौसी?वह, मेरी तो गांड कभी फटती नहीं, मैं तो दूसरों की फाड़ देती हूँ गांड!

एक दिन मैं सवेरे सवेरे अपने कमरे में लेटा अपना लौड़ा सहला रहा था।लौड़ा साला एकदम तन कर खड़ा हुआ था। सवेरे का लण्ड बहन चोद बड़ा कड़क होता है। लगता है कि दीवार में भी छेद कर देगा।

लण्ड का टोपा पूरा खुला हुआ था।मैंने लण्ड हाथ में लिया तो अंजलि मौसी की तस्वीर मेरे दिमाग में घूमने लगी और मैं लण्ड का धीरे धीरे सड़का मारने लगा।

इतने में किसी ने मेरे हाथ से लण्ड छीन लिया और बोली, अरे यार, यह मेरा काम है भोसड़ी के उमंग !वह मेरी मौसी ही थी।मैं उसे देख कर थोड़ा सहम गया, बोला, अरे मौसी सॉरी!

वह बोली, सॉरी की माँ की चूत … मैं हूँ न तेरे लण्ड का सड़का मारने के लिए! यह लड़कियों का काम है।उसने मुझे पूरी तरह नंगा कर दिया और मेरे लण्ड को कई बार बड़े प्यार से चूमा।

मौसी ने कहा, तेरा लौड़ा तो बड़ा मस्त है उमंग ! मुझे उम्मीद नहीं थी कि तेरा लण्ड इतना जबरदस्त होगा और इतना मोटा तगड़ा होगा। मैं तो बुर चोदी तुम्हें अभी बच्चा ही समझ रही थी।

फिर उसने मुझे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया; खुद एक स्टूल पर बैठ गयी और एक हाथ से मेरे पेल्हड़ थाम दूसरे हाथ से सटासट सड़का मारने लगी।मैंने कहा, अब मुझे अपने बड़े बड़े मम्मे दिखा दो न अंजलि मौसी!

उसने अपना ब्लाउज़ तुरंत खोल दिया और दिखा दिये अपने बड़े बड़े दूध।मैंने कहा, वाओ बड़े रसीले हैं तेरे मम्मे अंजलि मौसी!वह जोश में बोली, मौसी की माँ का भोसड़ा |

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छिनाल मौसी की ताबड़तोड़ चुदाई -Antarvasna

मैं जब किसी का लण्ड पकड़ती हूँ तो उसकी बुरचोदी हरामजादी अंजलि हो जाती हूँ। मुझे माँ की लौड़ी भोसड़ी वाली अंजलि कहो!मैंने कहा, हाय मेरी भोसड़ी वाली काजल, मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लो न प्लीज!

उसने फ़ौरन लौड़ा मुंह में घुसेड़ लिया और मजे से चूसने लगी.मैं एन्जॉय करने लगा।वह बार बार लण्ड मुंह में लेती और फिर मुंह से निकाल कर सड़का मारने लगती।मुझे ऐसे में बड़ा मज़ा आने लगा।

आज पहली बार मेरे लण्ड का सड़का कोई मस्त जवान लड़की मार रही थी।मेरे मन में आया कि आज यह मेरे लण्ड का मुट्ठ मार रही है तो कल मुझसे चुदवा भी लेगी.कितना मज़ा आएगा जब मैं इसकी मस्तानी चूत में अपना लण्ड पेलूँगा.

मैं इसी तरह के ख़याली पुलाव पकाने लगा।मौसी बड़े मन से अपना मुंह खोले हुए मेरे लण्ड का सड़का मार रही थी और लण्ड से कुछ कह भी रही थी, अरे मेरे भोसड़ी के लण्ड राजा, जल्दी से निकाल दे तू अपना मक्खन!

