गांव में ठरकी ससुर ने रगड़ के चोदा – Sasur bahu ki chudai
Sasur bahu ki chudai : नमस्कार दोस्तों ,मेरा नाम काजल है और मैं अपने ससुर के साथ रहती हूँ। मेरी उम्र 30 साल है और मेरी शादी सात साल हो चुकी है। लेकिन अभी तक मेरे कोई बच्चा नहीं है|
क्योंकि मेरा पति दुबई में काम करता है और मैं अपने ससुर जी के साथ गाँव में रहती हूँ, जो हमारी खेती संभालते हैं। मैं चुदाई के लिए बहुत तड़पती हूँ और मेरा पति घर पर साल में एक या दो ही बार आता है और उसका लंड बहुत छोटा है |
वो मेरी ठीक तरह से चुदाई भी नहीं करता। इस कारण हमे बच्चे भी नहीं हैं। मेरी सासू मां का बहुत समय पहले निधन हो चुका है, मेरे पापा जी मतलब ससुर60 साल के हैं लेकिन खेती करने और मेहनत करने के कारण अभी भी तंदरुस्त हैं।
उनकी लंबाई 6|2 इंच है और बहुत तगड़े हैं और बहुत आकर्षक हैं।मैं एक घरेलू महिला हूँ, लेकिन मैं दिखने में बहुत मस्त हूँ। मेरा सबसे प्यारा शरीर का अंग मेरे बूब्स हैं। और मेरा फिगर 38-30-36 है।
कई बार खेत में काम करते वक़्त और वहीं पर नहाते वक़्त मैंने बाबू जी का लंड बहुत बार देखा है और अब मुझे उसको लेने की चाहत होने लगी है। वो 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, और जब भी मैं काम करती हूँ |
तो वो भी मुझे घूर घूरकर देखते थे और फिर मैं भी आज कल उनको अपने बूब्स के लगातार दर्शन दे रही थी। नहाने के बाद जानबूझ कर टावल में उनके सामने आ जाती और वैसे ही कभी चाय तो कभी खाना बनाती और फिर बाद में कपड़े पहनती।
एक दिन शाम को मेरे ससुर जी ने कहा कि बहू मुझे रात को खेत पर किसी काम से जाना है और मैं रात को थोड़ा देर से आऊंगा। तो मैंने उनसे कहा कि मैं भी आपके साथ चलूंगी क्योंकि यहाँ पर अकेले में रात को मुझे बहुत डर लगता है।
तभी बाबू जी ने कहा कि ठीक है, लेकिन तुम वहाँ पर क्या करोगी?मैंने कहा कि जो आप कहे वही और वो हंस पड़े और मान गये। फिर मैंने जल्दी से खाना बनाया और हम खाना खाकर साथ में चल दिए।
हमारा खेत बहुत दूर था और पैदल जाने में 20 मिनट लगते थे, इसलिए हम दोनों साईकिल से गए ताकि हम लोग वहां पर जल्दी पहुँच जाए। मैं साईकिल के सामने वाले डंडे पर बैठी और वो साईकिल चलाने लगे।
तभी उनके पैर साईकिल चलाते वक्त मेरी गांड पर लग रहे थे और उनकी छाती मेरी पीठ से लग रही थी, जो की बिल्कुल नंगी थी क्योंकि मैंने पीछे से खुले टाईप का ब्लाउज पहना था और मैं हमेशा शहर आती जाती थी|
तो फैशन के बारे में मुझे थोड़ा बहुत मालूम था।उन्होंने बनियान और लूँगी पहनी थी और अंदर कुछ नहीं पहना था, और यह मैंने साईकिल पर बैठते वक्त देख लिया था। मैंने भी साड़ी पहनी थी और अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और ब्रा भी नहीं पहनी थी।
फिर हम थोड़ी ही दूरी पर पहुंचे थे इतने में ही बहुत ज़ोर की बारिश आ गई और हम थोड़ा बहुत पानी से भीग भी गए।उस अंधेरी रात में हम दोनों एक पेड़ के नीचे खड़े होकर बारिश के रुकने का इंतजार करने लगे।
हमे दूर दूर तक कोई भी नजर नहीं आ रहा था और ना ही कहीं छिपने की जगह दिख रही थी। तभी मुझे ठंड लगने लगी और गीले होने की वजह से पेशाब भी आने लगा।मैंने बाबू जी से कहा कि मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब आ रहा है
अब मैं क्या करूं? मुझे कहीं पेशाब करने के लिए जाना है।तो उन्होंने कहा कि हाँ आया तो मुझे भी है|| तुम भी यहीं पर कर लो क्योंकि आगे बहुत अंधेरा है और कोई साँप वगेरह ना आ जाए।
