चुदक्कड़ अम्मी की बेख़ौफ़ अय्याशी और चुदाई – muslim sex story
muslim sex story: आदाब दोस्तो, मेरा नाम फातिमा है और मैं मुरादाबाद की रहने वाली हूँ|मेरी उम्र 17 साल है और मैं अभी कॉलेज में बायोलॉजी की स्टूडेंट हूँ|मेरे घर में सिर्फ 2 सदस्य हैं| मैं और मेरी चुदक्कड़ अम्मी|
मेरे अब्बू सुलैमान खान एक बड़े व्यापारी थे जो कोरोना में चल बसे|अब व्यापार मेरी अम्मी संभालती हैं|मेरी अम्मी का नाम नगमा है| उनकी उम्र38 साल है और रंग एकदम दूधिया है|
उनकी लंबाई 5 फ़ीट 5 इंच है, काले बाल हैं, जो सिर्फ कंधों तक ही आते हैं|मेरी अम्मी का जिस्म भरा पूरा, गदराया हुआ है| उनके 36 इंच के गोल कसे हुए दूधिया चूचे हैं, जिन पर गुलाबी चूचक एकदम फूले हुए हैं|
उनकी 42 इंच की मोटी गदराई मदमस्त गांड है|जी हाँ, आपने सही सुना मेरी अम्मी की गांड किसी घोड़ी की गांड से कम नहीं है|उनके लंबे चेहरे पर तीखी नाक, पतले होंठ और कसे हुए गाल हैं|
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अम्मी का चेहरा देखकर कोई नहीं कह सकता कि उनके चूचों का … और खासकर गांड का आकार इतना बड़ा होगा|अम्मी कॉलेज के ज़माने से ही एक बदचलन लड़की रही थीं … और रोज़ किसी नए लड़के नीचे नंगी पड़ी रहती थीं|
उनकी इस बदचलनी को देखते हुए उनकी जल्द शादी करा दी गई|मगर उनकी ठरक कम नहीं हुई|अब्बू के कई दोस्त अब्बू की ग़ैरहाज़री में अम्मी को हमारे ही घर पर ही कुतिया की तरह चोद कर जाते थे|
मेरी अम्मी के मोहल्ले से इतर पूरे शहर में कई यार थे जिनसे वे होटल में या उस यार के घर पर चुदने चली जाती थीं|बस एक बात थी कि यह सब गुपचुप ढंग से होता था|क्योंकि अब्बू के सामने अम्मी अपनी बदचलनी को छुपाए हुई थीं|
अम्मी अब्बू के गुज़र जाने के बाद बेलगाम चुदक्कड़ घोड़ी बन गईं और खुलेआम अय्याशी करने लगीं|अब्बू के गुजरने से पहले एक दिन मैंने अम्मी को अपनी किसी सहेली से बात करते सुना था- मेरी बेटीफातिमा मेरे पति की औलाद नहीं है|
वह मेरे पुराने यार साजिद की नाजायज़ औलाद है, जिसने मेरी शादी के एक महीने पहले ही मेरी कोख में बीज बो दिया था|अम्मी की वह सहेली सलमा भी शायद उनकी तरह चुदक्कड़ थी और वे दोनों एक दूसरे की राजदार थीं|
सलमा ने जैसे ही अम्मी के मुँह से यह सुना कि जेबा यानि कि मैं, साजिद की औलाद हूँ, तो वह मसखरी करने लगी कि इसका मतलब यह हुआ कि तूने अपने शौहर से कोई बच्चा नहीं जना?
अम्मी बोलीं- यार सच बताऊँ तो मुझे अपने खाविंद का लंड पसंद ही नहीं है|सलमा- क्यों तेरे शौहर के लंड में ताकत नहीं है क्या?अम्मी- ताकत तो ठीक-ठाक है, पर यार वह बड़ी नीरस चुदाई करता है|
बस मेरे ऊपर चढ़ता है, लंड पेलता है और हुच्च हुच्च करके धक्के देने लगता है|सलमा अम्मी का मुँह देख रही थी और वह उनसे आगे की कहानी सुनना चाह रही थी|मगर अम्मी चुप हो गईं|
सलमा मेरी अम्मी का मुँह ताक रही थी|तो अम्मी बोलीं- ऐसे क्या घूर रही है?सलमा बोली- अबे हुच्च हुच्च से भी तो आगे बता न … आगे क्या करता है?
अम्मी बोलीं- तू ऐसा कर कि कल आ जाना और रात को मेरे शौहर के ऊपर चढ़ जाना, तुझे उसकी चुदाई समझ आ जाएगी!सलमा हंस कर बोली- हां, तो उसमें क्या बड़ी बात है| इतने लंड खाए हैं
तो तेरे शौहर का लंड भी खा लूँगी| बस वह खुद मुझे चोदने के लिए राजी हो जाए!अम्मी ने कहा- अब यह तो मुझे नहीं मालूम है कि वह तेरे ऊपर चढ़ता भी या नहीं … पर तू कोशिश करके देख ले|
इसी बहाने उसकी एक कमजोर नस भी हाथ लग जाएगी|सलमा- कौन सी कमजोर नस?अम्मी- यही कि वह किसी दूसरी औरत के साथ सेक्स करना चाहता है या नहीं?
सलमा समझ गई और बोली- अच्छा तो मैं तेरे लिए काम करूँ और बदले में मुझे क्या हासिल होगा?अम्मी ने कहा- तुझे एक बार साजिद के लंड का मजा दिलवा दूँगी|
सलमा यह सुनकर ऐसे किलकारी मारने लगी मानो उसे साजिद के लंड से बहुत इसरार हो|तो सलमा बोली- सच में नगमा मेरी जान … बस एक बार साजिद के लंड से चुदवा दे … उसके बाद मुझे तुझसे कोई शिकायत नहीं रहेगी|
उन दोनों में साजिद अंकल को लेकर गंदी गंदी बातें होने लगीं और सलमा ने मेरे अब्बू के लंड के नीचे लेटने की बात मान ली|उनका अगले दो दिन बाद का कार्यक्रम सैट हुआ था|मैं भी उनकी इस कारस्तानी का अंजाम देखने के लिए बेचैन थी|
वह अंजाम किस तरह से सामने आया, वह एक लाजबाव सेक्स कहानी है|उसे मैं किसी और कहानी में आपके रूबरू पेश करूंगी|फिलहाल उस दिन अपनी अम्मी के मुँह से अपने बाप साजिद अंकल के बारे सुनकर मुझे कुछ अजीब सा लगने लगा|
अम्मी के मुँह से अपने अब्बू की बात सुनने के बाद मैं अब जब भी साजिद अंकल को देखती, तो मुझे अम्मी की साजिद अंकल से चुदाई का नज़ारा आंखों में दिखने लगता|आज जो सेक्स कहानी मैं सुना रही हूँ, अभी उसी को आगे सुना रही हूँ|
दरअसल हमारा घर बहुत बड़ा है और घर में व इसके सामने कई कमरे बने हैं, जो हम किराए पर चलाते हैं|ज्यादातर कमरे हमारे घर के सामने बने हैं|हम अपने इन कमरों को मुरादाबाद में बाहर से पढ़ने आए सीनियर स्टूडेंट्स को किराये पर देते हैं|
कुछ ही महीनों में किरायेदार स्टूडेंट्स बदलते रहते हैं, उससे कमरे फंसने का झंझट नहीं रहता है|हुआ यूं कि एक दिन मैं कॉलेज से ट्यूशन ना जाकर सीधे घर पर आ गई और घर की चाबी से दरवाज़ा खोल कर अन्दर आ गई|
जब मैंने अन्दर देखा तो बाथरूम का दरवाजा खुला था और अम्मी की गीली ब्रा पैंटी ज़मीन पर पड़ी हुई थी|मैंने बाथरूम के अन्दर जाकर चैक किया, तब उसमें कोई नहीं था|
अब मैं दबे पांव अम्मी के कमरे की तरफ बढ़ी तो मुझे मादक सिसकारियों की आवाज़ सुनाई देने लगी|जब मैंने अम्मी के कमरे की खिड़की को ज़रा सा खोल कर देखा तो मेरी आँखें फटी की फटी रह गईं|
मेरी निम्फ़ोमैनिअक Xxx अम्मी पूरी मादरजात नंगी बेड पर पड़ी हुई थीं और दो जवान नंगे लड़के अम्मी के जिस्म को मसल रहे थे|एक लड़का अम्मी के चूचे मसलते हुए चूस रहा था और दूसरा लड़का अम्मी की चूत चाट रहा था|
दोनों लड़के पूरे जवान थे और उनके लौड़े भी काफी दमदार थे|जब मैंने ध्यान से उन लड़कों को देखा तो याद आया कि ये दोनों एक महीना पहले ही किराए पर रहने आये थे|
यह देख कर मुझे ज़्यादा हैरानी नहीं हुई क्योंकि अम्मी बहुत बड़ी चुदक्कड़ रंडी हैं और उनको जवान लौंडो से चुदवाने का बहुत शौक है|मैं यही सोच रही थी कि अम्मी के मुँह से एक ज़ोरदार मादक सिसकारी निकली, जो पूरे कमरे में गूंज गई|
अम्मी ‘आह … आह …’ करती हुई गदराई गांड को उछालने लगीं|उसी वक्त उनकी चूत से पानी का फव्वारा फूट पड़ा जिससे जांघों के बीच बैठे लौंडे का चेहरा अम्मी की पेशाब से भीग गया|
पूरी तरह स्खलित होने के बाद अम्मी ने गांड उछालना बंद की और उन लौन्डों से कहने लगीं- उठो भैनचोदो, बहुत हो गई चटाई और चुसाई … अब जल्दी से चोदो मुझे|
उनके ये कहते ही एक लौंडे ने अम्मी की टांगें उठाईं और गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया|उसने अम्मी की टांगें फैला दीं जिससे अम्मी की गदराई चूत किसी कमल के फूल की तरह खिल गई|
