बॉयफ्रेंड के साथ रातभर चुदाई का मजा – Girlfriend ki Chudai
Girlfriend ki Chudai : हेलो दोस्तों मैं आप सभी का में बहुत बहुत स्वागत करती हूँ। मैं पिछले कई सालो से इसकी नियमित पाठिका रही हूँ और ऐसी कोई रात नही जाती जब मैं इसकी सेक्सी स्टोरीज नही पढ़ती हूँ।
आज मैं आपको अपनी कहानी सूना रही थी। आशा है की ये आपको बहुत पसंद आएगी।मेरा नाम सुमन हैं। मै अभी 19 साल की हूँ। मैं बहुत ही हॉट, जवान और सेक्सी लड़की हूँ। मुझे देखकर लड़को का लंड तो देखते ही तनमना उठता है।
सारे लड़के मेरी रसीली चूत के पीछे ही अपना लंड लटकाकर लाइन लगाये रहते हैं। बचपन से लेकर आज तक मैने कई लड़को को अपनी चूत का दर्शन कराया है। मुझे लंड चूसना बहुत ही अच्छा लगता है।
लड़को को भी मेरी रसभरी चूत चूसना बेहद पसंद है। वो भी मेरी चूत चाटे बिना रह नहीं पाते। मुझे मेरी शरीर का सबसे प्यारा अंग चूंचिया लगती हैं। जब भी इसे कोई छूता हैं मेरी जिस्म में आग सी लग जाती है।
मैं बहुत ही गर्म हो जाती हूँ। मेरी साँसे बढ़ने लगती हैं। दोस्तों मै अब अपनी चुदाई के बारे में बताने जा रही हूँ किस प्रकार मेरे बोयफ्रेंड ने मुझे चोदा।एक मीडियम परिवार की लड़की हूँ। मेरे पापा का नाम रामदेव है।
वो खुद का एक मेडिकल स्टोर चलाते हैं। वो मुझे पढ़ा लिखाकर डॉक्टर बनाना चाहते है। उन्हें नहीं पता की मैं बिना पढ़े लिखे भी कई लोगो का इलाज प्रतिदिन कर सकती हूँ। मेरा सिर्फ अकेला एक भाई ही है।
वो मुझसे बड़ा है। उसकी शादी हो चुकी है। पास में ही उसका ससुराल है। सारा दिन भाभी से फ़ोन पर चिपका रहता है। जब मन करता है मिलने चला जाता है। अपनी चुदाई की जरूरतो को पूरा कर के ख़ुशी ख़ुशी घर वापस आ जाता है।
मै अभी इंटर में पढ़ती हूँ। लेकिन मुझे देख कर बच्चे बूढ़े जवान सारे के सारे मात खा जाते है। मै देखने 24 साल की लगती हूँ। मेरा फिगर 34 28 36 है। चूंचिया बहुत ही लाजबाब है। जो भी देखता है पीने ले लिए लार टपकाने लगता है।
मेरी दोनों मम्मे के निप्पल हमेशा अपना मुह उठाये खड़े ही रहते है। अब तक मैंने कई लड़को से चुदवा कर अपनी चूत को कली से फूल बना डाला है ।मरी चूत के दोनों पंखुड़ी खूब खुले और फूले हुए है। लगता है उसमें खूब माल भरा हुआ है।
गद्देदार चूत में सबका लंड फिट बैठ सकता है। मेरी चूत ने बहुत बड़ा बड़ा लंड खाया है। मैं भी जब कॉलेज जाती हूँ। खूब बनठन कर जाती हूँ। होंठो पर लिप बाम लगाए होंठो को सजाये रखती हूं। दोस्तों पहली बार मैं जब 10 में पढ़ती थी|
तभी चुद गई थी। इतनी बेदर्द चुदाई आपने भी नहीं देखी होगी। मेरी उम्र उस समय 18 साल की थी। लेकिन मैं 19 साल के मस्त मोटे तगड़े लौंडे से फस गयी। उसका नाम नवीन था। वो इंटर में पढता था।
मुझसे दो साल बड़ा था। उस समय मेरी जवानी का खून उबल रहा था। चूत भी चुदने को मचल रही थी। मुझे भी रहा नहीं जा रहा था। पहला पहला बॉयफ्रेंड था।उसके लंड के दर्शन करके मुझे जो आशीर्वाद मिला। वो आज तक काम कर रहा है।
बाप रे उस दर्द भरे दिन के बारे में सोच कर मेरी रोंगटे आज भी खड़े हो जाते हैं। मेरे मम्मे फूलने लगते है। दोस्तों मै पहले ज्यादा सज के स्कूल नहीं जाती थी। फिर भी मैं बहुत जबरदस्त माल लगती थीं। मेरी चूंचियां काफी विकसित हो चुकी थी।
