Aunty Sex Story

विधवा चाची की जवानी के मजे लुटे – chachi ki chudai

chachi ki chudai : नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम आत्माराम है, मेरी उम्र 22 वर्ष है, गोरा रंग और हाइट 5| 9 और फीट और सुडौल बदन!मुझे शुरू से ही लड़कियों के मुकाबले भाभी और चाचीकी चुदाई में दिलचस्पी है|

तो अब आप लोगों का ज्यादा समय न लेते हुए अपनी कहानी शुरू करता हूं|आज मैं इस सेक्सी विडो चाचीफक कहानी के माध्यम से अपने अनुभव को शेयर कर रहा हूं| मैं दिल्ली का रहने वाला हूं और घर में मम्मी पापा के अलावा एक छोटा भाई है|

हमारे पड़ोस में एक चाची रहती हैं, उनका नाम माधवी है|चाचीकी उम्र करीब 40 वर्ष है।वे दिखने में बहुत खूबसूरत हैं, उनका रंग गोरा है और उनका बदन 34,32,38 है|मैं चाचीको शुरू से ही बहुत पसंद करता हूं

चाचीके घर में उनका एक बेटा है और एक बेटी है| चाचीके पति की मौत 5 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में हो चुकी है|
तब से चाचीअपने बच्चों के साथ रहती है|हमारे परिवार का चाचीके साथ अच्छा रिश्ता है|

अंकल की मौत के बाद हमारे परिवार ने चाचीको संभाला और उनका साथ दिया और उन्हें उस सदमे से निकलने में उनकी मदद की|हाल ही में मैंने अपने कॉलेज की पढ़ाई खत्म की और अब गवर्नमेंट जॉब की तैयारी कर रहा हूं|

विधवा चाची की जवानी के मजे लुटे - chachi ki chudai

शाम को जिम मैं जाता हूं क्योंकि मुझे बॉडी बनाने का बहुत शोंक है|और मैं अपनी सेहत का बहुत ध्यान रखता हूं|एक दिन चाचीने मुझे दिन में बुलाया और उनके साथ मार्केट चलने को पूछा|उन्हें वहाँ से कुछ सामान लेना था|

उस समय चाचीके दोनो बच्चे स्कूल गए थे|मैं जाने के लिए तैयार हो गया|मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि चाचीने मुझे उनके साथ जाने का कहा|मार्केट हमारे घर से थोड़ा दूर थी|मैंने अपनी बाइक निकाली और चाचीमेरे पीछे बैठ गयी |

उन्होंने एक हाथ मेरे कन्धे पर रख लिया|चाचीको लेकर मार्किट की तरफ चल पड़ा|उनके उस स्पर्श से मुझे बहुत मजा आया।चाचीने सफेद रंग का पजामी सूट पहना था| चाचीउसमें बहुत सेक्सी लग रही थी जैसे स्वर्ग की कोई अप्सरा|

वे दिखने में एकदम खूबसूरत माल हैं|कुछ देर बाद हम मार्किट पहुंच गए और चाचीमुझे एक कपड़े के शोरूम में ले गयी|चाची को उनके लिए कुछ कपड़े लेने थे|वहाँ जाकर चाचीने कुछ कपड़े पसंद किए और उन्हें ट्रायल कमरा में पहनकर देखने लगी|

चाची को समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे कपड़े लें|तब उन्होंने मेरी मदद ली और उनके लिए कपड़े पसन्द करने को बोला|
मैंने उनके लिए कुछ कपड़े निकाले|उन्हें भी वे पसन्द आये|चाचीने कपड़े लेने के बाद बोला कि उन्हें अंडरगारमेंट्स भी लेने हैं|

फिर हम एक दूसरी दुकान पर गए|चाचीने अपने लिए ब्रा और पैंटी पसन्द की|अंडरगार्मेंट्स लेने के बाद उन्होंने कहा कि उन्हें भूख लगी है|तब हम दोनों एक रेस्टोरेंट में गए और वहाँ जाकर खाने का आर्डर दिया|

वहाँ से खाना खाकर हम घर के लिए निकल पड़े|मैं चाचीसे रास्ते भर यहाँ वहाँ की बात करता रहा|हम घर पहुंचे तो मैं चाचीको छोड़कर अपने घर जाने लगा|तब चाचीने मुझे रुकने को बोला और कहा, चाय पीकर जाना|

चाची मुझे घर के अंदर ले गयी, मैं सोफे पर बैठ गया|वे सामान रख कर अपने कमरे में कपड़े बदलने चली गयी|कपड़े बदलने के बाद चाचीअपने कमरे से बाहर आयी तो मैं उन्हें देखता ही रह गया|

