प्यार का इकरार कुंवारी बुर का शिकार- Bur Chudai
Bur Chudai : सभी दोस्तों को नमस्कार, मेरा नाम अवनी है मुझे घर पर सभी आणि नाम से ही बुलाते हैं|मैं उत्तरप्रदेश से हूँ| मेरे घर पर मैं, पापा और मम्मी हैं| पापा और मम्मी दोनों सरकारी नौकरी करते हैं|
दोस्तो, इस वेबसाइट की सेक्स कहानियां मैं बहुत दिन से पढ़ती आ रही हूँ पर आज पहली बार अपनी सेक्स कहानी लिख रही हूँ| मुझे अन्तर्वासना वेबसाइट के बारे में मेरी सहेली ने बताया था, तभी से मैं यहां पर कहानिया पढ़ती आई हूँ|
मैं स्कूल की पढ़ाई गांव से पूरी कर चुकी थी| मैं कॉलेज में पढ़ने के लिए शहर में आई थी| शहर आते वक्त मेरे साथ स्कूल की दोस्त छवि ही थी जिसने मेरे कॉलेज में दाखिला लिया था|
बाकी सभी सहेलियां शहर में तो थीं पर अलग कॉलेज और कोर्स में थीं| इधर कॉलेज के हॉस्टल में हम दोनों साथ में ही रहती थी| कॉलेज में हमारे नए दोस्त बन गए थे|
क्लास में मेरी बहुत लड़कों से अच्छी दोस्ती हो गई थी| मेरी क्लास में ही आकाश भी था| वह देखने में लंबा, तगड़ा और मिलनसार लड़का था| मेरी दोस्ती आकाश से थी| हम बहुत कम समय में एक दूसरे से बहुत अच्छे दोस्त बन गए थे|
आकाश और मैं फोन पर एक दूसरे को मैसेज भेज कर बातें करते थे| हमारे बीच कभी कभी नॉनवेज बातें भी हो जाती थीं| छवि भी इस बात को जानती थी| उसने तो 3 महीनों में ही अपना एक ब्वॉयफ्रेंड भी बना लिया था|
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इसी तरह से कॉलेज का एक सेमेस्टर निकल चुका था| हर लड़की चाहती है कि उसे हर लड़का देखे| मैं ज़्यादातर सलवार कमीज़ ही पहन कर कॉलेज जाया करती थी|
मैं जानबूझ कर थोड़ा गहरे गले वाला कुर्ता पहनती थी ताकि जरा सा ही झुकने पर मेरा क्लीवेज दिख जाए| आकाश देखने में अच्छा लड़का था| उसके पापा एक फैक्ट्री के मलिक थे|
उसकी एक छोटी बहन थी जो 12 वीं में थी| उसकी मम्मी भी पापा के बिज़नेस में हाथ बंटाती थीं| उसके पास पैसों की कोई कमी नहीं थी, यह बात हमें भी कुछ दिनों पहले ही पता चली थी जब हम सभी फ्रेंड्स आकाश के बर्थडे पर उसके घर गए थे|
आकाश के घर का वैभव देख कर साफ पता चलता था कि उसके पापा रईस आदमी हैं| पर आकाश ने कभी भी अपने धन का घमंड नहीं किया था| वह दिल का साफ और अच्छा इंसान था|
आकाश और मैं अक्सर क्लास बंक करके गार्डन में बातें करते रहते थे|धीरे धीरे हमारे बीच नजदीकियां बढ़ती गईं| वह मेरे करीब आने की कोशिश करता, मुझे छूने की कोशिश भी करता|
मैं भी उसे मना नहीं करती थी| उसने वैलेंटाइन पर मुझे प्रपोज किया|मैंने भी कुछ ज्यादा सोचा नहीं और हां कर दी| ऐसे ही समय गुजरता रहा|कभी कभी वो मुझे मौका पाकर छेड़ता, मेरी गांड को मसल दिया करता था|
उसका ये स्पर्श अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था| हम दोनों मौका मिलते ही एक दूसरे को किस भी कर लिया करते थे| वह मेरे मम्मे दबाने का मौका भी कभी नहीं छोड़ता था|
फिर धीरे धीरे अब बात किस से बढ़कर बूब्स दबाने और चूसने तक आ चुकी थी|मुझे कोई ऐतराज नहीं था| असल में मैंने ही फर्स्ट लव वर्जिन सेक्स का मजा ले लेना चाहती थी|
