चुदासी लड़की की गैंगबैंग चुदाई – Group sex
Group sex:दोस्तो, मैं आपकी प्यारी प्यारी दोस्त, बबीता कपूर … आज मैं आपको अपनी एक नई बात बताने जा रही हूँ। मेरी पिछली कहानी में आप लोगों ने पढ़ा था, कैसे मैं अपने सगे भाई से ही चुद गई थी और कैसे मैं कॉल गर्ल भी बन गई थी।
पर फिर भी मेरी लंड लेने की प्यास कम होने का नाम ही नहीं लेती है।मेरी चुदने की आग बुझने का नाम ही नहीं लेती है। मेरे कॉल गर्ल बनने के बाद जो मुझे मेरा पहला कस्टमर मिला, तरुण , उसने मुझे बाद में भी बहुत बार बुलाया।
हालांकि मेरी सहेली रागिनी के कहने पर मुझे और लोगों को भी खुश करना पड़ा, मगर मुझे खुद भी तरुण बहुत अच्छे लगते थे।धीरे धीरे तरुण और मेरी आपस में बहुत दोस्ती हो गई, और अपने घर की भी हर एक बात आपस में शेअर करते थे।
उन्हीं दिनों मैंने तरुण को अपने बारे में सब कुछ बताया, कैसे मैं रानी से रंडी बनी। थोड़े से दिनों बाद ही हमने एक नया फ्लैट किराए पर ले लिया। धीरे धीरे सब सुधरने लगा, मेरा प्रेम तरुण के लिए और भी बढ़ गया।
मेरी भी सेक्स की ज़रूरत तरुण पूरी कर रहे थे। खैर, जहां हमने अपना नया फ्लैट लिया था, वह पर हमारे पड़ोस में एक और परिवार रहता था, जिनसे हमारा पहले दिन से दोस्ताना हो गया था। दोनों मियां बीवी बहुत ही खुशमिजाज़ थे|
सरिताऔर रौनक ।सरिता कुछ ही दिनों में मेरी बहुत अच्छी सहेली बन गई। अक्सर हम अपने अपने घर का काम निपटा कर एक दूसरे के घर चली जाती। कभी मैं उसके घर तो कभी वो मेरे घर!
बहुत सी बातें करती, एक साथ शॉपिंग, घूमना फिरना, खाना पीना। ज़िंदगी बहुत ही मस्त हो गई थी, और सरिताकी स्वभाव से बिल्कुल मेरी तरह थी, बिंदास। जो मुँह में आया, बोल दिया, जो मन में आया, कर दिया।
धीरे धीरे हमारी दोस्ती इस हद तक गहरी हो गई कि मैंने उसको अपने बारे में सब कुछ बता दिया; अपने बारे में, रागिनी के बारे में, तरुण और मेरे सम्बन्धों के बारे में! मगर सरिताबोली,कोई बात नहीं यार|
ज़िंदगी में इंसान को बहुत से समझौते करने पड़ते हैं। तूने कुछ गलत नहीं किया है।मेरे मन को बड़ी तसल्ली मिली कि चलो मेरी सहेली को मेरे किसी भी काम से कोई ऐतराज नहीं। अब तो मैं सरिताको बता कर भी चली जाती थी |
कि आज तरुण के पास जा रही हूँ। कभी कभी मुझे भी शक सा होता था कि शायद सरिताका भी बाहर कोई चक्कर है, मगर उसने कभी इस बात को स्वीकार नहीं किया, मैंने भी ज़्यादा ज़ोर देकर कभी नहीं पूछा।
एक दिन वैसे ही मैं उसके घर गई, उस वक़्त वो बाथरूम में थी, मैंने अंदर जा कर देखा तो वो अपनी टाँगों और चूत पर वीट लगा रही थी। मुझे देख कर वो बोली,अरे यार अच्छा हुआ तू आ गई।
