मामी की चुदाई

मोटा लंड दिखाकर भड़काया मामी की चुदाई की वासना – mami ki chudai

mami ki chudai : मेरा नाम अमित है| मेरी उम्र 28 वर्ष है|आज मैं आपको अपनी सच्ची सेक्सी मामी चुदाई कहानी बताने जा रहा हूँ|यह बात 1 साल पहले की है जब मैं मेडिकल इंट्रेंस एग्जाम के लिए अपने मामा जी के घर दिल्ली गया हुआ था|

मेरे मामा मल्टी नेशनल कंपनी में असिस्टेंट मैनेजिंग डायरेक्टर थे|मामा के घर में केवल मामा,मामी ही रहते थे, उन लोगों को शादी के 4 वर्ष हो गए थे किन्तु अभी उनकी कोई संतान नहीं थी|

मामा की ऊम्र 34 और मामी की 30 थी|उनकी शादी के बाद पहली बार मामी से मिला था, कभी कभार फोन पर ही बात होती थी|मामी जी बला की खूबसूरत थीं|

उनकी 5 फुट 5 इंच की हाइट, सफ़ेद संगमरमर की तरह दमकती त्वचा, बड़ी बड़ी काली आंखें, सुर्ख गुलाब के तरह लरजते पतले होंठ बड़े ही मदमस्त थे|उनका फिगर कुछ 34,28,36 का रहा होगा|

कुल मिला कर उनको देखकर अच्छे अच्छों की नियत डोल जाये, ऐसी माल थीं वे!मेरा एग्जाम रविवार को था लेकिन मैं बुधवार को ही दिल्ली पहुंच गया था|मैं गेस्ट रूम में बैठ कर पढ़ रहा था|

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मोटा लंड दिखा के भड़काई मामी की चुदाई की वासना - mami ki chudai

तभी मामा आए और बोले, मैं आफिस जा रहा हूँ| शाम को मिलता हूँ| तुम्हें कुछ जरूरत हो, तो मामी से बोल देना|पीछे से मामी आ गईं और बोलीं, हां मैं हूँ न, आप चिंता न करो|मैं भी बोला, कोई बात नहीं, मैं ठीक हूँ|

मामा ऑफिस जा चुके थे|मेरा मन किताबों में नहीं लग रहा था|मैं सामने की दीवार पर नजरें टिकाये कुछ सोच ही रहा था|कि मामी की खनकती आवाज कानों में रस घोल गयी, क्या हुआ … घर की याद आ रही क्या?

तो मैं बोला, अरे नहीं, बस पढ़ते पढ़ते कहीं खो गया था|मामी बोलीं, अब तो आप डाक्टर बनोगे, कोई गर्लफ्रेंड है या बस किताबें ही!मैंने कहा, अरे हमें कहां कोई लड़की पसंद करेगी!

‘क्यों, इतने स्मार्ट हैंडसम हो … क्यों नहीं पसंद करेगी? अब बनो मत, बताओ भी!’मैंने कहा, एक पर क्रश तो है पर बताया नहीं उसे कभी …‘ओह्ह … यही होता है| चलो कोई नहीं, ठीक है अब आप पढ़ो|’

मामी अन्दर जाने लगीं तो दिल ने चाहा कि कैसे भी करके इन्हें रोक लूँ!तभी अचानक से वह खुद मुड़ीं और बोलीं, मैं जरा शॉवर लेने जा रही हूँ| दूध वाला आए तो प्लीज वहां बर्तन रखा है … आप ले लेना|

तभी कुछ देर में दरवाजे की घण्टी बजी|मैंने जाकर दूध ले लिया|उसी वक्त मेरी नजरें बाथरूम के दरवाजे पर गईं|दरवाजे के पास ही टेबल पर तौलिया और मामी के अंडरगारमेंट्स रखे थे|शायद वे अन्दर ले जाना भूल गयी थीं|

काले रंग की डिजाईनर ब्रा और पैंटी … जी कर रहा था कि छू कर देखूँ|लेकिन डर भी लग रहा था कि कहीं वह बाहर निकल आईं तो!तभी बाथरूम का दरवाजा हल्का सा खुला और उन्होंने तौलिया उठाने की कोशिश की|

लेकिन तौलिया उनकी पहुंच से दूर थी|अनायास ही मैंने कहा, रुकिए, मैं पकड़ा देता हूँ|मेरी आवाज सुनकर उन्होंने जल्दी से दरवाज़े को बंद कर दिया|मैं डर गया कि कहीं उन्हें बुरा तो नहीं लगा|

कुछ पल बाद हल्के से दरवाजे की ओट से उन्होंने अपना हाथ बाहर निकाला|मैंने तौलिया उठा कर उन्हें पकड़ा दिया और कमरे में चला गया|कुछ देर बाद वे कमरे में आईं और मुझे लंच के लिए बुलाया|मैं डाइनिंग टेबल पर जा कर बैठ गया|

