Bur Chudai

हॉट कामवाली की काली चुत मारी – desi bur chudai

desi bur chudai हेल्लो दोस्तों, मैं Antarvasna sex story का बहुत बड़ा प्रशंशक हूँ। मेरा नाम रामु है। कुछ सालों पहले मेरे एक दोस्त ने मुझे इस वेबसाइट के बारे में बताया था, तब से मैं रोज यहाँ की मस्त मस्त कहानियां पढता हूँ और मजे लेता हूँ।

मैं अपने दूसरे दोस्तों को भी इसे पढने को कहता हूँ। पर दोस्तों, आज मैं Antarvasna sex story पढ़ने नही, स्टोरी सुनाने हाजिर हुआ हूँ। आशा करता हूँ की यह कहानी सभी पाठकों को जरुर पसंद आएगी। ये मेरी सच्ची कहानी है।

दोस्तों मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मेरी नई नई शादी हुई तो और मैं अपनी बीबी की मस्त चूत मारता था। सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था की कुछ दिनों बाद रक्षाबंधन का त्यौहार आ गया। मेरा साला आया और मेरी बीबी को ले गया।

जैसे ही १० दिन बीत गये मैं चूत के लिए तड़पने लगा। मैं बार बार यही सोच रहा था की काश कोई लड़की मुझे मिल जाए तो मैं उसे चोदकर अपने लंड की प्यास को शांत कर लूँ।

फिर मेरी ३० साल की कामवाली पर मेरी नजर पड गयी। दोस्तों मेरी कामवाली हमारे घर में बहुत साल से काम कर रही थी। उसकी शादी हो चुकी थी और २ बच्चे भी थे। मैंने आजतक अपनी कामवाली को बुरी नियत से नही देखा था पर अब जब मेरी बीबी मेरे पास नही थी

मैं उसकी चूत के बारे में सोच रहा था। एक दिन मैं हाल पर बैठकर अखबार पढ़ रहा था तो कामवाली वहां पोछा लगा रही थी। वो बार बार कपड़े को बाल्टी में पानी में डुबाती थी और फिर पानी निचोड़कर फर्श पर झुक झुक कर अच्छे से फर्श पोछ रही थी।

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 हॉट कामवाली की काली चुत मारी - desi bur chudai

कामवाली का भरा हुआ जिस्म मुझे साफ़ साफ़ दिख रहा था। मेरा 8 का लौड़ा बार बार खड़ा हो जाता है। मन करता था की इसे ही कसके यही घर में चोद लूँ। कौन सा किसी को पता चलेगा। उसका फिगर 36 30 34 का था। दोस्तों इसी से आप जान सकते है की उसका जिस्म कितना भरा हुआ, गोरा, सेक्सी और सुडौल होगा।

जब जब वो झुककर पोछा मारती थी तो उसके 36” के मम्मे तो मुझे उसके ब्लाउस से दिख जाते थे और ब्लाउस के बाहर ही निकले जा रहे थे। मैं खुद को रोक ना सका और अपनी कामवाली को घूर घूरकर मैं ताड़ रहा था। उसने मुझे देख लिया।

क्या साब, ऐसे मेरे को आप क्यों घूर रहे है????” कामवाली बोली वो जबसे तुम्हारी मेमसाब अपने मायके गयी है, मेरा तो सब काम ही रुक गया है। कितने दिन हो गये कोई चूत मारने को नही मिली। क्या तुम्हारा कहीं कोई जुगाड़ है????” मैंने हँसकर पूछा तो कामवाली हँसने लगी। धीरे धीरे मैं समझ गया की ये चूत दे देगी।

क्या तुम मुझे चूत मारने को दे सकती हो???” मैंने उसे छेड़ते हुए कहा। वो बार बार मुस्कारा रही थी। मैं समझ गया की मामला गर्म है। ये पट जाएगी फिर मैं भी उसके साथ पोछा लगाने लगा।फिर मैंने उसे पकड़कर किस कर लिया। मैं फिर से उसे पकड़ने लगा तो वो शरमाकर भागने लगी और पोछा मारने वाली बाल्टी गिर गयी और कमरे में सब तरफ पानी गिर गया।

मेरी कामवाली का पैर फिसल गया और वो गिर गया। मैं उसे बचाने लगा तो मेरा पैर भी फिसल गया और मैंने उसके उपर ही गिर गया। हम दोनों पानी में लोटने लगे और हम दोनों पूरी तरह से भीग गये थे।

