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चुदक्कड़ चाची की पलंगतोड़ चूत चुदायी – chachi ki chudai

chachi ki chudai: सभी को मेरा नमस्कार|मेरा नाम विजय है| मैं अभी बीए फाइनल वर्ष का छात्र हूँ|मेरी लम्बाई 5 फुट 7 इंच है|मेरा रंग सांवला है और मेरे लंड का रंग भी काला है|मुझे लगता है कि मेरा लंड एक सामान्य भारतीय लंड के जैसा ही है|

वैसे तो मैंने कभी अपने लंड को इंची टेप लेकर नापा नहीं है, पर अनुमान से वह 7 इंच का होगा|हां इसकी कुछ खासियत है कि यह देर तक नहीं झड़ता है|मैं एक स्पोर्ट्स खेलने वाला लड़का हूँ, तो शरीर भी एकदम फिट है|

दोस्तो, मैं आपको यह एक सच्ची कहानी बताना चाहता हूँमैंने बहुत बार चुदायी की है|अपनी पहली चुदायी मैंने अपनी गर्लफ्रेंड के साथ उस वक्त की थी जब 12 वीं में था|जब मैंने उसकी चुदाई शुरू की थी तो वह रोने लगी थी|

क्योंकि उसका पहली बार था और मेरे पास चुदायी की गजब की पावर है, इसका अहसास भी मुझे तभी हुआ था|मैं बिना किसी दवा के लगातार 40 मिनट तक चुदायी कर सकता हूं|

चुदक्कड़ चाची की पलंगतोड़ चूत चुदायी - chachi ki chudai

अपनी इसी खूबी की वजह से मुझे चुदाई में अक्सर लड़की के रोने लगने के कारण मुठ मारना पड़ता है|लंड झड़ता नहीं है तो मुठ भी देर तक मारनी पड़ती है और यही कारण है कि मेरा लंड कुछ ज्यादा बड़ा हो गया है|

मैं एक छोटे से गांव में रहता हूं| मेरे घर के दो घर बाद कविता चाची का घर है|वे चुदक्कड़ किस्म की महिला हैं और मैंने उनकी बहुत बार चुदायी की है व गांड भी मारी है|आपको तो पता ही है कि गांव में सब शौच के लिए बाहर जाते हैं|

चाची के साथ पहली बार चुदाई के समय कुछ यही हुआ था|उस वक्त रात के करीब एक बजे का समय हुआ था|मैं मोबाइल चलाते चलाते ऊंघने लगा था तो सोने वाला था|

सोने से पहले मूतने के लिए मैं घर से बाहर सड़क पर गया था और मैं लंड खोल कर मूतने लगा था|तभी मैंने देखा कि कोई औरत खेत की तरफ से आ रही है|

अचानक से उन्होंने टॉर्च की रोशनी मेरी तरफ की और गलती से टॉर्च की लाइट मेरे लंड पर जा पड़ी|वे कविता चाची थीं|
उन्हें मेरा काला लंड दिख गया था|यहां मैं उन कविता चाची के बारे में बता दूँ|

उनके पति सरकारी नौकरी करते हैं और घर से बाहर रहते हैं|जबकि कविता चाची गांव के मर्दों के लंड के पीछे पड़ी रहती हैं|इस घटना के अगले दिन मैं घर के पीछे स्ट्रेस बॉल (सोखते वाली गेंद) लेकर दीवार से लड़ा कर कैच कैच खेल रहा था|

तभी कविता चाची सामने से आ रही थीं|वे मेरे पास आईं और बोलीं- जिंदगी भर इसी बॉल से खेलोगे या कोई और बॉल से खेलने का मन भी करता है?मैंने उनकी बात को समझा नहीं|फिर जब मैं रात में सोते वक्त मुठ मार रहा था, तब मुझे समझ में आया|

अब मैं कविता चाची की चुदायी के सपने देखने लगा|अगले दिन से मैं उन पर नजर रखने लगा|एक दिन मैं उनके घर पर गैस के बारे में पूछने गया था कि क्या उनका सिलेंडर खाली है?उस वक्त उनके घर पर कोई भी नहीं था|

उन्होंने मुझे देखा और वे डर गईं क्योंकि वे सेक्सी मूवी देखकर अपनी चूत में उंगली डाल रही थीं और पूरी गर्म थीं|जैसे ही उन्होंने मुझे देखा, वे अपने कपड़े सही करने लगीं और शर्म से पूछने लगीं- क्या हुआ, कोई काम है क्या?