अब दूसरा लौंडा नंगी पड़ी अम्मी की गर्दन के इर्द-गिर्द घुटने डाल कर उनके मोटे चूचों पर बैठ गया और उसने अपने लंड को अम्मी के होंठों पर रख दिया|
फिर उसने अपने दोनों हाथों से अम्मी के बाल पकड़ कर पूरा लौड़ा अम्मी के मुँह में घुसेड़ कर गले तक उतार दिया|दूसरी ओर पहले वाले लौंडे ने कमल की तरह खिली चूत पर लंड रखा और एक ही झटके में लंड चूत की गहराई में घुसेड़ दिया|
ये दोनों प्रहार अम्मी की चूत और मुँह में एक साथ हुए जिससे अम्मी सिहर उठीं और कसमसा कर रह गईं|अम्मी ज़ोर से कराहना चाहती थीं मगर एक लंड मुँह में होने की वजह से उनकी कराह गले में ही दब कर रह गई|
तब अम्मी ने दोनों हाथों से ऊपर बैठे लौंडे के चूतड़ कसकर पकड़ लिए|यह देख कर मेरी चूत भी पानी पानी हो गई|अब अम्मी को दो लंड एक साथ चोद रहे थे जिससे दोहरी आवाज़ें निकल रही थीं|
पहली आवाज चूत चुदाई की वजह से छप-छप और मुँह चुदाई से गूं … गूं … गू की आवाज़ों से कमरा गूंज रहा था|उस मनमोहक चुदाई से पता ही नहीं चला कि कब मेरा हाथ अपनी सलवार में पैंटी के अन्दर घुस गया|
मेरी दो उंगलियां चूत के अन्दर बाहर होने लगीं|कमरे में 15 से 20 मिनट तक यही नंगा खेल चलता रहा|फिर दोनों लड़कों ने अपने लंड बाहर निकाले और अम्मी से कहा- चल रंडी, अब तेरी चुदाई दूसरे तरीके से करते हैं|
इस बार पहला लड़का नीचे लेट गया और अम्मी ने उसकी कमर के इर्द-गिर्द घुटने रखे और उसके खड़े लंड को अपनी चूत पर टिकवा लिया|
फिर अम्मी ने अपनी मोटी गांड का वजन ढीला छोड़ दिया जिससे लौंडे का खड़ा हुआ लंड अम्मी की चूत को चीरता हुआ पूरा अन्दर घुस गया|अब दूसरा लड़का अम्मी की गांड के पीछे आ गया|
उसने अम्मी के चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़कर चौड़ा कर दिया और गांड के छेद पर थूक दिया|उसने अंगूठे से थूक को गांड के छेद में फैला दिया|
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उसके बाद उस लड़के ने अपने लंड के सुपारे को अम्मी की गांड के छेद में सैट किया और कसकर झटका लगा दिया|इससे उसका आधा ज़्यादा लंड मां की गांड में उतर गया|इधर गांड में लंड उतरा, उधर अम्मी के मुँह से चीख़ निकल गई|
मेरी अम्मी चीखती हुई बोलीं- आआ आ हह हह … साले मादरचोद गांड फाड़ दी मेरी … भैन के लंड साले ज़रा धीरे चोद भोसड़ी वाले … यह तेरी भैन की चूत नहीं है … गांड है मेरी कमीने!यह कहकर अम्मी सिसकारियां लेने लगीं|
कुछ ही देर में अम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया और इधर मेरी भी सलवार भीग गई|अब अम्मी निढाल होकर दोनों लड़कों के बीच में पड़ी आटे की तरह पिस रही थीं|वे दोनों लड़के घपाघप अम्मी की गांड और चूत चोदे जा रहे थे|
कुछ देर बाद दोनों लड़कों ने अपना वीर्य अम्मी की चूत और गांड में छोड़ दिया और उठकर अपने कपड़े पहनने लगे|अम्मी आंखें बंद करके बेड पर नंगी पड़ी रहीं|यह देखकर मैं अपने रूम में आ गई और पैंटी व ड्रेस चेंज की|
तब तक वे दोनों लड़के चुपके से अपने बाहर के कमरे में चले गए|जब मैं बाहर निकली तो देखा कि अम्मी अपनी रात में पहनने वाली मैक्सी में थीं और अपनी भीगी पैंटी और ब्रा उठा रही थीं|
अम्मी को पता ही नहीं चला कि मैं कब आयी और मैंने उनकी पूरी चुदाई लीला देखी|दोस्तो, इस कहानी में इतना ही! अय्याश अम्मी की दूसरी रासलीला बहुत जल्द ही आपके सामने पेश करूंगी|