देसी चाची की मचलती जवानी – Aunty Sex Story
देसी चाची की मचलती जवानी कहानी में मैंने अपनी चाची को गर्म करके चोद दिया| घर में शादी में मैं भीड़ में चाची की गांड में लंड सटा कर खड़ा हो गया और चाची के चूतड़ों पर हाथ फिराने लगा|
दोस्तो, आज मैं जो आपको कहानी सुनाने जा रहा हूँ, वह एकदम सत्य है| मेरा नाम अनील है,मैं 22 साल का हूँ| मेरी चाची का नाम कोमल है| Call Girls in Mumbai चाचा उन्हें कमो कह कर बुलाते थे| मुझे भी कमो नाम अच्छा लगता था|चाची हमारे पड़ोस वाले मकान में रहती थीं|
उनकी उम्र 32 साल के करीब है चाची को देखकर ही मैंने मुट्ठी मारना सीखा है| इस बात से आप समझ सकते हैं कि मेरी चाची क्या माल होंगी|चाची के 3 बच्चे भी हैं| तब भी मादक जवानी किसी भी मर्द को पिघलने पर मजबूर कर सकती है|
देसी चाची की चुदाई कहानी अब से एक महीने पहले की है|मेरी एक चचेरी बहन की शादी थी और उस शादी में बहुत सारे मेहमान आए थे| मैं भी शादी के काम में बिज़ी था|
चाची ने मूत पिलाकर चूत की चुदाई कराई – Aunty Sex Story
दूसरे दिन शादी की सब रस्में पूरी हो चुकी थीं, बस कंगना खिलाने वाली रस्म चल रही थी|उस समय वहां पर काफ़ी भीड़ थी,चाची भी वहीं खड़ी थीं| जब मैंने चाची को अपने पास खड़ा देखा, तो मैं आराम से चाची के पीछे चिपक कर खड़ा हो गया|
चाची का ध्यान रस्म पर था और मेरा ध्यान चाची पर था| मैं चाची के बिल्कुल पीछे खड़ा हो गया था तो चाची की गांड मेरे लंड पर लग रही थी| इससे मैं जोश में आ रहा था|मैंने धीरे धीरे अपना हाथ चाची की गांड पर फेरना चालू कर दिया और चाची की गांड से अपना खड़ा होता लंड घिसने लगा| आह उस वक्त क्या मस्त अवसर मिला था … बड़ा मजा आ रहा था ऐसा मीठा लगने वाला खेल कोई 15 से 20 मिनट तक चलता रहा|
उसके बाद ये रस्म खत्म हो गयी और मेरी बहन की विदाई हो गई| उस रात को मैंने चाची को याद करके दो बार मुट्ठी मारी और सो गया| अगली सुबह जब मैं उठा तो टेंट का सामान वापस जाना था| मैं और मेरे दूसरे कजिन टेंट के सामान की गिनती करने लग गए|
जैसा कि आप जानते ही हैं कि गांव में लोग अक्सर शादी का खाना घर ले जाते हैं| उसी चक्कर में प्लेट्स गायब हो जाती हैं| हमारे यहां भी लगभग 30-35 प्लेट नहीं मिल रही थीं|
खाने का इंतजाम घर में ही किया गया था| प्लेट्स की गिनती को पूरा करने की ज़िम्मेदारी मेरी थी| मैं घर घर जाकर प्लेट्स के लिए पूछ रहा था| फिर मैं अपने घर भी आ गया क्योंकि कुछ मेहमान खाना लेकर घर में भी आ रहे थे|
इधर मेरे घर पर चाची भी बैठी हुई थीं| मैंने चाची से पूछा- चाची आपके यहां भी कोई प्लेट है क्या?चाची बोलीं- अन्दर जाकर देखनी पड़ेगी| मैंने कहा- ठीक है, चलो देख लो|मैं भी चाची के साथ उनके पीछे पीछे चल दिया| चाची का और मेरा घर बिल्कुल मिला हुआ है, बस एक दीवार का फासला है| चाची घर में अन्दर गईं, तो वहां कोई नहीं था| मैंने बोला- सब कहां चले गए हैं?
