चुदासी सास और दामाद की चुदाई की कहानी – Saas Ki Chudai
Saas Ki Chudai : हेलो दोस्तों, मैं सीखा साहू आप सभी का स्वागत करती हूँ| मैं आपको अपनी सेक्सी चुदाई कहानी सुनाने के लिए मरी जा रही हूँ| मेरे दिल में कुछ गहरे राज दफ़न है, जो मैं आपको सुनाना चाहती हूँ|
मैं इस राज को लेकर नहीं मारना चाहती हूँ| antarvasnastory.net.in पर ये मेरी पहली कहानी है| मेरी अनेक सहेलिया भी इस साईट की दीवानी है और अपनी कहानियां प्रस्तुत कर चुकी है|
तो अब आपको अपनी कहानी सुनाती हूँ| मेरी शादी 20 साल की उम्र में हो गयी थी| तब मैं बिलकुल फ्रेश माल थी| मेरे पति सोनू ने मुझको चोद चोदके ३ साल में ३ लडकियां पैदा कर दी|
मैं कभी ३ लडकियां नहीं पैदा करना चाहती थी, पर एक के बाद एक लड़की पैदा होती चली गयी| और लडके की चाहत में हम एक के बाद एक बच्चा पैदा करते चले गये| जब मेरी ३ लडकियां हो गयी तो मेरे पति आये दिन शराब पीने लगे|
मुझसे हर रोज झगडा करने लगे| आप लोग तो जानते ही होंगे की लड़कों की कितनी वैलू होती है| दोस्तों, अब मैं भी टेंशन में आ गयी| इतने में मेरी बड़ी लड़की जवान हो गयी और मुझ्को उसकी शादी करनी पढ़ गयी|
चुदक्कड़ सास की चुत का दीवाना बना – Sasu Maa Ki Chudai
मेरा दमाद अनिल बड़ा ही स्मार्ट था और बहुत ही समजदार लड़का था| जब मेरी बेटी के साथ एक दिन वो मेरे घर आया तो मैंने अपना दुःख दामादजी के सामने रखा|दामादजी, तुम्हारे ससुर तो मुझको आज भी हर रात कोसते रहते है| बार बार कहते है
की तुमने मुझको दिया ही क्या?? अब तो वो पीने भी बहुत लगे है! मैंने आने दामाद से सारा दुखडा रो दिया| उन्होंने मेरे कंधे पर हाथ रख दिया| आप रोये नही मम्मीजी! मुझसे जितना हो सकेगा मैं आपके लिए करूँगा! दामाद जी बोले|
मैं भावुक हो गयी| मैंने दामाद जी को सीने से लगा लिया| वो पहला दिन था जब मैं अपने ही दामाद पर आसक्त हो गयी थी| मेरा पति तो अब मुझको चोदता ही नही था| अब वो हर रात शराब के नशे में धुत्त रहता था|
उस रात दामादजी मेरे सपने में आये| मैंने उनको ही कल्पना में लेकर उस दिन चूत में ऊँगली डालके मुठ मार ली| दोस्तों कुछ दिनों बाद मैं अपने लडके को लेकर अपनी बेटी के यहाँ रक्षाबंधन पर गयी|
वहां मैं और दमाद जी उपर छत पर चले गए| मैं एक बार फिर से लड़का न होने का दुखडा रोने लगी| अनिल मेरे दामाद ने मुझको फिर से गले लगा लिया| मम्मीजी !! आप रोए मत! मैं सब कुछ देख सकता हूँ! पर आपका रोना नहीं देख सगता! अनिल बोले
मैंने उनको और कसके खुद से सीने से लगा लिया| वो मुझको मेरी पीठ पर थपकी दे देके चुप करने लगे| मैं अभी 36 की थी पर मैं भी आखिर औरत थी| मेरा भी चुदने का मन होता था| मेरा मर्द तो अब मुझको पेलता ही नहीं था|
मैंने उस वक्त पीठ पर खुला वाला ब्लौसे पहन रखा था| मैं आज भी ३६ साल की अच्छी लगती थी| इतनी सुन्दर थी की किसी तो लाइन एक बार दे दूँ तो मुझको वो चोद के रहे| मैं आज भी देखने के अच्छी मॉल थी|
जब मेरे दामाद (अनिल ) ने मेरी खुली पीठ पर हाथ रखा और मुझे चुप करने लगे तो अचानक से मेरी चुदास जाग गयी| मैंने अनिल को सिर उठाकर अर्थपूर्ण कामुक द्रिस्ती से देखा|