उन्होंने नाइटी पहनी थी, चाचीउसमें बहुत सेक्सी लग रही थी|उनके बड़े बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड हरकत में आने लगा|मैंने जैसे तैसे खुद पर काबू किया| फिर चाचीचाय बनाने किचन में चली गयी|मैं चाचीकी खूबसूरती को निहार रहा था|

वे बिल्कुल जवान दिखती हैं|चाचीचाय बनाकर लायी और हम दोनों साथ बैठकर चाय पीने लगे|मेरा ध्यान बार बार चाचीके बूब्स पर जा रहा था|हम बात करने लगे|मैं चाचीसे अंकल के बारे में बात करने लगा|तो चाचीथोड़ा इमोशनल हो गयी|

मैं चाचीको होंसला देने लगा और चाचीमेरे गले लग गयी|चाचीके बूब्स मेरे सीने से सट गये और मेरे बदन में करंट सा महसूस हुआ|फिर चाचीमुझसे अलग हुई और कहने लगी, समीर और फरहाना स्कूल से आने वाले हैं|

मैं अपने घर जाने लगा|जाते जाते चाचीने मुझे प्यार से थैंक यू बोला|मैंने भी उन्हें बोला कि अगर उन्हें किसी भी काम की जररूत हो तो मुझे बतायें|उन्होंने प्यारी सी स्माइल दी और फिर मैं अपने घर चला गया|

रात भर मैं चाचीके बारे में सोचता रहा और उन्हें याद करता रहा|मैं मार्किट वाली बात को याद कर रहा था और मुझे नींद नहीं आ रही थी|अब मैं चाचीको चोदना चाहता था|मैं चाचीके बारे में सोच कर मुठ मारने लगा, फिर झड़ कर सो गया|

अगले दिन सुबह उठा नाश्ता करके मैं अपने कमरा में पढ़ाई कर रहा था|तभी अचानक दरवाज़े पर घण्टी बजी और मम्मी ने दरवाजा खोला|माधवी चाचीको देखकर मम्मी ने उन्हें अंदर बुलाया|चाची मम्मी से कहने लगी |

कि आज उनके बच्चों के स्कूल में मीटिंग है और वे थोड़ा लेट हो गयी है तो मुझे साथ ले जाने के लिए पूछने लगी|मम्मी ने मुझे चाचीके साथ जाने को बोला| मैं चाची को देखकर खुश हो गया और मैं उनको देखता ही रह गया|

जो कपड़े कल मैंने चाचीके लिए पसंद किए थे, चाचीवही कपड़े पहनकर आयी थी| चाची उन कपड़ों में बहुत सुंदर लग रही थी| चाचीको देख कर मन कर रहा था कि उन्हें अभी चोद लूं!फिर चाचीने बोला, थोड़ा जल्दी चलो!

मैंने अपनी बाइक निकाली और चाचीपीछे बैठ गयी|मैं बोला, आंटी, आप बहुत खूबसूरत लग रही हो|चाचीअपनी तारीफ सुनकर खुश हो गयी और प्यार से मुझे थैंक यू बोला|कुछ ही देर में हम स्कूल पहुंच गए|चाचीमुझे अपने साथ अंदर ले गयी|

कुछ देर बाद मीटिंग खत्म हुई और हम घर निकलने लगे|मैं चाचीको उनके घर छोड़कर अपने घर चला गया और अपने कमरे में जाकर सो गया|शाम को उठ के मैं फ्रेश होकर जिम चला गया|आज मेरा ध्यान जिम में न होकर चाचीमें था|

मैं उन्हें प्यार करने लगा था|चाचीका चेहरा मेरे दिमाग में घूम रहा था|मैं उन्हें याद कर रहा था|जिम खत्म करने के बाद मैं अपने घर चला गया और डिनर करने के बाद अपने कमरे में चला गया और गाने सुनने लगा|कुछ देर बाद मैं सो गया|

ऐसे ही कुछ दिन बीत गए और ये सब चलता रहा|कुछ दिन बाद हमारे परिवार को एक शादी में शहर से बाहर जाना था|हमने ट्रेन से जाने का फ़ैसला किया|लेकिन ट्रेन की सभी सीटों की एडवान्स बुकिंग की वजह से केवल तीन वेटिंग के टिकट ही मिले|

तब मैं घर पर रुक गया और बाकी सब लोग शादी में चले गए|लेकिन जाने से पहले मम्मी ने माधवी चाचीको मुझे खाना देने के लिए बोल दिया था|उसके बाद मैं शाम को जिम चला गया|जिम खत्म करने के बाद मैं घर आया, तब तक रात हो चुकी थी|

तभी माधवी चाचीका फ़ोन आया, उन्होंने मुझे अपने घर खाना खाने के लिए बुलाया|मैं अपनी बाइक लेकर चाचीके घर गया और घण्टी बजाई|चाचीने दरवाज़ा खोला|उन्होंने लाल रंग की नाइटी पहनी थी|मैं चाचीको देखता ही रह गया|

चाचीउसमें बहुत सेक्सी लग रही थी|उन्होंने मुझे अंदर आने को बोला|मैं अंदर आया|चाचीने बोला, तुम बैठो, मैं खाना लगाती हूं|हम सबने साथ में बैठकर खाना खाया|मैं समीर के साथ बैठकर टीवी देखने लगा|टाइम देखा तो रात के 10:30 हो चुके थे|

तब मैंने चाचीसे बोला, मुझे घर चलना चाहिए|चाचीबोली, राघव, आज रात तुम यहीं रुक जाओ हमारे साथ ही| तुम्हारे घर वाले शादी में शहर से बाहर गए हैं, तुम अकेले घर पर क्या करोगे?

उनकी बात सुनकर मुझे अंदर से बहुत ख़ुशी हुई, मानो मेरे दिल में लड्डू फूट रहे हों|पर मैंने चाचीके सामने नाटक किया और बोला, आप लोगों को मेरी वजह से दिक्कत होगी|आंटी, हमें कोई दिक्कत नहीं होगी, तुम आराम से यहीं रुक जाओ|

मैं चाचीकी बात मानकर उनके घर रुक गया|एक कमरा समीर और फरहाना का था|तब चाचीने बोला, राघव, तुम मेरे कमरे में सो जाओ|उनके दोनों कमरों में ए,सी लगा है|मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा|मैं कब से इस पल का इंतजार कर रहा था

तभी मैं चाचीके कमरे में सोने चला गया और बेड की एक साइड लेट गया|थोड़ी देर बाद चाचीरसोई का काम खत्म करके कमरे में आई और लाइट बन्द करके मेरे साथ बेड पर लेट गयी|

मेरे साथ माधवी चाचीसो रही हैं … मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था|मैं खुशी के मारे पागल हुआ जा रहा था|इस मौके को मैं अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहता था|कुछ देर बाद जब मैंने देखा कि चाचीसो रही हैं |

उनका गाउन घुटनों तक सरक गया था| चाचीकी गुलाबी पैंटी दिख रही थी|उसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था|मैं चाचीकी चुदाई करना चाहता था|तब मैं चाचीके थोड़ा पास चला गया और अपना एक हाथ चाचीके ऊपर रख दिया |

सोने का नाटक करने लगा|कुछ देर बाद जब मुझे लगा कि चाचीगहरी नींद में सो गई हैं तो मैं अपना दूसरा हाथ चाचीकी टांगों पर फिराने लगा|लेकिन चाचीआराम से सो रही थी|मेरी हिम्मत थोड़ी और बढ़ गयी|

मैंने चाचीका पूरा गाउन ऊपर कर दिया और उनकी पैंटी पूरी दिखने लगी|मैंने अब ज्यादा देर न करते हुए अपना हाथ चाचीकी पैंटी में डाल दिया|उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे और चूत बहुत मुलायम थी|

अब मेरी हिम्मत और बढ़ गयी थी; चाचीको चोदने की हवस दिमाग में ऐसी हुई कि उस समय दिमाग काम करना भी बंद कर गया था|मैंने अपनी उंगली चाचीकी चूत में घुसा दी|इस उम्र में भी चाचीकी चूत काफी टाइट थी|चाचीएकदम से जाग गयी|

विधवा चाची की जवानी के मजे लुटे - chachi ki chudai

मैं सोने का नाटक करने लगा|डर के मारे मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी|कुछ देर बाद मैं सो गया|जब सुबह आंख खुली तो चाचीकिचन में नाश्ता बना रही थी|मैं चाचीके सामने जाने से डर रहा था कि कहीं चाचीको कल रात वाली बात पता लग गयी |

तो चाचीमम्मी को बता देंगी|जब मैं फ्रेश होकर बाहर आया तो चाचीने मुझसे कहा, राघव, तुम उठ कर फ्रेश हो गए हो तो ब्रेकफास्ट कर लो|मैं चाचीके बर्ताव को देखकर समझ गया कि चाचीको कल रात के बारे में कुछ नहीं पता|

