मैं बुर चोदी लंड के लिए रंडी बनी – Randi Ki Chudai
Randi Ki Chudai: मैं उन दिनों 21 साल की मस्त जवान हो चुकी थी।मेरा बदन जवानी से पूरी तरह भर चुका था। मेरी जांघें मोटी मोटी हो गयीं थी।मेरे घुटनों की गोलाई तो सच में देखने वाली थीं इसलिए मैं स्कर्ट भी पहनती थी।
मैंने देखा कि लड़के मेरी स्कर्ट के नीचे झांक झांक कर मेरी चूत देखने की कोशिश करते हैं।मेरे बूब्स भी बड़े बड़े हो गए थे जो ऊपर से ही अपने बड़े होने के सबूत दे रहे थे।मेरी कमर पतली थी और मेरी गुंदाज बाहें बड़ी सेक्सी दिखने लगीं थी।
मैं इसलिए स्लीवलेस कपड़े ही पहनती थी।मेरे गोल गोल चूतड़ अपनी अलग ही छाप छोड़ रहे थे।मेरी गांड तो मुझसे ज्यादा सेक्सी दिखने लगी थी।एक बात तो बताना भूल ही गयी कि मेरी चूत तो लंड खाने के लिए एकदम तैयार हो गई थी।
काली काली घनी घनी झांटें मेरी चूत की ख़बसूरती बढ़ा रहीं थीं।मेरे चेहरे पर जवानी का निखार साफ साफ झलकने लगा था.जी हां मेरा नाम कविता है। मैं एक पंजाबी लड़की हूँ, खूबसूरत हूँ, सेक्सी हूँ, हॉट हूँ।
आप तो जानते ही हैं कि पंजाबी लड़कियों की कुछ ख़ास बातें होतीं हैं।पहला कि वे सब बड़ी खूबसूरत होतीं हैं।दूसरा कि उनके बूब्स बड़े बड़े होते हैं।तीसरा कि वे लण्ड चूसने में बड़ी एक्सपर्ट होती हैं|
चौथा कि वे सब की सब दिल खोल कर बड़ी मस्ती से चुदवाने वाली होती हैं।मैं पंजाबी लड़की हूँ और मुझ में ये सब गुण मौजूद हैं।अब मेरी पोर्न गर्ल फक स्टोरी का मजा लें.बहुत दिनों से लंड नहीं मिला तो मैं लंड के लिए तड़पने लगी थी।
मुझे लंड की तलब लगी हुई थी।मैं सोचने लगी कि क्या करूँ? कहाँ चली जाऊं किसके पास जाऊं लंड के लिए?मुझे लंड के बिना न दिन में चैन मिलता था और न रात में!मेरा तो मन यहाँ तक हो गया कि मैं क्यों न किसी घोड़े गधे का लंड पकड़ लूं |
कोई न मिले तो किसी कुत्ते का लंड पकड़ लूं!कुछ तो मिले यार?किसी बड़े बूढ़े का लंड मिल जाए तो वह भी चल जायेगा।मैं यह सब सोच ही रही थी कि किसी ने डोर बेल बजा दी।मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरी एक पुरानी दोस्त अर्पणा खड़ी थी।
मैं उसे देख कर बड़ी खुश हो गयी।अर्पणा मेरे कॉलेज की फ्रेंड है। उन दिनों हम दोनों मिलकर खूब धमाल मचाया करती थीं। खूब गालियां बका करतीं थीं, खूब न्यूड डांस किया करती थी और लंड बुर चूत भोसड़ा की खूब बातें किया करती थीं।
क्या मस्ती भरे दिन थे वे!मैंने अर्पणा को बड़े प्यार से बैठाया और उससे बातें करने लगी।फिर मैंने अपने दिल की बात बता दी।मैंने कहा,यार, मैं लंड के तड़प रही हूँ, मैं बहुत चुदासी हूँ. मुझे किसी भी तरह कोई लंड दिलवाओ यार!
वह मुस्कराई और बोली,मैं जो कहूँगी वह करोगी?मैंने कहा,जो तुम कहोगी मैं वह सब करूंगी. लंड के लिए मैं अपनी गांड भी मरवा सकती हूँ. अपनी माँ भी चुदवा सकती हूँ। मैं सब कुछ करने को तैयार हूँ।
वह बोली,अच्छा ठीक है, अब तू तैयार हो जा और चल मेरे साथ! लेकिन फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखना.मैंने उसके गाल थपथपाकर कहा,अरे यार नहीं देखूंगी मेरी बुर चोदी अर्पणा रानी!
मैंने फटाफट अपना मेकअप किया और भड़कीले कपड़े पहन लिये जिससे मेरे जिस्म की खूबसूरती लोगों को दिखे।अर्पणा मुझे अपनी कार में बैठा कर एक होटल में लेकर गई।कार पार्क करके वह मुझे अंदर मैनेजर के पास ले गयी.
मैनेजर भी एक लेडी थी।वह बहनचोद बहुत खूबसूरत थी।अर्पणा ने मुझे उससे मिलवाया।मैं उससे मिलकर खुश हुई और वह मुझसे मिल कर!उसका नाम था मिस कामिनी ।
अर्पणा बोली,ये मेरी पक्की दोस्त है कविता! यह वह सब करने के लिए तैयार है जो मैं करती हूँ।तब तक मुझे यह नहीं मालूम था कि अर्पणा क्या करती है.मिस कामिनी बोली,अच्छा तो आज मेरे पास इसके लिए एक काम है।
लेकिन वह काम कविता अकेले नहीं करेगी तुमको भी साथ में करना होगा अर्पणा.अर्पणा मान गयी और हां कह दिया।कामिनी अंदर किसी काम के लिए गयी तो मैंने पूछा,यार अर्पणा क्या करती हो तुम? बताओ न मुझे?
वह हंस कर बोली,लंड पेलती हूँ मैं लड़कियों की बुर में … आज तेरी बुर में लंड पेलूँगी।मैंने कहा,यार मजाक न करो सच सच बताओ?वह बोली,सच यह है कि आज कोई न कोई तो लंड पेलेगा तेरी चूत में … आज मैं तेरी बुर चुदवा कर ही मानूंगी।
मैं यह सुनकर गदगद हो गयी। मेरे बदन में एकदम से आग लग गयी।इतने में मंदाकिनी आ गयी।वह बोली,तुम दोनों नीचे कमरा नंबर 102 में चली जाओ। वहां पर दो लड़के हैं उनको तुम दोनों मिलकर खुश कर दो।
जितनी देर तक वो चाहें उतनी देर तक उन्हें खुश करती रहो. जैसा वो लोग चाहें, तुम लोग वैसा ही करती रहना। अर्पणा तुम तो सब जानती हो.अर्पणा बोली,जी हां, मैं सब जानती हूँ और मैं कविता को भी सब समझा दूँगी।मैं अर्पणा के साथ चली पड़ी।
मैंने पूछा,यार बताओ तो क्या करना है?वह बोली,तुझे लंड चाहिए न?मैंने कहा,हां यार, लंड तो बिल्कुल चाहिए।वह बोली,बस फिर क्या … आज मैं दो दो लंड पेलूँगी तेरी बुर में!अर्पणा हंसने लगी और मैं भी!
हम दोनों जब कमरा नंबर 102 में पहुंची तो वहां दो मस्त जवान लड़के थे।लड़के बेहद स्मार्ट हैंडसम और क्लीन शेव्ड थे।
मैं तो देखते ही दोनों पर फ़िदा हो गयी।उन लोगों ने हमें बड़े आदर और प्यार से अंदर बैठाया, अपना परिचय दिया,मैं रॉकी हूँ
ये मेरा दोस्त जैकी है।मुझे यह तो पता चल गया कि ये लोग बड़े उच्च घराने के लड़के हैं। पैसों वालों के बेटे हैं और अय्याशी करने वाले मर्द हैं।मैं समझ गयी कि आज मुझे इनसे अपनी चूत फड़वाने का बढ़िया मौक़ा मिलेगा।
अब मैं बस उनके लंड के दर्शन करने के लिए व्याकुल होने लगी।तब तक टेबल पर ड्रिंक्स का सेट लग गया.हम सब उसका मज़ा लेने लगे।अर्पणा और मैं दोनों ही शराब की शौक़ीन हैं।
रॉकी बोला,आज बहुत दिनों के बाद तुम लोगों जैसी खूबसूरत लड़कियां देख रहा हूँ। हमें तो खूबसूरत चीज पसंद हैं। इस होटल मेरी इच्छा पूरी हो होती है इसलिए हम लोग यहाँ चले आते हैं। पैसे चाहे जितने खर्च हो जाएँ पर चीज अच्छी मिलनी चाहिए।
मैंने कामिनी से यही कहा था। उसने मेरी इच्छा पूरी कर दी।अर्पणा बोली,मैं तो यहाँ पहले से आ रही हूँ रॉकी … लेकिन कविता आज पहली बार आयी है।जैकी बोला,कविता तो बहुत सेक्सी और हॉट लड़की है. आज तो बड़ा मज़ा आयेगा।
रॉकी बोला,नया माल है, मस्त माल है तो और ही अच्छा होगा.अर्पणा ने कहा,जी हां, हम दोनों पंजाबी लड़कियां हैं और हमें मर्दों को खुश करना अच्छी तरह आता है। आप इसे हर तरफ से देख लो।
कहो तो इसके कपड़े उतार दूँ? इसे बिल्कुल नंगी कर दूँ?वह बोला,नहीं कपड़े तो यह खुद उतारेगी अपने! तुम भी अपने कपड़े उतारेगी अर्पणा! मैं एक गाना बजा रहा हूँ तुम दोनों न्यूड डांस करते करते अपने कपड़े एक एक करके उतार देना।
गाना ख़त्म होते ही बिल्कुल नंगी हो जाना। हम दोनों बैठ कर एन्जॉय करेंगे।गाना बजने लगा,कौन सा अंग देखोगे?हम दोनों फ़ौरन उठ खड़ी हुईं और म्यूजिक बजते ही थिरकने लगी, ठुमके लगाने लगीं, एक एक करके अपने कपड़े भी उतारने लगीं।
वो दोनों शराब पीते पीते हम दोनों को एकटक देखने लगे।मस्तियाँ दोनों तरफ बढ़ने लगीं।वासना सबके सर पर चढ़ी हुई थी।चूत गर्म होने लगी और लंड में आग लगने लगी।मज़ा आने लगा।दोनों एक स्वर में बोले,वाह क्या बात है
अर्पणा … तुम दोनों बहुत ही सेक्सी और हॉट हो. क्या मस्त चूचियाँ हैं तुम दोनों की … क्या मस्तानी चूत है तुम्हारी! तुम्हारी गांड तो एकदम जान लेवा है. लगता है कि आज हमें तुम्हारी गांड भी मारनी पड़ेगी।
गाना ख़त्म हुआ तो रॉकी ने मुझे नंगी नंगी अपने गोद में बैठा लिया और जैकी ने अर्पणा को।रॉकी मेरे नंगे बदन से खेलने लगा और जैकी अर्पणा के नंगे बदन से।मर्द का हाथ जब किसी नंगी औरत के बदन पर लगता है न तो वह सिहर जाती हहै|
मस्त जवानी का मज़ा मिलने लगता है उसे … स्वर्ग जैसे आंनद की अनुभूति करने लगती है उसे!यही हमारे साथ हो रहा था।रॉकी मुझे चूमने चाटने लगा. मेरे गाल चूमे, मेरे होंठ चूमे, मेरी चूचियाँ और मेरे निप्पल चूमे।
मेरी जाँघों पर, मेरे गांड मेरी चूत पर बड़े प्यार से हाथ फेरा और बोला,कविता तुम तो सेक्स की मलिका हो यार! तेरे अंग अंग से सेक्स टपक रहा है।उधर जैकी भी अर्पणा के नंगे जिस्म में खो गया।अर्पणा मंझी हुई खिलाड़ी है।
उसने जैकी को अपने जिस्म से मंत्र मुग्ध कर दिया।मैं बहुत ज्यादा गर्म हो गयी थी। मैं उठी और रॉकी के कपड़े बड़ी बेशर्मी से खोलने लगी।मैंने उसे पूरी तरह नंगा कर दिया और उसका खड़ा लंड पकड़ कर बड़े प्यार से चूमने लगी।
तब मैंने कहा,वॉव क्या मस्त लौड़ा है … कितना हैंडसम और मोटा तगड़ा है तेरा लंड! ये तो साला मेरी माँ का भोसड़ा भी फाड़ डालेगा बहनचोद … मेरी पसंद का है तेरा लंड।मैंने भी उसका लंड अपने पूरे नंगे बदन पर घुमाया |
फिर बड़ी मस्ती से लंड चाटने और चूसने लगी।मेरे सामने अर्पणा भी जैकी का लंड चूसने चाटने लगी।हम दोनों अब दूसरी दुनिया में चली गयीं।मुझे सच में बड़ा मज़ा आ रहा था।रॉकी घूम कर अर्पणा की बुर चाटने लगा और जैकी मेरी बुर चाटने लगा।
हम चारों को डबल मज़ा मिलने लगा।मैं रॉकी का लंड चाट रही थी और जैकी मेरी बुर चाट रहा था।अर्पणा जैकी का लंड चाट रही थी और रॉकी उसकी बुर चाट रहा था।कुछ देर बाद रॉकी ने पेल दिया लंड मेरी चूत में और जैकी ने अर्पणा की चूत में!
दोनों आमने सामने चोदने लगे हम दोनों की चूत!मेरा मुंह अर्पणा की गांड की तरफ था और अर्पणा का मुंह मेरी गांड की तरफ।
मैं रॉकी से चुदवा रही थी और जैकी के पेल्हड़ सहला रहा थी।अर्पणा जैकी से चुदवा रही थी और रॉकी के पेल्हड़ सहला रही थी।
यहाँ भी सबको डबल मज़ा आ रहा था।मैं बीच बीच में जैकी का लण्ड अर्पणा की बुर से निकाल कर चाट लेती तो अर्पणा मेरी बुर से रॉकी का लंड निकाल कर चाट लेती।
चुदाई की आवाज़ें हमें बड़ी अच्छी लग रही थीं। चुदाई की महक से सारा कमरा भी महक गया था।आज के जैसी चुदाई मैंने पहले कभी न देखी और न की.चुदाई की रफ्तार तेज हो गयी। उसी रफ़्तार से हमारी चूचियाँ भी नाचने लगी |
हमारी कमर भी हिलने लगी।हम दोनों पोर्न गर्ल भी चुदाई के हर धक्के का जवाब धक्के से देने लगीं।दोनों लंड इतने पावरफुल थे कि झड़ ही नहीं रहे थे।जबकि मुझे लगा कि मैं शायद पहले झड़ जाऊंगी।मेरी बुर सच में ढीली होने वाली थी।
इतने में जैकी ने लंड अर्पणा की बुर से निकाल कर मेरी बुर में ठोक दिया और रॉकी ने लंड मेरी बुर से निकाल कर अर्पणा की बुर में पेल दिया।नया लंड घुसा मेरी बुर में तो नया मज़ा आने लगा।मैं तो सच में एकदम मदहोश हो गयी|
मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि आज इतनी बढ़िया चुदाई होगी।आखिर में जब मैंने जी भर के झड़ते हुए लंड पिए और चाटे तो मुझे पूरी संतुष्टि हुई।चलते समय कामिनी ने हमें दस दस हज़ार रुपये दिए तो मेरा चेहरा खिल उठा।
मैंने मन में कहा वाह क्या बात है लंड का मज़ा भी मिला और पैसे भी मिले।दो दिन बाद डायमंड होटल से एक फोन आ गया।
मैं पहुंची तो मैनेजर मिस मैंडी जैकब बोली,कविता तुम कमरा नंबर 201 में चली जाओ।
वहां एक अब्दुल नाम का कस्टमर है। वह साउथ अफ्रीका का है। काला है पर बड़ा हैंडसम है। उसे इंडियन गर्ल्स बहुत पसंद हैं। तुम उसे खुश कर दो।तो मैं फ़ौरन उसके कमरे में पहुँच गयी।उससे मिली तो मन खुश हो गया।
वह लगभग 30 साल का आदमी होगा।मैं उसके सामने सोफा पर बैठ गयी।वह मेरे आगे खड़ा हो गया और बोला,तुम बहुत खूबसूरत हो कविता … आई लव यू!शायद वह बहुत जोश में था। बड़ा उत्तेजित था वह!
वह अपना खड़ा लंड खोल कर बोला,लो पहले मेरा लंड पियो कविता … मैं तुम्हें बाद में चोदूंगा।उसका 9″ का फनफनाता हुआ लंड देख कर तो मेरी गांड फट गयी।एकदम काला अज़गर जैसा लंड था उसका!
कमसिन जवान रंडी की चूत में लंड – Randi ki chudai
मैंने सोच लिया कि आज मेरी चूत जरूर फट जाएगी। तब मैंने बड़े प्यार से लंड पकड़ा, उसकी चुम्मी ली और सुपारा चाटने लगी, फिर लंड मुंह में भर कर चूसने लगी।उसके सुपारे से ही मेरा मुंह भर गया बहनचोद!
मैं अंदर ही अंदर सुपारे के चारों तरफ अपनी जबान घुमाने लगी तो वह सिसियाने लगा।मैंने इस तरह से लंड चूसा कि वह भल्ल से झड़ गया मेरे मुंह में ही!मैं समझ गयी कि इसे मज़ा आ गया है।फिर मैंने उसे पूरा नंगा किया, मैं भी पूरी तरह नंगी हो गयी।
उसे बाथरूम में ले जाकर गर्म पानी से मैंने उसका लंड धोया और बाहर ले आयी।हम दोनों ने नंगे नंगे ही खाना खाया और फिर कुछ देर में ही उसका लौड़ा फिर खड़ा हो गया।इस बार उसने मेरी चूत का बाजा खूब तबियत से बजाया।
मैंने भी उसके लंड का पूरा मज़ा लिया और मस्त हो गयी।उसने मुझे रोक लिया और मुझे रात में 3 बार चोदा।दूसरे दिन सवेरे मुझे होटल से बड़ी रकम मिली तो मैं ख़ुशी ख़ुशी लौट आयी और सारा किस्सा अर्पणा को हंस हंस कर सुना दिया।
अर्पणा बोली,तू भोसड़ी वाली कविता अब बन गयी है पोर्न गर्ल … कॉल गर्ल! मैंने तेरा नाम कई होटलों में कॉल गर्ल्स में शामिल करवा दिया है। अब तुझे लंड मिलते ही रहेगें और तेरी फुद्दी चुदती ही रहेगी।मैंने कहा,सच में यार, मैं बुर चोदी लंड के लिए बन गयी कॉल गर्ल!