अनिल भी मुझको अर्थपूर्ण नजरों से देखने लगे जैसे कह रहें हो सासु जी ! लडके के लिए इतना मत परेशान होइए| मैं आपको चोद चोद के एक लड़का जरुर दे दूँगा| मैं अनिल को कुछ देर तक एक टक देखती रही तो वो भी मुझको बिना पलक झपकाए घूरते रहे| मैंने धीरे से उनको कमरे की ओर इशारा कर दिया|
अनिल समज गये की आज सासु माँ चुदने के मूड में है| वो भी मुझको चोदना चाहते थे| मेरी बड़ी लड़की [माला] को चोद चोद के अनिल थोडा बोर हो गये थे| अब वो भी सायद एक नयी चूत की तलाश कर रहें थे|
अनिल और मैं उपर बने एक कमरे में आ गए| इस सर्दियों में लोग इस कमरे में धुप के कारण आ जाते थे| ये वही कमरा था| अंदर आते ही अनिल ने मुझको सीने से लगा लिया|
मम्मी जी !! आज एक बात कहू!! नाराज तो नहीं होगी?? अनिल बोले नही बेटे! मैंने कहा मम्मीजी जब मेरी आपकी बेटी से शादी हो रही थी , जी कर रहा था आपके गले में वरमाला डाल दूँ| आपकी लड़की भी आपके सामने कुछ नहीं! मेरे दामाद बोले
थैंक यू बेटे!! मैंने कहा मम्मीजी!! आजके दिन के लिए आप मेरी जोरू बन जाओ!! दामाद ने पेशकश की| मैं तो खुद ही अपनी तरह से उनसे चुदने को तैयार थी| कहाँ मेरे पति ने मुझको १ साल ने नही चोदा था|
दामाद जी ! मैं भी आपको पसंद करती हूँ! मुझको मंजूर है! मैंने भी कह दिया| बस फिर क्या था दोस्तों, दामादजी ने मुझको अपने सीने से लगा लिया| मेरे मम्मो पर उन्होंने अपने हाथ रख दिए|
मैंने लब उन्होंने अपनी बीवी की तरह समज के चूम लिए| आह कितना सुखद मिलन था ये| आज मैं अपने जवान दामाद जी का लंड खाने वाली थी| मैंने भी उनको कन्धों से पकड़ लिया| अनिल मेरे होंठ पीने लगा|
मैं तो धन्य हो गयी दोस्तों| पता नही कितनी बार मैंने उनको याद करके मुठ मारी होगी| आज सच में उनका लंड खाने वाली थी| दामाद जी के हाथ मेरे बूब्स पर सरकने लगे| मेरे तन बदन में काम की ज्वाला भड़क गयी|
सासू माँ ! आज चूत दे दो!! मना मत करना अनिल मेरे दामाद जी बोले| चोद ले मुझको बेटा!! मैं तो कबसे तेरा वेट कर रही हूँ! मैंने कहा|वही पास में एक बेड बड़ा था| दामाद जी मुझको उस पर ले आये|
मेरा ब्लोउज उतार दिया| मेरी ब्रा की उतार दी| मेरे नंगी छातियों को वो मुह से लगाकर पीने लगा| कहाँ मैं ३६ साल की औरत थी और कहाँ मेरे दामाद २४ २५ साल के थे| दोस्तों आज भी मेरा फिगर मेन्टेन था|
मेरी चुचियाँ भी कसी थी| पेट भी मेरा सपाट था जबकि मेरी उम्र की सारी औरतों का पेट निकल आता है| दामाद जी तो मेरे चूचियों को आम की तरह चूस रहे थे | आह !! बड़ी तृप्ति मिली| एक साल से मैं कितनी प्यासी थी|
इंडिया में औरत को रोटी , कपड़ा सब देते है पर कोई ये नहीं पूछता की तुमको लंड वण्ड समय पर मिलता है की नहीं| पिछले एक साल से मेरे शराब में टल्ली आदमी ने मेरी जिस्म की भूख की कोई खोज खबर नहीं ली|
उसको तो बस शराब से मतलब था| औरत को कोई चोदता है या नही उसको कोई मतलब नहीं था| आज दामाद जी से मेरी काम की प्यास को समझा| दामाद जी अपने हाथों से मेरे गोल मटोल गेंद जैसे दूध को छूते मसलते रहे |
वासना भरी सासू मां की प्रचंड चुदाई – Sasu Maa Ki Chudai
मेरी चुचियों को वो पीने लगे| मैं मस्ती में डूब गयी| उन्होंने मेरी साडी निकाल कर मेरा पेटीकोट भी उतर दिया| दोस्तों, जबसे मेरी ३ लडकियां एक के बाद एक हो गयी की मैंने पनटी पहनना बंद बार दी| मेरी चूत के दर्शन करके तो दामाद जी खुसी में डूब गये|
सासू माँ!! आपकी चूत कितनी खुब्सूरत है!! अनिल [मेरे दामाद जी] मेरी चिड़िया को देखकर बोले| मैं आज भी अपनी खूबसरत चूत पर गर्व करने लगी| दामादजी मेरी चूत पीने लगे| मैंने अपनी टांगे और फैला दी|
अब मेरी चूत और चौड़ी हो गयी| अनिल मेरी बुर पीने लगे| दोस्तों, जहाँ मैं बिलकुल दूध सी गोरी थी वही मेरी बुर, मेरी चिडिया थोड़ी सावली थी| पर ये सावलापन ही तो भारतीय औरतों की चूत की शान होती है|
मेरे दामाद जी लगातार मेरी चूत पीते जा रहे थे| उनके स्पर्श ने मेरी चुचियाँ अब और फूल गयी थी| मैं अपनी चुचियों को खुद सहलाने लगी| दामादजी ने अपना बड़ा सा लंड मेरी बुर में जब डाला तो एक बार में अंदर नहीं गया|
क्यूंकि मेरे पति ने मुझको एक साल से नहीं पेला था| इसलिए दामादजी को बड़ा संगर्ष करने लगा| फिर उन्होंने अपनी जवानी का पॉवर लगा दिया, एक ढाका जोर से मारा और उनका मजबूत लम्बा लंड मेरी बुर की गहराई नापने लगा|
मेरा दामाद जी मुझको लेने लगे, मुझको प्यार मुहब्बत से चोदने लगे| मैं कितनी किस्मत वाली छिनार हूँ| जो दामाद मेरी लौंडिया को हर रात कुत्ते की तरह चोदता था, आज मैं वही जावान लंड खा रही थी|
उसका भोग लगा रही थी| अपने पति से मुझको हमेशा यही सिकायत रही थी की वो मुझको हमेशा बड़ी धीरे धीरे पेलता था, पर दोस्तों आज तो मेरे भाग खुल गाये थे| मेरा दामाद मुझको हचाह्च करके चोद रहा था|
मैंने अपनी दोनों टांगे ऊपर उठा ली थी| अनिल {दामाद ] मुझको बड़ी जल्दी जल्दी चोद रहे थे| मैं पूरी तरह से उसके कब्जे में थी| वो मुझ पर पूरी सवारी कर रहें थे| उनके जल्दी जल्दी फटके मारने से मेरी चूत बड़ी अच्छी तरह से चुद रही थी|
आज कितने दिनों बाद मेरे बदन की गर्मी शांत हुई थी| आज ३६५ दिनों के बाद मेरी चूत की गर्मी शांत हो रही थी| दोस्तों, मैं कबसे प्यासी थी| अनिल ने मुझको २० मिनट तो बड़ी जल्दी जल्दी चोदा किसी मचिन की तरह| मैं खुश हो गयी|
फिर अचानक से उनका लंड बाहर निकल आया| मैंने जल्दी से उनका लंड फिर से अपनी चूत में डाल दिया| अगर इस वक्त मेरी बेटी आ जाती और मुझको दामाद जी से चुदते देख लेती तो मरे जलन से वो मर जाती|
कोई भी औरत सब कुछ बाट सकती है , पर कही अपने हिस्सा का लंड नही बाट सकती| फिर चाहे उनकी माँ को ही वो लंड खाना हो| जब मैं दामाद जी का लंड फिर से अपनी बुर में डाल दिया
तो अनिल ने मेरी कमर कसके पकड़ ली और मुझको जोर जोर से चोदने लगे| आ आहा हा !! मैं मनमोहक मादक सिस्कारियां लेने लगी| दामाद जी के धक्कों से मेरी चुचियाँ दाए बाए भागने लगी तो दामाद जी ने मेरे दोनों मम्मो को कसके पकड़ लिया और मुझको चोदने लगे|
ओह्ह मम्मी जी !! मुझको पता होता की तुम इतना मस्त माल हो तो मैं तुमको पहले ही लाइन देता| मैं तुमको पहले ही चोद लेता!! मेरे दामाद जी बोले| कुछ देर बाद वो मेरी बुर में ही स्खलित हो गये|
अपने सैयां की तरह मैंने उनको कलेजे से लगा लिया|सासू माँ!! अब मैं तुमसे मिलने हर महीने की आखरी तारिक को आऊंगा और तुम्हारी चूत मारूंगा!! बोलो सहमत हो?? दामाद जी[अनिल ] ने कहा
वो तो ठीक है बेटा! पर कहीं जमाने को खबर ना हो जाए? कहीं लोगों को पता न चल जाए?? मैंने कहादुनिया,जमाना मेरे लौडे से!! अब मुझको तो तुम्हारी चूत चाहिए तो बस चाहिए!! दामाद जी बोले
ठीक है बेटा!! मैंने भी कह दिया| क्यूंकि कहीं न कहीं मैं भी उसने चुदवाना चाहती थी| कबतक मैं बिना लंड के काम चलाती| कुछ देर बाद अनिल और मैं ६९ में आ गए| मैं उनका लंड चूसने लगी और वो फिर से मेरी फूली फूली गुजिया पीने लगे|
मेरी चूत में ऊँगली भी करने लगे| दामाद जी, मेरी चीकनी नंगी पीठ सहला भी रहें थे, और वहीँ कुछ कुछ अंतराल में मेरी बड़े बड़े गोल गोल लहराते चूतडों पर चपट भी लगा रहें थे|
मैं अपने सैया जी [दामाद जी] के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी| वो प्यार भरे लहजे में चट चट करके मेरे गोल चूतडों पर चपट लगा रहें थे| मुझसे खुसी थी की आज कोई मुझको १ साल बाद इतना प्यार तो कर रहा है| मेरा इतना ख्याल तो कर रहा है| मैं उपेक्षित तो नही हूँ|
सासू माँ !! गाड़ दोगी!! दामाद जी संकोच करते हुए बोले| वो बड़े संकोची थे|
हाँ हाँ बेटा!! गाड़ भी ले लो| इसमें संकोच कैसा!! मेरे पास जो है वो तुम्हारा ही तो है! सास के लिए दामाद हमेशा पूजनीय होता है|
ले लो, मेरी गाड़ भी ले लू!! मैंने कहा| मैं पेट के बल अब पलट गयी| और २ हाथ और २ पैरों पर कुतिया बन गयी| मेरी कुंवारी गांड देख कर दामाद जी के मुह में पानी आ गया| मेरी गांड पीने लगे| ओह्ह !
आज मुझको कितना सुकून मिला| अब एक बार फिर दामाद जी[ अनिल ] का लंड फिर से खड़ा हो गया था| मेरी गांड में जब वो लंड पेलने लगे तो जाए ही न| दामाद जी ने मेरी गाड़ में थोडा थूक ममला और फिर से लंड पेलने लगा|
१० मिनट बाद मैं उनसे गाड़ मरवाने लगी| जहाँ दोस्तों थोडा दर्द हो रहा था वही नशिला चुदाई का मजा भी मिल रहा था| अनिल मजे से मेरी गांड चोद रहें थे| मेरे दोनों चूतडों को उन्होंने हाथ से फैला दिया था |
दोस्त की चुदक्कड़ सास की मज़ेदार चुदाई – antarvasna story
मस्ती से मेरी गांड चोद रहें थे| दोस्तों , मैं ये बात तो जरुर कहूँगी की जब आगे से दामाद मुझको चोद रहे तो तो इतनी कसावट नही मिल रही थी| पर पीछे से गांड चुदवाने में मुझको कहीं जादा मस्ती मिल रही थी|
अनिल चट चट मेरी चूतडों थप्पड़ लगा रहें थे| उस दिन २ घंटे तक हम सास दामाद उस कमरे में गुलछर्रे उड़ाते रहें| उसके बाद मैं अपने दामाद से पूरी तरह फस गयी| वो कोई न कोई बहाने से मेरे घर आने लगे और मुझको जी भरके पेलने लगे|
१ साल बाद मेरे पति को ये बात पता चल गयी| तब मेरे दामाद ने मेरे पति यानि अपनी ससुर को खूब पीटा| उसके बाद मेरे पति से कुछ नही कहा| अब तो सब जान गये है की सीखा साहू अपने दामाद से फसी है|
कुछ दिनों बाद मैं पेट से हो गयी और मुझको एक खुबसूरत सा लड़का हुआ| मेरे पति अब खुश है की उनको अपना वारिस मिल गया| वो जानते है की ये लड़का उनके दामाद का ही है, पर वारिस पाकर वो खुश रहते है|
मेरा दामाद आज भी हर महीने आता है| हमदोनो ऊपर कमरे में चले जाते है| मेरे पति जान जाते है की कमरे में उनकी बीवी अपने दामाद से चुदवाने गयी है| पर अब वो कुछ नही कहते|
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