चाची बोलीं- दोनों बेटियाँ तुम्हारे यहां पर गई हैं| वेउधर खाना बना रही हैं| बेटा सुबह ही कोचिंग के लिए चला गया था| ये मुझे भी मालूम था कि उसकी परीक्षा थीं और वेअपनी कोचिंग मेरठ में रह कर करता था|
अंकल अपनी ड्यूटी पर निकल गए थे|मैंने चाची से कहा, फिर तो आप अकेली हो गईं?चाची ने कहा हां मैंने मौके का फायदा उठाया और चाची को पीछे से पकड़ लिया|चाची एकदम से डर गईं और बोलीं- ये तू क्या कर रहा है … पीछे हट!
मैं डर गया था और एकदम से पीछे हट गया|चाची बोलीं- तेरे अन्दर शर्म नाम की कोई चीज़ नहीं है क्या? चाची हूँ मैं तेरी! उनकी कड़क आवाज सुनकर मेरी गांड फट गयी|
मैंने चाची के सामने हाथ जोड़े और उनसे माफी मांगने लगा| मैंने कहा- चाची, ये बात किसी को भी नहीं बताना प्लीज … वरना मेरी बहुत बदनामी होगी| चाची कुछ ठंडी होती हुई बोलीं- ठीक है, नहीं बताऊँगी किसी को!
हम दोनों प्लेट ढूँढने में लग गए| कुछ देर बाद वो बोलीं- मुझे राशन लेने जाना है| तू मुझे राशन दिलाने चल!अचानक से राशन की बात सुनकर मैं एक बार को तो चौंका लेकिन मैंने उन्हें मना नहीं किया क्योंकि मेरी फटी हुई थी|
मैं बोला- चाची अभी 10 मिनट रुको| मैं अभी आता हूँ| चाची ने कहा- ठीक है, आराम से आ जाना| मैं थोड़ी देर के बाद काम खत्म करके चाची के यहां गया और कहा- चलो चाची … चलते हैं|
हम दोनों बाइक पर बैठ कर राशन के लिए चल दिए|उधर थोड़ी भीड़ ज्यादा थी तो नंबर लगा कर बैठ गए|चाची ने कहा, चल जब तक बाजार चलते हैं| मैंने ओके कहा और चाची के साथ बाइक पर चल दिया|
चाची मुझसे सामान्य होकर बात करने लगी थीं तो सुबह वाला मामला कुछ ठंडा सा लगने लगा था| थोड़ा मजा लेने के लिए मैं बाइक को बार बार ब्रेक लगा रहा था, जिसकी वजह से चाची मुझसे एकदम चिपक जा रही थीं|
ऐसे ही जब हम दोनों कुछ दूर पहुंचे, तो मैंने चाची से कहा- चाची आज आपने मेरा दिल तोड़ दिया| चाची बोलीं- क्यों?मैंने चाची से कहा- मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ| मगर आपने एकदम से डरा दिया|चाची धीमे से बोलीं- किसी को पता चल जाएगा, तो बहुत बदनामी होगी! मैंने कहा, किसी को पता तो तब लगेगा, जब हम किसी को बताएंगे| हम ऐसा नहीं होने देंगे|
चाची बोलीं, फिर भी ये सब ग़लत है| मैं बोला, सही और ग़लत कुछ नहीं होता है| मैंने चाची को शादी वाली बात भी बता दी कि कल कैसे मैं उनके पीछे खड़ा था और गांड पर हाथ फेर रहा था|