ज़रा मेरी हेल्प कर, जहां मेरी नज़र नहीं जा रही वहाँ पे वीट लगा दे। मैं हंस कर उसके सामने बैठ गई, उसने अपनी पूरी टांगें फैला रखी थी;मैंने उसकी चूत और गांड पर वीट लगा दी।फिर वो बोली,अरे यार मेरा न चाय पीने को दिल कर रहा है|
थोड़ी सी बना ला!मैं उठ कर किचन में चाय बनाने चली गई। वहीं किचन में उसका फोन पड़ा था। तभी व्हाट्सअप्प पर उसके कुछ मेसेज आए। वैसे ही कौतुहूल वश मैंने उसका फोन उठाया और जब खोल कर देखा तो मेरी तो आँखें फटी की फटी रह गई। उसमें सरिताएक साथ 4 लड़कों के साथ सेक्स में मशगूल थी।
वो चारों एक साथ उसको पकड़े हुये थे। कोई उसकी चूत मार रहा है, कोई उसके मम्मे दबा रहा है, कोई उसके मुँह में अपना लंड दे रहा है। मैं तो पिक्स देख कर डर गई, मुझे लगा शायद कोई सरिताको ब्लैक मेल कर रहा है|
तभी ऐसी पिक्स भेजी, मैं तो चाय बीच में ही छोड़ कर भागी, उसके पास।मैंने उसे मोबाइल दिया और कहा,तेरे मेसेज आए हैं, देख ले।उसने मेसेज देखे और फिर मेरी तरफ देख कर बोली,तुमने मेरे मेसेज चेक किए थे?
मैंने कहा,हाँ, बस वैसे ही बेखयाली में देख बैठी, बाद में बुरा भी लगा के मुझे ऐसे तुम्हारा मोबाइल नहीं देखना चाहिए था।उसने बड़ी निराशा से एक ठंडी सांस छोड़ी।मैंने पूछा,ये लड़के कौन है, तुम्हें कहीं ये तस्वीरें दिखा कर ब्लैक मेल तो नहीं कर रहे?
वो परेशान हो कर बोली,नहीं यार, तुम नहीं समझोगी।मैंने कहा,अरे ऐसे कैसे नहीं समझूँगी। तुम्हारी दोस्त हूँ, मैंने भी तो अपनी हर तुम्हें बताई है, तुम भी बता दो।वो पहले तो बैठी सोचती रही, फिर बोली,तो ये बात सिर्फ हम दोनों के बीच में ही रहनी चाहिए,
बस, सिर्फ़ तुम और मैं!मैंने कहा,वादा।तो उसने मुझे बताया,यार मेरी दिक्कत ये है कि मेरा एक मर्द से दिल नहीं भरता, मुझे तो अपने सभी सुराखों में मर्द का लंड चाहिए, आगे पीछे, मुँह में हाथ में।
सब मुझे प्यार से नहीं मार मार कर चोदें मुझे। मुझे वहशी सेक्स पसंद है। मार पीट कर, गालियां निकाल कर, जलील कर के।मैंने कहा,तो जो तेरे साथ पिक्स में हो रहा है, सब तेरी मर्ज़ी से हो रहा है।
वो बोली,हाँ, और जैसे मैं उन्हें पहले कह देती हूँ, आज ये सब करना, वैसे ही वो करते हैं।मैं तो उसकी बात सुन कर हैरान रह गई।मैंने कहा,यार, थोड़ा बहुत वाइल्ड सेक्स तो मुझे भी पसंद है, मगर तू तो बहुत आगे निकली हुई है।
वो बोली,निकली हुई नहीं हूँ, निकल चुकी हूँ। सच कहूँ तो अब नॉर्मल सेक्स मुझे कोई मज़ा नहीं आता है। पति आता है, 5 मिनट चूमता चाटता है, 2 मिनट चुसवाता है, 10 मिनट चोदता है, मगर मैं जैसे एक बेजान मशीन की तरह उसके सब हुकुम मानती हूँ।
मगर मज़ा एक सेकंड का भी नहीं आता है।मैंने थोड़ी सी दिलचस्पी लेकर पूछा,क्या इसमें सच में बहुत मज़ा आता है?वैसे मैं भी एक साथ 45 लड़कों से चुद चुकी हूँ पर सरिताकुछ ज़्यादा ही आगे थी मुझसे।उसने मेरी आँखों में देखा |
