Bur ChudaiHindi Sex Story

माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई – Desi Bur Chudai

Desi Bur Chudai :नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अविनाश है और मेरी उमर 28 साल है, मैं देखने में बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। मेरे अंदर सारी बुराई है, काला गांजा और भी नशे में कर्ता हूं।

मेरा शरीर सुखा सा है पर मेरा लंड बड़ा और मोटा हैशायद ये ही मेरी ख़ासियत है। मेरी ये घाटना मेरी मम्मी के साथ हुई है। नया अनाचार गांव,मैं मम्मी को शुरू से माँ कहता हूं

उनका नाम सुसीला है। माँ की उमर 50 साल है और वो बालो में मेहंदी लगाती हैऔर वो हमेंशा साड़ी पहनती है। उनका बदन अभी भी काफी भरा हुआ और टाइट है

वो मुझे बहुत प्यार करती है। अब कहानी में आगे आप देखेंगे, कि कैसे हमारे बीच ये रिश्ता बन गया।मेरे घर में मैं, माँ और मेरा एक छोटा भाई कुंदन रहता है।

मेरे भाई की उम्र 24 साल है, और वो दिखने में बहुत स्मार्ट है। वो शहर में काम करने जाता है, और मैं गांव में खेती बड़ी करता हूं।मेरी एक बहन भी थी |

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 माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई -  Desi Bur Chudai

वो बिमारी के चलते गुजर गई थी। माँ ने मेरे लिए बहुत लड़की देखी पर सब ने मना कर दिया।मैंने भी हार मान ली, और मैंने अपनी माँ से कह दिया ,मम्मी आप छोटे की शादी कर दो।

मेरे जोर देने पर वो मान गई, और माँ ने मेरे छोटे भाई की शादी कर दी। छोटे भाई की बीवी बहुत खूबसूरत है, उसका नाम शालिनी है।

शादी के 1 साल के अंदर ही बहू मां बन गई, और उसने एक लड़का पैदा कर दिया।अब मेरे घर में ढेर सारी खुशियाँ आ गई थी।जब भी मुझे चुदाई चाहिए होती थी

तो मैं गांव की कुछ महिलाओं को पैसे दे कर चोद लेता था। मेरे लंड से चुदने वाली हर औरत मेरी चुदाई और मेरे लंड की तारीफ करती थी।

मैं हफ़्ते में 4 दिन किसी न किसी औरत की चुदाई करता था, और ऐसा ही एक दिन मेरी जिंदगी बदल गई।रोज की तरह दोपहर को मुख्य घर से खाना खा कर आया, और एक औरत की चुदाई में लगा हुआ था।

माँ दिन में कभी भी खेतो में नहीं आती थी, अगर आती भी तो शाम के समय आती थी। पर उस दिन वो खेतो में आ गई। मुख्य खेत के बने कमरे में चुदाई करने में लगा हुआ था।

दूसरे के समय किसी के आने का कोई डर भी नहीं था, इसलिए मैंने कुंडी भी नहीं लगाई थी। मेरी माँ गेट खोल कर जैसे ही अंदर घुसी, तो सामने का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए।

मैं पूरा नंगा खड़ा हो कर उस औरत की चुदाई कर रहा था।मुझे ऐसा लग रहा था, जैसा काला सांड किसी गोरी औरत को चोद रहा है।

गेट की आवाज से जैसे मैंने गेट की तरफ देखा, तो मेरे मुंह से गली निकलने वाली थी कि कौन है बहनचोद।माँ को देखते ही गली अंदर ही रह गई, माँ मेरी आँखों में देख रही थी |

वो औरत तुरंत आगे हो गई। जिसका मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल आया।माँ की नज़र मेरे लंड पर पड़ी, जिस पर कंडोम लगा हुआ था।

मेरा लंड पूरा खड़ा था, और उस औरत की चूत का पानी से गीला हो गया। ये सब 30 सेकंड के अंदर हुआ, फिर माँ बाहर निकल गई और जैसे ही वो औरत जाने लगी मैंने उसे फिर पकड़ लिया।

औरत,भैया आपकी माँ आ गई अब रहने दो।मैं, ये देख कितना मुश्किल हो रहा है, मेरा पानी निकल दे फिर चली जाना। वैसे भी माँ चली गयी है.मैंने तुरेंट यूज़ झुकाया और अपना लंड उसकी चूत में फिर से डाल दिया।

थोड़ी देर चुदाई के बाद मेरा भी पानी निकल गया, और वो औरत बोली ,भैया आपकी माँ ने देख लिया है, अब क्या होगा वो मेरे मरद को ना बता दे वो मुझे घर से निकल देगा।मैं,तू चिंता मत कर मैं सब देख लूंगा।

फिर मैं भी अपना पायजामा पहन कर बाहर निकला, तो माँ जा चुकी थी। मैंने बीड़ी जलाई और पाइन लग गया, शाम को जब घर पूछा तो माँ और बहू बेटी सब्जी काट रही थी।

माँ बोलीं,आ गया बेटा, बहू पानी ले आओ.बहू पानी लेने गई मैं माँ से नज़र नहीं मिला पा रहा था। फिर रात का खाना खाने के बाद छोटा और बहू अपने कमरे में चले गए। मैं माँ अपने कमरे में चली गयी।