चाची बोलीं- मुझे हल्का हल्का महसूस तो हो रहा था मगर मैंने कुछ कहा नहीं|मैं ये सुनकर चौंक गया|फिर मैंने बोला, तो आपने मुझे हटाया क्यों नहीं? उन्होंने कहा- मुझे भी मजा आ रहा था, जिसकी वजह से हटा नहीं पाई|
मैंने चाची से कहा- मैंने रात में दो बार आपके नाम से मुट्ठी मारी थी|चाची ये सुनकर हंसने लगीं और बोलीं- तुम पागल हो सच में! मैंने कहा, हां आपके प्यार में| इतने में चाची ने वापस चलने को कहा- वापस चलो, अपना नंबर आ गया होगा|
मैं वापस चल दिया और राशन की दुकान आ गई|चाची राशन की लाइन मैं लग गईं| उनका नंबर आने ही वाला था| मैं कुछ दूर जाकर खड़ा हो गया|तभी चाची ने मुझे बुलाया,ये राशन वाला अभी दस मिनट मैं आने को की बोल रहा है|
मैंने कहा- ठीक है हम इंतजार कर लेते हैं| हम दोनों लाइन से बाहर खड़े होकर बातें करने लगे| चाची को मैंने किसी तरह से चुदाई के लिए राजी कर लिया| फिर कुछ देर बाद राशन लेकर हम दोनों घर आ गए|
मैं अपने घर गया तो देखा कि खाना बनने में अभी कुछ देर है| मैं सबकी नज़रों से बचता हुआ अपने घर के बाहर आ गया और अपनी गली के खाली होने का इन्तजार करता रहा|
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मुझे चाची के यहां जाने का मौका मिल गया| मैं अन्दर गया तो चाची को देखा|चाची मेरा ही इन्तजार कर रही थीं| मेरे जाते ही चाची ने इतरा कर पूछा- आ गए?
मैंने बोला- जी हां|वे बोली, क्या सच में तुम मुझे प्यार करते हो?मैं बोला, हां, अपनी जान से भी ज़्यादा!वे बोलीं, अच्छा कब साथ रहोगे … शादी तक?मैं बोला, नहीं जान … जिंदगी भर साथ निभाऊंगा!
वो बोली, मेरे सर पर हाथ रख कर कसम खा!मैंने उनके सर पर हाथ रखा और कसम खा ली| चाची मेरी आँखों में बड़े प्यार से देखने लगीं| अब मैंने कहा, अब तो दरवाजा बंद करके आ जाओ मैडम जी … या फेरे भी अभी ही लेने हैं?
वे हंस कर बोलीं, ठीक है मेरे राजा , मैं अभी दरवाजा बंद कर आती हूँ| वे मेरी तरफ देखती हुई दरवाजा बंद करके आ गईं और मेरे सामने खड़ी हो गईं| जैसे ही वे सामने खड़ी हुईं, मैंने उनका हाथ पकड़ा और अपनी बांहों में खींच लिया|
चाची किसी कटी हुई डाली की तरह मेरे सीने से या लगीं| मैंने एक पल की भी देर नहीं की और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए| वे भी मेरे साथ लग गईं| हम दोनों ने एक दूसरे को चूमना शुरू कर दिया| चाची के होंठ गर्म थे और रस भरे थे|
मैं आज पहली बार किसी को किस कर रहा था तो मैं पूरा मदहोश हो गया था|लगभग दस मिनट किस करने के बाद वे मुझसे थोड़ा दूर जाकर खड़ी हो गईं|मैंने चाची को सवालिया नजरों से देखा कि क्या हुआ?