मेरी कामवाली की पूरी साड़ी भीग गयी और उसका ब्लाउस भी भीग गया था। जैसे ही हम दोनों उठने की कोशिश करते हम फिर से सरक जाते। शायद उपर वाला भी चाह रहा था की आज हम चुदाई का काण्ड कर दे।

मैंने अपनी कामवाली को पकड़ लिया और उसके होठो को किस करने लगा। शुरू शुरू में वो मना करने लगी और “ऐसा मत करो साब …कोई देख लेगा तो क्या होगा”। पर मैंने उसे नही छोड़ा और पानी में लोटते लोटते मैंने उसे बाहों में भर लिया और किस करने लगा।

कुछ देर बाद उसका भी चुदने का मन करने लगा और उसने विरोध बंद कर दिया।हम दोनों वैसे ही भीग चुके थे। मैंने उसे जमीन पर ही पलट दिया और खुद उसके उपर आ गया। दोस्तों किसी भी खूबसूरत औरत को अगर पटाना हो तो उसके ओठो पर गरमा गर्म चुम्बन ले लो। वो माल अपने आप सरेंडर हो जाएगी और आपको अपनी रसीली चूत मारने को दे देगी।

यही सोचकर मैंने अपनी कामवाली को कसके पकड़ लिया और उसके होठ पीने लगा। कुछ ही देर में वो सरेंडर हो गयी और मुझे पूरा सपोर्ट करने लगी। वो मेरे होठो को मजे से चूस रही थी।कमरे में जो पानी फ़ैल गया था उससे हम दोनों भीग चुके थे। मैंने धीरे धीरे करके कामवाली की साड़ी निकाल दी और अब वो मेरे सामने सिर्फ पेटीकोट ब्लाउस में रह गयी थी। उसका फिगर देख देख के मेरा लंड फुफकार मारने लग जाता था।

मेरे हाथ कामवाली ब्लाउस पर आ गये और मैं उसके दूध दबाने लगा। वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…आह आह उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। उसका का ब्लाउस जब पूरी तरह से भीग गया तो उसके लाल रंग के हल्के कपड़े वाले ब्लाउस से उसकी मस्त मस्त पागल कर देने वाली चूचियां मुझे साफ साफ दिख रही थी।

उसकी काली काली निपल्स की छाप मैं ब्लाउस के उपर से देख सकता था। इतना ही नही उसका ब्लाउस भीगकर उसके मम्मो से चिपक गया था और उसकी भुंडीयाँ यानी निपल्स मुझे ब्लाउस के उपर से ही दिख रही थी।

मैंने जोर जोर से उसके मम्मे ब्लाउस के उपर से ही दबाने लगा और मजा लेने लगा। दोस्तों आज मुझे ये सब बहुत अच्छा लग रहा था क्यूंकि पूरे १० दिन हो गये थे मैंने किसी औरत की चूत नही मारी थी। मैं अपनी कामवाली के उपर लेट गया और जल्दी जल्दी उसके होठ चूसने लगा।

मेरे हाथ भी जल्दी जल्दी उसकी रसीली छातियों को दबा रहे थे। “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह आआआअह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” बोलकर सिसकियाँ ले रही थी क्यूंकि उसे भी अपनी चूचियां दबवाने में बहुत मजा मिल रहा था।

धीरे धीरे मैंने उसके भीगे और गीले ब्लाउस को खोल डाला और निकाल दिया। फिर मैंने उसकी ब्रा को भी खोल कर हटा दिया। और अपनी कामवाली की चूचियों को मैं हाथ से मसलने लगा।

आज तो जैसे मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था। मेरी कामवाली की छातियों तो जैसे मेरी बीबी की छातियों से जादा खूबसूरत थी। मेरी तो नियत ही खराब हो गयी थी। फिर मैं जल्दी जल्दी उसके बूब्स को दबाने लगा।

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 हॉट कामवाली की काली चुत मारी - desi bur chudai

“आआआअह्हह्हह……ईईईईईईई….ओह्ह्ह्हह्ह….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….साब जी आराम से दबाओ!!” बोली तो मैं धीरे धीरे उसकी चूचियां दबाने लगा। फिर मैंने मुंह में भरकर उसे पीने लगा।उसने ने मुझे कसके पकड़ लिया और मेरी पीठ को सहलाने लगी।

उसे भी खूब मजा मिल रहा था। फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया। मैं कामवाली पर लेट गया और उसकी चूचियों को फिरसे मैं चूसने लगा। मुझे लगा की मैं जन्नत में आ गया हूँ।

