शर्मा जी ने मुस्कान की साड़ी उठा के चोदा – Office Sex Story
Office Sex Story : हेलो दोस्तों, चुलबुल पांडे सभी का antarvasnakahani.net पर आपका बहुत बहुत स्वागत करता है| मैं कई इनो से सोच रहा था की आपको मैं अपनी कहानी सुनाऊं,तो पेश है मेरी कहानी आप सभी के लिए|
कुलदीप कस्तूरबा गांधी इंटर कॉलेज, अलीगढ़ में लेक्चरर पद पर तैनात थे| शर्मा जी पुराने ज़माने के आदमी थी| आजकल के मोडर्न जमाने में भी धोती कुरता पहनते थे|
वो सबसे चहेते थे| लोग उनका बड़ा सम्मान करते थे| शर्मा जीकी बस एक तमन्ना थी की किसी तरह प्रिसिपल बन जाए| कुछ दिनों बाद वो प्रिंसिपल बन गए| वैसे तो शर्मा जीको स्कूल में कोई खास दिक्कत नही होती थी, पर एक गम था|
उनका स्कूल जरा देहात में था| वहां बच्चे ना के बराबर थे| पर नौकरी तो उनको सुबह ९ से शाम ४ बजे तक करनी ही थी|वो सारा दिन बस अखबार पढ़ा करते थे| क्यूंकि पुरानी सोच होने के कारण वो ना तो फसबुक करते थे, और ना ही वाट्सअप|
वो सारा सारा दिन जम्हाई लेटे रहते और दिन काटा करते| २ हफ्ते बाद कुलदीप की जिंदगी अचानक से बदल गयी| उनके स्कूल में एक जमादार की तैनाती हो गयी|वो कोई आदमी या पुरुष नही था बल्कि एक जवान और बेहद खूबसूरत औरत थी|
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नाम मुस्कान साह था| अभी कोई २० २२ साल की जवान लौंडिया थी वो| ये जमादार वाला पद अनुसूचित जाति का पद था| इसलिए सरकार ने मुस्कान साह को नौकरी दी थी| मुस्कान साह यानी चमार जाति की थी| पर क्या गजब की माल थी|
जिस दिन मुस्कान उनके स्कूल में आई तो कुलदीप जी की जम्हाई जो वो हमेशा लिया करते थे, और अपना समय काटा करते थे, अचानक से खतम हो गई| उनको ऐसा लगा की जैसे आज उनकी नींद हमेशा के लिए खुल गयी हो|
उनकी जम्हाई और उनकी नींद अचानक से गायब हो गयी| उन्होंने मुस्कान को ज्वाइन करवा दिया| दोस्तों, आप लोग तो जानते है की सरकारी नौकरी में काम तो कुछ होता नही है, बस कर्मचारी बैठ के चाय पीते रहते है और समय काटा करते है|
शर्मा जीवैसे तो ५० साल के पुरे हो चुके थे, लड़के बच्चे, नाती, पोते वाले थे, पर मुस्कान को देखकर उनके दिल के तार झनझना गए| वो दिल ही दिल में मुस्कान से प्यार कर बैठे| जैसे जैसे समय बीतता गया शर्मा जीको मुस्कान से प्यार होता चला गया|
जमादार होने के नाते कभी कभार जब कोई अधिकारी जांच करने चला जाता तो मुस्कान अपनी लम्बी सी बांस वाली झाड़ू से पूरा स्कूल साफ कर देती| कभी कभी उसको टोइलेट भी साफ़ करनी पड़ जाती थी|
पर मुस्कान भले ही ब्राह्मण नही थी एक चमार थी, इसके बावजूद शर्मा जीउससे प्यार कर बैठे| वो सुबह जब तक मुस्कान को देख नही लेते, उनको चैन नही पड़ता| मुस्कान सच में बड़ी हसीन माल थी| अच्छा खासा गोरा, भरा पूरा बदन|
बड़े बड़े गोल गोल चुचे थे उसके| मुस्कान को देखकर धोती कुरता पहनने वाले पुराने ज़माने के शर्मा जीका लंड उनकी धोती में ही खड़ा हो जाता था| मुस्कान स्कूल में साड़ी पहन के आती थी| काम ना होने पर वो टीचर्स रूम में बैठ कर अखबार पढ़ती थी|
मुस्कान का वेतन २० हजार था|जब मुस्कान कोई कागज लेकर प्रिंसिपल साहब यानि कुलदीप जी के पास जाती तो वो आँख मूंद कर उस पर साइन कर देते| वक्त पर उसकी सैलरी दिलवा देते| मुस्कान का बड़ा ख्याल रखते|
दिन में ४ बार चपरासी को भेजकर उसके वास्ते चाय मंगवाते थे| इन सब काम की बस एक वजह थी की वो मुस्कान से प्यार करने लग गए थे| पर लोक लाज और समाज के डर से वो डरते भी थी|
एक ५० साल का उम्रदराज आदमी आखिर २० २२ साल की जवान लौंडिया से कैसे प्यार कर सकता है| शर्मा जीये बात बार बार सोचते थे| जब से मुस्कान स्कूल में आ गयी थी, शर्मा जीशर्ट पैंट पहनने लग गए थे|
धोती अब कम ही पहनते थे| वो खुद को मुस्कान के सामने हीरो जैसा दिखाना चाहते थे| एक दिन जब मुस्कान प्रिंसिपल साहब के कमरे में झाड़ू लगा रही थी वही अपनी लम्बी वाली बांस वाली झाड़ू से लेकर |
तो अचानक कुलदीप जी का प्यार और सब्र का बाँध अचानक से टूट गया| उन्होंने मुस्कान भंगन का हाथ पकड़ लिया और सीने से लगा लिया| वो उसका चुम्बन लेने की कोसिस करने लगे|
ये क्या साब?? ये आप क्या कर रहें हो?? आप तो ब्राह्मण है? आप मुझे क्यूँ छू रहें हो?? मुस्कान थोडा डर गयी और बोली|मुस्कान ! तुम भले ही एक जमादार हो, तुम एक चमार हो, पर मुझको तुमसे प्यार हो गया|
मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ! शर्मा जीबोले| आज उन्होंने फिटिंग वाला मस्त छैल छबीला वाला शर्ट पैंट ही पहन रखा था| उन्होंने मुस्कान को कसके पकड़ लिया और उसके होठ पर कई चुम्मा ले लिया|
मुस्कान थोडा आश्चर्य में पड गयी| उसको विश्वास नही हो रहा था की इतना बड़ा प्रिसिपल जो की एक ब्राह्मण भी था उस जैसी जमादार का कैसे चुम्मा ले रहा है|साहब! ये क्या कर रहें हो?? मैं तो एक जमादार हूँ!! वो सहमकर बोली|
मुस्कान !! मुझे कोई फर्क नही पड़ता| बस मैं जानता हूँ की मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ!! कुलदीप जी बोले और उसको फिर से उसके गोरे गोरे गालों पर चुम्मा लेने लगे| उन्होंने मुस्कान को कसके अपने सीने से लगा लिया|
साब कोई आ जाएगा तो बवाल हो जाएगा! मुस्कान जमादार बोली|मुस्कान जानेमन ! कुछ नही होगा कोई नही आएगा| मैंने चपरासी को बाहर बिठा दिया है| आज तुम मुझको मत रोको| मुझे तुमसे प्यार करने दो|
वरना मैं मर जाऊँगा| मैं तुमको हर महीना १० हजार दूँगा| तुमको कपड़े, गहने सब दूँगा, पर तुम मेरे प्यार को मत ठुकराना! शर्मा जीबड़ी मीठी आवाज में बोले| अपने लच्छेदार बातों से आखिर उन्होंने मुस्कान जमादार को पता ही लिया|
मुस्कान मान गयी| कुलदीप जी मुस्कान को इसी वक्त चोदना चाहते थे| पिछले कई महीनों से वो इस दिन का इंतजार कर रहें थे की किस दिन मुस्कान जैसी हसीन माल की चूत मारेंगे| और आज वो दिन आ ही गया|
कमल जी को इतनी जोर की चुदास लगी की उन्होंने अपनी बड़ी सी टेबल जिस पर बैठ के वो ऑफिस का काम करते थे, उसका सारा सामान उन्होंने हाथ से सरका कर नीचे गिरा दिया|
ऑफिस के रेजिस्टर, पेन, कॉपी, और बाकी सामान उन्होने एक ही बार में हाथ से सरका कर नीचे गिरा दिया| ५ बाय ४ की उनकी बड़ी से मेज अब बिल्कुल खाली हो गयी| मुस्कान को उन्होंने उसी ऑफिस की टेबल पर लिटा दिया|
एक सेकंड में उनकी साड़ी उठा दी| मुस्कान जान गयी की आज वो चुद जाएगी| एक जमादार और जात से भंगी होते हुए भी आज एक ब्राह्मण उसको चोदेगा, उसकी चूत मारेगा| मुस्कान जान गयी की आज उसका कुंवारापन खतम हो जाएगा|
वो आज चुद जाएगी| वो जान गयी| शर्मा जीने मुस्कान का साड़ी का पल्लू हटा दिया तो उसके ब्लौस से उसके २ बड़े बड़े कबूतर झाकने लगे| बड़े बड़े कसे कसे गोल गोल उभारों को देखकर शर्मा जीगदगद हो गए|
इनकी बड़े बड़े चुच्चों को देखकर वो पिछले कई महीने से जी रहें थे| इनकी मम्मों को देखकर उनकी नींद अब बिल्कुल भाग गयी थी| इनकी मम्मो को देखकर उन्होंने जम्हाई लेना अब बंद कर दिया था|
वासना और चुदास कुलदीप जी की आँखों में उतर आई| उन्होने मुस्कान जमादार के मम्मों पर हाथ रख दिया और रसीले मम्मों को छू लिया और सहलाने लगे| मुस्कान तड़पने लगी| फिर वो धीरे धीरे मुस्कान के चुच्चों को दबाने लगे|
कुलदीप जी गरमाने लगे| और आखिर उनको मुस्कान के ब्लौस के बटन खोलने पड़े| वो बड़ा कसा ब्लौस पहनती थी| पर शर्मा जीही कच्चे खिलाड़ी नही थी| कुछ मिनट की मसक्कत के बाद उन्होंने मुस्कान के बेहद कसे ब्लौस की बटन खोल लिए|
ब्लौस निकाल दिया, तो आमने ब्रा आ गयी| उन्होंने उसे भी निकाल दिया| जैसे ही मुस्कान के नए नए २२ साल के नए नए मम्मे सामने आये थे शर्मा जी पर तो मानो बिजली ही गिर गयी दोस्तों|
उनको याद आया की जब उनकी शादी हुई थी और जब उनकी बीबी नई नई उनके घर आई थी, उसके मम्मे भी मुस्कान जमादार के मम्मे जैसे सुंदर नही थे| मुस्कान बाहर से जितनी गोरी थी, उसके मम्मे उससे ५ गुना जादा गोरे थे|
कुछ पल के लिए तो शर्मा जीकोमा में चले गए| साब?? जब मुस्कान बोली तो उनका सम्मोहन टुटा| कुछ पल वे उसके मम्मो को निहारते रहें| ऐसे सुन्दर संगमरमर जैसी स्वेत वर्ण मम्मे उन्होंने नही देखे थे| वो खुद को बड़ा नसीबवाला समझने लग गए|
मुस्कान के मम्मो पर बड़े बड़े सिक्के जैसे काले काले छल्ले थे| कमल मिश्र जी को मौज आ गयी| उन्होंने अपने अधरों को मुस्कान के चूचकों से लगा दिया और पीने लगे| मुस्कान भी २२ साल की जवान लड़की थी|
वो जवान हो चुकी थी और चुदने को तैयार थी| उसे भी लंड की दरकार थी|शर्मा जीमस्ती से मुस्कान के दूध पीने लगे| मुस्कान को बड़ा सकून मिला| आज पहली बार कोई मर्द उसके दूध पी रहा था| उसकी छातियाँ जो बड़ी बड़ी गोल गोल रसीली थी
कबसे इतंजार कर रही थी की कोई मर्द उसकी छातियों को पिए| पर आज ये मुस्कान का सपना पूरा हो गया था| अपने ऑफिस की मेज पर ही कुलदीप जी मुस्कान को लेटाऐ हुए थे| जब बड़ी देर तक वो उसके दूध पीते रहें|