उसी टाइम से मुझे ब्रा पहनना पड़ रहा था। मुझे देख कर पहली ही झलक में नवीन मुझ पर मरने लगा। प्यार की तरह चुदाई की भी कोई उम्र नही होती। जो भी मिले चोद देना चाहिए ऐसा नवीन का मानना था।
मैं भी इसी जाल में फस गई। धीरे धीरे मुझे वो ताड़ने लगा। लेकिन सच दोस्तों मुझे उस टाइम नहीं पता था। उसको ताड़ता देख मेरी भी बदन में आग लग जाती थी। मैं भी विचलित होने लगती थी।
कभी कभी तो मुझे सीट पर ही चूत में ही ऊँगली डालने के लिए मजबूर होना पड़ता था। मैं स्कूल में बने शौचालय में जाकर मुठ मार लेती थी। कभी कभी कंपनी देने के लिए वो भी आ जाता था। हर वक्त हम दोनों चुदाई के ही बारे में सोचते रहते थे।
वो बहुत ही बड़े घर का लड़का था। उसने मुझे कई बार अलग रूम में लेकर जाना चाहा लेकिन मैं मना कर देती थी। धीरे धीरे ये मामला बढ़ गया।दोस्तों मेरा क्लास और उसका क्लास आमने सामने ही थी।
हम दोनों खिड़की पर बैठ कर एक दूसरे को गर्म करते थे। लेकिन ये ज्यादा दिन तक नही चलने वाला था। गर्मियों की छुट्टियां होने वाली थी। अब हम दोनों की बेकरारी और भी ज्यादा बढ़ गई।
आखिरकार वो दिन आ ही गया जब मेरी चुदने की प्यास बुझने वाली थी। वो मुझे अपने घर ले जाना चाहता था। एक दिन पहले ही उसने मुझसे बता दिया।नवीन , कल मेरा घर खाली है। वहाँ कोई डर नहीं है। घर के सारे लोग बाहर चले जायेंगे।
फिर हम तुम घर पर खूब बात करेंगे”मै , ठीक है लेकिन कोई जान गया तो मार डाली जाऊंगी”नवीन , कोई है ही नहीं तो कैसे जानेगा कोई”रात भर हम दोनों को नींद नहीं आई। नवीन से मै पूरी रात बात फ़ोन से करती रही।
अब हम दोनों सुबह का इन्तजार कर रहे थे। सबेरा हो गया। मैंने मम्मी से बोल दिया। आज मेरी दोस्त का बर्थडे है। मैं वही जा रही हूँ। उसने रात में बुलाया है। इतना कहकर मैंने अपनी साइकिल निकाली।
नवीन का घर मेरे घर से 4 किलोमीटर दूर था। मै पहुच गई। उसने झट से साइकिल गेट के अंदर किया। मैंने जल्दी से अंदर ले जाकर चैन की सांस ली। उसका दिल धक् धक् कर रहा था। मैंने उससे चिपक कर धड़कनो को सुना।
उसका लंड तो खड़ा होता ही जा रहा था। उसने मुझे अंदर ले जाकर सोफे पर बिठाया। हम दोनों एक दुसरे को देखकर बाते करने लगे। उसके शरीर के आगे मै छोटी सी बच्ची लग रही थी। उसका लंड मुझे सलाम कर रहा था।
पहली बारे किसी लड़के के साथ मैं अकेले में बैठी थी। धीरे धीरे खिसक कर वो मुझसे चिपक गया।नवीन , मै कितने दिनों से परेशान था। इस तरह से बात करने के लिए”
मै , मै भी तो चाहती थी। इसीलिए तो 9 बजे का टाइम देकर उससे पहले ही आ गयी हूँ”नवीन , तुम्हारी उम्र कितनी होगी”
मै , अभी मैं 18 साल की हूँ। क्यों तुम्हे क्या लगता”नवीन – तुम 18 साल की हो ऐसा कोई नहीं कह सकता।
तुम्हारा सामान सब बड़ा बड़ा लग रहा है”मै , इसमें मेरा क्या कसूर है। सामान बड़ा हो गया तो”नवीन , तुम्हे मै देखते ही फ़िदा हो गया था”मै , क्यों ऐसा क्या देख लिया था कि फ़िदा हो गए”
नवीन , सच बताये तो तुम्हारा बड़ा बड़ा बूब्स सबको अपनी ओर आकर्षित करता है”मुझे ये सब बातें करते हुए शर्म आ रही थी। मैंने अपना सर झुका लिया। मेरा सर अपने लंड पर रख दिया। उसका लंड टन टन मेरे सर पर मार रहा था।
मैंने कहा , नवीन यार कुछ लग रहा हैं मेरे सर में”नवीन , कुछ नही है। वो मेरा वो वो वो है”वो भी कहने में शर्म कर रहा था। मैंने भी कह दिया , ये तुम्हारा सामान भी तो बड़ा लग रहा है”
