बरसात में अंकल ने जबरदस्त गांड मारी – Gay Sex Story
Gay Sex Story:नमस्कार दोस्तो,मैं चुदासी मुना समय की कमी के चलते मैं काफी समय से नई कहानी नहीं लिख पाया|आज किसी तरह से लिखने का समय निकाल पाया, तो आपके लिए एक बेहतरीन सेक्स कहानी लेकर हाजिर हूँ|
यह घटना मेरे साथ कुछ समय पहले ही हुई थी| यह यंग बॉय गे फक कहानी दिसंबर की सर्द दिनों की है|मैं अपना शहर छोड़ कर जयपुर शिफ्ट हुआ था|कुछ ही दिनों में जयपुर में मैं सैट हो गया था|
मेरे मकान मालिक काफी अच्छे स्वभाव के हैं|मैं अक्सर उनके पास बैठ कर बातें कर लिया करता था|कुछ ही दिन बीते कि उनके एक दोस्त कुणाल अंकल भी उनके घर के बाजू वाले घर में रहने आ गए|
दरअसल बाजू वाला मकान कुणाल अंकल का ही है और उनके घर के कुछ कमरों को मेरे मकान मालिक ही किराए पर चढ़ाते हैं|कुणाल अंकल की फैमिली हैदराबाद में रहती है|
वे यहां अपनी प्रॉपर्टी के काम और कुछ कोर्ट के काम के हिसाब से दो महीने यहीं रुकने के लिए आए थे|शुरू में उनकी पत्नी भी आई थीं पर वे कुछ ही दिन में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वापस हैदराबाद चली गईं|
कुणाल अंकल भी मुझसे बातें करने लगे थे|उनके बात करने का तरीका मुझे काफी अच्छा लगता था|वे रात में मुझे व्हाट्सएप पर मैसेज कर बात करने लगे थे|शुरू में मुझे लगा कि अंकल अकेले रहते हैं, तो शायद उन्हें बात करने में अच्छा लगता हो|
वे मुझसे इधर उधर की बातें कर लेते थे|मैं भी उनके साथ थोड़ी बातें कर लेता था|एक दिन उन्होंने मुझसे कहा कि वे बाहर जा रहे हैं, देर से आएंगे| घर का ध्यान रखने के लिए मैं उनके घर पर रुक जाऊं|
मैंने बहुत ज्यादा नहीं सोचा और शाम होते उनके घर चला गया|जब मैंने उनसे खाना का पूछा|तो उन्होंने कहा कि मैं खाना बाहर से लेकर आऊंगा तो तुम खाना आदि का ज्यादा कुछ न सोचना|मैंने भी हां भर दी|
उनके जाने के बाद टीवी शुरू करके बैठ गया और थोड़ी देर में मेरी आंख लग गई|तभी मुझे सपना आया कि अंकल नहा कर तौलिया लपेट कर मेरे पास आए और धीरे से मेरा हाथ खुद के खड़े लंड से पर ले लिया|
मैं भी आराम से उनका लंड सहलाने लगा|उनका लंड काफी मोटा था|मुझसे रहा नहीं गया और मैंने तौलिया खोल कर उनके लंड को देखा|मोटा लंड देख कर मैंने सीधा मुँह में लपक लिया|अब वे मेरे ऊपर छा गए|
उनका पूरा लंड मेरे मुँह में था|मैं उसे भरपूर स्वाद से लिए चूसे जा रहा था|इतने में फोन बजा और मेरा सपना टूट गया|यह कुणाल अंकल का फोन था|वे कह रहे थे कि दस मिनट में आ जाएंगे|
मैंने मुँह धोया और गेट खोल कर उनके आने का इंतजार करने लगा|बाहर काफी तेज सर्द हवा चल रही थी|उसी वक्त अंकल आ गए और वे जल्दी से अन्दर आ गए|मैं अपने सपने के चलते उनको थोड़ी कामुक नज़रों से देखने लगा|
अंकल काफी मस्त थे|उनका जिस्म भी काफी भरा हुआ था|मतलब आप यूं समझो कि दस मिनट नहीं लगे और मेरी नीयत उनके लिए खराब होने लगी|मैं अब कैसे भी उनका लंड अपनी गांड के अन्दर घुसवाना चाहता था|
