चुदक्कड़ बबीता गरम चूत का पानी निकाल दिया – bhojpuri-sex
bhojpuri-sex : मेरा नाम संदीप है, बबीता और मैं साथ में पढ़ते थे|हम एक ही इलाक़े के रहने वाले थे|एक बार जब मैं छुट्टियों में अपने घर आ रहे थे, तो हम दोनों एक ही बस में चढ़े|हम दोनों ने बस कंडक्टर से एक साथ ही सीट्स ले लीं|
दोस्तो, वह दिखने में एकदम माल थी|मैं सोचने लगा कि यार इसे कैसे अपने साथ सैट कर लूँ|लेकिन मुझसे कुछ हो ही नहीं पा रहा था|वे ठंड के दिन थे तो उसने अपने बैग में से एक छोटा कंबल निकाल लिया और वह उसे ओढ़ने लगी|
मैं चुप रहा|उसने अपनी टांगों पर कंबल डाला तो साथ ही मेरी टांगों पर भी डाल दिया|मुझे बड़ी खुशी हुई कि उसने मुझे अपना समझा|अब हम दोनों ने उस कंबल को अपनी टांगों पर अच्छे से डाल लिया|हमारे बीच बातें होने लगीं|
धीरे धीरे मैं उसके करीब होने लगा|फिर जैसे जैसे रात गहराने लगी तो बस में अंधेरा होने लगा और सभी लोग सो गए|हालांकि ड्राइवर ने नाइट लाइट जला दी थी, तब भी कोई खास रोशनी नहीं हो रही थी|
अब मैं अपने मुँह को उसके गले के पास ले जाकर अपने होंठों से टच करने लगा|थोड़ी ही देर में वह जोर जोर से सांस लेने लगी और एकदम गर्म हो गई|बस फिर क्या था, मैंने उसके गालों पर अपने ठंडे गाल चिपका दिए|
वह और गर्म हो गई|उसने अपनी आंखें खोलीं और मुझे गले से लगा लिया|मैंने उससे कहा, कोई दिक्कत तो नहीं?उसने बोला- नहीं यार, इसकी तो मुझे बड़ी जरूरत थी|बस हम दोनों शुरू हो गए|
मैंने उसके होंठों पर होंठ लगा दिए और उसे किस करने लगा|वह भी मेरे होंठों से अपने होंठों को जोड़ कर रस का आदान-प्रदान करने लगी थी|मैंने धीरे से उसके मुँह में जीभ सरका दी और उसके पूरे बदन पर हाथ फेरने लगा|
इससे वह पोर्नर गर्ल और ज्यादा गर्म हो गई|हालांकि बस में चोदना तो बहुत मुश्किल था लेकिन पूरे रास्ते भर मैंने उसके बदन के साथ खेल कर उसके होश उड़ा दिए|मैंने उसकी पैंट में हाथ डालने की कोशिश की|
तो पहले वह मना करने लगी|तब मैंने अपनी पैंट की चैन खोली और उसका हाथ अपनी तरफ करके अपना मोटा लंड पकड़ा दिया|वह मेरे लंड को पकड़ कर चुदास से भर उठी और उसे देखती हुई मस्ती से सहलाने लगी|
अब मैंने उसकी पैंट के बटन को खोला और अन्दर हाथ डाल दिया|वह खुद अपनी टांगें चौड़ी करके चूत को मेरे हाथ की जद तक उठाने लगी|मैं उसकी चूत को सहलाने लगा और देखा तो वह पूरी गीली हो चुकी थी|
मुझे लगा कि उंगली नहीं डालना चाहिए, ये शायद कुंवारी होगी| मुझे लगा कि वह पहले से चुदी हुई नहीं है|लेकिन उसका उसके पार्ट्नर से पंगा हो चुका था, तो उसे भी अपनी प्यास बुझानी थी|यह बात मुझे बाद में पता चली थी|
लेकिन जब उसने खुद से कहा- बाहर से क्या होगा, अन्दर डालो ना प्लीज!तो मैंने पहले एक उंगली डाली|उसकी चूत बहुत गर्म थी|फिर मैंने दूसरी उंगली भी पेल दी और उसकी चूत में दोनों उंगलियों को अन्दर बाहर करने लगा|
उसे दर्द की जगह मजा आ रहा था तो मैं सोच रहा था कि पक्का इसने अपनी चूत में गाजर मूली डाली है|उस वक्त भी मुझे नहीं लगा था कि यह चुदी चुदाई माल है|थोड़ी देर में उसको कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा और उसने अपनी चूत पूरी तरह से खोल दी|
बस कुछ ही पल उसने उंगली करवाई और अकड़ने लगी| उसकी कामुक आवाजें निकलने लगी थीं|वह झड़ गई और शांत हो गई|लेकिन मेरे लंड में तो आग लगी हुई थी, लंड का रस निकला ही नहीं था|
वह आंख बन्द करके एकदम शिथिल पड़ी हुई थी और उसके एक हाथ ने मेरे हाथ को रोक दिया था|मैंने सोचा कि थोड़ी देर रुक जाता हूँ| मैंने अपना हाथ हटा लिया|कुछ पल बाद उसने अपनी पैंट ऊपर कर ली और हंसने लगी|
मैंने पूछा- कैसा लगा?वह आंख दबा कर कहने लगी- मस्त लगा यार, तुमने तो मुझे उंगली से ही ठंडी कर दिया|उसने मुझसे इसी तरह की बातों का सिलसिला चालू कर दिया|मैंने कहा- पहले भी ऐसा मजा लिया था क्या?