नवीन , बहुत ही मेहनत से ऐसा कर पाया हूँ। लेकिन अभी तक किसी का उदघाट्न नहीं कर सका”मै , मै कुछ समझी नहीं। तुम कहना क्या चाह रहे हो”नवीन , मैंने अभी तक सेक्स नही किया है”
मैं , मतलब तुम भी मेरी तरह से अभी तक पूरी तरह से कुँवारे हो”नवीन , हाँ लेकिन आज चाहो तो हम लोग उदघाटन कर सकते है”मै , नहीं मुझे नही करना ये सब कही कुछ हो गया तो”न बाबा न मुझे नहीं करना।
नवीन ने मुझे अच्छे से समझाया , देखो जब मेरा बीर्य तुम्हारी चूत में गिरेगा तभी कुछ होगा। और मै अपना बीर्य तुम्हारी चूत में गिरने ही नहीं दूंगा”मै , तुम्हे पता कैसे चलेगा”नवीन , जब वीर्य गिरने वाला होता है।
तो जैसे तुम लोगों को पता चल जाता है। मुझे भी पता हो जाता है”नवीन की बातों से लग रहा था। मेरी चूत को फाडने के लिए बहुत ही बेकरारी हो रही है। उसने कुछ देर तक मेरी तरफ देखा। उसके बाद मेरी चूंचियो पर हाथ रख दिया।
मैंने कुछ नहीं कहा। उसकी हिम्मत बढ़ रही थी। उसको रेलगाड़ी की तरह हरी झंडी मिल ही गई थी।उसने मुझे उठाया। उसके बाद मेरा सर पीछे से पकड़ कर अपने होंठो से चिपका लिया। लगता था उसने भी मेरी तरह खूब ब्लू फिल्म देखी थी।
अपने होंठो से मेरे होंठो को काट काट कर चूसने लगा। मेरी मुलायम गुलाबी होंठो को चूस कर मजा ले रहा था। मैं भी उसका साथ दे रही थी। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मेरी साँसे तेज होने लगी।
तड़पती कुंवारी चूत और गांड पर लंड की मोहर- girlfriend ki chudai
उसने जैसे ही मेरे सबसे प्यारे अंग प्यारे प्यारे बूब्स को हाथ में लेकर दबाने लगा। मेरी मुह से ..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की सिसकारी निकलने लगी। मेरे पूरे बदन में बिजली दौड़ने लगी।
मुझे अब चुदने की बेकरारी होने लगी। चूत की खुजली बढ़ने लगी। किस करके उसने मेरी चूंचियो को पीने के लिए। अपना होंठ नीचे करने लगा। धीरे धीरे चूमते चूमते मेरी बूब्स तक वो पहुच गया।
मैंने उस दिन लाल रंग की लैगी और लाल रंग का ही गोल फ्रॉक पहना हुआ था। लाल रंग के कपडे में मेरा बदन बहुत ही खूबसूरत लगता है। उसने मेरी फ्रॉक के ऊपर से ही कुछ देर तक चूंचियो को मसला।
उसके बाद उसने निकाल कर मुझे ब्रा में कर दिया।ब्रा में देखते उसका लंड तेजी से खड़ा होने लगा। उसका लंड का भयानक नजारा उसके लोवर के ऊपर से ही दिखने लगा। उसने मेरी चूंचियो को आजाद करके। उसका रसपान करने लगा।
दूध जैसी गोरी गोरी चूंचियो को पीने लगा। मेरी मुह से ……अई…अई….अई…अई….इसस्स्स्स्स्…उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की आवाज गर्म गर्म सासो के साथ निकलने लगी। मै भी उसका लंड पकड़ कर दबाने लगी।
उई मम्मी इतना बड़ा लंड पहली बार छुआ था। उसने मेरी चूंचियो को पीना बन्द कर दिया। उसके बाद उसने अपना लंड निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया। उसका लंड 12 इंच से भी बड़ा लग रहा था। मुझे बहुत डर लग रहा था।
उसके लंड को मैंने कुछ देर तक सहला कर खूब चूस कर मजा लिया। उसने भी मेरी अब मेरी लैगी को निकाल दिया। मुझे पैंटी में देखकर उसका लंड ऊपर नीचे होकर चोदने के लिए तैयार होने का इशारा कर रहा था।