बोली,साली, लगी लार टपकाने तेरी चूत भी? और मुझे ज़ोर से कमर पर चिकोटी काटी, फिर थोड़ा सा संयत हो कर बोली,सच में यार, बहुत बहुत मज़ा आता है। एक लंड चूत में, एक मुँह में, दो हाथ में, अगर तू गांड में लेना चाहे तो एक गांड में भी।
इतनी रगड़ाई होती है, इतनी रगड़ाई होती है, साला ज़िंदगी का मज़ा आ जाता है। तुझे करवाना है तो बोल?मैं तो जैसे सुन्न सी हो गई,अरे नहीं यार, 4-5 लड़के, अगर साले मेरा कचूमर बना देंगे।वो बोली,तो साली तेरी आरती उतारेंगे वो क्या।
तुम सिर्फ अपनी मर्ज़ी से उनको अपना जिस्म दे देती हो। बाकी उनकी मर्ज़ी वो इसको कैसे इस्तेमाल करते हैं। अगर तुम्हें कोई खास चीज़ पसंद है, तो वो भी तुम्हारे साथ करेंगे।
मगर करेंगे अपने स्टाइल से, बस तुम एक खिलौना होगी, तुम्हारे जिस्म से खेलेंगे वो, मार पीट, गली, थूकना, मूतना सब करेंगे।मुझे ये सब बड़ा एक्साइटिंग सा लगा; मैंने कहा,यार सच कहूँ दिल तो मेरा भी कर रह है, पर डर सा लगता है।
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सरिता बोली,डर मत मैं तेरे साथ चलूँगी। दोनों सहेलियां मिल के एंजॉय करेंगी।मैंने उसे हामी भर दी।कुछ दिन बाद उसने मुझे कहा,मैंने प्रोग्राम फिक्स कर लिया है, अपना भी और तेरा भी, तैयार रहना, दोनों चलेंगी।मैं खुश हो गई।
वैसे मैं हमेशा अपना फेशियल, वैक्सिंग, सब कुछ हमेशा रेगुलर करवाती हूँ। पर उस काम के लिए मैं स्पेशियली ब्यूटी पार्लर गई और खास टच अप करवाया, ताकि मेरी खूबसूरती में कोई कमी न रह जाए। बुधवार का दिन था|
मैं करीब 10 बजे तैयार हो गई और सरिताके पास जा पहुंची। हम दोनों उसकी कार में बैठ कर निकली और फिर किसी के घर गई।मैं नहीं जानती किसका घर था; मैंने सरितासे पूछा,किसका घर है, यहाँ सेफ तो है न?
वो बोली,चिंता मत कर मेरी बबीता डार्लिंग, अपने यार का ही घर है, और बिल्कुल सेफ है, मैं हमेशा यहीं आती हूँ।हम अंदर जा कर बैठी तो एक नौजवान सा लड़का हमें ड्रिंक्स दे गया।सरिताने उस से पूछा,सब आ गए?
वो बोला,हां जी, सब अंदर ही हैं, आपका ही इंतज़ार कर रहे हैं।सरिताने मुझे हाथ मारा और हम दोनों उठ कर चल दी, मैं बड़े धड़कते दिल जा रही थी… पता नहीं क्या होगा, कैसा होगा। जब बेडरूम में पहुंचे तो वहाँ पहले से 4 लड़के बैठे थे|
वो बीअर पी रहे थे और नमकीन खा रहे थे, हमें देख कर उठ खड़े हुये, “हैलो मैम!” कह कर एक लड़के ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और उसके बाद हमने सभी लड़कों से हाथ मिलाया।
सभी लड़के करीब करीब 25-27 साल के आस पास थे। हम भी उनके सामने बैठ गई। उस लड़के ने हमे बीयर ऑफर की, मगर हमारे पास तो पहले से ही सॉफ्ट ड्रिंक थी।वो बोला,छोड़ो यार, कहाँ कोका कोला पी रही हो, बच्चों वाली ड्रिंक?