तू बड़ा प्यारा लग रहा है मुझे। तू बड़ा मस्त है, बड़ा ज़ालिम है। मुझे तुझसे प्यार हो गया लण्ड राजा! अब तू निकल आ … डुबो दे मुझे अपने वीर्य से! मैं उसे पीने के लिए तैयार बैठी हूँ।

फिर क्या … लण्ड ने छोड़ दी दनादन 4, 5 पिचकारियाँ उसके मुंह में!वह सच में सारा का सारा वीर्य चट कर गयी।दूसरे दिन अचानक एक बहुत बड़ा परिवर्तन हो गया।मौसी की शादी तय हो गयी।

अब वह अपनी शादी के मूड में आ गई। बार बार ब्यूटी पार्लर जाने लगी, शॉपिंग हॉल जाने लगीं, साड़ियां खरीदने लगी।
वह पूरी तरह व्यस्त हो गयी।उसे मेरा लण्ड पकड़ने का ख्याल भी नहीं आया |

मेरी हिम्मत हुई उसको अपना लण्ड पकड़ाने की।समय यूं ही बीतता गया.वह जब दुल्हन बनी बैठी थी तो वास्तव में बड़ी जबरदस्त खूबसूरत लग रही थी।मैं मन मसोस कर रह गया।और वह शादी के बाद अपनी ससुराल चली गई।

15 दिन बाद वह अपनी ससुराल से वापस आ गयी।मैं समझ गया कि अंजलि मौसी अपनी सुहागरात मना कर आई है; खूब चुद कर आई है; अपने पति का लण्ड खूब पेलवाकर आईं है।लेकिन वह सच में बड़ी सुन्दर लग रही थी।

उसका रूप रंग सब कुछ बदला हुआ था।मांग में सिन्दूर, हाथों में कंगन. गले में हार, कानों में झुमके, नाक में नथनी, कमर में करधनी और पावों में पायल!ये सब मौसी की खूबसूरती बढ़ा रही थी।

वह बहुत ही ज्यादा हॉट लग रही थी; एकदम सेक्स बम लग रही थी।मेरा मन उसकी चूत देखने का हो गया।मैं उसको आते जाते बड़े गौर से देखने लगा।आते ही वह बड़े प्यार से मिली थी मुझसे!

लेकिन दो दिन बाद भी वह मेरे लण्ड से नहीं मिल पाई।इसका मलाल था मुझे!मैं उसके हाथ में अपना लण्ड देखना चाहता था।वह सबसे खुल कर बातें भी कर रही थी, अपनी ससुराल के किस्से भी सुना रही थी सबको!

लेकिन उसकी सुहागरात की बातें किसी को भी नहीं मालूम हुई।मैं यह जानना चाहता था कि उसके हसबैंड का लण्ड कैसा है?उसका हसबैंड रिश्ते में अब मेरा मौसा था।

क्या मौसा का लंड मेरे लण्ड से बेहतर है या फिर मेरा लण्ड उसके लण्ड से बेहतर है?इसका जबाब तो अंजलि मौसी ही दे सकतीं थीं वह भी एकांत में!मैं उसी मौके की तलाश में था।

मैं उससे अकेले में बात करने की कोशिश करने लगा.पर वह हमेशा किसी न किसी से घिरी रहती थी।एक दिन जब मैं बाथरूम जा रहा था तो वह मुस्कराती हुई मेरे कान में बोली, उमंग कैसा है तुम्हारा लण्ड?

मैंने भी उसके कान में ही जवाब दिया, जैसा तुम छोड़ कर गई थी, बस वैसा ही है मेरा लण्ड! लेकिन आजकल तुम्हें पाने के लिए बिचारा तड़प रहा है।तब तक एक पड़ोसन आ गई मादरचोद।मौसी उससे बातें करने लगीं।

ख़ैर मैं बाथरूम में नहाने चला गया और सोचने लगा कि चलो कभी न कभी तो मौका मिल ही जाएगा।कुछ देर बाद किसी ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया।मैंने खोला तो मौसी बाथरूम में ही घुस आईं और बोली, चली गयी बुरचोदी पड़ोसन!

अब घर में हम दोनों के अलावा कोई और नहीं है। मैंने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया है।उसने मेरी तौलियां खींच ली तो मैं नंगा हो गया।फिर उसने भी अपनी ब्रा खोल दी।उसकी मस्तानी चूचियाँ नंगी हो गईं।

फिर उसने अपना पेटीकोट भी खोल डाला तो उसकी चूत मेरे सामने नंगी हो गयी.उसकी गांड, उसके चूतड़ सब मेरी आँखों के सामने नंगे हो गए।मैं बड़ी देर तक उसे नंगी देखता रहा, उसके नंगे जिस्म का मज़ा लेता रहा.

फिर उसकी चूचियाँ दबा कर कहा, तेरे तो मम्मे पहले से बड़े हो गए हैं मौसी!वह बोली, अब तुम इन्हें मसल मसल कर और बड़ा कर दो उमंग !मौसी मेरा लण्ड पकड़े पकड़े मस्ती करने लगी|

उस पर प्यार से साबुन लगाने लगी और पेल्हड़ पर भी साबुन लगाने लगी।मैंने भी उसके नंगे बदन पर खूब साबुन लगाया और फिर हम दोनों ने एक दूसरे के नंगे बदन को खूब नहलाया।मैंने कहा, यार काजल, मैं तुम्हें बहुत याद कर रहा था।

वह बोली, मुझे भी तुम और तुमसे ज्यादा तुम्हारा लण्ड याद आ रहा था।फिर मैंने पूछ ही लिया, तेरे पति का लण्ड कैसा है?वह बोली, हां बस काम चलाऊ है यार! तेरा लण्ड उसके लण्ड से ज्यादा बढ़िया है।

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छिनाल मौसी की ताबड़तोड़ चुदाई -Antarvasna

यह सुनकर मुझे बड़ी तसल्ली हुई।मैंने फिर कहा, अगर उसे मालूम हो गया कि तुम मेरा लण्ड पकड़ती हो तो वह बुरा मानेगा न?वह बोली, उसकी माँ का भोसड़ा।

वह क्यों बुरा मानेगा? बुरा मानेगा तो मेरा क्या उखाड़ लेगा? मैं उसके लण्ड के सहारे नहीं रहने वाली। अब तो मैं खुल्लम खुल्ला पराये मर्दों से चुदवाऊंगी। जब तक शादी नहीं हुई थी तब तक छुप छुप कर चुदवाती थी।

मैंने कहा, अच्छा ऐसी बात है। मुझे तो पता नहीं था।वह बोली, हां यार, मैं शादी के पहले खूब चुदी हुई थी। मैं एक चुदक्कड़ औरत हूँ। अब मुझे किसी बात का डर नहीं है|

अब तो मेरी शादी हो चुकी है। अब मुझे तुम खूब घपाघप चोदो। मैं तुमसे चुदने के लिए एकदम तैयार हूँ।फिर हम दोनों नहा धो कर बाहर बेड पर आ गए।

उसने मुझे चित लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी.मौसी ने अपने बालों का जूड़ा बनाया और झुक कर मेरा लण्ड चाटने लगी।मैं भी उसकी चूत चाटने लगा।

मैंने अनुभव किया कि आज वह जितने बिंदास तरीके से लण्ड चाट रही है इतनी बिंदास तरह से उस दिन लण्ड नहीं चाटा था। उस दिन थोड़ा डर रही थी आज तो वह शेरनी बन कर लण्ड चाट रही है।

उसे कोई लण्ड चाटते हुए देख भी ले तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।मेरा लण्ड साला बड़े ताव पर था तो मैंने उसे नीचे पटका और चढ़ गया उसके ऊपर! फिर रख दिया अपना लण्ड उसकी चूत पर!

लण्ड भी गीला था और चूत भी गीली … तो मैंने उसे अंदर तक घुसा दिया।मेरा लण्ड बहनचोद सरसराता हुआ पूरा घुस गया अंदर!तब मुझे मालूम हुआ कि बड़ी गहरी है ससुरी मौसी की चूत।

मैं लण्ड बार बार निकालने और पेलने लगा, चोदने लगा मौसी की चूत!मौसी की चुदाई का मजा लेती हुई बोली, हाय उमंग , तेरा लण्ड भी उमंग है यार. बड़ी दूर तक चोट कर रहा है।

मुझे इतना मज़ा तो अपनी सुहागरात में भी नहीं आया था जितना मज़ा आज आ रहा है। आज मैं सही अर्थों में अपनी सुहागरात मना रही हूँ।मैं धीरे धीरे चुदाई की स्पीड बढ़ा रहा था और वह भी कमर हिला हिला कर बराबर मज़ा दे रही थी।

मैंने सोचा अगर मैंने इसे पहले चोदा होता तो शायद इतना मज़ा नहीं आता।लड़की जब निडर और बेख़ौफ़ होकर चुदवाती है तो चोदने वाले को ज्यादा मज़ा आता है।

वह मस्ती में बोलने लगी, भोसड़ी के उमंग फाड़ डाल मेरी चूत … चीथड़े उड़ा दे मेरी चूत के! ये ससुरी लण्ड की बड़ी प्यासी है। इसकी प्यास बुझा दे यार। तेरा लण्ड साला बड़ा ज़ालिम है।

हाय रे … मुझे अपनी बीवी की तरह चोद। समझ ले कि मैं तेरी बीवी हूँ। बड़ा मज़ा आ रहा है। हूँ आ … हो हां हां … और पेल … घुसेड़ दे और ठोक दे पूरा … घुसा दे … चीर डाल मेरी चूत।

मौसी की मस्ती देखने वाली थी।मैंने कहा, माँ की लौड़ी मादरचोद काजल, अब मैं तुझे पीछे से चोदूंगा। तू बड़ी मस्त चीज है। तू एकदम लड्डू पेड़ा बर्फी है मन करता है तुझे कच्चा चबा जाऊं।

मैं उसे घोड़ी बनाकर पीछे से चोदने लगा।मेरे दोनों हाथ उसकी कमर पर थे।वह भी बहन की लौड़ी अपनी गांड आगे पीछे करती हुई चुदवाने लगी।मुझे यकीन हो गया कि अंजलि अच्छी तरह चुदी हुई है

क्योंकि इसे चुदाने का बहुत बड़ा अनुभव है।कुछ देर इस तरह चोदने के बाद मैंने लण्ड फिर आगे से उसके मुंह में घुसेड़ दिया, उसका सिर पकड़ कर आगे पीछे करने लगा।

मैं वास्तव में चोदने लगा उसका मुंह … मुँह को चूत समझ कर चोदने लगा।उसके बाद जब मैं झड़ने लगा तो अंजलि ने जिस मस्ती से झड़ता हुआ लण्ड चाटा … उसका वर्णन करना बड़ा कठिन है।

दूसरे दिन शाम को जब मैं मौसी के घर गया तो वह किसी औरत के साथ बैठी हुई बतला रही थी।मैं उसे देख कर वापस होने लगा।इतने में मौसी ने आवाज़ लगाई, अरे उमंग यहाँ आ न!

ठरकी बाप के लंड ने बेटी की चीखे निकाली – Baap Beti Ki Chudai

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मैं उसके पास पहुँच गया.तो वह बोली, यार शर्माते क्यों हो? इससे मिलो … ये हैं मेरी जेठानी मिसेज रोली। मैं तुम्हारी ही बातें इससे कर रही थी।

फिर वह रोली की तरफ मुंह करके वोली, बड़ा मस्त लड़का है ये उमंग ! इससे ज्यादा मस्त इसका लौड़ा है। मैं जिस लौड़े की बात तुमसे कर रही थी, वह इसी का लौड़ा है.मैंने कहा, अरे मेरी मजाक उड़ा रही हैं अंजलि मौसी?

तब तक उसकी जेठानी बोली, तो क्या मैं यह समझूँ कि तेरा लौड़ा वैसा नहीं है जैसा अंजलि कह रही है?फिर तो मैं फंस गया।मैंने कहा, नहीं नहीं, ऐसी बात नहीं. पर सबसे ऐसा कहना अच्छा नहीं है न!

मौसी की जेठानी बोली, अरे उमंग , मैं तेरी बुरचोदी मौसी की जेठानी हूँ ऐसी वैसी नहीं हूँ। अगर तेरा लौड़ा तारीफ के काबिल है तो उसे बताने में हर्ज़ क्या है? कहो तो मैं खोल कर देख लूँ तेरा लण्ड?