आकाश चाहता था कि मैं लंड चूसूं … पर मैंने मना कर दिया, मैंने उसका लंड कभी नहीं चूसा था| बस इसी तरह चल रहा था| आकाश सेक्स के लिए आतुर हुआ जा रहा था| पर मैं एक अनजाने डर की वजह से उसे मना करके टाल दिया करती थी|
कुछ दिन बाद आकाश ने कहा, आज रविवार है| पास में ही कहीं घूमने चलते हैं|मैं भी फटाफट तैयार हो गयी| वह मुझे लेने के लिए आया और हम दोनों बाइक पर घूमने के लिए निकल गए|
मैं छवि को बोल कर आई थी कि आकाश के साथ में बाहर घूमने जा रही हूँ|मैंने आकाश से पूछा, कहां चलना है? तो उसने बताया, शहर से पास में ही बहुत बड़ा तालाब है|
वहां चारों ओर जंगल हैं, घने पेड़ हैं, प्रकृति का नज़ारा है| मजा आएगा, वहीं चलते हैं| मैं राजी हो गई| वहां जाकर देखा तो कुछ ही लोग थे| उनमें भी ज़्यादातर कपल दिख रहे थे|
तालाब के दूसरी ओर पानी बह रहा था तो वहां कुछ लोग नहा भी रहे थे| हम भी वहीं चले गए| आकाश ने कहा, क्या विचार है? मैंने कहा, मैं नहीं आती| वह मुझे ज़बरदस्ती खींच कर पानी में ले गया|
हम दोनों पानी में मस्ती करने लगे| वह मुझ पर पानी उड़ाता और गीला करने की कोशिश करता| थोड़ी देर बाद हम दोनों थक कर वहीं पेड़ के नीचे बैठ गए और बातें करने लगे| भीड़ कम होती गयी|
आकाश ने कहा, आणि क्ति, चलो थोड़ा आगे आस,पास घूम कर आते हैं|मैंने कहा, यहां क्या ही घूमेंगे?पर वो नहीं माना और हम दोनों पैदल ही आगे बढ़ गए|वहां कोई नहीं दिख रहा था|
थोड़ा और आगे गए तो एक बड़ी चट्टान के पीछे झाड़ियों में पेड़ के नीचे हमने एक कपल को देखा|वो दोनों कपड़े पहन रहे थे| उन्होंने हमें नहीं देखा| फिर आकाश ने कहा, चलो आणि , उनके निकलते ही वहीं चलते हैं|
मैं समझ गयी थी कि वहां पर जाने के बाद क्या होना है| पर बिना कुछ कहे मैं भी चल दी| वहां जाने के बाद आकाश मेरे करीब आया और कहा, आणि यहां अच्छा मौका है|
मैंने कहा, यहां खुले में किसी ने देख लिया तो … नहीं बिल्कुल नहीं! उसने कहा, ठीक है, पर किस तो कर ही सकते हैं| इतने में उसने मेरे होंठों में अपने होंठों को डाल दिया|
उसके दोनों हाथ मेरे गर्दन को पकड़े थे और मेरे हाथ उसकी कमर को| उसने अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर तक डाल दी और मैंने भी| मैं अपने बारे में बता दूँ कि मेरी उम्र उस समय 19 साल से थोड़ी ज़्यादा ही थी|
मेरी हाइट 5 फुट 7 इंच की थी और 32,27,34 का मेरा फिगर था| मैं काले रंग का टॉप पहने थी| वह बटरफ्लाई आस्तीन वाला था और उसके साथ मैंने जींस पहनी थी| आकाश की हाइट 5 फुट 10 इंच की थी|
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वह जिम करता था तो बॉडी भी अच्छी थी| उसकी उम्र भी 20 के आस पास ही थी| उसकी छाती पर हल्के बाल थे पर वह छाती को क्लीन नहीं करता था| उसके लंड का साइज़ सच बोलूं तो 5|5 इंच का ही था|
बाकी सेक्स स्टोरी की तरह 8 या 10 इंच का नहीं था| वह मुझे चूमने लगा|करीब 5 मिनट के बाद उसने कहा, यहां जगह साफ़ है, आराम से बैठ जाओ|मैंने कहा, नहीं, कपड़े खराब हो गए तो प्राब्लम हो जाएगी|