वे आईं, लंच सर्व किया और बोलीं, मामा तो डिनर पर ही मिलेंगे, अभी मामी के साथ ही खाना पड़ेगा|फिर हंसती हुई बोलीं, बहुत भोले हो आप!मैं समझ नहीं पाया कि ये कमेन्ट था या कोम्प्लिमेंट था|मैंने देखा तो उनकी आंखों में शरारती मुस्कान थी|

तब मैंने हिम्मत करके कहा, क्या हुआ आप ऐसे क्यों बोल रही हैं?‘कुछ भी तो नहीं …’ बोलती हुई वे नीचे देखने लगीं|फिर अचानक से बोलीं, क्यों नहीं बोला आपने अपनी क्रश को?‘कहीं मना कर दिया तो?’ मैंने उनकी आंखों में देखते हुए कहा|

‘तो क्या … कम से कम पता तो चल जाएगा कि वह आपको पसंद करती है या नहीं!’‘हूँ|’ मैंने सिर हिलाया|इसी लिए बोल रही हूँ कि भोले हो आप!’ यह कह कर मामी वापस से हंसने लगीं|

मैंने भी हिम्मत करते हुए सहसा ही बोल दिया, आप बहुत खूबसूरत हो!वे बोलीं, अच्छा जी! जिससे बोलना था, उससे तो बोल नहीं पाए … और मुझे भाव दे रहे हो| लेकिन कोई फायदा नहीं| मैं किसी और की हूँ|यह कह कर वे हंसने लगीं|

लंच खत्म करके हम लोग बाल्कनी में चले गए| मामा का फ़्लैट 5 वीं फ्लोर पर था|मामी बोलीं, वह देखो सामने वाली बिल्डिंग में तीसरी फ्लोर में बीएफ जीएफ लिव इन में रहते हैं| यहां से सब दिखता है|यह बोल कर वे हंसने लगीं|

फिर इधर उधर की बातों के बाद हम दोनों अन्दर आ गए|थोड़ी देर में शाम हुई, मामा जी भी आ गए|हम सभी कनाट प्लेस घूमने निकले और रात का डिनर बाहर ही किया|फिर घर वापस आ गए|

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कुछ देर साथ में टीवी देखा|फिर वे दोनों अपने रूम में … और मैं अपने रूम में आ गया|मामा का बेडरूम और गेस्ट रूम की दीवार एक साथ ही लगी थी और ऊपर एक छोटा रोशनदान था लेकिन वहां तक पहुंचना काफी मुश्किल था|

रात को 12:30 के करीब में मैंने लाइट ऑफ की तो उनके रूम से लाइट आ रही थी|मैंने सोचा एक बार कमरे में देखूँ|फिर मैंने अपने रूम को अन्दर से लॉक कर दिया और बेड पर सेंटर टेबल रख कर उसके ऊपर स्टूल सैट किया|

मेरी हाइट भी काफी थी तो अब मैं रोशनदान तक पहुंच गया|अन्दर का दृश्य देख कर मेरी धड़कनें 180 की रफ़्तार से चलने लगीं|बता नहीं सकता कि मामा मामी दोनों बिना कपड़ों के एक दूसरे में लिपटे हुए थे|

मामी का गोरा बदन ट्यूबलाइट की रोशनी में सफ़ेद फानूस की तरह दमक रहा था|इतना चिकना बदन कभी पोर्न में भी नहीं देखा था|मामी के गोल गोल उभार, जिन पर छोटे छोटे अनारदाने की तरह निप्पल थे|

जिन्हें मामा अपनी उंगलियों से मसल रहे थे|वे कभी मामी के गले को चूमते, तो कभी उभारों को सहलाते, कभी पेट पर जीभ फेरते|मामी जल से निकली मछली की तरह सिसकारी ले लेकर बिस्तर में तड़प रही थीं|

अब मामा ऊपर से नीचे को आते हुए उनके उभारों पर अपने पूरे चेहरे को रगड़ रहे थे|मामी अपने दोनों पैरों को एक दूसरे पर चढ़ा कर रगड़ रही थीं|उनकी मांसल जांघें केले के तने के समान चिकनी और पुष्ट थीं|

मामा उनके उभारों से नीचे पेट को चूमते चाटते हुए जांघों पर आ गए|फिर मामा ने मालपुए की तरह फूली हुई गोरी चिकनी चूत पर अपने होंठों को टिका दिया|मानो मामी का पूरा बदन अकड़ सा गया|

वे मामी की चिकनी और स्पंजी चूत को चाटते चूमते उनके निप्पल को अपनी उंगलियों से मसलते जा रहे थे|अब मामी ने अपने दोनों पैरों को खोल दिया था|मामा भी आसानी से मामी की क्लिट को अपनी जीभ से रगड़ रहे थे|

रगड़ते रगड़ते बीच बीच में क्लिट को चूसने लग जाते|ये सब देख कर मेरे लंड की हालत बिल्कुल ख़राब हो गयी थी मानो दीवार में ही छेद कर देगा|मामी को लंड अन्दर लेने की जबरदस्त बेचैनी थी पर मामा उनकी चूत से खेलने में ही व्यस्त थे|