ये पियो! कह कर उसने दो गिलासों में बीयर डाल कर हमको दी; हम भी बीयर पीने लगी।एक लड़के ने पूछा,तो आज आप पहली बार गैंग बैंग में आई हैं?वैसे मैंने पहले भी बहुत बार गैंगबैंग करवाया हैं पर दर भी थोड़ा डर तो इस बार लग ही रहा था |
पर फिर मैंने ऐसे ही कहा,हाँ! सरिताने आपकी तारीफ ही इतनी की कि मुझे आना पड़ा।वो हंस पड़े, बोले,कोई बात नहीं आप भी करेंगी।कुछ देर में हमारी बीयर खत्म हो गई, तो एक लड़का बोला,आज बोंडेज गैंग बैंग करें?
सरिताबोली,हाँ, ठीक रहेगा, बहुत दिन से किया भी नहीं।उन लड़कों ने पहले तो रूम को लॉक किया, फिर अपने कपड़े उतारने लगे, मगर सिर्फ चड्डियाँ नहीं उतारी। उनकी चड्डी में भी उनके लंड की शेप दिख रही थी|
मैं मन ही मन बड़ी उत्साहित सी हो रही थी कि ये चार लोग एक साथ मुझे चोदेंगे, और पता नहीं क्या क्या करेंगे।फिर उन्होंने एक अलमारी से बहुत सा और समान भी निकाला, जिसमें रस्सियाँ, बेल्टें, चाबुक और ना जाने क्या क्या था।
वैसे अभी तक मैंने ये सब पॉर्न वीडियोज़ में तो देखा था, पर कभी अनुभव नहीं किया था। सामान निकाल कर उसने हमें कहा,चलिये, आप भी तैयार हो जाइए। सरिता उठी और उसने अपनी जीन्स, टी शर्ट, ब्रा पैन्टी सब उतार दी|
सरिताबोली,पहले मैं तुम्हें कर के दिखाती हूँ, तुम देखो, बाद में मेरी तरह तुम्हें भी ऐसे ही बांधा जाएगा। मैं बैठी देखती रही। उन लड़कों ने सरिताको उल्टा लेटा कर पीछे से उसकी बाहें, रस्सी से बड़ी मजबूती से बंधी, फिर पैर बांध दिये|
मुँह में एक छोटी से गेंद फंसा कर उस पर बेल्ट बांध दी।इतनी कस कर बांधा उसे कि वो हिल भी नहीं पा रही थी; न ही बोल पा रही थी। फिर उन चारों लड़कों ने अपनी अपनी चड्डियां भी उतार दीच एक साथ हवा में 4 मजबूत, कडक लंड लहरा उठे।
क्या नज़ारा था… मेरा दिल किया कग मैं उन चारों के लंड पकड़ कर चूस लूँ। मगर मेरी बारी अभी आई नहीं थी।एक लड़का सरिताके पास गया और उसे बालों से पकड़ कर खींच कर घूमा दिया, वो बेचारी दर्द के मारे चीख पड़ी|
मगर मुँह बंधा होने के कारण, उसकी आवाज़ उसके ही मुँह में दब कर रह गई। एक लड़का बोला,देख माँ की लौड़ी कैसे ड्रामा कर रही है, जैसे बड़ी सती सावित्री हो।दूसरा बोला,भाई मैं जानता हूँ इसे, साली एक नंबर की चुदक्कड़ है|
रंडी साली, घरवाले के अलावा भी कुतिया के 2 चक्कर और हैं। एक लड़के ने सरिताका चेहरा पकड़ा और बोला,देख जानेमन, आज तेरे पे दिल आ गया है, चुपचाप अपने आप देगी तो ठीक, वरना चोद हमने तुम्हें वैसे भी देना है|
बोल क्या कहती है, तेरी मर्ज़ी से या हमारी मर्ज़ी से।फिर उसने सरिताका मुँह खोला तो वो बोली,तुम्हारी मर्ज़ी से। लड़का बोला,शाबाश, इसी खुशी में ले अपनी माँ के यार का लंड चूस कर बता, कैसे चूसते हैं।