हॉस्टल भी जाना है| उसने कहा, ठीक है| तब उसने मुझे किस किया और मेरे मम्मे दबाने लगा| फिर उसने कहा, अवनी आज तो लंड चूस लो प्लीज़| उसके बहुत कहने पर मैंने कहा, ठीक है
पर तुम मुँह में नहीं झड़ोगे! उसने कहा, ठीक है| उसने अपनी जींस और अंडरवियर घुटनों तक उतार दी| वह वहीं पेड़ के नीचे पत्थर पर टेक लेकर बैठ गया और उसने मुझे लंड चूसने के लिए इशारा किया|
मैंने अपने हाथ से उसके 5|5 इंच और 2|5 इंच मोटे लंड को पकड़ा| तो आकाश बोला, तुमने सेक्स क्लिप्स पॉर्न में देखा ही है| मैंने हां में इशारा करते हुए मुँह में लंड को लिया और चूसने लगी| मुझे स्वाद कुछ अच्छा नहीं लगा|
फिर भी धीरे धीरे करके मैं मुँह से लंड चूसने लगी| वह जैसे दूसरी दुनिया में चला गया हो, आंखें बंद करके सिसकारियां लेने लगा| मैं भी उसके लंड को मुँह में पूरा ले लेती और बाहर करती तो जीभ से उसके टोपे को चाट लेती|
उसका रंग हल्का गुलाबी सा हो गया था| फिर कुछ देर में उसने मेरे सर को धक्का देकर अलग किया और अपना सारा माल बाहर निकाल दिया| उसने मुझसे कहा, टेस्ट करना चाहोगी?
मैंने कहा, नहीं| उसने कहा, प्लीज एक बार देख लो, अच्छा लगे तो ठीक … नहीं तो कोई बात नहीं| मैंने जीभ से थोड़ा चखा तो गर्म और नमकीन सा स्वाद आया|अच्छा या बुरा कुछ समझ में नहीं आया|
आकाश ने कहा, डार्लिंग लंड को थोड़ा सा चाट कर साफ कर दो प्लीज| मैंने अपने मुँह से उसके लंड को चाट कर साफ कर दिया| मुझे स्वाद ठीक लगा|उसने अपने कपड़े पहन लिए|
तो मैंने कहा, अब चलते हैं| उसने कहा, आणि अभी कहां, रुको तुमने आज तक अपनी चूत के दर्शन नहीं कराए हैं| मैंने कहा, पर यहां खुले में नहीं बिल्कुल भी नहीं| उसने मुझे खींच कर अपने करीब किया |
मुझे किस करके कहा, आणि क्ति, प्लीज आज अपने मम्मे और चूत के दर्शन करा दो, यहां कोई नहीं है| मैंने कहा, देखो कोई आ गया तो प्रॉब्लम हो जाएगी|उसने कहा, कुछ नहीं होगा, मैं हूँ … सब संभाल लूंगा|
उसने मेरी जींस खोल दी और मेरे टॉप के ऊपर से ही बूब्स दबाने लगा|वह उसमें ऊपर से हाथ डालने लगा| मैंने कहा, ऐसे तो तुम टॉप फाड़ दोगे| तब मैंने जींस को नीचे किया ही था |
कि उसने झटके से मेरी पैंटी को घुटनों तक नीचे खिसका दिया| फिर उसने कहा, मम्मे चूसना है| मैंने टॉप को ऊपर किया और साथ ही ब्रा को भी, जिससे बिना उतारे मेरे बूब्स वो चूस सके|
पहली बार उसने मेरे बूब्स को पूरी तरह ढंग से देखा था और चूत को भी|चूत में हल्के हल्के बाल थे| वह मेरे बूब्स को एक बच्चे की तरह पीने की कोशिश करने लगा|
मुझे भी मजा आने लगा| मेरे दोनों बूब्स को चूसने के बाद उसने उन्ह हटाया ही था कि मैंने टॉप और ब्रा ठीक कर ली|उसने कहा, आणि अब तुझे जींस उतारनी पड़ेगी|मैं भी उतावली हो रही थी तो जींस उतार दी|
उसने कहा, आणि एक टांग पत्थर पर रखो|वह मेरे नीचे आकर बैठ कर मेरी चूत को चाटने लगा| उसकी खुरदुरी जीभ मेरे अन्दर आग लगा रही थी| वह अपनी उंगली से मेरी चूत को अन्दर बाहर कर रहा था|