चाची बोलीं, तुमने मुझे इतनी जोर से किस किया , आज तक मैंने ऐसा किस नहीं किया| मुझे बेहद सनसनी होने लगी थी| मैं हंस दिया और उनसे कहा- चाची, मैंने तो आज किस ही पहली बार किया है| मैंने तो आज तक किसी के साथ चुम्मी की ही नहीं थी|
यह सुनकर चाची एकदम से दौड़ कर आईं और मेरे सीने से लग गईं- क्या सच में तू अभी तक सील पैक लौंडा है? मैंने कहा- हां चाची, आज आप मेरा उद्घाटन करने वाली पहली महिला होंगी|
चाची ने यह सुनते ही मेरे कपड़े खोलना शुरू कर दिए और खुद का सूट भी निकाल दिया| जल्द ही वे ब्रा मैं खड़ी थीं| उन्होंने गुलाबी रंग की ब्रा पहन रखी थी| मैंने उन्हें अपनी बांहों में भरा और उनकी ब्रा के हुक खोल दिए|
ब्रा खुलते ही चाची के दोनों रामू श्यामू हवा में फुदकने लगे| इसके बाद मैंने उनकी सलवार का नाड़ा खींचा और चाची को पैंटी में कर दिया| वे खुद अपनी पैंटी की इलास्टिक में अपने हाथ फंसा कर उसे नीचे करती हुई उतारने लगीं और मेरे सामने वे एकदम नंगी हो गई थीं|
मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए और चाची को किस करने लगा|चाची बोलीं, किस करने में ही मजा लेगा या आगे भी कुछ करना है? मैंने कहा, चाची यार, मेरा फर्स्ट टाइम है| मुझे मजे तो ले लेने दो|वो बोलीं, आ, तुझे दूध पिलाने का मजा देती हूँ|
चाची ने मुझे अपने मम्मों से लगा दिया|और मैंने उनके दूध को पीना शुरू कर दिया|चाची की चूचियां एकदम रसीली थीं|मुझे उनके मम्मे चूसने में बड़ा मजा आ रहा था, लग रहा था मानो मैं स्वर्ग में हूँ|
चाची की मादक आवाजें निकल रही थीं| ‘आआह … आआह …’ कर रही थीं और बोल रही थीं- आह चूसो मेरी चूचियों को … आह मजा आ रहा है| मुझे भी चाची की बात सुनकर जोश आ रहा था|
इस बीच मैं एक बार झड़ भी चुका था|आप समझ सकते हैं कि मेरा फर्स्ट टाइम था, मैं कब तक रुक सकता था| हालांकि मैं अभी भी चाची के चूचे चूसे जा रहा था| मेरे लंड ने फिर से कड़क होना शुरू कर दिया|
इतने में चाची ने अपना हाथ मेरे लंड तक पहुंचा दिया और मेरा लंड पकड़ कर बोलीं- तेरा लंड तो बहुत लंबा इतना लंबा कैसे हो गया? मैं बोला, आपकी इस मादक जवानी की आग में जलता जलता ये इतना बड़ा हो गया| मैं आपके नाम से मुट्ठी जो मारता हूँ|
चाची ने लंड को टटोला और पूछा- नापा है कभी कि कितने इंच का हो गया है? मैंने कहा- हां चाची मेरा लंड 7 इंच इंच लंबा है और 4 इंच मोटा है| चाची बोलीं, ये तो मेरी फाड़ ही देगा|
यह कह कर वे मेरे लंड को आगे पीछे करने लगीं| उनको लंड हिलाने में मजा आ रहा था और मेरा हथियार फनफना रहा था| मैंने चाची से कहा- मुझे अन्दर डालना है| चाची ने कहा- मैं तो कब से तड़प रही हूँ तेरे इस लंड को लेने के लिए!
मैंने कहा- कब से?चाची ने कहा- चार साल से! मैं सुनकर चौंक गया| मैंने कहा- वो कैसे? वे बोलीं,मैंने एक बार छत पर तुझे तेरे लंड की मुट्ठी मारते देखा था|मैंने कहा, अरे … कब? वो बोलीं, गर्मी में|
यह सुनकर मैं शॉक्ड हो गया और चाची से बोला, तो आज मिटा लो आप भी अपने दिल की हसरत! चाची ने तभी मेरा लंड पकड़ा और अपनी चूत पर सैट कर दिया| मैंने उनसे कहा- बस एक मिनट रूको| क्या हुआ?
सेक्स की देवी जैसी चाची की चुदाई – Aunty Sex Story
मैं नीचे झुका और चाची की चूत पर अपनी जीभ लगा दी| चाची सिहर कर बोलीं- इस्स … आज तो तू जान लेकर ही छोड़ेगा … अपने चाचा की तरह तू भी चाटेगा! मैं बोला- हां, बिना इसे चाटे तो काम पूरा ही नहीं होगा|
बस मैं चूत पर ऐसे जीभ फेरने लगा मानो चाची ने अपनी गर्म चूत में चाशनी लगा रखी हो|चूत मैं जीभ जाते ही चाची की ‘उउह … आह …’ शुरू हो गई| वे मेरे बालों में हाथ फेरती हुई और मेरे सर को अपनी चूत में घुसेड़ती हुई बोलीं- आह चाटो इसको बड़ी आग फैंकती है ये … इसको आज फाड़ दो!
मैं ये सुनकर और जोश में आ गया और स्पीड से चूत चाटने लगा| इस बीच चाची झड़ने लगीं ‘ऊऊह … ओह मर गई मैं तो … मार दिया तूने मुझे|’ चाची की चूत का रस बाहर बहने लगा और मैंने चाची का सारा रस पी लिया|
अब चाची बोलीं, और ना तड़पा … जल्दी से पेल दे अपना शेरू| मैंने लंड को चूत के छेद पर सैट कर दिया और हल्का सा ज़ोर लगाया ही था कि लंड फिसल गया|
गीली चूत पर सटीक निशाना था और लंड एकदम कड़क था| मेरा आधा लंड चूत के अन्दर घुसता चला गया| चाची की चीख निकल गई- ऊऊऊ चूत फट गई मेरी आह मर गई … तू रुकना मत आह डाल दे पूरा!
मैंने एक और ज़ोरदार धक्का मारा और लंड पूरा अन्दर चला गया| चाची कसमसा रही थीं और दर्द से ‘ऊऊह आह …’ कर रही थीं| उस वक्त मैं तो मानो विजय रथ पर सवार था|
मुझे चाची की चूत चोदने में बड़ा मजा आ रहा था| लगभग 5 मिनट के बाद मैं झड़ गया और हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेटे रहे| कुछ देर बाद हम दोनों फिर से किस करने लगे|इतने में डोरबेल बजी| हम कुछ नहीं बोले, बस अलग हो गए| फिर जब दूसरी बार बेल बजी तो चाची ने पूछा- कौन है? उधर से आवाज़ आई- मैं हूँ चाची, अनील |
यह मेरा कज़िन था|उसने कहा- चाची खाना खा लो, खाना बन गया है| चाची बोलीं, हां ठीक है, तुम चलो| मैं आती हूँ| फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और सामान्य हो गए|चाची ने मुझे मेरे गाल पर किस करना शुरू कर दिया| मैंने चाची से कहा- अभी चाची कहीं कोई आ जाएगा तो मजा खराब हो जाएगा| वे बोलीं, कौन आ जाएगा?
मैंने कहा- खाने का बुलावा आ गया है, चलो खाना खाने चलते हैं| उन्हें जैसे खाना याद आ गया, वे सर हिलाती हुई बोलीं- ठीक है चल| तभी चाची ने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया|
मैंने चौंक कर कहा- चाची आपको पढ़ना तो आता नहीं है, फिर मोबाइल कैसे चलाती हो? बोलीं- मैं बस इसमें सुनती हूँ, किसी को करती नहीं हूँ| मैंने कहा, ठीक है, हम जल्द ही मिलते हैं| आपको अपना नंबर फास्ट डायलिंग में डाल देता हूँ|
मैंने उन्हें बताया कि ये वाला बटन दबाए रखना तो मेरे फोन में घंटी चली जाएगी| फिर मैं काट कर आपको फोन लगा लूँगा या बात कर लूँगा| चाची को फोन करना समझ आ गया था|उसके बाद अब तक मैं चाची को 12 बार चोद चुका हूँ| मेरी देसी चाची की मचलती जवानी की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताना|