सास की प्यासी चुत ठरकी दामाद ने जम के मारी – sasu maa ki chudai
sasu maa ki chudai: मेरे प्यारे मित्रो, मैं अपनी हिंदी पोर्न स्टोरी आपके लिए लाया हूँ| यह मेरी पहली और सच्ची घटना है| यह बात अभी 15 दिन पहले की है|पहले मैं इस कहानी के सभी पात्रों से आपका परिचय करा देता हूँ|
मेरा नाम सुमित है, मैं दिल्ली गुडगाँव से हूँ| मेरी उम्र 27 साल की है| मैं प्राईवेट सेक्टर में जॉब करता हूँ| मेरी पत्नी काजल की उम्र 25 साल है और वो हाउसवाईफ है| मेरी शादी को 3 साल हो गए हैं|
मेरी ससुराल में मेरी सास डिंपल, जिनकी उम्र 38 साल है| ससुर जी जिनकी उम्र 50 साल है| एक साला, जिसकी उम्र 17 साल है … और मेरी इकलौती साली कविता , जो 15 साल की माल है|
मेरे घर में मैं और मेरी पत्नी शहर में रहते हैं और मेरे मम्मी पापा गांव में रहते हैं|कहानी मेरी और मेरी प्यारी सास की है| मेरी सास 36,32,38 की फिगर वाले भरे हुए बदन की मालकिन हैं| पिछले चार वर्षों से उनकी चुत में कोई लंड नहीं गया|
क्योंकि मेरे ससुर को कैंसर था| उनका ऑपरेशन किया हुआ है| अब उनकी तबीयत तो ठीक है, लेकिन वे चुदाई नहीं कर पाते हैं|मेरी सास बहुत सुंदर दिखती हैं| जो उनको एक बार देखता है, तो देखता ही रह जाता है|
इस उम्र में भी वो जवान लड़कियों को पीछे छोड़ दें, ऐसी दिखती हैं| उनका भरा,भरा जिस्म किसी भी मर्द की नियत को खराब कर सकता है| फिर मैं तो उनका अपना हूं|मेरी शादी हुई, मैं तभी से उनको भोगना चाहता था|
लेकिन उनके डर से मैं कुछ कर नहीं पाया|शादी के कुछ समय बाद मेरी बीवी प्रेग्नेंट हो गई| हमारे यहां सात महीने पूरे होने पर श्रीमंत की एक रस्म होती हैं| उस रस्म के बाद पत्नी को उसके मायके भेजा जाता है| तो मेरी बीवी को भी मायके भेजा गया|
जब किसी शादीशुदा मर्द को 7 महीनों से चुदाई करने ना मिली हो, तो वो कितना तड़पता होगा … ये बात इस वक्त मुझसे बेहतर कोई नहीं समझता होगा|मेरी बीवी प्रेग्नेन्ट हुई, फिर भी मेरा पूरा ख्याल रखती है| हालांकि वो चुदाई नहीं करवाती|
लेकिन मेरा लौड़ा मुँह में ले कर इतना अच्छे से लॉलीपॉप की तरह चूसती है कि चुदाई जैसा आनन्द आ जाता है| परन्तु एक मर्द को तो चुत चुदाई से ही संतोष हो पाता है, ये आप लोग जानते ही हैं|
फिर एक दिन जो हुआ वो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था|मेरी बीवी को सातवां महीना लगा था| डॉक्टर ने सेक्स करने को मना किया हुआ था| जिधर हम दोनों रोज़ चुत चुदाई यानि सेक्स का आनन्द लेते थे|
वहां चुदाई पर प्रतिबन्ध लग जाए, तो क्या होगा| मेरी बीवी बहुत ज्यादा कामुक है … और मैं भी|मैं अपनी बीवी से अक्सर उसकी मां के बारे में सामन्य बात करता रहता हूँ| इससे मुझे पता चला कि मेरी सास अब ब्रा,पेन्टी नहीं पहनती हैं|