मैंने कहा कि ठीक है और मैं वहीं पर दो चार कदम की दूरी पर अपनी साड़ी को थोड़ा ऊपर उठाकर अपने दोनों हाथों में लेकर नीचे बैठ गई और सस्शह की आवाज़ से मूतने लगी।
फिर ससुर जी भी अपनी लूँगी को थोड़ा ढीली करके मेरी दूसरी तरफ मुड़कर मूतने लगे|| लेकिन तिरछी निगाह से मैंने उनका लंड देखा था। फिर वो जल्दी से पेशाब करके खड़े हो गए थे||
तभी बहुत ज़ोर से बिजली चमकी और मैं चिल्लाते और डरते हुए सीधा बाबू जी से चिपक गयी। इस हलचल में बाबू जी की लूँगी खुलकर नीचे गिर गयी और वो बिना लूँगी के हो गए और मेरी नंगी चूत उनके लंड से चिपक गयी |
मैं उनकी बाहों में कसमसाने लगी||मैं बहुत डर गयी थी और अब धीरे धीरे उनके हाथ भी मेरी पीठ पर घूमने लगे थे और मेरी पीठ को सहलाने लगे। मुझे उनके हाथ का स्पर्श मेरी कमर पर बहुत अच्छा लग रहा था।
तो उन्होंने पूछा कि क्या हुआ बहू इतना क्यों डर गयी? सही तरह से मूत पाई या नहीं?मैंने कहा कि हाँ बाबू जी मैं बहुत डर गयी हूँ और मेरा तो उस बिलजी की आवाज से पेशाब भी बंद हो गया। आपने मूता या नहीं?
वो बोले कि कहाँ मूत पाया तुम जो आकर मुझसे चिपक गयी।मैं थोड़ा शरमा गयी और तभी फिर से एक बार और ज़ोर से बिजली कड़की और उसकी आवाज से मेरा सारा मूत खड़े खड़े ही उनके लंड के ऊपर पर निकल गया |
जो कि मेरी चूत के मुहं से चिपका हुआ था। तो मैं उनकी बाहों में कसमसाने लगी और तड़प उठी।तभी बाबू जी बोले कि ओहआहह बरसात के ठंडे पानी में कुछ अजीब सा गरम गरम लग रहा है।
तो अब मेरे ससुर की दोनों आँखे भी बंद हो गई और वो बोले कि बहू इतनी ठंड में भी तुम्हारा गरम पेशाब क्या जादू कर रहा है और मेरा भी मूत निकलने वाला है। मेरी मूत की धार तेरी धार में मिलने दे||
मेरी भी हालत खराब हो गई। मैंने कहा कि बाबू जी मुझे क्या हो रहा है? आपका लंड सीधा मेरी चूत के मुहं पर अपना मूत गिरा रहा है ऊह्ह हमारा पानी मिल रहा है।तभी मुझे मेरे पैर पर कुछ महसूस हुआ |
मैं चीखकर उचक पड़ी और बाबू जी से लिपट गयी और मेरे दोनों पैर बाबू जी की कमर से लिपट गए थे और मेरी चूत उनके लंड के ऊपर आकर खुद ब खुद सेट हो गई थी |
एकदम से उचकने के कारण सपोर्ट के लिए उनके हाथ भी मेरी नंगी गांड पर आ गए थे और एक हाथ मेरी गांड की दरार में घुस गया था||अह्ह्ह मेरा मूत पिताजी के लंड पर बह रहा था और उनका मूत मेरी चूत और गांड को गरम कर रहा था |
हम सिर्फ़ आह्ह्ह ऐसे ही चिपक कर खड़े रहे।तभी बाबू जी बोले कि काजल बहू तेरी क्या मस्त गांड है?मैंने कहा कि बाबू जी आपका लंड मेरी चूत को गीला कर रहा है और आपका हाथ मेरी गांड में घुसा जा रहा है शईई।
तभी बाबू जी बोले कि वाह क्या मस्त गांड है|| काजल बहू तुम्हारी गांड में एक बाल भी नहीं हैं और तू मेरे लंड पर बैठकर मूत रही है बहु।मैंने कहा कि बाबू जी आपका लंड भी तो मेरी चूत और गांड में मूत रहा है और मुझे गरम कर रहा है|
कुत्ते और वैसे भी तेरा बेटा मेरी चूत की प्यास नहीं बुझाता और बाप है कि चूत में मूत रहा है।तभी ससुर जी ने जोश में आकर अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी|| तो मैं दर्द से सिसकियाँ लेने लगी और कह रही थी |
बाबू जी आप यह क्या कर रहे हो? अपनी काजल बहू की गांड में उंगली डाल रहे हो अब वहाँ से मेरा हलवा निकालोगे क्या? तो बाबू जी बोले कि बहु अगर तेरी गांड का हलवा खाने को मिले जाए तो क्या बात है।