उसके बूब्स के चारो ओर बड़े बड़े काले घेरे तो नगीने जैसे लग रहे थे। बार बार उसे देखकर उत्तेजित हो जाता था और मुंह में लेकर चूसने लग जाता था। कुछ देर बाद उसकी छातियों से दूध भी निकलने लगा जिसे मैं पूरा का पूरा पी गया। फिर मैंने कामवाली का पेटीकोट खोल दिया और निकाल दिया।

उसकी चड्ढी पानी से पूरी तरह से भीग चुकी थी और गीली हो गयी थी। मैंने निकाल दी। अब कामवाली मेरे सामने पूरी तरह से नंगी थी। वो अच्छी तरह से जानती थी की आज वो मुझसे चुदने वाली है।इसीलिए उसका कलेजा धक धक कर रहा था। मैंने उसको को पकड़ लिया और गलबहियां करने लगा। हम दोनों अब पूरी तरह से नंगे हो गये थे। मैंने उसे बाहों में भर लिया और फर्श पर करवट लेने लगा।

पूरे फर्श में पानी पड़ा था इसलिए हम दोनों भीग भीग कर खेलने लगे जैसे बरसात में छोटे बच्चे घर की छत पर नहाकर मजा लेते है। कभी वो उपर हो जाती तो कभी मैं। मैं उसे लेकर कमरे में पानी में करवटे लेने लगा।

फिर मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रख दिया। उसे पकड़कर एक बार फिर से मैं किस करने लगा। वो भी मेरे जिस्म को सहलाने लगा। उसकी आँखें मुझसे चार हो गयी थी।

मैंने फिर से उसकी हसीन होठों को चूसना शुरू कर दिया। मैंने करवट ली और कामवाली फिर से नीचे आ गयी और मैं उसके उपर आ गया था। उसकी बेताब चूचियों को मैंने फिर से हाथ में ले लिया था।

उफ्फ्फ्फ़ इतनी बड़ी छातियाँ थी की मुश्किल से मेरे हाथ में आ रही थी। मैं दबाने लगा। रंजू फिर से मजा लेने लगा। उसके अमृत जैसे गुब्बारे को देखकर मुझे नशा सा हो गया था।

सेक्सी कामवाली “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोलकर चिल्ला रही थी। मैं फिर से उसके दूध पीने लगा। मैं उस दिन सब ऐश कर ली और उसकी चूचियों को मैंने आधे घंटे से जादा समय तक चूसा।

साब ….इसका क्या करूं मैं????” कामवाली बोली “माँ की लौड़ी मुंह में लेकर चूस और क्या अपनी माँ चुदाने के लिए मैंने तुझे इसे दिया है!!” मैंने कहा उसे मेरी गाली बहुत अच्छी लगी।

वो हसने लगी और जल्दी जल्दी मेरे खीरे जितने मोटे लंड को हाथ से फेटने लगी। ओय क्या मस्त तरह से जल्दी जल्दी वो मेरे 8 के लौड़े को फेट रही थी। मेरी बीबी तो बड़ी धीरे धीरे इसे फेटती थी पर वो से तो मुझे मजा दे दिया। उसका हाथ जल्दी जल्दी मेरे लौड़े पर उपर नीचे जाने लगा।

कुछ देर में मुझे जोश चढ़ गया था। मेरा लौड़ा तो बिलकुल टन्न हो गया था। कितना लम्बा और खड़ा हो गया था। पत्थर जैसा कड़ा हो गया था। फिर मैं नीचे फर्श पर लेट गया और कामवाली पर जैसे सेक्स का भूत सवार हो गया था।

वो मेरे लौड़े को मुंह में लेकर चूस रही थी। उसके सारे बाल भीग गये थे और खुल गये थे। खुले काले बालों में कामवाली और जादा सेक्सी और हॉट माल लग रही थी। उसके बाल बार बार उसके मुंह पर गिर जाते थे |

इसलिए बार बार उसे अपने बालों को हटाना पड़ जाता था। क्यूंकि इस वक़्त वो मेरा लौड़ा चूस रही थी। धीरे धीरे चुदने को बिलकुल तैयार हो गयी थी। उसका सिर, उसके ओंठ जल्दी जल्दी मेरे लौड़े पर उपर नीचे हो रहे थे।

उसे लंड चूसने की मस्त ट्रेनिंग मिली थी। मेरे सुपाडे को वो बहुत देर तक चूसती रही। मेरे लंड से माल की कुछ बूंद बाहर निकल आई थी। मुझे डर लग रहा था की कहीं मेरा माल ना निकल जाए।

फिर से सेक्सी कामवाली के हाथ मेरे लौड़े को जल्दी जल्दी फेटने लगे। मैं जन्नत में पहुच गया था। माँ की लौड़ी ….अब क्या लंड ही चूसेगी या चूत भी चोदने को देगी???” मैंने कहा वो फिर से हंसने लगी।