मैंने मन में कहा तो फिर खोल कर देख लो न मेरा लण्ड!उसकी बातें सुनकर तो मेरा लण्ड साला अंदर ही अंदर उछाल मारने लगा।रोली भी अंजलि से कम खूबसूरत नहीं थी।

उसकी भी चूचियाँ बड़ी बड़ी दिख रही थी।साइज में अंजलि की चूचियों से बड़ी ही होंगी।फिर हम तीनों बातें करने लगे और खुल कर करने लगे।

अंजलि मौसी बोली, उमंग देखो … जैसे मैं पराये मर्दों के लण्ड की दीवानी हूँ, वैसे ही मेरी जेठानी भी पराये मर्दों के लण्ड की दीवानी है!उसके बाद सबका खाना पीना हो गया।मूड सबका रोमांटिक हो गया था।

मैं जल्दी से जल्दी रोली को नंगी देखने के लिए बेताब था … रोली मेरा लण्ड देखने के लिए बेताब थी और अंजलि अपनी जेठानी के साथ चुदाई का मज़ा लेने के लिए बेताब थी।

सब काम हो जाने के बाद हम तीनों बिस्तर पर आ गए।इस बार अंजलि ने बिस्तर जमीन पर लगा रखा था।अंजलि ने पहल की और अपने कपड़े एक एक करके उतारने लगी।उसे देख कर रोली भी अपने कपड़े उतारने लगी।

मुझे मालूम हो गया कि रोली तो अंजलि से कुछ ज्यादा ही बेशर्म है।मैंने जब रोली की बड़ी चूचियाँ देखीं तो मेरे होश उड़ गये।इतनी मस्तानी बड़ी बड़ी सुडौल चूचियां तो मैंने कभी पोर्न में भी नहीं देखी।

मेरा मन हुआ मैं उन्हें कच्चा चबा जाऊं।फिर रोली मेरे कपड़े खोलने लगी।आखिर में मैं जब पूरा नंगा हुआ तो मेरा लण्ड पकड़ कर बोली, वाओ … क्या मस्त लौड़ा है भोसड़ी का तेरा उमंग ।

बड़ा हैंडसम और शानदार है तेरा लौड़ा। हाय रे … आज मुझे आएगा चुदाने का असली मज़ा!ऐसा बोल कर उसने लण्ड की कई चुम्मियाँ लीं।मेरे पूरे लगे बदन पर हाथ फिराया, बोली, लड़का तो बड़ा बढ़िया है काजल।

बड़ा मस्त माल है यार! इसका हथौड़ा जैसा लौड़ा आज मेरी चूत की ऐसी की तैसी कर देगा।तब तक अंजलि भी नंगी नंगी हमारे सामने आ गई।मैंने तो रोली के मम्मे खूब मसले खूब दबाये और खूब चूमा और चाटा।

फिर जब दोनों जेठानी और देवरानी मिलकर नंगी नंगी मेरा लण्ड चाटने लगीं तो मुझे बड़ा आनंद आने लगा।मैं बीच में नंगा लेटा था।एक तरफ मेरी बाईं जांघ में अपना सर रख कर अंजलि मेरा लण्ड चाटने लगी।

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छिनाल मौसी की ताबड़तोड़ चुदाई -Antarvasna

दूसरी तरफ मेरी दाईं जांघ पर अपना सर रख कर रोली मेरा लण्ड चाटने लगी।अंजलि रोली के मुंह में लण्ड घुसेड़ती, रोली अंजलि के मुंह में लण्ड घुसेड़ती।दोनों बड़े प्यार से मेरा लण्ड चूमने, चाटने और चूसने में जुट गईं।

मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।मैं सातवें आसमान पर था।कुछ देर बाद अंजलि ने कहा, इधर आ मेरी बुरचोदी जेठानी, अब मैं पेलूँगी तेरी चूत में लण्ड … मैं चोदूंगी तेरी फुद्दी!

उसने मेरा लण्ड रोली की चूत में पेल दिया और मेरी पीठ पर चढ़ बैठी।मेरे साथ वह भी चोदने लगी अपनी जेठानी की चूत।इसी तरह दोनों ने मिलकर खूब एक दूसरी की चूत मुझसे खूब चुदवाई|

रात भर यह चुदाई होती रही।रोली रात में न खुद सोई और न किसी को सोने दिया।ऐसी कयामत भरी चुदास कहानी पढ़ने के लिए www.antarvasnastory.net.in पर बने रहना।

हम आपको पूरा यकीन दिलाते हैं आपकी पसंद की हर कहानियां लेकर आएंगे। और चुत औऱ लन्ड की गर्मी शांत करते रहेंगे।

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