तो मुस्कान को सुखी चूत अब बिल्कुल गीली हो गयी| उसकी सुखी बंजर जमींन जैसी चूत उसके पानी ने तर हो गयी और डबडबा गयी| मुस्कान ने ५० साल के शर्मा जीको कसके लिया और अपने सैंया की तरह कलेजे से चिपका लिया|
शर्मा जीको चुदास बड़ी जोर से चढ़ गयी, वो मुस्कान को उसके गाल, गले, कान, नाक, आँखों पर धडाधड चुम्मा लेने लगे| उम्र दराज होने पर भी वो आज एक १८ साल के जवान लड़के जैसा व्यवहार कर रहें थे|
वो छैला बाबू बन गए थे| मुस्कान के दोनों छाती पीने के बाद कुलदीप जी ने अपनी पैंट उतार दी| अपना निकर निकाल दिया|उनका लंड आज भी अच्छा ख़ासा मोटा और लम्बा था| उन्होंने मुस्कान की पीली साड़ी जिसमे लाल रंग के कई फूल बने थे,
उपर उठा दी, साथ में उसका पेटीकोट भी उठा दिया| तुरंत उसकी सफ़ेद चड्ढी निकाल दी| शर्मा जीको मुस्कान की चूत के दर्शन हो गए| ये चूत देखने के लिए वो कबसे मरे जा रहें थे| इस चूत के लिए उन्होंने क्या क्या पापड़ नही बेले थे|
मुस्कान की चूत कुंवारी थी| बड़ी लाल लाल गुलाबी गुलाबी थी| कुलदीप जी ने अपनी उंगली चूत पर रख दी और नीचे से उपर हल्का हल्का सहलाते हुए नीचे जाते और फिर उपर जाते| फिर वो मुस्कान की चूत पीने लगे|
कुछ देर बाद वो मुस्कान को चोदने लग गए| मुस्कान को उन्होंने अपनी ऑफिस की टेबल पर ही लिटा रखा था| खुद वो एक किनारे खड़े हो गए| उनकी पैंट उतरी हुई किनारे फर्श पर पड़ी थी|
मुस्कान की दोनों टांगों को उन्होंने हाथ में ले रखा था| खट खट करके मजे से उसको खा रहें थे| मुस्कान को भी चुदने में पूरा मजा आ रहा था| ५० साल का मर्द होने पर भी आज भी कमल जी के लंड में बड़ा दम था|
उन्होंने मुस्कान को ५० मिनट बिना रुके लिया| उनको और मुस्कान दोनों को इस चुदाई समारोह में पसीना छूट गया| शर्मा जीके धक्कों से पूरी मेज हिलने लगी| पर वो नही रुके| मुस्कान को इतना उन्होंने पेला की उसकी बुर फट गयी|
कुछ देर बाद वो झड गए| उन्होंने तुरंत अपने दो मोटी मोटी ऊँगली मुस्कान के भोसड़े में डाल दी| उसको बड़ा दर्द भी हुआ क्यूंकि इससे पहले मुस्कान ने किसी मर्द से अपनी चूत में ऊँगली नही करवाई थी|
कमल जी जल्दी जल्दी अपनी २ मोटी मोटी ऊँगली से मुस्कान की बुर को चोदने लगे| बड़ी देर तक कुछ नही हुआ| पर जल्द ही मुस्कान का बदन ऐठने लगा| शर्मा जीजान गए की कुछ होने वाला है| अब तो वो जोर जोर से ऊँगली करने लगे|
कुछ देर बाद मुस्कान की चूत से ढेर सारा पानी पिच पिच करके निकलने लगा| शर्मा जीरुके नही| वो जल्दी जल्दी अपनी ऊँगली चलाते रहें| फिर मुस्कान की चूत से उनकी गरम गरम काजू के पेस्ट जैसी खीर निकलने लगी|
ये कुछ और नही मुस्कान की चूत के माल था| शर्मा जीसे मुँह उनके भोसड़े में लगा दिया| और सारा माल पी गए| कुछ देर बाद उन्होंने मुस्कान को फिर चोदा| ये कहानी आप antarvasnakahani.net पर पढ़ रहें हैं| अपनी कमेंट्स जरुर लिखें|