वह बोली- हां, इसीलिए तो अच्छा लगा … पर इसकी जगह लंड होता तो और ज्यादा मज़ा आता!अब मैंने उसका हाथ फिर से अपनी पैंट में ही डाल दिया और पूछा- तूने पहले कभी चुदाई की है?
वह बोलने लगी- हां यार, वरना तुझे कहां छूने देती पागल … ऊपर से आजकल मेरा उससे भी पंगा हो रखा है तो चूत प्यासी थी| यदि वह मेरी ले रहा होता, तो तेरी किस्मत कहां खुलती!
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मैंने पूछा- उसने तुझे कितनी बार चोदा है?वह बोली,उसने बहुत बार चोदा है यार … तभी तो चूत में चुल्ल हो रही थी!यह कह कर उसने अपने हाथ से हल्के से मेरे लंड को दबाया और बोलने लगी- तेरा काफ़ी मोटा है
यार, अन्दर लेने का मन हो रहा है|मैंने कहा- यहां बस में तो हो नहीं पाएगा, जब घर से लौटेंगे तो होटल ले लेंगे|वह हां बोली और मेरे लंड को सहला कर प्यार करने लगी|मैंने भी उससे अपने लंड की मुठ मारने की नहीं कही|
फिर हम दोनों सोने लगे|मगर मुझे अपने लौड़े की गर्मी के कारण नींद ही नहीं आ रही थी|मैं कुछ देर बाद उठ गया और मैंने फिर उसकी चूत में उंगली डाल दी|वह जाग गई और उसने इस बार वह काम किया जो मेरी खुशियों को चौगुना कर गया|
वह मेरे लंड पर अपना मुँह झुका कर लंड मुँह में लेने की कोशिश करने लगी|मैंने झट से अपना लंड उसके मुँह में दे दिया|वह लंड चूसने लगी|उसको लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था|
मैं अपने पूरे जोश में आ गया था तो अपनी उंगली उसकी चूत में वापस ठेल दी और अन्दर बाहर करने लगा|वह अपने मुँह से मेरे लंड को चूस रही थी और मैं उसकी चूत को अपनी उंगलियों से रगड़ रहा था|
हम दोनों यह करते करते अपने चरम पर आने लगे|मेरे लंड का पानी उसके मुँह में छूटने ही वाला था कि उसे पता चल गया और उसने झट से अपना मुँह हटा दिया|मैंने जल्दी से रूमाल से लंड के वीर्य को सोख लिया और हम दोनों रिलेक्स हो गए|
उसके बाद चैन की नींद आई तो सीधे अपने स्टॉप पर नींद खुली|उधर से हम दोनों अपने अपने घर चले गए और उसके बाद सीधे छुट्टियों के बाद ही मिले|मुझे उसके साथ होटल वाली बात याद थी|वह बोली- पहुंच कर होटल में चलेंगे|
सारे रास्ते भर वही सब चलता रहा|जब हम दोनों पहुंच गए तो मैंने मोबाईल से एक होटल में रूम बुक कर लिया और हम दोनों उस होटल के कमरे में चले गए|कमरे में आने के बाद हम दोनों ने पहले नहाने का तय किया|
मैं और उसने साथ बाथरूम में नंगा होकर नहाया|उधर मैंने उसके पूरे नंगे बदन को चूमा और उसे खड़े खड़े चोदने लगा|मेरा लंड रात में बहुत थक चुका था तो वह उसकी चूत में ठीक से घुस ही नहीं रहा था; फिसला जा रहा था|
मैं उसे नंगी ही अपनी गोद में उठा कर बेड पर ले आया और जैसे तैसे करके उसकी चूत में लंड डाल दिया|मगर जरूरत से ज्यादा कामुक होने से मेरे लंड में उत्तेजना कुछ ज्यादा ही थी तो मैं झटके मार कर झड़ गया।
लेकिन वह अभी भी गर्म थी, उसकी समझ में कुछ नहीं आया|मुझे शर्म आई कि साला पहली बार में ही लंड ने पोपट बना दिया, इज्जत की वाट लग गई|
मैं किसी बहाने से बाहर गया और नजदीक की मेडिकल की दुकान से वायग्रा की गोली खाकर आ गया|साथ में लंड पर जैल भी लगा कर आया था|अब मैं सिगरेट पीते हुए कुछ देर टहलता रहा|
जब दवा का असर हो गया तो थोड़ी देर मैं फिर से कमरे में आ गया|वह बैठी हुई थी|मैंने उससे पूछा- कुछ मजा आया?वह कुछ नहीं बोली|मैंने कहा, चल अब आएगा|उसने गुस्से से कहा, क्यों … अब क्या नकली लंड लगा लिया है?
मैंने कहा- अरे यार, बस में ही काम हो गया था इसलिए लंबा नहीं चल पाया| अब मस्त चोदता हूँ, चल लेट जा!इस पर वह हँसने लगी|मैंने उसे किस करना शुरू कर दिया और वापस से दोनों के कपड़े उतार कर नंगे हो गए|
इस बार लंड की सख्ती देख कर वह खुश हो गई और चूसने लगी|लंड थूक से चिकना हो गया तो मैंने उसे घोड़ी बनाया और जैसे ही अपना टोपा अन्दर डाला, उसकी फट गई|
उस पोर्नर गर्ल ने Xxx चुदाई से कराहते हुए कहा- ओ मर गई रे मम्मी आह … बहुत बड़ा है!मैं लगा रहा तो थोड़ी देर बाद वह पूरा साथ देने लगी|फिर उसने जरा रुकने का कहा तो मैं उसे दूध मसलने लगा|
दो पल बाद मैं फिर से शुरू हो गया|उसे मेरे लंड से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था| वह अपनी गांड हिला हिला कर लंड ले रही थी|थोड़ी देर बाद वह झड़ गई और मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया|
काफी देर तक चुदाई चली थी, हम दोनों थक गए थे इसलिए हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए|फिर शाम को नींद खुली तो मैंने उसको एक बार और चोदा और कमरे से निकल कर अपने एक दोस्त के साथ दारू पीने चला गया|
मैंने अपने दोस्त को बताया तो उसने कहा- मुझे भी उसकी दिलवाओ|मैंने कहा- चल रात को तुझे फोन करके बुलाने की जुगाड़ करता हूँ| तू तैयार रहना|रात को मेरा लंड न जाने खड़ा क्यों नहीं हो रहा था|
मैंने उसको सुला दिया और लाइट ऑफ करके अपने दोस्त को मैसेज करके बुला लिया|चुपके से मैंने दरवाजा खोल कर दोस्त को अन्दर बुला लिया और उसे दोनों के बीच में सुला लिया|
अब मैंने दोस्त से इशारे से बोला कि चुपके से किस कर ले, वह उठ जाएगी तो चोद लेना|मेरे दोस्त ने उसके बूब्स ओर किस बहुत किया तो वह गर्म हो गई।उसे लगा कि मैं हूँ।
उन दोनों को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा था|लेकिन जैसे ही मेरे दोस्त ने बबीता के हाथ में अपना लंड थमाया, वह समझ गई कि वह मैं नहीं हूँ|उसने कहा- अभी पतला और छोटा कैसे हो गया, पहले तो तुमने मेरी बुर सुज़ा दी थी यार!
दोस्त ने फुसफुसाते हुए कहा- ये भी बहुत थक गया है, इसलिए ऐसा लग रहा है|यह सुनकर बबीता ने कहा- हट ऐसा नहीं होता है|यह कहते हुए उसने मोबाइल की लाइट जला ली और मेरे दोस्त को पहचानती हुई बोली- तुम कैसे?
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दोस्त ने कहा,ऐसे ही!फिर वह शांत हो गई|मैंने सोने का नाटक किया|बबीता मेरे दोस्त से बोली, बोलना मत किसी से … ओके!
दोस्त ने कहा, नहीं बोलूँगा|वह बोली,कंडोम लाया है?
मेरे दोस्त ने झट से अपनी पैंट की जेब से कंडोम निकाला और बबीता की चूत में पेल उसे खूब देर तक चोदा|बबीता भी उसे अपनी गांड उठा उठा कर दे रही थी|मुझसे रहा नहीं जा रहा था|
तभी मेरा दोस्त झड़ गया और बबीता मूतने चली गई|जब वह वापस आई तो उसने मुझे उठाया और बोली- मुझे पता है कि तुम उठे हो| आओ और मुझे चोदो| एक दो लड़के और हों तो उन्हें भी बुला लो … प्यास बुझा दो मेरी!
अब मैंने अपने मोटे लंड से उसे देर तक चोदा|वह अपनी गांड भी मरवाती थी तो उसने दोनों तरफ से एक साथ चोदने की इच्छा जाहिर की।मैंने कहा, क्यों एक साथ दो से भी चुद चुकी हो क्या?
वह हंस कर बोली, नहीं, एक साथ दो लंड से चुदने की ख्वाहिश थी पर आज पहली बार एक साथ दो लंड से चुदूँगी।हम दोनों ने उसकी चूत और गांड में एक साथ लंड पेले और उसकी सैंडविच चुदाई का मजा लिया|
वह भी हम दोनों से चुदवा कर बहुत खुश थी|दो लंड से एक साथ चुदने के बाद वह बोली- अब थोड़ा ठीक फील कर रही हूँ|मैं समझ गया कि यह पक्की रांड है और इसे हमेशा ही मोटे और मजबूत लंड की जरूरत होती है|उसके बाद से मैंने उसे कई बार चोदा।दोस्तो