इसी तरह मेरी चूत ने पानी निकाल दिया और आकाश ने उसे चाट कर चूत को साफ़ कर दिया| फिर फटाफट कपड़े पहन कर हम दोनों वहां से निकल आए|अब वासना की भूख दोनों को लग चुकी थी
तो वापस हॉस्टल की ओर जाते समय आकाश ने कहा, आणि , मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है| मैंने भी हामी भरी लेकिन फर्स्ट लव वर्जिन सेक्स के लिए कोई सेफ जगह चाहिए थी|होटल के लिए मैंने मना कर दिया था|
आकाश अपने दोस्त के फ्लैट के लिए जुगाड़ करने लग गया| बस फिर जुगाड़ हो गया| मैंने आकाश से कहा, मैं बिना प्रोटेक्शन के नहीं करूंगी| उसने कहा, ठीक है आणि |
उस दिन पहले रास्ते में रुक कर हम दोनों ने खाना खा लिया और उसने मेडिकल से प्रोटेक्शन के लिए कंडोम ले लिया| फिर हम दोनों फ्लैट पर पहुंच गए| दोस्त ने चाभी दी और कहा, फ्री हो जाओ तो कॉल कर देना| वह किसी काम से बाहर चला गया|
आकाश ने अन्दर से दरवाजा लॉक किया और मुझसे लिपट गया| पहले उसने मेरे टॉप को निकाल दिया और मेरी नाभि को चूमा| ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा|
ब्रा को खोलने से पहले उसे ऊपर की ओर खिसका कर बूब्स को चूमने लगा और फिर खड़े खड़े ही मुझे दीवार पर टिकाते हुए पलटा दिया| मेरी ब्रा को पीछे से खोल कर वहीं फेंक दी| उसने अपने पूरे कपड़े उतार दिए| उसका लंड खड़ा होने लगा था|
वह मुझे उठा कर अन्दर ले गया और पलंग पर आते ही मेरी जींस उतार दी|फिर वह मेरे दूध अपने दोनों हाथों से मसलने लगा और उनका रसपान करते हुए निप्पल को काट देता, जिससे मुझे दर्द के साथ साथ उत्तेजना भी बढ़ जाती|
वह मेरे कान गले गर्दन गालों को भी चूमता जिससे मैं और उत्तेजित हो जाती|मेरी नाभि को चूमते हुए उसने मेरी पैंटी को भी उतार दिया और मेरी चूत में उंगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगा|
वह पूरी बॉडी पर किस करने लगा| मेरे मुँह से हल्की हल्की आवाजें आ रही थीं|उसने कहा, आणि अब 69 करते हैं| मैंने कहा, ठीक है| वह मेरी चूत चाटता और अपनी उंगली रगड़ने लगता|
इससे मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी, जैसे मेरे शरीर में करंट का झटका लग रहा हो| मैं भी उसके लंड को चूस रही थी| मेरी चूत गीली हो चुकी थी| वह फिर उठा और जींस से कंडोम का पैकेट निकाल कर मुझे दे दिया|
मैंने पैकेट से कंडोम निकाल और आकाश के लंड को पहना दिया| बस उसने मुझे सीधा लेटाया और दोनों पैरों को अपने कंधे पर ले लिया, लंड को मेरी चूत के मुँह पर रगड़ने लगा|
जिससे मैं पागल सी हो गयी| फिर उसने चूत को थोड़ा सा अपने हाथ से खोला और अपना लंड मेरी चूत पर सैट कर दिया| मेरा दिल धक धक करने लग गया था क्योंकि वो कभी भी झटके से लंड अन्दर डालने वाला था|
उसने कहा, आणि रेडी! मैंने इशारे में कहा, हम्म्म| उसने झटके से लंड अन्दर किया| वो अभी लगभग आधा ही गया था कि मेरी एकदम से जोरदार चीख निकली| उसने लंड को झट से बाहर किया और अन्दर पूरी ताकत के साथ डाला|
इस बार शायद लगभग पूरा चला गया था| उसने फिर से एक बार लंड निकाल कर अन्दर डाला और मुझे चूमा| मेरी आंखों में आंसू आ गए थे| उसने कहा, पहली बार में होता है आणि !