मगर तब तक मेरे अन्दर का जानवर जाग चुका था और मेरा लंड खड़ा हो चुका था|यह मेरे फूले हुए लौड़े से साफ साफ झलक रहा था|उस वक्त मैंने सिर्फ एक चड्डी पहनी थी, जिसमें से लंड साफ साफ दिख रहा था|

मैं उनसे पूछने लगा- गैस का खाली सिलेंडर है क्या?तभी मैंने देखा कि उनकी नजर मेरे कड़क लंड पर जमी हुई थी|वे बोलीं- थोड़ा बैठ जाओ बेटा!मैं भी वही चाहता था|सब बिल्कुल सही ही हो रहा था|

वे बोलने लगीं- अभी तुमने जो कुछ भी देखा है, वह सब किसी को मत बताना!मैं हंस दिया|वे आगे बोलीं- मेरे पति मेरी सही से चुदायी नहीं करते हैं और मुझे चुदायी बहुत पसंद है|

यह सुनकर मैं बहुत ज्यादा हैरान हो गया कि चाची इतना खुल कर क्यों बात कर रही हैं|हालांकि मैं अपने मन में बहुत खुश हो रहा था कि आज चाची के साथ कुछ मस्त सा हो सकता है|

वे आगे बताने लगीं कि कैसे वे अपनी चूत में गाजर मूली बैगन डालकर अपनी आग को शांत करती हैं|कविता चाची सारी बातें बहुत ज्यादा नशीले अंदाज में कर रही थीं|उनकी नजरें मेरे लौड़े पर ही टिकी थीं|इस सबसे मेरा लंड खड़ा होता जा रहा था|

अचानक काम वासना से गर्म होकर मैं आगे को बढ़ा|मुझे आगे आता देख कर चाची ने अपने पल्लू को अपने स्तनों से हटा दिया|
उनका ब्लाउज खुला हुआ था तो उनके दूध दिख रहे थे|

तभी चाची ने अपने एक दूध को अपने हाथ से मसला और होंठों पर जीभ फेरते हुए आंख दबा दी|मौके की नजाकत को समझते हुए मैंने उनको पकड़ लिया और उनके होंठों पर होंठ रख दिए|

वे कुछ नहीं बोलीं और मैं उनके साथ में लग गया|हम दोनों कामुकता के नशे में इतने मदहोश हो गए थे कि दरवाजा भी बंद करना भूल गए थे|मैं पागलों की तरह उनके होंठों को चूस रहा था और वे मेरा पूरा साथ दे रही थीं|

मैं कविता चाची के अधखुले ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूचियों को दबा रहा था और वे नशे में पागल हो रही थीं|
उनके मुँह से कामुक आवाजें निकल रही थीं|मैंने चाची के दूध चूसना शुरू कर दिए|

एक को चूसता तो दूसरे को मसल कर दबाने लगता|कविता चाची भी एक जवान लौंडे के साथ सेक्स का खेल खेलने में मगन हो गई थीं और खुद अपने हाथ से अपने दूध पकड़ कर मुझसे चुसवा रही थीं|

आंटी की रसदार चूत की चुदाई – Aunty Sex Story

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कुछ देर तक दोनों मम्मों की माँ चोदने के बाद उन्होंने कहा- दूध चूसने से मन भर गया हो तो चूत की तरफ भी ध्यान दे दो बेटा … उसमें भी रस होता है!मैंने कहा- मैंने चूत का रस कभी चखा नहीं है चाची … आज पहली बार का मौका है|

आप सिखा दो कि कैसे चूसते हैं!वे हंसने लगीं और बोलीं- हाथ भर का लौड़ा लिए घूम रहे हो और चूत चूसना नहीं जानते?
मैंने कहा- आज दूसरी बार चुदाई कर रहा हूँ … पहली बार अपनी गर्लफ्रेंड के साथ चुदाई की थी |

तो कुछ ज्यादा मजा नहीं आया था|चाची बोलीं- क्यों?मैंने कहा- वह मेरे लंड की स्टैमिना से परेशान होकर अलग हो गई थी| साली ने लंड का पानी तक नहीं निकालने दिया था … हाथ से मुठ मारनी पड़ी थी|

चाची- क्या तेरे लंड से पानी देर से निकलता है?मैंने कहा- हां!यह सुनकर चाची और ज्यादा चुदासी हो गईं और कहने लगीं- बेटा आज मुझे तुम जितनी देर तक चाहो, उतनी देर तक चोद लेना … बस जल्दी से मुझे चोद दो |

मेरी चूत की प्यास मिटा दो आह … आह!यही सब बोलकर वे मुझे और गर्म कर रही थीं|फिर मैंने उन्हें पकड़ा और जमीन पर ही लिटा दिया|मैं इतना ज्यादा उत्तेजित हो गया था कि उन्हें बिस्तर पर ले जाना भी मुझे टाइम की बर्बादी लगा|

वे मुझे जानवरों की तरह चाटे जा रही थीं और मैं उनकी चूचियों को मसले जा रहा था|फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी और जल्दी से ब्लाउज व पेटीकोट भी उतार दिया|अब वे मेरे सामने ब्रा और पैंटी में पड़ी हुई थीं|