हमारे यहां 2 कमरे हैं, एक मैं छोटा और उसकी बीवी रहती है।दूसरे में माँ और मैं रहती हूँ। मैं समझ नहीं पा रहा था, कि मैं कैसे बात शुरू करूं। माँ शायद मेरी परेशानी समाज गई, और मेरे पास आ कर वो बेथ गई।

मैं लेता हुआ था, तो माँ बोलीं,बेटा तू दोपहर वाली बात से परेशान नहीं हो, ये सब तो मर्द और औरत में होता है।ये सुनके मेरी जान में जान आ गई. तभी माँ रोने लगी और बोली ,बेटा मुझे माफ कर दे |

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 माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई -  Desi Bur Chudai

तेरी माँ हो कर मैं तेरे लिए एक लड़की नहीं ढूंढ सकती। अगर आज तेरी बीवी होती तो तुझे बाहर ऐसा नहीं करना पड़ता।मैं,माँ तू रो मत मुझे कोई दुःख नहीं है।

फिर मैंने 2 बीड़ी जलाई और हम दोनों बीड़ी पिते हुए बात करने लग गए।माँ बोलीं,वे औरत रमेश की घर वाली सोना थी ना?मैं, हां माँ वो ही थी|

माँ बोलीं,वो तेरे साथ क्यों कर रही थी? उसका मरद उसे ख़ुस नहीं कर पता है क्या?माँ के मुँह से पहली बार मैं ऐसी बाते सुन रहा था।

तो मैं बोला,माँ मैं पैसे देता हूं ऐसा करने के लिए।माँ बोलीं,बेटा पैसा तो सबको अच्छे लगते हैं। पर औरत उसके पास ही जाती है जो पैसे के साथ उसे भी खुश कर दे।माँ की बाते सुन कर मेरा लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था

म्मा बोली, जब मैं बहार निकल आई थी तो मुझे लगा तू बहार आ जाएगी।पर तू तो फिर से उसके साथ लग गया, उसकी आवाज बहार तक आ रही थी और ऐसी आवाज खुशी में ही निकलती है।

आज पहली बार माँ मुझे ऐसा समझ रही थी, तभी माँ ने मुझे गले लगा लिया और वो बोली।माँ ,जो ध्यान करना है गांव का मामला है।माँ के बड़े बड़े स्तन अब मेरी चाटी पर लग रहे थे, और मेरा लंड पजामे में खड़ा हो रहा था।

मेरा लंड माँ के पेट पर लग रहा था, जैसे ही मैं माँ से अलग हुआ तो माँ की नज़र नीचे चली गयी।फिर वो हसने लगी और वो बोली ,क्या फिर से रमेश के घर वाली की याद आ रही है क्या?

अब हम दोनों हसने लग गए, आज पहली बार माँ मुझसे इतना खुलकर बात कर रही थी। माँ ने नीचे गद्दा डाला और वो लेट गई, माँ हमेंशा नीचे ही सोती थी। जब मेरे कमरे में 2 दीवान पड़े थे

आज मैं पहली बार माँ को एक औरत की तरह देख रहा था। 50 साल की उम्र में भी माँ जवान लगती हैं। उनके ब्लाउज में दबे बड़े स्तन थोड़े ढीले थे, और थोड़े टाइट पेटीकोट में छिपी उनकी बड़ी गांड सब कुछ बहुत आकर्षण है।

माँ के बारे में मैं सोचता हूं सोचता हूं मैं सो गया। सुभा माँ ने मुझे जगाया। फिर मैं नहा धो कर तैयार हो गया, बहू ने मुझे नाश्ता दिया नाश्ता करके मैं कहता हूं कि काम करने चला गया।

पर मेरा ध्यान बार बार माँ के गदराए बदन पर जा रहा था। पिता जी को गुजरे 5 साल हो चुके थे, और माँ की चूत को भी अब लंड की जरूरत थी। दूसरे 12 बजे तक काम करके मैंने हाथ जोड़े धोए, और घर की तरफ खाना निकल पड़ा।

रास्ते में ही माँ मुझे दिखाई पड़ी, माँ के पास आते ही मैं बोला।मैं, क्या माँ यहां हैं?माँ बोलीं,मैं तेरे लिए खाना लेके आई हूं।पहले माँ पिता जी और मेरे लिए खाना ले कर आती थी

मैंने ही पिता जी के मरने के बाद उन्हें खाना लेने से मना कर दिया था। पर आज फिर से वो खाना लेके आई थी, फिर मैं और माँ कमरे में आ गईं और माँ ने मुझे खाना दिया।

खाना खाके मैं वही लेट गया, माँ मेरे बगल में बेटी हुई थी। उन्हें हल्के सफेद रंग की साड़ी और काला ब्लाउज पहनना था, उनके काले ब्लाउज से सफेद रंग की ब्रा साफ दिख रही थी।

माँ साड़ी को घुटनों तक उठा कर बैठी हुई थी, उनके सुरक्षित स्तन जैसे तांगे बहुत सुंदर लग रही थी। मैं माँ की तांगे ही देख रहा था, तभी माँ बोलीं।माँ ,आज सोना नहीं आई क्या?

मैं, माँ वो रोज-रोज थोड़ी आ सकती है, वो कभी-कभी आती है।माँ बोलीं,बेटा एक बात पूछू?मैं, हां माँ बोलो.माँ , तेरा और कितनी औरत से जिस्मानी रिश्ता है?मैं, माँ 4 औरतो से.