तब तक चाचीके बच्चे भी स्कूल जा चुके थे|मैं चाचीके घर ही टीवी देखने लगा|चाचीभी अपना काम खत्म करके मेरे साथ आकर बैठ गयी|आज चाचीके बूब्स कुछ ज्यादा ही बड़े दिख रहे थे|चाचीने ब्रा नहीं पहनी थी|

तो उनके निप्पल का उभार नज़र आ रहा था|अब चाचीका बर्ताव भी कुछ बदला हुआ लग रहा था|मैं और चाचीयहाँ वहाँ की बात करने लगे|चाचीने पूछा, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?मैं अचानक चाचीके मुँह से ऐसी बात सुन कर चौंक गया|

मैंने चाचीसे कहा, ऐसी कोई मिली ही नहीं अब तक!चाचीने पूछा, कैसी गर्लफ्रेंड चाहिए तुम्हें?तब मैंने कहा, बिल्कुल आप जैसी|चाचीने बोला, मुझमें ऐसा क्या अच्छा लगा जो मेरी जैसी गर्लफ्रेंड चाहिए?

मैं बोला, आप इतनी खूबसूरत हो, आपका फिगर मस्त है| चाची हँसकर बोली, मुझे ही गर्लफ्रेंड बना ले फिर! मेरे जैसी गर्लफ्रेंड कहीं नहीं मिलेगी तुझे!मैं चाचीकी बात सुन कर सातवें आसमान में था, मैंने भी तुंरत हाँ कर दिया|

मैंने चाचीसे अपने प्यार का इज़हार कर दिया|माधवी चाचीको मैं बोला, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं और आपको बहुत पसंद भी करता हूं|चाचीने भी बोला, मैं भी तुम्हें बहुत प्यार करती हूं|

बस चाचीके इतना कहते ही मैंने माधवी चाचीको अपनी तरफ खींच कर उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिये|मैं चाचीको पागलों की तरह चूमने लगा|चाचीभी मेरा साथ दे रही थी|करीब 20 मिनट बाद हम अलग हुए|

फिर मैं चाचीके बड़े बड़े बूब्स दबाने लगा और चाचीका गाउन निकालने लगा|मैं उनके बड़े बड़े बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा|
और दूसरा हाथ मैंने चाचीकी पैंटी में डाल दिया|चाचीकी चूत गीली हो चुकी थी|

मैं चाचीको उठाकर उनके कमरे में ले गया और उनके कपड़े उतारने लगा|चाचीको पहली बार बिना कपड़ों के देख कर मैं खुद पर क़ाबू नहीं कर पा रहा था|मुझे ये सपने जैसा लग रहा था|

फिर अचानक चाचीबोली, कल रात तुमने जो किया, मुझे सब पता है|मैं उनकी बात सुनकर हंस पड़ा और बोला, कल रात तुम्हें अपने साथ सोती देख खुद को रोक नहीं पाया| फिर तुम्हारे जागने के डर से सो गया|

चाचीभी हंसने लगी और गले लग गयी, बोली, जान, मैं भी तुमसे कबसे चुदवाना चाहती थी|उनके इतना कहते ही मैं चाचीपर टूट पड़ा और उन्हें किस करने लगा|चाचीभी मेरा साथ दे रही थी|उसके बाद मैं चाचीकी चूत चाटने लगा|

चाची सिसकारियां ले रही थी|मैंने अपनी जीभ चाचीकी चूत में घुसा दी|चाचीकी चूत की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी|चूत में जीभ अंदर बाहर करने से चाचीभी तड़प रही थी|कुछ देर बाद चाचीकी चूत ने पानी छोड़ दिया, उसका स्वाद नमकीन था|

अब चाचीने मेरे कपड़े उतारे और मेरा लंड देखकर चाचीबोली, तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है| मैं 5 साल से चुदी नहीं हूँ|
मैंने चाचीको बोला, माधवी मेरी जान, आज से हर रोज तेरी चुदाई होगी|चाचीभी खुश हो गयी|

अब चाचीमेरा लंड मुख में लेकर चूसने लगी|मुझे बहुत मजा आ रहा था जैसे जन्नत में पहुंच गया हूं|मैं चाचीके बाल पकड़ में उनके मुँह में झटके मारने लगा|मेरा बड़ा लंड सेक्सी चाचीके मुंह में ठीक से नहीं जा रहा था|

कुछ देर बाद मैं चाचीको नीचे लेटा कर उनकी चूत में उंगली डालने लगा|चाचीभी तड़प उठी|मैं उनकी चूत में जोर जोर से उंगली अंदर बाहर करने लगा|वे तड़प रही थी और कहने लगी, आत्माराम मेरी जान, अब मत तड़पाओ|