अंकल ने शायद ड्रिंक की हुई थी|उन्होंने खाना खोला और सर्व किया|हम दोनों ने खाना खाया|उसी दरमियान मैंने अंकल से उनकी फैमिली और वाइफ के बारे में पूछा|उन्होंने बोला, सब ठीक हैं|
अब उन्होंने मुझसे पूछा कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड बनी यहां?मैंने बोला- नहीं अंकल, मुझे यह सब पसंद नहीं है|अंकल बोले- फिर क्या लड़के पसंद हैं?मैंने अंकल की तरफ देखा और सकपका सा गया|
मेरे मन में तो आया था कि बोल दूँ कि मुझे आप पसंद आ गए हो|वे हंसने लगे और मैं भी हंस दिया|अंकल ने कहा- ठंड बहुत है और रात भी हो गई है| तू आज यहीं सो जा!मैं भी शायद यही चाहता था तो फट से मान गया|
अंकल ने कहा- उस तरफ रूम है, फ्रेश होकर सो जाना| मैं थोड़ा टीवी देख कर आऊंगा|मैं कमरे में चला गया और अंकल के आने का इंतजार करने लगा|कुणाल अंकल बहुत इंतजार करवा रहे थे|फिर वे आए और मेरे पास ही सो गए|
उन्होंने मुझे आवाज भी दी कि सो गया क्या?पर मैंने कोई जवाब नहीं दिया|उन्होंने मेरी गांड पर हाथ धर दिया और बोले- अरे इतनी जल्दी सो गए?मैंने कोई हरक़त नहीं की|थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि वे फोन में पोर्न देख रहे थे|
उन्होंने मेरी तरफ देखा तो उन्हें पता चल गया कि मैं जाग गया हूँ|उन्होंने फोन बंद कर दिया और मुझसे पूछा- क्या हुआ … नींद नहीं आ रही क्या?मैंने कहा- मुझे जींस में सोने की आदत नहीं है … और लोअर मैं लाया नहीं!
तो वे बोले- अरे, मेरे पास भी एक ही लोवर है … और दूसरा धोकर रखा है|मैं कुछ नहीं बोला|उन्होंने वापस कहा- कबर्ड में देख … शायद कुछ पहनने का हो|मैंने खोला तो उसमें अंकल के जींस शर्ट या टी-शर्ट थे|
उन्होंने मुझसे कहा कि अंडरवियर में सो जा!मैं बोला- नहीं अंकल … उसमें ठंड लगती है|मैंने दूसरा कबर्ड खोला, तो उसमें शायद आंटी के कुछ ब्लाउज और पेटीकोट थे, जो यहां रह गए थे या वे यहीं रखती थीं|
अंकल ने कहा- यही पहन ले, नाड़े वाले हैं, तो तुझे आ भी जाएंगे|मैंने कहा- ये कैसे पहन लूं अंकल … ये तो औरतों के पहनने के हैं!वे बोले- तो तुझे कौन सा बाहर जाना है, सोना ही तो है, पहन ले यार|
मैंने कबर्ड को बंद किया और ऐसे ही सोने की कोशिश की|एक घंटा बाद भी मुझे नींद नहीं आ रही थी|अंकल के सोने के बाद मैंने जींस निकाली चुपके से पेटीकोट पहन कर आकर सो गया|
उस पेटीकोट में मैं पूरा कंफर्टेबल था पर इसे पहनने से मेरे अन्दर की हवस से भरी औरत जाग गई थी|अब उस चुदासी औरत को अंकल के लंड पर उछलना था|हर पल मेरा होश खो रहा था|मैंने अपना हाथ अंकल के लंड पर घुमाना शुरू कर दिया|
थोड़ी देर में मैंने कंट्रोल किया और दूसरी तरफ मुँह करके सो गया|थोड़ी ही देर में कुणाल अंकल ने मेरी कमर पकड़ी और मुझे अपने पास खींच लिया|उनका तना हुआ लंड मेरी गांड से टकराने लगा|
लंड का अहसास पाते ही एक जोर का करंट लगा और मेरे पूरे तन बदन में दौड़ गया|मेरी सांसें तेज हो गईं और अंकल ने पेटीकोट को थोड़ा ऊपर करके मेरी अंडरवियर नीचे सरका दी|