मेरी बीवी ने ये भी बताया कि उसकी मां की टांगों पर शुरू से ही एक भी बाल नहीं है| जांघों पर भी नहीं हैं| ये सब बातें सुनके मेरा लौड़ा तो पेन्ट में ही कूदता रहता था|अब बीवी उसके मायके जा चुकी थी|
तो मैं हर रविवार को उसे मिलने और हाल,चाल पूछने चला जाता था|मैं जब भी ससुराल जाता था, तो मेरी बीवी को चुदाई करने को कहता हूँ … लेकिन वो हमेशा की तरह मनाकर देती हैं| मैं उसे मुँह में लेने को कहता हूँ, तो थोड़ी ना,नुकर के ले लेती है|
लेकिन जब एक बार लंड चूसना शुरू करती है, तो ऐसे चूसती है जैसे कोई आइसक्रीम खा रही हो| वो जबरदस्त लंड चुसाई करके मेरा रस निकाल देती है|एक बार ऐसा हुआ कि जब मैं मेरी बीवी को सेक्स के लिए मना रहा था|
तब मेरी सास हमारी बातें सुन रही थीं| ये बात उन्होंने मुझे बाद में बताई थी|तब से वो मेरे से बहुत ही कामुकता से पेश आ रही थीं| ये जान कर मुझे लगा कि मेरी सास को ये क्या हो गया है| ये मेरे साथ ऐसा बर्ताव क्यों कर रही हैं|
फिर बाद में मैंने सोचा कि चलो मेरे लिए तो अच्छा ही है|उसके बाद जब भी मैं ससुराल जाता, तब मेरी सास मुझसे किसी न किसी तरह उकसाए रहती थीं| ऐसा मुझे लगता था| हकीकत मुझे मालूम नहीं थी कि वो मेरे बारे में क्या सोचती हैं|
खैर समय बीतता गया| मुझसे अब चुत चुदाई के बिना रहा नहीं जा रहा था|अगले हफ्ते जब मैं ससुराल गया, तब मैं फिर से मेरी बीवी को चुदाई के लिए मना रहा था| उसने पहले की तरह मुझे मना कर दिया|
थोड़ा जोर देने पर वो बोली कि रात को सब सो जाएं, तब तुम मेरे पास आ जाना, मैं आपका लंड चूस कर आपको शान्त कर दूंगी|मैंने सोचा चलो रात को लंड चुसाई के बाद चुदाई भी कर लूंगा| हालांकि मुझे भी मालूम था कि चुदाई नहीं होने वाली थी|
मैंने हां कह दिया|फिर मेरी सास मुझे चाय देने आईं, उन्होंने मुझे ऐसे झुक कर चाय दी कि उनका पल्लू गिर गया, मुझे तो मानो जन्नत मिल गयी हो| उन्होंने भी पल्लू उठाने की कोई जल्दबाजी नहीं की, बल्कि वो तो मेरी ओर देखे जा रही थीं |
कि मैं क्या करता हूँ| उन्होंने मुझे अपनी मदमस्त चुचियां घूरते हुए देख लिया| फिर भी वो गुस्सा होने के बजाए मुस्कुरा कर चली गईं| मैं उनकी ठुमकती गांड को देखता रहा|मैं रात होने का इंतजार करता रहा| शाम को सब खाना खा कर टीवी देखने लगे|
मैं अपनी बीवी को आंखों के इशारों से कह रहा था कि आज रात में हम बहुत मस्ती करेंगे| तो वो मुस्कुरा कर ना बोली| मैं थोड़ा गुस्सा हो गया|ये सब हरकतें मेरी सास देख रही थीं और मुस्कुरा रही थीं|
करीब 11 बजे सब सोने की तैयारी करने लगे, तो मैं बहुत खुश हो गया| आखिर होता भी क्यों नहीं, बीवी का साथ मिलने वाला था|एक बेडरूम में मेरी सास, बीवी और साली सोते थे और दूसरे में मेरे सोने का इंतजाम किया गया था|