लड़के ने अपना लंड उसके मुँह को लगाया, तो सरिताउसके लंड को चूसने लगी। बाकी लड़के सरिताके बदन पर ऐसे हाथ फेर रहे थे, जैसे उन्हें पहली बार कोई नंगी औरत देखने को मिली हो, या बहुत देर बाद कोई औरत नंगी दिखी हो।
सबने अपने अपने लंड अपने हाथ में पकड़ रखे थे, और सरिताका नंगा बदन सहला रहे थे। सामने बैठी मैं अलग से तड़प रही थी, सच कहूँ तो मुझे बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था। मैं तो खुद उठ कर उनके बीच में जाने को बेचैन थी।
तभी अचानक दो लड़के मेरी तरफ एकदम से भाग कर आए और जैसे मुझ पर हमला कर दिया हो।मेंरी दोनों बाजू पकड़ी और मुझे खींच कर वहीं ले गए, मुझे धक्का दे कर नीचे गिरा दिया, और फिर चारों ने पकड़ कर मेरे हाथ पाँव दबा लिए|
मुझे पता था कि ये सब नाटक है, पर फिर भी एक बार तो मैं डर गई। मुझे ज़मीन पर लेटा कर एक लड़का मेरे ऊपर आ चढ़ा.और बड़ी ही डरावनी सी हंसी हंस कर उसने मेरे दोनों मम्मे पकड़ लिए और दबाने लगा|
बिल्कुल ऐसे जैसे किसी शिकारी को उसका शिकार मिला जाता है और वो उसे खाने से पहले दबोच कर उसकी बेचारगी का मज़ा लेता है। जिन लड़कों ने मेरी टांगें पकड़ रखी थी|
उन दोनों ने मेरी जीन्स का बटन और ज़िप खोली और मेरी पैन्ट उतारने लगे.जो लड़का मेरे ऊपर बैठा था, उसने मेरी टी शर्ट ऊपर को उठाई और खींच कर उतार दी, मेरी ब्रा पैन्टी भी एक सेकंड में उतार दी|
अभी जो मैं बैठी देख रही थी, दो पल बाद वहीं अब मेरी भी हालत हो गई थी। सरिताके साथ मैं भी नंगी लेटी हुई थी, पहले तो मुझे भी शर्म सी आई कि यार चार बिल्कुल अंजान लड़के जिनके मैं नाम भी नहीं जानती.
उनके सामने मैं बिल्कुल नंगी लेटी थी, और वो सब थोड़ी देर बाद मुझे चोद रहे होंगे। मगर एक बात यह भी थी कि मुझे इस सब में रोमांच भी बहुत आ रहा था, मैं बहुत खुश थी, जैसे मैं अपनी पसंद का कोई काम पहली बार करके देख रही हूँ।
मुझे नंगी करके चारों लड़के मेरे ही आस पास आकर बैठ गए और कुत्तों की तरह गुर्राने लगे। फिर एक लड़के ने अपने लंड पर कोंडोम चढ़ाया और वो तो सरिताको घोड़ी बना कर चोदने लगा, ऐसे जैसे कोई उसके पीछे पड़ा हो|
उसे बस एक मिनट में ही उसे चोद कर भाग जाना हो।बाकी तीन में से एक ने मेरे मुँह को अपनी तरफ घुमाया, और बोला,चल मादरचोद, ले इसे मुँह में साली राँड ! और अपना लंड ला कर मेरे होंठों पर रख दिया। मैंने मुँह खोला और चूसने लगी|
वो बोला,देखो साली भैंण की लौड़ी को, कैसे लंड चूस रही है, कुतिया कहीं की! और उसने मेरे बूब को ज़ोर से पकड़ कर दबा दिया। अब दबाया।मुझे बहुत दर्द हुआ, मैंने उनसे कहा भी,अरे यार दर्द होता है, आराम से दबा लो!