अब पेटीकोट के ऊपर से कुणाल अंकल का लंड मेरी गांड की दरार पर सटा हुआ था|मैं तेज तेज आहें भर रहा था और कुणाल अंकल के हाथ मेरी छाती पर घूम रहे थे|मैं अब एक चुदासी रांड बन गई थी और मैं खुद को पूरा कुणाल के हवाले कर चुकी थी|
अब मेरी गांड अंकल के लंड का स्वागत करना चाहती थी|मैंने अपना हाथ उनके लंड पर रख दिया और सहलाने लगी|अंकल का लंड काफी बड़ा और मोटा था|मैंने हल्के हल्के हाथों से लंड को मसलना शुरू कर दिया|
मैं अभी भी किसी गर्म औरत की तरह आहें भर रही थी|मेरी धड़कनें तेज हो गयी थीं|कुणाल ने मेरे कान में कहा, नीचे आ जा … और इसे प्यार से चूस!मैंने आंखें बंद की और नज़रें मिलाए बिना अंकल के लंड को लपक कर अपने मुँह में ले लिया|
तब मैंने देखा कि उनका लंड बहुत बड़ा था| यह तो आज मेरी गांड ही फाड़ देगा|मैं डर चुकी थी पर कमबख्त लंड का नशा भी अलग ही चीज है|मैं बस लंड चूसती जा रही थी|अंकल ने मेरा सर पकड़ कर अपने लंड पर दबा दिया|
उनका पूरा लंड मेरे गले तक चला गया|मैं खांसी करके उठ गया|अब मैं अंकल पर चढ़ गया|उन्होंने कहा- पहले कंडोम लगाने दे|मैंने कहा- कहां है कंडोम?वे बोले- मेरी जेब में हैं, आज ही लाया हूँ|
मैंने हंस कर अंकल को देखा और उन्होंने मेरे गाल पर हाथ फेर कर कहा- मेरी जान, तेरी आंखों में मुझे वासना दिख रही थी तो मैंने समझ लिया था कि तू मेरे लंड की प्यासी है| अब जा कंडोम ले आ और उधर से वह लोशन भी ले आना|
मैंने हंस कर उनकी पैंट से कंडोम निकाला और लोशन लेकर आ गई|अब मैंने अंकल के लंड को चूम कर उस पर हौले से छतरी को पहना दिया|मैं नीचे पैर पसार कर लेट गया और अंकल मेरे ऊपर चढ़ गए|
उन्होंने पहले मेरी गांड में बहुत सारा लोशन डाला और धीरे धीरे मेरी गांड की मालिश शुरू कर दी|मैं मस्त होता चला गया और अपनी गांड ढीली कर ली|अंकल ने अपना लंड पेला और गांड को तबला जैसे बजानी शुरू कर दी|
मैं हैरान था कि एकदम कम दर्द के साथ उन्होंने मेरी गांड बजाना चालू कर दी थी|पर मैं गलत थी क्योंकि अभी आधा लंड भी अन्दर नहीं घुसा था|वे पूरी तरह से मेरे ऊपर चढ़ गए |
अपने हाथ आगे करके अंकल ने मेरे छोटे छोटे बूब्स कस के पकड़ लिए|मैंने भी आंखें बंद कर लीं और तकिए को दांतों के बीच दबा दिया|उसी पल एक जोरदार धक्के और पट्ट की आवाज के साथ मेरी गांड ने अंकल का पूरा लंड अपने अन्दर समा लिया|
मेरे दर्द की कोई सीमा नहीं थी|मैंने एक शब्द भी नहीं निकाला, बस तकिए को चबा लिया|कुणाल अंकल अब पूरे जोश के साथ मेरी गांड खुल कर बजाने लगे|मैं उन्हें महसूस नहीं होने दे रही थी कि मैं दर्द से मर रहा हूँ|
काफी देर की दमदार चुदाई के बाद मुझे भी अब गे फक में मजा आने लगा|मैं भी अब हिल-हिल कर उनका साथ दे रही थी|वे पूरे जवानी के जोश से मेरी खुल कर बजा रहे थे|उन्होंने कहा- ये पेटीकोट उतार दे|
मैंने कहा- नहीं, ये आंटी का पेटीकोट मुझे औरत बना रहा है| पेटीकोट ही मुझे इतना मजा दिला रहा है|उन्होंने मुझे सीधा किया और कंडोम निकाल कर लंड को थोड़ा हिलाया और सारा माल मेरे चेहरे पर गिरा दिया|
उनके लंड रस को मैं एंजॉय कर रही थी और अपने होश में ही नहीं थी|मैं मदहोशी से बाहर आना भी नहीं चाहती थी|कुणाल अंकल के लंड ने मुझे पूरा खुश कर दिया था|अंकल भी मेरे पास आकर सो गए|
