होटल में पापा के साथ हनीमून – Baap Beti Ki Chudai
Baap Beti Ki Chudai : मेरा नाम सोनी है और मेरी उमर 18 साल है|में गाजियाबाद मध्य प्रदेश की रहनेवाली हू|में सावली हू पर मेरा बदन बहोट सेक्सी है|बड़े बड़े बूब्स और तीखे नैन नक्श मेरे पापा जिनका की नाम महेश है|
वो 1 स्कूल मे टीचर हैं|उनकी उमर 45 साल हैं|पर दिखने मे जस्ट 30 य्र्स क ल्गते हैं|मेरी मा जब में 7 साल की थी तभी गुज़र गयइ|घर पर दादा दादी भी नही थे| पापा ने हे मुझे पाल पॉस क्र बड़ा किया था|
पता नही कब और कैसे में उनकी तरफ आकर्षित होती गयी| वो तो मुझे अपनी बेटी हे समझते थे पर में उन्हे पिता नही पति समझती थी|अआकेले मे उनके बारे मे सोच क्र हर रात अपनी छूट मे उंगली किया करती थी|
में चाहती थी की पापा मुझे रग़ाद के छोड़े और मेरे बुवर को फाड़ दे|मैने मान हे मान फ़ैसला किया की किसी भी तरह क्यो ना हो, मैं पापा के साथ सुहग्रत माना क हे रहूंगी|एक दिन पापा से कहा” पापा कितने साल से हम कही घूमने नही गये|
बेटी चुत की गरमी सौतेले बाप ने निकाली – baap beti ki chudai
कही चलिए ना” पापा ने कहा ” ठीक है पर अरेंज्मेंट्स तुम ही करो, मेरे पास इन चीज़ो क लिए समय नही है”मैने भी अरेंज्मेंट्स कर ली| दिल्ली का 3 दिन का ट्रिप फिक्स कर ली| और वाहा होटेल लीला पॅलेस मे भी 1 कमरा बुक करवा लिया|
हम 2 दिन बाद सुबह दिल्ली पहुँचे| होटेल पहूच कर पापा चौंक गये क कमरा तो सिंगल बेड का हे था| वो कमरा जेया रहे थे चेंज करने लेकिन मैने उन्हे रोक दिया और बोला अड्जस्ट कर लेंगे| हम फ्रेश होकर घूमने निकले|
मैने वाहा एक माल देखा और पापा से कहा की पापा चलिए मुझे वेस्टर्न ड्रेसस खरीदने हैं|पापा,तुम ऐसे कपड़े नही पहनोगी|मैं,क्या पापा आज तक मैने कभी नही पहने पेअलसे अलो क्रिए ना
पापा,ओक लेकिन कानपुर मे मत पहनना|यही पहनो जीतने दिन हो यहा|मैने कुच्छ कपड़े खरीद लिए और पापा को बोला çहलिए होटेल रूम मे| में रूम मे आकर कहा पापा में इन्हे ट्राइ काएर क दिखती हू आपको|
पहले मैने ब्लू टॉप और ब्लू टाइट जीन्स पहनी बातरूम मे और बहराई| पापा मुझे घूरते हे रह गये|उन्होने कहा तुम तो सच मे बड़ी हो गयी हो सोनी बेटा| मैने पहली बार उनकी नज़रो मे हवस महशुस किया और मेरी हिम्मत बढ़ गयी|
फिर मैने 1 पीस मिनी स्कर्ट पहन क आई इश्स बार तो पापा जैसे की शोक लग गया हो वो मुझे देखते रहे| मैने पुचछा कैसी लग रही हू|पापा,बहूत सनडर लग रही हो|मैने उनकी पेंट मे उनके लंड को टाइट होते देख लिया |
मैने सोच लिया ब्स यही मौका है,अभी नही तो कभी नही|में फिर अंदर गयइ और इश्स बार स्कर्ट उत्तर दिया और केवल ब्रा और पनटी मे ही बाहर आ गयी|पापा,ये क्या है बेटीमैं,क्यो अच्छी नही लग रही हू क्या?पापा,हा,ल्ग,ल्ग,र्ररर,हहिईिइ हूऊ,
में उनके पास आकर बैठ गयी|पापा मेरे बूब्स को घूर घूर क देख रहे थे| मैने आव ना देखा ताव बस उनको किस कर लिया धीरे से| वो सहम गयेऔर कहने लगे ये ठीक न्ही|मैं,क्यो ठीक नही?पापा,क्योंकि तुम मेरी बेटी हो|
बाप बेटी का ऐसा रिश्ता ठीक नही|मैं,आप 1 मर्द हैं जिसे प्यार की ज़रूरत है और में एक औरत … एक आदमी और औरत क बीच सब सही होता है|पापा,नही ये सही नहीमैं,पापा में आपसे ना जाने काब्से प्यार करती हू|
ई लोवे उ पापा, ई रेआली लोवे उ|यह कह कर में उनसे लिपट गयी और उनके पूरे जिस्म को पागलो जैसे चूमने लगी| पापा ने भी मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और मुझे किस करने लगे| उन्होने मुझे 10 मीं तक फ्रेंच किस किया|
मेरे बदन मे मानो आग लग गयी थी| मॅन मचल रहा था चूड़ने क लिए|छूट पूरी तरह गीली हो गयी थी| में झट से झुकी और पापा की पेंट निकल कर उनके लंड को आज़ाद क्र दिया| बाप रे एकद्ूम कला 8 इंच का था| उसको मैं चूसने ल्गी| पापा की
सिसकिया निकल उठी|पापा,आ |उम्म्म… बेटी …|ये क्या|ह्म्म्म्म …क्या…ये क्र…|र्ही हो… बहोट अच्छा ल्ग रा है…में लगभग आधे घन्ते ट्के उनका काला लंड चुस्ती रही और वो मेरे मूह मे हे झाड़ गये|
फिर उन्होने मुझे उठा क्र बिस्तर पर लेता दिया और मेरी ब्रा खोल दी|पापा,कितने बड़े बड़े हैं ये तुम्हारा चूची,आप हे की है|सारा दूध पी जाइएपापा,ह्म…और पापा उन्हे दबाने और चूसने लगे|मैं,सस्शह!!!!! सस्स्स्सस्स!!!