मेरे ससुर की बीमारी के चलते वो और मेरा साला हॉल में सोते थे|मेरी बीवी और साली डबलबेड में … और मेरी सास साईड में बेड लगा कर सोती थीं|करीब एक घंटे बाद सबके सो जाने के बाद मैं अपनी बीवी के पास सोने चला गया|
उसको छूते ही उसने मुझे मना कर दिया और धीरे से बोली कि कविता (मेरी साली) बगल में सो रही है|मुझे उस वक्त बहुत ही गुस्सा आया और हमारी नोक झौंक हो गयी| ये सब बातें मेरी सास चुपके से देख रही थी|
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ये बात भी उन्होंने मुझे बाद में बताई थी|मैं बहुत मायूस हो गया| मैंने सोचा कि ये तो खड़े लंड पे धोखा हो गया| लेकिन मुझे तो चुत हर हाल में चाहिए थी, तो मुझे सास की दोपहर वाली हरकत याद आ गई|
मैंने सोचा कि क्यों ना सास को एक बार आजमाया जाये|ये सोच कर मैं बगल में लेटी मेरी सास को दूर से ही छूने की कोशिश करने लगा| उनकी तरफ से कोई हलचल ना होने, पर मेरी हिम्मत और बढ़ गयी|
फिर मैं अपना हाथ धीरे से उनके चुचियों पर ले गया, तो मैंने पाया कि उनके ब्लाउज के एक के अलावा सारे बटन खुले थे| मैं ये देख कर भौंचक्का रह गया|मैंने पहले ही बताया था कि वो अन्दर ब्रा नहीं पहनती थीं|
तो मेरा हाथ सीधा उनके बाएं चुचे को छू गया| मुझे तो मानो मजा ही आ गया| हालांकि साथ में मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं वो मुझे डांट ना दें| जब उनकी तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं हुई|
तो मुझे विश्वास हो गया कि मेरी सास भी मजे ले रही हैं|सास मजे लें भी क्यों नहीं … कई साल से उनकी चुत में मेरे ससुर का लंड नहीं गया था| उनके अन्दर भी वर्षों की कामवासना जगी होना लाजमी था|
फिर मैंने बिना डरे उनके ब्लाउज का बचा हुआ एक बटन भी खोल दिया और दोनों चूचों को बारी बारी से सहलाने लगा| इससे मेरी पेन्ट में मेरा लंड तंबू बन गया|अब मैं धीरे धीरे अपना हाथ सास की चुची से नीचे ले जाता गया|
आखिर में मेरा पेटीकोट के नाड़े से टकरा गया| मुझे मानो यकीन ही नहीं हुआ कि उनके पेटीकोट का नाड़ा भी खुला हुआ था|अब तो मुझे पक्का यकीन हो गया कि ये भी मेरी तरह चुदाई की प्यासी हैं|
फिर आगे बढ़ते हुए मैंने हाथ नीचे चुत की ओर बढ़ा दिया, तो मेरी सास ने तुरंत ही मेरा हाथ पकड़ लिया| मेरी तो सिट्टी,पिट्टी गुम हो गई| मुझे काटो तो खून ना निकले, ऐसा हो गया|लेकिन उनके मुख से जो निकला, वो सुनकर तो मानो यकीन ही नहीं हुआ|
उन्होंने कहा, रुको दामाद जी … मेरी बेटी बगल में सो रही है|मैं मौके की नजाकत को समझते हुए तुरंत ही बोला, चलो … मेरे बेडरूम में चलते हैं|वो तुरंत ही मान गईं|मेरी तो मानो लॉटरी लग गई| मैं बहुत ही खुश हो गया|