मगर एक ने मेरे एक चांटा मारा और बोला,चुप साली हरामजादी, अब तू हमारी गुलाम है, हम जैसा चाहेंगे, तेरा इस्तेमाल करेंगे साली मादरचोद कुतिया! और वो फिर वैसे ही मेरे मम्मे दबा दबा कर पीते रहे, जो लड़का मेरे ऊपर बैठा था|
वो पीछे को खिसका और मेरी दोनों जांघें चौड़ी करके मेरी चूत चाटने लगा।ये मेरे लिए बहुत आनंद दायक था, मुझे चूत चटवाना बहुत पसंद है। सरिताको भी घोड़ी बन कर हाथ पैर बंधे होने के बावजूद चुदाई का मज़ा आ रहा था|
उसके चेहरे की संतुष्टि देख कर लगता था कि वो बहुत मज़ा ले रही है। मगर एक लड़के ने कहा,अबे तू उस छिनाल से क्या चिपटा है, उसकी तो बीसों दफा मारी है, इधर आ, ये नया पीस बहुत बढ़िया है, इसको चूस के मज़ा ले!
और वो लड़का वहीं उसे बीच में ही छोड़ कर आ गया। सरिताका मुंह तो बंधा था, उसने कुछ कुनमुनाहट सी की आवाजें निकाल कर जैसे कहा भी,अरे मेरा होने वाला है, मेरा तो करवा जा! मगर उसने तो सुना ही नहीं।
चारों लड़कों ने बारी बारी पहले मेरा दूध पिया, सब ने मज़े ले ले कर, मेरे मम्मों और दूध के साथ खेला।फिर सरिताको भी खींच कर ले आए और उसे भी कहा मेरे दूध पीने को। और उसका मुँह भी मेरे मम्मे से लगवा कर उसे मेरा दूध चुसवाया।
बड़ा ही अजीब सा माहौल था। एक बात और देखी मैंने, वो चारों लड़के एक दूसरे से कोई घिन नहीं करते थे, जैसे एक लड़का मुझे लंड चुसवा रहा है, तो दूसरे का दिल किया तो उसने मेरे मुँह से उसके लंड निकाला |
अपना मुँह लगा मेरे होंठ चूसने लगा।जो लड़का मेरी चूत चाट रहा था, उसने तो चाट चाट कर मेरा पानी ही गिरवा दिया। मैं उन चारों की गिरफ्त में तड़प कर शांत हो गई मगर वो चाटने से नहीं हटा। बल्कि उसके बाद वो जा कर सरिताकी चूत चाटने लगा।
उसने सरिता का मुंह खोल दिया. सरिताबोली,अबे भोंसड़ी के, जीभ नहीं, अपना लंड डाल। मगर वो चाटता रहा!इधर एक और लड़के ने अपने लंड पे कोंडोम चढ़ाया और मेरी चूत में लंड डाल कर पेलने लगा।
साले का लंड भी अच्छा था, और दम भी था, मगर उसे मेरे मज़े की नहीं, सिर्फ अपनी चुदाई की पड़ी थी। नीचे चूत में लंड, एक लंड मुँह में, दोनों मम्मों पर दो मुँह। मेरे तो सभी ज़रूरी अंग बिज़ी थे, सिर्फ एक गांड ही बची हुई थी।
पर एक लड़के ने पूछ ही लिया,मैडम, आपको बी साइड चलाने का शौक है? मैं समझ गई कि मेरी गांड के बारे में पूछ रहा है, मैंने मना कर दिया,नहीं, मुझे सिर्फ ए साइड चलानी ही अच्छी लगती है।
मगर सरिताबोली,मादरचोद, मेरी चला ले बी साइड, इसको देख कर सभी की माँ चुद गई, जो मुझे छोड़ कर इस हरामज़ादी के तलवे चाट रहे हो? एक लड़का बोला,अरे यार, नया माल सबको पसंद होता है।
जो लड़का मुझे चोद रहा था, उसने करीब 20 मिनट की मेरी शानदार चुदाई की, मैं दो बार और झड़ गई। उसके उतरते ही, एक और लड़का कोंडोम चढ़ा कर आ गया। अगले 4 घंटे तक वो लड़के बारी बारी आते गए, और मुझे चोदते गए।