थोड़ी देर क3 बक़ड़ पापा ने मेरी पनटी उतार क फेंक दी और मेरी छूट को सहलाने ल्क़्गे और क्क़्ने लगे आज पूरे 13 साल क बाद कोई छूट देखी है| आज तो बेटी तुझे खूब छोड़ूँगा| क्क़् कर वो मेरी चूत को लगे चाटने|
मेरी तो पूरे बदन मे आग सी लग गयी थी| मुझे मानो स्वर्गका सुख मिल रहा था|मैं,छातिए और छातिए…सस्सस्स अया ह्म और प्ल्स…| आज आप बेटीचोड बन जाइए…पापा,हा में बेटीचोड़ हू| और तुम्हे ज़िंदगी भर चोदुन्गा |
तुम्हारी शादी भी अब मुझसे हे होगी|मैं,तो देर क्यो क्र रहे हो पातिदेव चोदो मुझे| मुझे शांत कर दो|मेरी ये बाते सुन कर पापा जैसे उच्छल पड़े उन्होने अपना लंड मेरी छूट क3 पास लाकर रगड़ना शुरू कक़्र दिया| मैं मचल उठी|
मैने कहा सिर्फ़ रागडोगे या छोड़ोगे भी?पापा ने मेरा हाथ अपने हाथ से कस क3 पकड़ लिया| और 1 ही झटके मे पूरा का पूरा लंड अंदर घुसा दिया| मेरी आँख से आँसू निकल पड़े और मूह से चीख|
चीख सुनते हे पापा ने मुझे किस करना शुरू क्र दिया और धीरे धीरे धक्के मरने लगे| कुच्छ देर क बाद मानो मेरा सारा दर्द 1 असीम आनंद मे तब्दील हो गया था| वो धीरे धीरे करने लगे| में भी अब पूरी तरह उनका साथ देने लगी|
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विधवा बेटी को दिया चुदाई का सुख – Baap Beti Ki Chudai
पापा,हा बेटी …तुम तो एकद्ूम रंडियों जैसी आवाज़ निकल रही हो|पापा ने धक्के ज़ोर ज़ोर मरने शुरू कर दिए…मैं,हा में रंडी हू| आप की रखैल हू| रंडी हू आपकी| जो भी हू बस आपकी हू| ई लोवे उ जान
मेरे मूह से अपने जान सुन क्र उन्होने लगातार ज़ोर ज़ोर से धकके मरने शुरू क्र दिए|मैं-आ…|ऊहह…|ह्म्म्म्मम|एम्म…|आअहह…|ह्म…पापा ने अपना सारा लोड मेरे चूत मे हे झाड़ दिया| मुझे पूरा संतुष्ट कर दिया था पापा ने|
चुपके उन्होने मेरे कान मे कहा बेटी आई लव उ| क्या मुझसे शादी करोगी??मैं,हन|पापा,हम देल्ही चले जाएँगे जहा हमे कोई न्ही जनता, तुम मेरी पत्नी बन क रहोगी| और में किसी भी स्कूल मे पढ़ा लूँगा|
मैने खुशी के मारे उन्हे गले लगा लिया और रोने ल्गी|वो खुशी क आँसू थे|उन्होने मुझे 3 दीनो मे कई बार छोड़ा और कानपुर आकर भी छोड़ा|अब देल्ही मे रहते है हम, और में प्रेगञेन्ट भी हू…
सो फ्रेंड्स, ये थी कहानी सोनी की उसीकि ज़ुबानी| होप आपको ये पसंद आई हो|अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट antarvasnakahani.netआपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।