फिर मामी उठ कर बैठ गईं और मामा को नीचे लिटा कर उनके लंड को अपने मुँह में ले लिया|पर मामा का लंड खड़ा नहीं हुआ था|उनके ढीले लंड से ही पानी की धार निकल गयी|मैं समझ गया कि मामा को इरेक्टाइल डिसफंक्सन की प्रॉब्लम थी|

कुछ देर ऐसे ही कभी मामा मामी की चूत चाटते, कभी मामी मामा के लंड को चूसतीं|ऐसे करते करते दोनों झड़ गए, सेक्सी मामी चुदाई हुई ही नहीं|शायद इसी कारण मामी माँ नहीं बन सकी थीं|

अगली सुबह जब मामा ऑफिस चले गए|मामी मेरे कमरे में किसी काम से आईं|उन्हें देखकर मन कर रहा था कि बस उनकी चूत में लंड पेल कर चूत की प्यास बुझा दूँ, फिर चाहे कुछ भी हो जाए|

पर एक अनजाने से डर के कारण मैं बैठा रहा|वे खुद ही पूछने लगीं, रात में अच्छे से नींद आई न?मैंने भी सिर हिला दिया, हां, पर …फिर कुछ सोच कर बोला, सिर कुछ भारी सा हुआ है|उन्होंने ओह कहा और चली गईं|

मैं सोच ही रहा था कि अब क्या करूं, तब तक वे ठण्डे तेल की शीशी लिए कमरे में आ गईं|‘इधर आइए … मैं तेल मालिश कर देती हूँ|’अचानक से ऐसे ऑफर से मेरा मन मयूर सा नाच उठा|

उन्होंने अभी तक रात वाली नाइटी ही पहन रखी थी|सबसे सुखद पहलू ये था कि वे मेरे सामने खड़े होकर ही मेरे सिर में तेल लगाने लगीं|उनके कोमल हाथों के स्पर्श से मेरे तन बदन में आग सी लगने लगी थी|

हिमगंगे तेल की ठंडक से मेरी आंखें बंद होने लगी थीं|अचानक मुझे महसूस हुआ कि वे मेरे और करीब खड़ी हो गयी थीं|
उनकी मैक्सी में उनके उभार स्पष्ट हो रहे थे, जो मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने थे|

उनके बदन की खुशबू को मैं महसूस कर पा रहा था, बस अब जी कर रहा था कि उनकी कमर में हाथ डाल कर उन्हें अपने पास खींच लूँ|उनके बदन से फूटती खुशबू ने मेरा यह हाल कर दिया |

कि आंखें बंद किए ही अनायास मेरा सिर उनके भारी उभारों से हल्का हल्का चिपकने लगा था|हम दोनों बिल्कुल शांत थे| कोई कुछ भी नहीं बोल रहा था|तभी अचानक मेरे मोबाईल की रिंग बजी|पर मैं वैसे ही चिपका रहा|

कुछ पल बाद वे बोलीं, देख लो, किसका फ़ोन है!वे वहां से चली गईं|जी तो कर रहा था कि फोन के टुकड़े टुकड़े कर दूँ|पर वह हसीन पल जा चुका था|फोन सुनने के बाद मैंने उसे स्विच ऑफ कर दिया और मामी के कमरे की तरफ देखने लगा|

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मोटा लंड दिखा के भड़काई मामी की चुदाई की वासना - mami ki chudai

वे अन्दर गई थीं|मैं यंत्रवत उनके कमरे में चला गया|मामी बिस्तर पर लेटी थीं और उन्होंने एक चादर ओढ़ी हुई थी|उनकी आंखें बंद थीं|मैंने उनके बिस्तर पर नजरें घुमाईं तो उनकी वही मैक्सी बिस्तर के एक किनारे पर पड़ी हुई थी|

तब मैं समझ गया कि मामी बिस्तर पर चादर के नीचे पूरी नंगी हैं|मैं उनकी तरफ बढ़ने लगा|शायद वे मेरी पदचाप से वाकिफ थीं|मैं जरा ठिठका कि क्या करूं या क्या न करूं|तभी मामी की आवाज आई कि फोन स्विच ऑफ करके आ जाओ|

मैं मानो खिल उठा और बिस्तर पर उनके बाजू में उनकी चादर को उठा कर देखने लगा|आह … कितना मदमस्त बदन एकदम मादरजात नंगा था|मामी ने कहा, कपड़े उतार कर मेरे ऊपर आ जाओ और मुझे ठण्डी कर दो|

दोस्तो, उसके बाद तो मानो मेरे अन्दर बिजली सी तड़तड़ा उठी और मैंने मामी को चुदाई का वह सुख दे दिया जिसके लिए वे तरस रही थीं|सेक्सी मामी चुदाई कहानी तो आपको इस साइट पर बहुत मिल जाएंगी … इसलिए चुदाई का वर्णन क्या लिखना|

फिर भी आप चाहेंगे तो मैं आपके लिए पूरी चुदाई अगली कहानी में लिख दूंगा|आपको मेरी यह सेक्सी मामी चुदाई कहानी अच्छी लगी ही होगी|तो मुझे मेरी मेल आईडी पर मेल करके बता सकते हैं|

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