मेरी चूत का बाजा बजा दिया उन्होंने।फिर उन्होंने सरिताको भी खोल दिया। खुलने के बाद तो सरिताभी जैसे उनकी ही हो गई, वो भी मुझे जलील करने और मारने का कोई मौका नहीं छोड़ रही थी।
मेरे दोनों चूतड़ उन लोगों ने मार मार कर सुर्ख कर दिये थे। मम्मे भी दबा दबा कर लाल कर दिये।चुदाई लगातार चल रही थी, एक उतरता तो दूसरा चढ़ जाता। मैं चुद कर पहली बार इतनी बार झड़ी थी।
5-6 बार झड़ने के बाद तो न मैं झड़ी और न ही मेरी चूत ने पानी छोड़ा… बिल्कुल सूखी। और जब मेरी सूखी रगड़ाई हुई, तब मेरी चीख निकली। यह तो सुनने में या पढ़ने में मज़ेदार लग सकता है, मगर सच में, सच में बहुत ही दुखदाई था।
मैं चाहती थी के मैं भाग कर यहाँ से चली जाऊँ।मगर सब ने मुझे ऐसे मजबूती से पकड़ रखा था कि मैं तो हिलने का भी नहीं सोच सकती थी। मैंने पूछा,अरे बस करो यार, अब तो मुझे मज़ा आना भी बंद हो गया। अब तो छोड़ दो मुझे।
तब एक लड़के ने कहा,ठीक है, थोड़ी देर आराम कर लो, बाद में देखेंगे, दूसरी शिफ्ट लगा लेंगे।जब वो लड़का मुझे चोद कर नीचे उतरा तो मैं तो अपना पेट पकड़ कर गांठ बन कर लेट गई। सरिताने पूछा,क्या हुआ?
मैंने कहा,यार पेट दुख रहा है, सालों ने मार मार घस्से मेरा तो पेट ही हिला दिया। सरिताने मुझे थोड़ा पानी ला कर दिया, मैं बैठ कर पीने लगी।पानी पी कर मैं बाथरूम में गई, वहाँ अंदर मैंने शीशे में खुद को देखा, सत्यानाश करके रख दिया था |
मेरा उन लोगों ने। फ्रेश हो कर, खुद को थोड़ा सेट करके मैं बाहर आई, तो देखा दो जन सरिताको चोद रहे थे, एक पीछे गांड में एक मुँह मे। मुझ से भी पूछा, मगर मैंने साफ मना कर दिया।तो उसमे से एक बोला,साली राँड आज तुझे ऐसे नहीं जाने देंगे,
मादरचोद रण्डी बोल कर वो मुझे बाल पकड़ कर मेरे मुँह में फिर से अपना पूरा लंड घुसा दिया और दूसरे लड़के ने मेरी गाँड़ खोल कर पूरा लंड मेरी गाँड़ में उतार दिया|एक बोला,वाह साली रण्डी तेरी गाँड़ मारने में तो बहुत मज़ा हैं मेरी बबीता रानी।
क़रीब 1 घंटे और चुदने के बाद मैंने मना कर दिया। सुबह की घर से निकली मैं, शाम के 5 बज गए थे। उसके बाद जब सरिताफ्री हुई, तो हमने अपने अपने कपड़े पहने और वापिस घर आ गईं। मैंने सरितासे कहा,तौबा यार|
ये तो तुमको ही मुबारक हो, कैसे सह लेती हो सब? मैं तो न करूंगी फिर कभी! सरिताबोली कुछ नहीं, सिर्फ हंस कर मेरे कंधे पर थपथपा दिया।एक हफ्ते तक मुझे सेक्स के बारे में सोचने का भी मन नहीं किया।
एक दिन तरुण ने बुलाया, तो मैं चली गई, मगर मज़ा नहीं आया, उस इंसान के साथ भी, जिसे मैं दिल से प्यार करती थी। उसके भी करीब एक हफ्ते बाद मैंने रात को सरिताको फोन किया। “हैलो, हाँ यार क्या कर रही है|
मैं सोच रही थी, अगर तू फ्री है, तो किसी दिन घूमने चलें किसी होटल में। तो कैसे लगी मेरी गैंगबैंग की कहानी दोस्तों। मैं आपकी चुदक्कड़ रण्डी बबीता कपूर फिर से लौटूँगी मेरी ज़िंदगी के रोमांचक क़िस्से लेकर।