फिर वह लंड को धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा| अब दर्द धीरे धीरे कम हो रहा था और मजा आने लगा था| वह स्पीड में मुझे चोदता जा रहा था| मुझे भी मजा आ रहा था| वह मेरे मम्मे दबाता हुआ लंड को स्पीड से अन्दर बाहर कर रहा|
कुछ देर मैं पहले झड़ गयी और वो मेरे बाद| वह मेरे ऊपर ऐसे ही लंड अन्दर डाल कर पड़ा रहा और मुझे किस करता रहा| कुछ देर में उसका लंड छोटा सा हो गया और वह उसे बाहर निकाल कर बाथरूम में चला गया|
मैं बैठी और उंगली चूत की तरफ़ बढ़ाई तो उंगली पर लाल लाल खून सा था|मेरी चूत फट चुकी थी| तभी आकाश आया और मेरी उंगली में लाल खून देखकर बोला, अब तुम वर्जिन नहीं रही|
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मैं बाथरूम में गयी| जब मैं वापिस आई तो मैंने देखा आकाश मेरी ब्रा पैंटी अपने हाथ में लिए देख रहा था| मैंने कहा, लाओ दो इधर| उसने कहा, नहीं, ये मैं ले जाऊंगा| पहली निशानी है| इसमें तुम्हारी चूत की खुशबू है और ब्रा में भी|
मैंने कहा, फिर मैं! उसने कहा, मैं तुम्हें दूसरी गिफ्ट कर दूंगा| मैंने अपने कपड़े पहन लिए| आकाश बोला, आणि मजा आया? मैंने कहा, आया तो सही, पर दर्द अब भी महसूस हो रहा है|
उसने कहा, ठीक हो जाओगी| मैंने पूछा, मैं वर्जिन थी, तुम? आकाश ने कहा, मेरा भी पहला सेक्स था … बस मुठ मार लिया करता था| मैं कुछ नहीं बोली| उसने कहा, मैं तुम्हें फैशनेबल ब्रा पैंटी दूँ?
तो मैंने कहा, क्यों? उसने कहा, थोड़ा सेक्सी पहनो| मैंने कहा, घर? उसने कहा, घर जाओ तो घर के हिसाब से और यहां रहो तो यहां के हिसाब से| मैंने कहा, ठीक है| फिर उसने मुझे हॉस्टल छोड़ा और मेरी चाल देखकर छवि मुस्करा दी|
उसने कहा, आणि , आज तो चाल ही बदल गयी| हम दोनों बेस्ट फ्रेंड थीं, एक दूसरे से कोई बात नहीं छुपाती थीं| उसे मैंने बताया कि आज मेरी पहली चुदाई कैसे हुई|
वह खुश हुई और बोली, आगे अब तो चुदाई में मजे ही आने हैं| क्योंकि वह चुद चुकी थी उसके ब्वॉयफ्रेंड से , तो उसे सब मालूम था| दोस्तो, आपको मेरी फर्स्ट चुदाई सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज़ बताएं|