फिर मैं भी बड़े आराम से सिसकियाँ लेकर अपनी गांड में उंगली घुसवा रही थी और लंड पर ज़ोर ज़ोर से उचक रही थी और उनके लंड को अपनी चूत के पानी से गीला कर रही थी ओह अह्ह्ह और फिर उन्होंने मुझे गोद से उतारा |
मेरी साड़ी फाड़कर फेंक दी और अपनी बनियान भी उतार कर मुझसे नंगे होकर चिपक गये।मैंने भी अपने हाथ उनकी गांड की दरार में डालकर उनकी गांड में उंगली करने लगी। वो बोले कि साली रांड अपने ससुर की गांड में उंगली डाल रही है
अब क्या उसको चाटेगी? बहु निकाल बाहर। फिर मैंने वैसे ही किया और फिर मैंने ससुर जी से कहा कि ससुर जी अपना यह खंबा मेरी गांड में डालकर बना लो अपनी बहु और कुत्ते की तरह चोदो मुझे और लंड फंसा दो|
मेरे बूब्स पीकर मुझे अपनी औलाद जैसा सुख दे दो। मुझे ज़ोर से चोदो|| फिर मैं जल्दी से कुतिया बन गई। वो बोले कि अभी तेरी मस्त गांड चूत सब चोद चोदकर फाड़ता हूँ| रुक अभी अपना लंड घुसाता हूँ||
बहू ले अपने बाबू जी का लंड खा। तो मैं वहीं मिट्टी से सनी पूरी गीली, बरसात के बरसते पानी में कुतिया बन गयी और बाबू जी मेरे पीछे आकर अपना लंड मेरी चूत में घुसाने लगे और कहने लगे |
ले मेरी बहु ले अपने बाप का लंड ले मेरी बहू अपनी चिकनी चूत में। अब मैं इसका भोसड़ा बना दूँगा क्या टाईट है रे तेरी चूत।मैं बोली कि अहह तेरा लंड थोड़ा आराम से डाल मेरे पालतू कुत्ते, मेरे पति के बाप||
बाबू जी आपका लंड बहुत बड़ा है आराम से डालो ना|| तेरा बेटा तो चोदता नहीं|| अब तुझ से ही डलवा लिया|| आज मार देगा क्या? आअहह और उनका लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस गया |
वो धक्का देकर मेरी चुदाई करने लगा आह्ह्ह आहह और ज़ोर से चोदो ना बाबू जी हाँ ऐसे ही चोदना|| लंड अंदर डालकर|| मार मेरी चूत में और गांड में उंगली डाल ना गांडू|| मैं हमेशा अपनी गांड तुझसे ही चुदवाऊँगी।
तभी बाबू जी ने कहा बहु ले ले मेरा लंड लेवो मेरे बूब्स को भी दबा रहे थे। फिर उन्होंने झट से लंड बाहर निकाला और मेरे मुहं में झड़ लगा दिया। आहह ले पी साली ऐसे ही पी जा सारा माल।
ससुर जी ने बहु को दबोच के चीखे निकाली – Sasur bahu ki chudai
मैं बोली कि क्या मज़ा आ रहा है बाबू जी मेरी गांड भी मारो|| मेरी गांड में अपना लंड डालकर फाड़ दो| फिर बाबू जी मेरी गांड में लंड घुसाकर बोले कि आह बहू ले अपनी गांड में ससुर का लंड खा आ हाहह क्या टाईट गांड है तेरी।
मैं बोली कि हाँ बाबू जी आप ही मेरे सैयां हो|| ओहहहा आह चोदो ना बाबू जी|| चोद मादरचोद चोद मेरी गांड और अपना माल भर दे मेरी गांड के छेद में और पिला मुझे मेरी गांड का जूस| फिर बाबू जी बोले कि मेरा भी निकल रहा है||
आहह मैं भी झड़ रहा हूँ मेरी बहू। तो मैं कहने लगी कि हाँ डाल दो अपनी बहू की गांड में।इस तरह बाबू जी ने मेरी चूत और गांड दोनों मारी और मुझे चुदाई का पूरा सुख दिया||
उस रात हमने घर पर आकर दो बार और चुदाई की फिर थककर सो गए|| लेकिन फिर हमारी चुदाई ऐसी चली कि उसने रुकने का नाम नहीं लिया और मुझे बाबू जी ने बहुत बार चोदा और मुझे अपने बच्चे की माँ बना दिया||
जिसे मैंने सबके सामने मेरे पति का नाम दिया और अब मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मुझे तगड़े लंड के साथ साथ एक बच्चा भी मिल गया ||अब जब भी कभी मौका मिलता है, मैं अपनी चूत और गांड की प्यास बुझा लेती हूँ|