फिर मैं उनको मेरे रूम में ले गया और तुरंत दरवाजा बंद कर दिया| दरवाजा बंद करते ही मैंने सासू माँ पर चुम्बनों की बारिश ही कर दी|वो बोलीं, दामाद जी, धीरे धीरे करो … अब तो मैं तुम्हारी ही हूं|फिर मैंने सासू माँ को बेड पे लेटा दिया |
नीचे हाथ ले गया, तो मेरा हाथ उनकी चूत से निकले पानी से गीला हो गया| मैं समझ गया कि सासू माँ तो पहले से ही गर्म हो चुकी हैं|वो बोलीं, मैं कब से चुदाई के लिए तैयार थी, लेकिन रिश्तों के लिहाज से चुप बैठी थी|
पर आज आपने मेरे अन्दर की आग को जगा दिया बेटे, अब देर ना करो और मेरी बरसों की इस आग को अपने लौड़े से शान्त कर दो|मैं तो उनकी इस तरह की बोली से चकित रह गया|
समय बरबाद ना करते मैंने उनके बाकी बचे कपड़े निकाल दिए और उनको नंगी कर दिया|उनके बारे मैंने आपको पहले ही बता दिया था कि वो तो मानो कामवासना की देवी थीं| उनके साथ मैंने चुत चुदाई करने का मन बना लिया था|
मैंने एक हाथ उनकी चुत पे और दूसरा हाथ उनकी चुचियों पे रख दिया और उनके मोटे मोटे मम्मे दबाने लगा| मेरी सास ने आंखें बंद कर लीं और मज़ा लेने लगीं|उफ़्फ़ … क्या बला की खूबसूरत लग रही थीं वो नंगे बदन|
मैं भी पूरा नंगा हो गया और उनके ऊपर चढ़ गया| मैंने उनके होंठ चूसने शुरू कर दिए और अपना लंड उनकी चुत के ऊपर घिसने लगा| मेरी सास भी मेरा साथ देने लगीं| उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया, जगह जगह किस करने लगीं|
अब मैं उनके मम्मे चूसने लगा, उनके मुँह से सीत्कारें निकल रही थीं| उसके बाद मैं उनके पेट से होता हुआ उनकी चुत के पास आ गया और उनके जिस्म को चाटने लगा|मेरी सास मेरा सर अपनी चुत के ऊपर ले गईं और दबाने लगीं|
मैं समझ गया कि क्या करना है, मैंने उनकी चुत के ऊपर दाने को चाटना शुरू कर दिया|अब तो मेरी सास की हालत बहुत खराब हो गई, वो ज़ोर ज़ोर से ‘आह आह आह ऊह ऊई …’ करने लगीं| मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी|
एक दो उंगली भी उनकी चुत के अन्दर बाहर करने लगा| उनको बहुत मज़ा आ रहा था|अब उन्होंने मुझे अपने नीचे लिटा दिया, मेरे ऊपर चढ़ गईं और मुझे मज़ा देने लगीं| मेरे सारे जिस्म को चूसते चाटते हुए मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं|
वो लंड चूसने में इतनी माहिर थीं कि उनका एक भी दांत मेरे लंड को नहीं चुभा|उन्होंने मेरा लंड चूस चूस के मुझे पागल कर दिया| मेरा वीर्य छूटने वाला था| मैंने उनको हटाया, पर वो ज़ोर ज़ोर से लंड चूस रही थीं, तो मेरा पानी छूट गया |
उनके मुँह में वीर्य चला गया|वो तो इस तरह से माल खाने लगीं, मानो एक भी बूंद छोड़ने वाली नहीं थीं| सासू माँ मेरा सारा माल पूरा पी गईं|उन्होंने अपने होंठों पर जीभ फिराते हुए कहा, बहुत ज्यादा लिसलिसा और नमकीन माल था … मजा आ गया बेटे|
अब मैंने कहा, अब असली काम करते हैं सासू माँ|तो वो बोलीं, आप मेरे ऊपर आ जाओ, मैं नीचे से चुदूँगी|अब मैं उनके ऊपर चढ़ गया और फिर उनको गर्म करने लगा| जल्दी ही वो फिर से आग की तरह गर्म हो गईं|
मैंने भी देर न करते हुए अपना 6 इंच का लंड उनकी चुत के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया| मैं तब तक लंड रगड़ता रहा … जब तक उन्होंने खुद नहीं कहा कि जल्दी से मेरी चुत के अन्दर डाल दो|
मैंने जैसे ही दबाव बढ़ाया, तो सासू माँ बोली, दामाद जी, धीरे से डालना कई सालों से चुत में लंड नहीं गया, तो दर्द होगा| मैंने सिर्फ़ अन्तर्वासना पर हिंदी पोर्न स्टोरी पढ़ पढ़ कर चूत में उंगली की है|
फिर मैं बोला, फिक्र ना करो सासू माँ, इतना मस्त चोदूंगा कि आपको मजे ही मजे आएंगे|इस पर वो सिर्फ इतना बोलीं, आह … मेरे प्यारे दामाद जी||मैंने लंड को धीरे धीरे से चुत में पेला| कुछ तो चुदास थी कुछ चुदास के चलते चूत चिकनी हुई पड़ी थी|
मेरा लंड कब सासू माँ की चूत में घुस गया, उनको बता ही नहीं चला| पर जब जाकर उनकी बच्चेदानी से टकराया, तो सासू माँ की आह निकल गई| मैं रुक गया और उनके मम्मों को चूसने लगा|
सासू माँ मेरे सर पर हाथ फेरते हुए मुझे अपना दूध पिलाती रहीं|मैंने कुछ देर बाद लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया| सासू माँ भी गांड उठाते हुए चुदाई का मजा लेने लगीं| मैं उनको लगातार करीब 20 मिनट तक चोदता रहा|
वो भी मज़े से चुद रही थीं|चुदाई के दौरान उनका रस दो बार निकल चुका था| फिर मेरा भी निकलने को हुआ| मैंने उनकी चुत में ही रस छोड़ दिया|जब हम चुदाई करके अलग हुए तो मैंने कहा, वाह, आज तो मजा आ गया|
वो बोलीं, दामाद जी, आज आपने मेरी बरसों की आग को शान्त किया है| अब तो इस सुलगती चुत की आग को आपको ही बुझाना पड़ेगा|मैं बोला, क्यों नहीं सासू माँ, अब तो मेरी दो दो बीवियां हैं|
आपकी चुत की आग को अलग अलग तरीकों से शान्त करूंगा|सासू माँ ने मुझे चूम लिया|मैं बोला कि सासू माँ ये 7 महीने मैंने चुत के बिना कैसे बिताये, ये मैं बयान नहीं कर सकता|
उन्होंने कहा, बेटा, मैं तो पिछले चार सालों से प्यासी थी … मैं भी कामुक औरत हूँ| पर क्या करती लोकलाज की वजह बाहर मुँह नहीं मार सकती थी|मैंने उनको चूम लिया|सासू माँ, अब आप हर रविवार को आकर मेरी चुत चोद कर ठंडी कर देना|
एक बार की चुदाई में सासू माँ ने कहा, आप जब तक चाहो, मेरे साथ मज़ा कर सकते हो, लेकिन मेरी बेटी को पता नहीं चलना चाहिए|मैं मान गया|इसके बाद हम दोनों हर संडे के दिन चुदाई करते हैं … और खूब मज़े करते हैं|
एक संडे को हम सास दामाद चुदाई कर रहे थे कि मेरी साली कविता ने हमें चुदाई करते देख लिया|तो मेरे प्यारे दोस्तो, और भाभियों मेरी ये सच्ची हिंदी पोर्न स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल जरूर करना|