माँ बोलीं,क्या मैं से कोई कुंवारी हूं तो शादी कर ले तू भी.मैं,माँ सब शादी शुदा है, वैसे भी मेरे जैसे काले सांड से कौन शादी करेगी।माँ ,अच्छा तेरे नीचे तो बड़ी जल्दी लेट जाती है।मैं,माँ सब पैसे के लिए हैं।

माँ बोलीं, बेटा तू नहीं जानता है पैसे से ज्यादा तेरा हत्यार उसे ज्यादा पसंद आता है।मैं, हत्यार मतलब मेरा लंड?माँ , हां तेरा लंड.माँ के मुँह से लंड सुन कर मुझे एक अलग ही मजा आया।

अब मैं भी माँ से खुल कर बोला ,माँ थी एक लड़की बचपन में, जिसका मेरा लंड पसंद था पर उसे मैं पसंद नहीं हूं।माँ बोलीं, कोन थी बेटा वो?आरती माँ बोलीं,मेरी सहेली की बेटी?

मैं, हां हम दोनो साथ में ही तो बड़े हुए हैं।माँ बोलीं, तोह उससे शादी कर लेता.मैं माँ वो बस मेरे साथ मजा करती थी, वो शादी से मन करती थी।माँ बोलीं, क्या वो अभी भी आती है तेरे पास?

मैं, हां माँ जब वो मयाके आती है, तब वो हमेंशा मेरे पास करने आती है।हमने बात करते हुए 1 घंटा कैसे बीत गया ये पता ही नहीं चला। तो माँ बोलीं, बेटा मैं जा रही हूं

आज से तुझे मैं देसी घी का बूब दूंगी, वो पिएगा तो कामजोरी नहीं आएगी।मैं, ठीक है| जब मैं और माँ खड़े हुए, तो मेरा लंड पजामे में खड़ा हो गया था।माँ बोलीं, तेरा ये तो बड़ी जल्दी खड़ा हो गया।

मैं, माँ ये तो हमेशा खड़ा रहता है| माँ बोलीं, अभी इसकी गर्मी सही से निकली नहीं है इसलिए ये खड़ा हो रहा है।फिर माँ चली गई और मेरा सारा दिन बहुत अच्छा कट गया।

माँ से खुल कर बात करने में मुझे मजा आ रहा था। शाम को जब मैंने घर पूछा तो सबने चाय पी, और फिर रात का खाना खा कर हम अपने अपने कमरे में आ गए।

आज मैं दीवान की जगह नीचे माँ के गद्दे पर बैठा हुआ था। तभी माँ हाथ में का गिलास ले कर आई। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।माँ बोलीं,ले बेटा पी ले | मैं, माँ इसकी क्या ज़रूरत थी, छोटे को दे देती।

माँ बोलीं,अरे बेटा उसे तो सिर्फ अपनी बीवी का ख्याल रखना है, और तुझे तो कई महिलाओं का ख्याल रखना पड़ता है।ये बात सुन कर हम दोनों जोर से हंसे, फिर मैंने सारा स्तन पी लिया।

माँ लाइट बंद करके गद्दे पर मेरे साथ आ कर लेट गई। रूम में अब बस एक नाइट बल्ब जल रहा था, और मेरे साथ माँ साड़ी और ब्लाउज में लेती हुई थी। मैंने माँ के चिकने पेट पर हाथ रख दिया|

उसे मैं सहलाने लग गया। माँ ने मुझे कुछ नहीं कहा, शायद उन्हें भी मजा आ रहा था।माँ बोलीं, बेटा आज कोई औरत नहीं आएगी क्या?मैं, नहीं माँ आज कोई नहीं आई, पर आपको कैसा मालूम?

माँ बोलीं,देख तेरा शैतान कैसे बेकाबू हो रहा है।मैंने नीचे देखा तो मेरा लंड माँ की कमर पर लग रहा था।माँ बोलीं,,बेटा तू रात मैं पजामा उतार दिया कर, इसे भी थोड़ी हवा लगाने दिया कर। वेसे भी यहाँ हम दोनो के अलावा और कौन है।

मैंने तुरंत अपना पायजामा उतार दिया, और अंडरवियर भी नीचे कर दिया। फिर दुबारा से मैं माँ का पेट सहलाने लग गया। इस बार मेरा लंड डायरेक्ट माँ की कमर पर लग रहा था|

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 माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई -  Desi Bur Chudai

उनको कुछ नहीं कहा इन 2 दिनों में अब मैं माँ से बहुत खुल गया था। इसलिए मेरा डर भी कम हो गया था।माँ बोलीं,चल अब तो जा तुझे सुबह उठना |

अब माँ की मोटी गांड मेरी तरफ थी। मैंने भी अपना लंड माँ की गांड पर लगा दिया। माँ मुँह दूसरी तरफ करके लेती हुई थी | मैं उनकी गांड पर साड़ी के ऊपर से लंड रगड़ रहा था।

पता नहीं आज मेरे अंदर इतनी हिम्मत कहा से आ गई थी, माँ जाग रही थी पर वो कुछ बोल नहीं रही थी। मैं माँ की साड़ी ऊपर उठाने लग गई

माँ की साड़ी उनकी गांड तक आ गई थी। पर माँ वैसे ही लेती हुई थी, मैं माँ की गांड को सहलाने लग गया।माँ की चिकनी गांड सहलते हुए मेरा हाथ माँ की चूत तक चला गया।

जहां पर बहुत सारे बाल थे और हल्का सा गिला पन था, और ये गिलापन सबुत था कि माँ जाग रही है। अब माँ मेरी हरकतों का मजा ले रही है।अब मैंने अपना लंड माँ की गांड पर लगा दिया

माँ की गांड बहुत गरम थी मुझे ऐसा लग रहा था। जैसी माँ की चूत और गांड से गर्मी निकल रही हो। माँ की गांड पर लंड रगड़ना एक अलग ही अहसास दे रहा था मेरा लंड बहुत ज्यादा ताकतवर हो गया था।

चुत में करीब 10 मिनट लंड रगड़ा और चुत जयादा देर सेह नहीं सका, और मेरे लंड से गदा माल माँ की गांड पर निकल गया। पर माँ तो वैसे ही लेती रही। पानी निकलने के बाद मेरा लंड ढीला पड़ गया, और मैं वही पर सो गया।

मेरी सुबह आंख खुली तो मेरे ऊपर चादर पड़ी थी, और मेरा लंड चादर के अंदर खड़ा हुआ था। तभी माँ अंदर आईं और वो माँ बोलीं,बेटा रात को तूने अंडरवियर भी उतार दिया था क्या?

मैं,माँ कई बार वो ढीला हो जाता है तो निकल जाता है।मैं बीड़ी जला कर पीने लग गया, माँ की नज़र अभी भी मेरे लंड पर थी। मैंने बीड़ी पी और नहाने चला गया और तयार होके नाश्ता करके मैं कहता में चला गया।

आज भी मन काम में नहीं लग रहा था, मुझे तो माँ का इंतज़ार था। 12 बजते ही माँ मुझे आती हुई देखी दी, माँ ने हल्के आसमानी रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनना हुआ था।

माँ के आते ही मैंने हाथ जोड़े धोए और कमरे में चला गया। माँ ने खाना निकाल कर मुझे दिया, और मेरी नज़र माँ के बड़े स्तन पर टिकी हुई थी जो ब्रा पहनने की वजह से बिल्कुल टाइट लग रहे थे।

खाना खाने के बाद मैं और माँ वही पर लेट गई और माँ बोली ,बेटा आज सुबह जब मैं उठी तो तू नंगा लेता हुआ था, और तेरा लंड पूरा खड़ा था। इसलिए मैंने तेरे ऊपर चादर डाल दी थी।

पर जब मैं वापस आई तो मैंने देखा, कि बहू तेरे लंड को घूर घूर के देख रही थी। माँ की बात सुनके मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया, मैंने अपना एक हाथ माँ के पेट पर रखा और उसे चुत सहलाने लग गया। मैंने मजाक में माँ से कहा।

मैं,माँ कहीं छोटे की बीवी को मेरा लंड पसंद तो नहीं आ गया?माँ बोलीं, बेटा तेरे जैसा लंड सब का नहीं होता है, और शादी शुदा औरत को तेरा जैसा लंड जल्दी पसंद आता है।

तू ख्याल रखना कहीं बहु भी तेरे नीचे ना आ जाये।माँ की बातें मुझे और ज्यादा गरम कर रही थीं। मैंने अपना हाथ पेट से हटा के माँ के स्तन पर रख दिया, और हल्के हल्के उसे दबाने लग गया।

माँ को भी अब मजा आ रहा था, और माँ बोलीं,बेटा तेरा लंड तो बातों से ही खड़ा हो जाता है, देख कैसे मेरी कमर पर लग रहा है और कल रात मेरी गांड में घुस रहा था।मैं, माँ तुम जाग रही थी?

माँ बोलीं,ऐसा तगड़ा लंड गांड में लग रहा हो तो नींद कहां से आएगी?मैं,माँ मुझे माफ़ कर दो.माँ बोलीं,कोई बात नहीं बेटा तेरी हालत मैं समझ सकती हूं।मैं,माँ तेरे वहां तो बहुत बाल है, तू साफ नहीं करती क्या?

माँ बोलीं,जब तेरे पिता जी थे तो मैं हमेशा साफ करती थी, पर उनके जाने के बाद साफ नहीं किया है। वैसे भी अब तो मैं बुद्धि हो गई हूँ।मैं,अभी कहा तुम बूढ़ी हो गई हो.

ये कहते ही मैंने उनके स्तन दबा कर खा ,ये देखो अभी भी बहू से भी ज्यादा टाइट है।माँ ने मेरे गाल पर हल्के से एक चाटा मारा और वो हंसने लग गई।माँ बोलीं, तू मोबाइल मैं क्या देखता है रात को?

मैं,कुछ नहीं बस ऐसे ही,माँ बोलीं, बेटा ये बाल धूप में सफ़ेद नहीं हुए हैं।माँ की बातें सुन कर हम दोनों हसने लग गए।मैं,माँ वो चुदाई वाली वीडियो देखती हूं| माँ बोलीं, बिल्कुल अपने बाप पर गया है।

मैं-माँ पिता जी भी देखते थे क्या?माँ बोलीं, जब तुम दोनों भाई सो जाते थे, तो वो सीडी प्लेयर पर मुझे भी दिखाते थे और वो गंदी वाली कहानी पढ़ते थे। जिस में भाभी देवर जीजा साली की चुदाई होती है।