“आओ चोद लो साब!!” कामवाली बोली। फिर वो फर्श पर लेट गयी। मैंने उसके उपर आ गया। उसकी दोनों टाँगे बहुत खूबसूरत थी। दुबली पतली नही बिलकुल भरी हुई टाँगे थी उसकी।

उसकी चूत अच्छे से बनी हुई थी। एक भी झाट का बाल मुझे उसमे नही मिला। बिलकुल क्लीन शेव्ड चूत की उसकी। मैंने उसकी चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा।कामवाली कांपने लगी और उनका जिस्म थरथराने लगा। फिर मैं जोर जोर से उसका चूत का दाना घिसने लगा और उसकी रसीली चूत में लंड अंदर बाहर करने लगा।
कामवाली उतनी ही मस्त होने लगी। वो अपनी कमर उठाने लगी।

उनको जैसे मदहोसी छा रही थी। वो अपने दूध को खुद अपने हाथो से जोर जोर से दबाने लगी और अपने मम्मे अपने मुँह की तरफ झुकाकर खुद जीभ से चाटने लगी। ऐसा करते हुए वो एक परफेक्ट चुदासी कुतिया लग रही थी।

मैं जल्दी जल्दी उसको को चोद रहा था। आह दोस्तों, बहुत मजा आ रहा था। मैं इस समय जैसे जन्नत में पहुच गया था। कामवाली मुझे अभूतपूर्व सुन्दरी लग रही थी। उसने अपनी दोनों टाँगे मेरी कमर में लपेट दी और दोनों हाथ मेरी पीठ में डाल दिए और मस्ती से चुदवाने लगी।

गांव की देसी माल की चुदाई – Desi Chudai

 हॉट कामवाली की काली चुत मारी - desi bur chudai

उसकी ये नशीली चीखे सुनकर मैं वासना का पुजारी बन बैठा था। मेरे अंदर का शैतान जाग चुका था। मेरी आँखे सेक्स और वासना से एकदम लाल और क्रुद्ध हो गयी थी। हम दोनों पानी में लेटकर काण्ड कर रहे थे। उसकी चूत बड़ी भरी हुई थी लाल लाल थी।

जैसी कोई रसीली चाशनी वाली गुझिया मैं खा रहा था। मेरा लंड जल्दी जल्दी उसकी दुग्गी में फिसल रहा था। मुझे किसी तरह की कोई दिक्कत नही हो रही थी उसकी फुद्दी मारने में।

उसकी की चूत की फांकें बहुत लाल लाल थी। वो नंबर १ क्वालिटी की माल थी। मुझे विश्वास नही हो रहा था की २ २ बच्चे पैदा करने के बाद ही उसकी चूत कसी हुई थी और जादा ढीली नही थी।

मुझे तो वो बिलकुल फेश माल लग रही थी। जब मैं जल्दी जल्दी धक्के देने लगा तो वो “…….उई. .उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” करके चिल्लाने लगी। वो मेरे चेहरे को सहला रही थी, मैं उसको धीमे धीमे ले रहा था। चुदते चुदते कामवाली का मुँह खुल जाता था और बड़ा अजीब चेहरा बन जाता था।

मेरे धक्के धीरे धीरे तेज और तेज होने लगे। वो अपने होठ दांतों से चबा रही थी जिसमे वो बेहद चुदासी और सेक्सी लग रही थी। मेरी कमर नाच रही थी और कामवाली की चूत को चोद रही थी।

मैं जोर जोर से उसकी चूत में धक्के मारने लगा। पच पच की कामवाली के चुदने की मीठी आवाज मेरे कमरे में गूंजने लगी। मैंने उसके गाल और मम्मो पर २ ४ चांटे कस कसके मार दिए।

फिर मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा। कामवाली की चूत अच्छे से चुदने लगी। मेरा लंड और भी जादा मोटा हो गया था और जोर जोर से अंदर तक कामवाली की चूत में मेरा लंड पहुच रहा था।

उसका कुछ गाढ़ा मक्खन जैसा माल मेरे लंड पर लगा गया था जिससे अंदर बाहर होने में मुझे और चिकनाई और फिसलन मिल रही थी। मैंने अपनी गांड हवा में उपर उठा दी और कामवाली को लेने लगा।

फिर मेरा माल उसकी रसीली चूत में ही निकल गया। अब जब भी मेरी बीबी मायके जाती है मैं उसे कसके चोद लेता हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स नॉन antarvasnastory.net.in पर जरुर दे।

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