सुबह उनका तना हुआ लंड मेरी गांड से सटा हुआ था|मैं चाहती थी कि कुणाल अंकल एक बार और मेरी वापस बजाएं पर उनको किसी का कॉल आया और वे तुरंत निकल गए|तो मैं भी चेंज करके निकल गया|
मैं खुद के कमरे में आया तो मैं कल की हसीन रात भूल ही नहीं पा रहा था|बस मैं एक बार और दमदार चुदाई चाहता था|
यही सोचते सोचते शाम हो गई|मैं शाम को खुद कुणाल अंकल के घर में चला गया| मैं उनके कमरे में आ गया|
मुझे लगा कि वे कमरे में नहीं हैं|मैंने फट से अन्दर आकर आंटी का ब्लाउज पेटीकोट निकाला|मुझे साड़ी नहीं मिली, तो मैंने बेड के नीचे देखा|उधर एक पुरानी सी साड़ी पड़ी थी|मैंने वही पहन ली और सज कर लंड के इंतजार में बैठ गई|
थोड़ी देर में कुणाल अंकल बाथरूम से बाहर आए,तो मैं चौंक गई|उन्होंने हंस कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया और बोले- अरे मेरी रण्डी, मैंने तुझे सारे दिन बहुत मिस किया| अभी तुझे ही कॉल करने वाला था, पर तू पहले ही आ गई!
मैंने बिना समय गंवाते हुए अंकल को लिटाया और उनके ऊपर चढ़ गई|मैंने कुणाल अंकल की तौलिया को खोला और उनके लंड को सहलाना शुरू कर दिया|उन्होंने कहा- अरे आराम से रानी … इतनी क्या जल्दी है! दो दो पैग ले लेते हैं|
फिर मजा करेंगे!मैंने कहा- गांड में आग लगी हुई है, आराम करने का मन नहीं है| पैग बाद में लगा लेंगे|अब कुणाल अंकल ने मुझे बांहों में लेकर ऊपर ले लिया|मेरी गांड के छेद पर थोड़ा तेल लगाया|मैंने भी तेल लेकर उनके लंड पर मसल दिया|
आज बिना कंडोम के ही उनका लंड मेरी गांड में जा रहा था|धीरे से मैं उनके लंड पर बैठ गई और पक्क की आवाज के साथ अंकल का पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया|मैं भी आह करके अपने होश खो चुकी थी|
रंडीखाने में मिले छक्के की गांड मारी – Gay Sex Story
उन्होंने मेरी कमर पकड़ी और जोर जोर से धक्के देने लगे| मैं भी जोर जोर से चिल्ला रही थी|उन्होंने आवाज सुनकर अपने धक्के धीमे कर दिए|अब मेरी कामुक सिसकारियां भी धीमी हो गईं|मैं हल्के हल्के शोर के साथ सिसक रही थी|
कुछ देर की सिसकारियों के बाद एक तेज धार मेरी गांड में छूट गई|मैं उफ्फ की आवाज के साथ मदहोश हो गई और लेट गई|जब आंख खुली तो कुणाल अंकल ने मुझसे कहा कि पहले दिन से तेरी खुल कर बजाना चाहता था और आज बजा दी|
मैंने हल्की स्माइल दी|उन्होंने कहा- चल अब घोड़ी बन जा| फिर से लेते हैं|वे दारू के पैग बनाने लगे|हम दोनों ने दो दो पैग लगाए और मैं अपने सनम को सुख देने के लिए घोड़ी बनने लगी|मैंने उनका थोड़ा लंड सहलाया और घोड़ी बन गई|
उन्होंने मुझे घोड़ी बना कर भी खूब पेला|अगली सुबह मैं अपना सारा सामान लेकर कुणाल अंकल के कमरे में ही शिफ्ट हो गई|अब मैं हर रात कुणाल अंकल की रात की रानी बन कर चुदती रहती हूँ|
फरवरी में कुणाल अंकल वापस हैदराबाद चले जाएंगे, तब तक मैं हर रात का लुत्फ पूरे जोश से उठा लेना चाहती हूँ|यंग बॉय गे फक कहानी पर अपने विचार प्रकट कीजिएगा|