उसने उसे भी निकाल कर मुझे नंगा कर दिया। मुझे उठा कर अपने कमरे में ले गया। बिस्तर पर बड़े ही जोश के साथ मुझे पटक दिया।दोनों टांगो को फैला कर मेरी चूत के दर्शन किया। फूली हुई चूत का रस पीने के लिए उसने अपना मुह लगा दिया।
मेरी चूत को कुत्ते की तरह चाट चाट कर पूरा आनंद लिया। अपना लंड रगड़ कर मुझे और भी ज्यादा गर्म कर रहा था। मै जोर जोर से चादर को दबाते हुए उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ|
सी सी सी सी ….. ऊँ—ऊँ …ऊँ ….” की आवाज निकाल रही थी। मेरी तङप शांत करने के लिये अपना लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा। उसका मोटा लंड मेरी चूत में घुस ही नहीं रहा था।
जबरदस्ती तेल लगाकर उसने अपना लंड घुसाकर मेरी चूत को फाड़ दिया। मै जोर जोर से ……मम्मी …मम्मी …..सी सी सी सी.. हा हा हा ….. ऊ ऊ ऊ …. ऊँ. . ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” चिल्लाने लगी।
उसने आवाज को न सुनकर बेदर्दी से मेरे चूत में पूरा लंड घुसाने लगा। उसका लगभग पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। मै और जोर जोर से तड़पने लगी। मेरी आँखों से आँसू बहने लगी।
उसकी इस चुदाई से मै उसे मारने भी लगी। उसने मेरी हाथो को पकड़ लिया। लेकिन अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसाये पड़ा रहा। धीरे धीरे से अपना लंड अंदर बाहर करके मुझे चोदने लगा।
मेरी सील मुठ मारते मारते टूट चुकी थी। इतना मोटा लंड मेरी चूत में घुसकर हलचल मचाये हुए था। मेरी चूत को हालत अब कुछ ठीक होने लगी। उसका दर्द धीरे धीरे आराम होने लगा।
उसने मेरा हाथ छोड़कर खूब जोर जोर से चुदाई करनी शुरू कर दी। उसका लंड लगातार मेरी चूत को फाड़ रहा था। मुझे अब मजा आने लगा था। अब मेरी आवाज बदलने लगी। मै भी चूत उठा उठा कर ….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ|
हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई …अई…अई…..” की आवाज के साथ चुदवाने लगी। मुझे ऐसा करता देख उसकी चुदाई की स्पीड और भी बढ़ गई। उसने गाडी की स्पीड को फुल पर कर दिया। सटा सट उसका लंड मेरी चूत में घुस कर निकल रहा था।
उसने मुझे उठा कर अजीब अजीब स्टाइल से चोदने लगा। आज सारा सेक्स पोजीशन मुझ पर ही लगा कर चुदाई कर रहा था। कभी मेरी एक टांग तो कभी दोनों टांग उठा कर चोद रहा था।
मैं भी हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की मीठी आवाज के साथ चुदवा रही थी। उसने मेरी गांड चुदाई करने के लिए कहा। मैंने मना कर दिया। आज पूरा दिन साथ रहना था।
तो फिर कुछ देर बाद गांड चुदाने के लिए मान गई। उसने मुझे झुका कर अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाल कर खूब जोर जोर से चुदाई करने लगा। मेरी कमर को पकड़ कर जल्दी जल्दी मेरा काम लगाए हुए थे।
मै जोर जोर से उ उ उ उ उ……अ अ अ अ अ आ आ आ आ… सी सी सी सी….. ऊँ—ऊँ…ऊँ….” की आवाज के साथ चुद रही थी। ये कार्यक्रम कुछ देर तक चला। उसके बाद वो भी झड़ने वाला हो गया। मै तो कई बार झड़ चुकी थी।
दोनों पसीने से भीगे हुए थे। पूरा दिन लंड खड़ा होते ही मुझे चोदने लगता। उस दिन नवीन ने मेरी चूत को कली से फूल बना दिया। वो चुदाई मै आज तक नहीं भूल पाई। आज भी याद करके मै मुठ मार लेती हूँ। कहानी आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स पर जरुर दे।