पिता जी की बाते सुन कर मेरा लंड मोटा होने लगा। मैंने अपना अंडरवियर नीचे कर दिया और मैं बोला ,माँ फिर तो पिता जी तुम्हें बहुत परेशान करेंगे?माँ बोलीं,बेटा बहुत ज्यादा ये जिस कमरे में हम लेते हैं

ये इसलिए बनवाया था तेरे पिता जी ने। उस दिन तुझे और सोना को देख कर मुझे तेरे पिता जी की याद आ गई। वो भी दोफर मैं ऐसे करता था। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।

मैं,मतलब आपने मुझे पूरी चुदाई करते हुए देखा है?माँ बोलीं,हां बेटा मुझसे रहा नहीं गया और मैंने दरवाजे की दरार में से पूरी चुदाई देखी थी।माँ बोलीं, बेटा अब मैं चलती हूं, तुझसे बात करके टाइम का पता ही नहीं चलता है।

माँ जैसी ही खड़ी हुई मैंने पीछे से माँ के स्तन पकड़ कर उन्हें दबाने लग गया। इसे माँ एक बांध से चौंक गई और वो बोली बेटा ये क्या कर रहे हो? यहां कोई देख लेगा बेटा|

परर मेरे ऊपर तो चुदाई का भूत सवार था। मैंने माँ के ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए, और अंदर माँ ने सफेद रंग की ब्रा पहनी थी। माँ के स्तन ब्रा में शुद्ध नहीं आ रहे थे | वो साइड और ऊपर से बाहर निकल रहे थे।

जेसे ही मैं ब्लाउज़ उतारने लगा, तो माँ बोली,बेटा ऐसे ही रहने दे।फिर मैंने माँ की ब्रा ऊपर कर दी, और माँ के बड़े स्तन बाहर आ गये। माँ के गोरे स्तन और उस पर अंगूर के दाने की तरह काले निपल बहुत ही दर्द लग रहे थे।

मैंने तुरंत माँ का एक स्तन मुँह में भर कर चूसना शुरू कर दिया।माँ ने आंखें बंद कर ली और मेरे स्तन चूसाई का वो मजा लेने लग गई। कुछ देर स्तन चूसने के बाद मैंने माँ को नीचे लिटा दिया|

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 माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई -  Desi Bur Chudai

उनके होठों को मैं चूसने लग गया। माँ भी मेरा पूरा साथ दे रही थी।माँ के होठों को चूसते हुए मैंने अपना हाथ माँ के पेटीकोट में घुसा दिया.. और उनकी बालों वाली चूत को मैं सहलाने लग गया।

माँ की चूत पूरी गिली हो गई थी, मैं माँ के जोड़े के पास बैठ गया और उनकी साड़ी और पेटीकोट ऊपर करने लग गया। माँ की बालो से भरी चूत अब मेरे सामने थी।

मैंने माँ की टांग फेलाई तो माँ की चूत का मुंह खुल गया। जो अंदर से गुलाबी था और उसकी चूत का पानी साफ दिख रहा था। माँ की चूत को देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया, और मैंने तुरंत अपना मुँह माँ की चूत पर लगा दिया।

जैसे ही मेरी जीब माँ की चूत पर लगी, तो माँ के मुँह से जोर से आह्ह आहा आवाज निकल गई। शायद माँ ने पहली बार चुत चटवाई थी, मैं माँ की चुत में जीभ डाल कर उसे चटने लग गया।

वो मेरे गंजे सर को सहलाने लग गई।माँ के मुँह से सिस्किया निकलने लग गई, और कुछ ही देर चूत चाटने के बाद मैंने अपना पायजामा और अंडरवियर उतार दिया। मेरा लंड तो मोटा हो गया था

मैंने अपना लंड माँ की चूत पर रखा और हल्के हल्के लंड अंदर डालने लग गया।माँ की चूत इतनी गिली हो गई थी, कि लंड आसान से अंदर जा रहा था। पर काई सालो बाद लंड का हर एक इंच उनको दर्द भी दे रहा था।

जब माँ को दर्द ज़्यादा हुआ, तो वो बोली,बेटा थोड़ा रुक जा 5 सालो बाद लंड अंदर गया है मुझे थोड़ा दर्द हो रहा है।मैं माँ के ऊपर झुक गया, और उनके होठों को चूसने लग गया।

कुछ देर बाद मैंने हल्के हल्के लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। अब माँ का दर्द भी कम हो गया, अब उनके मुँह से कामुक आवाज़ निकलने लग गई।मैं माँ की कमर पकड़ कर धक्के लगाने लग गया

हर धक्के में माँ के स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे। अब माँ के मुँह से आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह की आवाज़ आ रही थी। मैंने माँ की दोनों तांगे अपने खंडे पर राखी और पूरा लंड अंदर डाल कर उन्हें धक्के लगाने लग गया।

मेरा हर धक्का मेरे लंड को माँ की बच्ची पर मारता, और माँ तेज तेज आआह्ह्ह आआह्ह्ह्ह की आवाज निकल रही थी। मेरे लंड की मार माँ जयादा देर से ना सकी, और उनका पानी निकल गया

मेरा लंड अभी भी अंदर था। माँ जोर जोर से सांस ले रही थी, मैंने एक जोर से धक्के मारा तो माँ बोली ,रुक जा बेटा जान लेगा क्या मेरी?माँ ने खुद अपने हाथ से मेरा लंड बाहर निकाल लिया

मेरा काला लंड माँ की चूत से पानी भीगा हुआ था।मैं, माँ मेरा अभी हुआ नहीं.माँ तुरेंट मेरे सामने कुतिया बन गई, और उन्हें अपनी साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठा लिया। माँ की बड़ी और गोरी गांड बहुत मस्त लग रही थी।

मैंने भी अपना लंड पीछे से उनकी चूत में डाल दिया, और माँ की गांड पकड़ कर उनकी चुदाई करने लग गई।अब पूरे कमरे में फट फट की आवाज आ रही थी, मेरा लंड माँ की चूत में जाते हुए आवाज कर रहा था।

माँ के मुँह से मम्माआआ की आवाज़ आ रही थी। मैंने माँ के दोनों स्तन पकड़ लिए और उन्हें जोर से मसलने लग गया।माँ बोलीं,आअह्ह्ह्ह अरे हरामी आराम से दबा दर्द हो रहा है.

माँ की चुदाई जोरो पर थी, तभी माँ बोल पड़ी ,अरे अब बस भी कर मेरी चूत में जलन हो रही है बेटा।मैं,माँ अब ये जलन रोज हुआ करेगी, अब तुम इस जलन और इस भूलभुलैया की आदत डाल लो।

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 माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई -  Desi Bur Chudai

माँ बोलीं,जल्दी कर बेटा बहुत समय हो गया कोई आ ना जाए। मैंने अब धक्के और तेज कर दिए, और माँ की भी आआआह्ह्ह्ह तेज हो गई। कुछ ही देर में मेरा पानी माँ की चूत में निकल गया

मैं कुछ देर ऐसे ही रहा। फिर मैंने अपना लंड निकाल लिया, लंड बहार आते ही माँ की चूत से मेरा पानी निकलके उनकी जांघो पर बहना लग गया।माँ अपनी चूत देख रही थी

माँ ने थोड़ा जोर लगाया।तो पैड पैड की आवाज के साथ मेरा बच्चा हुआ पानी भी बाहर आ गया। माँ ने पेटीकोट से अपनी चूत साफ कर ली, और पेटीकोट और साड़ी नीचे कर ली।

माँ बोली, बेटा अब मैं समझी की औरत तेरे लंड से क्यों चुदवाती हूँ।बेटा आज तूने मेरी 5 साल की प्यास बुझा दी है।मैं,माँ अभी कहां रात में धंग से तेरी बच्ची हुई प्यास बुझा दूंगा।

मैं अभी भी नंगा था, माँ मेरे पास आई और मेरे लंड को मुँह में लेके चूसने लग गई और उसे साफ करने लग गई। माँ की अदा बहुत कातिल थी, मैंने भी माँ के होठों को चूसना शुरू कर दिया। फिर माँ घर चली गई, और मैं काम में लग गया।

आज ऐसा लग रहा था, जैसे मैंने कोई जंग जीत ली हो मेरा लंड पूरा दिन खड़ा ही रहा। शाम को घर पूछा तो माँ सामने बेटी की सब्जी काट रही थी, और बहू बच्चे को स्तन पिला रही थी।

मेरी नज़र बहू के गोरे स्तनों पर थी, तभी बहू अंदर कमरे में चली गई।मैं जाके माँ के पास बैठ गया, माँ मुझे देख कर रही थी। फिर माँ मेरे लिए पानी लेने रसोई में चली गई।

मैं भी उनके पीछे रसोई में चला गया, मैंने माँ को पीछे से पकड़ लिया माँ एक दम से डर गई और वो बोली ,पागल है क्या तू बेटा बहू ने देख लिया तो गजब हो जाएगा।

मैं माँ के स्तन दबाते हुए बोला,माँ जब से तेरी चुदाई की है, मेरा आदमी कहीं आग ही नहीं रहा है।माँ बोलीं, बेटा सब कर रात को आराम से मेरे स्तन मसलो और पी लेना।

मैंने खड़े खड़े माँ की साड़ी ऊपर कर दी, और अपनी उंगली माँ की चूत में डाल दी। माँ की चूत पहले से ही गिली थी, तो मैं बोला ,माँ तेरी चूत तो बहुत गिली है?माँ बोलीं, बेटा जब से तेरे पास से आई हूं, मुझे भी तेरा ही ख्याल आ रहा है।

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और माँ की चूत में डाल दिया। माँ के मुँह आआआह्ह्ह्ह कि हल्की सी आवाज निकली और वो बोली ,बेटा निकल ले बहु आ जायेगी।पर मैं कहा मन्ने वाला था

मैं माँ की गांड पकड़ कर धक्के लगाने लग गया। करीब 2 धक्के मैं ही मेरा पूरा लंड माँ की चूत की गहराई में चला गया। अभी थोड़े ही धक्के लगाए थे, तभी बाहर से बहू की आवाज आई माँ कहा हो।

बहू की आवाज सुनके मैंने तुरेंट लंड बाहर निकाल लिया और माँ ने अपनी साड़ी नीचे कर ली। मेरा लंड माँ के चूत के पानी से भीगा हुआ था, मैंने जैसा ही लंड अंदर किया बहू किचेन मैं आ गई।

माँ ने मुझे पानी दिया और मैं बाहर आ गई।थोड़ी देर में माँ बहार आई, और मेरे पास बैठ गई। माँ बोलीं,आज तो तूने मरवा ही दिया था।मैं माँ के स्तन दबाने लग गया और माँ बोली, बेटा मान जा क्यू मेरी आग भड़क रही है।

मैं,माँ मेरा भी यही हाल है.तभी किसी से गेट खट खटाया, माँ ने दरवाजा खोला तो वो छोटा था। छोटे के आते ही बहू सब के लिए चाय लेके आई, चाय पीके बहू खाना बनाने लग गई।

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 माँ की बुर की आग बेटे ने बुझाई -  Desi Bur Chudai

हम सब टीवी देखने लग गए, 9 बजे सब ने खाना खाया और मैं खाना खा कर अपने कमरे में चला गया।अंदर जाते ही मैंने कपड़े उतार दिए और बनियान और अंडरवियर में आ गया।

माँ का गद्दा मैंने नीचे लगा दिया, और हमें पार करने दो मैं उनका इंतजार करने लग गया। करीब 10 बजे माँ कमरे में आईं, उनके हाथ में दूध का गिलास था। माँ ने दरवाजा बंद कर दिया

मैं तुरेंट माँ के पास गया और उन्हें अपनी बाहो में मैंने भर लिया।माँ बोलीं,पहले दूध तो पी ले, मैं कहां भागी जा रही हूं?मैंने दूध पी लिया, माँ ने भी अपनी साड़ी निकाली थी।

अब माँ सिर्फ बाउस और पेटीकोट में मेरे सामने खादी थी। माँ के निपल ब्लाउज़ में से साफ़ दिख रहे थे। मैं माँ के स्तन दबाने लग गया, और माँ के स्तनों को ब्लाउज के ऊपर से उन्हें चूसने लग गया।

माँ के दोनों स्तन बारी बारी से मैं चूसने लग गया। माँ का ब्लाउज मेरे थूक से गीला हो गया। मैं माँ के स्तनों को पीछे से पकड़ के मसलने लग गया। माँ ने हाथ पीछे कर के मेरा लंड पकड़ लिया, और उसे वो सहलाने लग गई।

मैंने माँ का मुँह पीछे किया और उनके होठों को मैं चूसने लग गया। माँ मेरे होठों को चूसते हुए मेरा लंड सहला रही थी, और मैं उनके स्तनों को दबा रहा था। मैं माँ को शीशे के सामने ले गया|

माँ मुझे और खुद को शीशे में देखकर शर्मा रही थी।मैंने माँ का ब्लाउज दोनों साइड से पकड़ा, और एक दम से जोर से खींच दिया। माँ के ब्लाउज के सारे हुक टूट गए, और माँ के दोनों बड़े स्तन बाहर निकल आये।

वो क्या गजब नजारा था, माँ ने थोड़े गुस्से से देखा पर वो चुदाई के नशे में कुछ नहीं बोली।मैं माँ के दोनों स्तन जोर जोर से मसलने लग गया। माँ भी आंखें बंद करके मजा लेने लग गई।

मैंने माँ को अपनी तरफ किया और उनके होठों को चूसना शुरू कर दिया। माँ ने मेरी बनियान निकाल दी, मैंने माँ को नीचे हाथ लगा कर उठा लिया।माँ मेरी गोदी मैं आ गई, और अपनी दोनो तांगे मेरी कमर पर बंद दी।

हम दोनों एक दूसरे को चूसने लग गए। मैं माँ को गाड़े पर लेटा कर माँ के होठों को चूस रहा था। माँ ने मुझे नीचे लिटाया, और वो ऊपर आ गई और वो मेरी चाटी को चूमते हुए सिर्फ अंडरवियर के पास आ गई।

मेरा लंड अंडरवियर के अन्दर टेंट बना कर खड़ा था। माँ ने अंडरवियर के ऊपर से ही मेरे लंड को चूम लिया, फिर मेरे अंडरवियर का नाडा आपने मुंह से अंडरवियर नीचे कर दिया।

मेरा अंडरवियर नीचे होते ही मेरा लंड स्प्रिंग की तरह खुद कर बाहर आ गया।माँ मेरे लंड को पकड़ कर चूसने लग गयी. मैं जैसा ही कुछ बोलने वाला था, तभी माँ ने मेरे मुँह पर उंगली रख दी।

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माँ मेरे सुपाड़े को ज़्यादा चूस रही थी, उस पर वो अपनी जीब फिर रही थी। जब मुझे लगा मेरा निकल जाएगा तो मैंने माँ को पकड़ कर ऊपर खींच लिया।माँ मेरे ऊपर आ गयी, माँ के स्तन मेरी चाटी से दब रहे थे।

मैंने माँ के होठों को चूसते हुए, उनको नीचे लिटा दिया। फिर माँ की गार्डन को चाटे हुए मैं उनके स्तन चूसने लग गया। मैं माँ का फटा हुआ ब्लाउज निकाल दिया, माँ की सांसें अब तेज-तेज चल रही थीं

उनका पेट ऊपर नीचे हो रहा था।मैंने माँ की नाभि में अपनी जुबान घुसा दी, और उसे मैं चूसने लग गया। माँ का हाथ मेरे गंजे सिर पर था, वो इस्तेमाल कर रही थी। मैंने माँ का पेटीकोट के नाडा अपने दांतों से खिच कर खोल दिया।

माँ ने अपनी गांड उठा कर पेटीकोट निकाल दिया।पेटीकोट उतारते ही मेरी आंखे फटी की फटी रह गई। माँ की चूत का जंगल पूरा साफ पड़ा था, और माँ की चूत बिल्कुल साफ दिख रही थी।

ये देख कर लग रहा था जैसा बस अभी ही छूट गया है। माँ की चूत का लंबा सा चीरा और चूत से बाहर निकला चामदा, ये सब देखकर मेरा लंड ज्यादा टाइट हो गया।मैंने माँ की टांग फेला दी

माँ की चूत का मुंह खुल गया और मैंने माँ की चूत का चामदा मुंह में भर लिया और उसे मुख्य चुसने लग गया। माँ के मुँह म्म्म्माआआ की आवाज निकलने लगी। मैं माँ की पूरी चाटने लग गया।

माँ की चूत बहुत पानी छोड़ रही थी, जिसे मैं चाट रहा था। माँ को चुत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था.. और माँ ने दोनों हाथो से ताकि को पकड़ा हुआ था। माँ के स्तन और पेट ऊपर नीचे हो रहे थे, और उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थीं।

माँ की शकल पर कामुकता वाले भाव देख कर साफ पता चल रहा था, कि वो चा रही थी मैं अब अपना लंड उनकी चूत में डाल दूं। मैंने भी ज्यादा देर नहीं की, और एक तकिये माँ की कमर के नीचे लगा दिया।

फिर मैंने अपना लंड माँ की चूत पर रख दिया, मेरे लंड और माँ की चूत के चामदे से निकलता पानी मोती लार बना रहा था। मैं माँ की चूत के चमडे को लंड से सहला रहा था।

जब मुझसे रहा नहीं गया, तो मैंने अपना लंड अंदर डाल दिया।मेरा लंड अन्दर चला गया और माँ के मुँह से आआआअह्ह्ह्ह की आवाज निकल गयी। मैं माँ के ऊपर आ गया और उनके होठों को चूसने लग गया।

मेरा पूरा लंड अंदर था, और माँ और मैं एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे।मैं हल्के हल्के लंड अन्दर बाहर करने लग गया. जेसे ही लंड अंदर जाता माँ के मुँह आआआह्ह्ह्ह की आवाज निकल जाती है।

माँ ने जोर से तकिये को पकड़ रखा था, और अब मैं फुल स्पीड से माँ की चुदाई करने लग गया।माँ हर धक्के में आआह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह करती, जो मेरे जोश को और बड़ा देता।

मेरा लंड माँ की बचदानी पर लगता है, जिसकी माँ का मजा और ज्यादा बढ़ रहा था। माँ ने अपने मुँह पर हाथ रख लिया, और मैं उनकी जोरदार चुदाई करती रही।करीब 10 मिनट बाद माँ का शरीर अकद गया

उन्हें मेरे पालतू जानवर पर हाथ रखकर रुकने का इशारा किया। माँ का पानी निकल गया मेरा लंड अभी भी अंदर ही था, माँ उस पल की मजा ले रही थी। मैंने अपना लंड बाहर निकाला तो वो माँ की चूत के पानी से भीगा हुआ था।

माँ की चूत का गिरता पानी मैंने मुँह से चाट के साफ कर दिया, और मैं माँ के बगल में लेट गया। माँ मेरे ऊपर आ गयी, और मेरे लंड को पकड़ के उस पर वो बैठ गयी।

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पर उनको जब तकलीफ हुई तो उन्हें ढेर सारा झटका अपने हाथ पर लिया और मेरे लंड पर लगा दिया। जिसका लंड आसान से अंदर चला गया, और माँ मेरे लंड के साथ बैठ गई।

मैंने माँ की कमर पकड़ी और उसके आगे पीछे करने लग गया। मैंने माँ के दोनों स्तनों को मसलने शुरू कर दिया। माँ जल्दी जल्दी अपनी कमर चलने लग गई। मुझे लगा मेरा निकल जाएगा |

तभी मैंने माँ को नीचे झुका लिया और उनके स्तन चूसने लग गया।मैंने माँ को कुतिया बना दिया, माँ का सिर बिल्कुल नीचे और गांड ऊपर उठी हुई थी। माँ की गांड पूरी फेल हुई और चूत का छेद पूरा खुला हुआ दिख रहा था।

मैंने अपना लंड जैसा ही अंदर डाला अंदर से पैड जैसी आवाज आई पैड पैड और मेरा पूरा लंड अंदर चला गया।मैं माँ की गांड पकड़ के धक्के लगाने लगा, माँ की चोदी गांड और उनकी चूत मेरा पूरा लंड निगल रही थी।

माँ के मुँह से आती कामुक आवाजें सब से मेरा जयादा ठीक से पाना मुश्किल था।मैं लगतार माँ की चुदाई कर रहा था। कुछ ही देर में मेरे धक्के और तेज हो गए, और मेरे लंड का पानी माँ की चूत की गहराई में चला गया।

मैंने अपना लंड निकाला और माँ के बगल में लेट गया। माँ मेरे सीने पर सिर रखकर लेट गई।मैं, माँ अच्छा लगा?माँ बोलीं, हां बेटा बहुत सालो बाद ये सुख मिला है।माँ मेरा अंदर ही निकल गया है|

माँ बोलीं, कोई बात नहीं मैं संभाल लूंगी.माँ क्या पिता जी भी ऐसे ही चुदाई करते थे?माँ बोली,हां बेटा तू भी उन्ही पर गया है, उनके जैसा ही रंग कद काठी है तेरा भी और उनके जैसा ही तेरा लंड है।

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