मैंने उन्हें धीरे धीरे किस करते हुए उनकी पैंटी में अपना हाथ डाल दिया और उनकी चुहचुहाती हुई चूत को सहलाने लगा|उनकी चूत से पानी ऐसे बहने लगा मानो कोई बांध टूट गया हो|अब उन्होंने मेरी भी टी-शर्ट और चड्डी उतार दी|

मेरा लंड उनके सामने लहराने लगा था|मैंने भी उनकी पैंटी और ब्रा निकाल कर दूर फेंक दी|वे जब तक कुछ समझ पातीं कि मैं उनकी चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा|कविता चाची भी चुदास के नशे में पागल होने लगीं|

मेरे सर को अपनी चूत में दबाने लगीं|उनकी तेज स्वर में आह आह की आवाज निकलने लगी|कुछ 5 मिनट तक चूत चाटने के बाद ही उनकी चूत से फिर से पानी निकल गया|

चूंकि मुझे चूत का पानी पसंद नहीं है तो मैं अलग होने की कोशिश करने लगा| पर उन्होंने मेरे सर को अपनी चूत पर दबाया हुआ था तो मैं भी कामुकता के आवेश में चूत रस को पी गया|

फिर उनकी चूचियों के ऊपर बैठ कर पोजीशन बनाई और उनके होंठों से लंड को टच करा कर उनसे लंड चुसवाने लगा|
तभी उन्होंने मुझे नीचे को धक्का दिया और अपने नीचे लिटा कर मेरे लंड को चूसने लगीं|

मैं मदहोशी में पूरी तरह से पागल हो गया था और मेरा भी पानी निकलने वाला था|तभी वे उठीं और अचानक से मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगीं|मैंने उन्हें पकड़ कर नीचे लिटाया और उनकी चूत पर लंड रख दिया|

वे भी चुदास में अपनी दोनों टांगें खोल कर कहने लगीं- आह डाल दो बेटा!मैंने एक जोरदार झटका लगाया और लंड उनकी चूत के अन्दर घुसता चला गया|वे दर्द तो महसूस कर रही थीं मगर दर्द से ज्यादा उन्हें मजा आ रहा था|

कुछ ही धक्कों के बाद वे लंड से मजा लेने लगी थीं|मैंने भी तेज तेज धक्के लगाना शुरू कर दिया|वे भी पूरी मस्ती में आ गई थीं और अपनी गांड उठा कर मेरे धक्कों का साथ दे रही थीं|

साथ ही वे ‘आह और तेज … और तेज …’ बोलकर मेरी उत्तेजना को बढ़ा रही थीं|मैं भी आंख बन्द करके उनकी चूत में धक्के लगाए जा रहा था|उस वक्त मैं उनके सामने सेक्स का नया खिलाड़ी था जबकि वे एक पुरानी खिलाड़ी थीं|

प्यासी चाची की चूत गर्मी निकाल दी – Aunty Sex Story

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मेरी उम्र अभी 20 साल और उनकी उम्र कम से कम 35 साल की थी|उस वक्त वे पूरी तरह से चुदाई के नशे में थीं और चुदाई की दौड़ में अव्वल आना चाह रही थीं|मैं भी अपनी गति तेज करता जा रहा था|

फिर एकदम से वे रुक गईं और हांफती हुई मुझे रोकने लगीं|अब हम दोनों ने अपनी पोजीशन बदल ली|मैं लेट गया और वे मेरे ऊपर चढ़ गईं|उन्होंने लंड को पकड़ कर चूत में सैट किया और लौड़े पर उछलने लगीं|

मुझे कुछ दर्द हो रहा था मगर उससे ज्यादा मजा आ रहा था|उनके दोनों दूध मस्त उछल रहे थे|इस आसन में हम दोनों ने दस मिनट तक सेक्स किया और अब हम दोनों चरम पर आ गए थे|

मैं ज्यादा देर तक चुदाई करने का रिस्क भी नहीं लेना चाहता था क्योंकि दिन का समय था|मैंने उन्हें वापस अपने नीचे लिया और ऊपर चढ़ कर चोदने लगा|कुछ देर के बाद मेरे लंड का पानी निकलने वाला हो गया था|मैंने पूछा- कहां?

तो उन्होंने अन्दर ही टपकाने के लिए बोला|मैंने अन्दर ही रस निकाल दिया|उसके बाद हम दोनों ने कुछ पल रुक कर अपनी सांसें नियंत्रित की और उठ कर साफ सफाई करके कपड़े पहनने लगे|

अब उनके साथ जब तब सेक्स का मजा आने लगा था|कविता चाची ने ही मुझे चुदाई के कई तरीके सिखाए और गांड चुदाई करने का मौका भी दिया|

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