मेरी चूत में अपना लंड डाल दो| अब और इंतज़ार नहीं होता|माधवी चाचीकी बात सुनकर मुझे जोश आ गया|मैं चाचीकी गांड के नीचे तकिया लगा के उनके ऊपर आ गया और उनकी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ने लगा|

वे लंड अंदर लेने के लिए तड़प रही थी|मैं अपना लंड माधवी चाचीकी चूत में डालने लगा|तब एक झटके में आधा लंड उनकी चूत में घुसा दिया|वे दर्द के मारे चिल्लाने लगी|मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिये और एक जोरदार झटका मारा|

अब पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया|वे दर्द से तड़पने लगी|अब मैं धीरे धीरे लंड अंदर बाहर करने लगा|कुछ देर बाद वे नार्मल हो गयी और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी|अब मैं भी विडो चाचीफक में अपने झटकों की स्पीड बढ़ा रहा था|

करीब 20 मिनट बाद उनका पानी निकल गया और वे झड़ गयी|अब मैं उन्हें डॉगी स्टाइल में चोदने लगा|10 मिनट बाद अब मैं भी झड़ने वाला था, मैंने भी अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी और उनकी चूत में ही झड़ गया|

मैं उनके ऊपर गिर गया|हम कुछ देर ऐसे रहे|थोड़ी देर बाद चाचीमेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी|उनकी इस हरकत से मेरा लंड फिर हरकत में आ गया और इस बार फिर उनकी चूत में जाने को तैयार था|

मैं नीचे लेट गया| चाची मेरे ऊपर आ गयी और मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पर सेट किया|मैंने एक झटके में पूरा लंड चूत में घुसा दिया|अब माधवी चाचीभी उछल उछल कर लंड लेने लगी|मैं एक हाथ से उनके स्तन दबा रहा था|

कुछ देर बाद चाचीका निकलने वाला था|अब चाचीनीचे आयी और मैं चाचीकी दोनों टांगें खोल कर उनके बीच उनकी चूत में झटके देने लगा|और कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैं उनकी चूत में ही झड़ गया|

फिर चाचीउठकर बाथरूम में चली गयी|और मैं भी अपने कपड़े पहनकर घर जाने लगा क्योंकि चाचीके बच्चों का स्कूल से आने का समय हो गया था|मैं चाचीको किस करके अपने घर चला गया|

शाम को मैं मार्किट से उनके लिए एक सेक्सी ब्रा पैंटी सेट लाया और रात की चुदाई के लिये प्लान करने लगा|जिम से आने के बाद मैं फटाफट अपने घर जाकर फ्रेश हुआ और फिर माधवी चाचीके घर निकल गया|

मोटी चाची की अन्तर्वासना और चुदाई – chachi ki chudai

विधवा चाची की जवानी के मजे लुटे - chachi ki chudai

चाचीने दरवाजा खोलकर मुझे अंदर बुलाया फिर हम खाना खाकर सोने की तैयारी करने लगे|मैं चाचीके कमरे में उनका इंतजार कर रहा था|कुछ देर बाद चाचीकमरे में आयी|मैं उन्हें देखकर उन पर टूट पड़ा और उनके होंठों को चूमने लगा|

मैंने चाचीको वह ब्रा पैंटी पहनने को बोला|चाचीबाथरूम में चली गयी और कुछ देर बाद चाचीब्रा और पैंटी में बाहर आयी|मैं उन्हें देखता रह गया|वे हुस्न की मल्लिका लग रही थी|

मैंने उन्हें गोद में उठा कर बेड पर बिठाया और उन्हें प्यार से किस करने लगा|चाचीभी मेरा साथ दे रही थी|फिर चाचीउठकर सिंदूर की डिब्बी लाई और बोली, आई लव यू राघव! तुम आज यह सिंदूर मेरी मांग में भर दो और मुझे अपनी पत्नी बना लो!

मैंने सिन्दूर लेकर चाचीकी मांग में भर दिया और मैंने चाचीसे बोला, माधवी , आज से तुम मेरी पत्नी हो और मैं तुम्हारा पति!
चाचीने मेरे पैर छुए और मैंने उन्हें गले से लगा लिया|फिर रात को हमने सुहागरात मनाई|

अब मैं हर रोज चाचीकी चुदाई करता हूं|मैं और चाचीखुश हैं|आप मुझे मेल करके बताइयेगा कि आपको मेरी सेक्सी विडो चाचीफक कहानी कैसी लगी ताकि मैं आप लोगों के लिए ऐसी और कहानियां लाता रहूं!

और कहानियाँ पढ़ें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *