Sasur bahu ki chudai

ठरकी ससुर ने बहु की चूत में बीज भरा part1- Sasur bahu ki chudai

Sasur bahu ki chudai : बात उस समय की है जब मेरी नई नई शादी हुई थी। वो नेवी में जॉब कर रहे थे। शादी के बाद जब मैं ससुराल गयी तो सुहागरात भी नही हो पाई थी। उनके पास काल आ गयी थी उनके बोस की।

इसलिए पति फौरन ही मुझे छोड़कर मुंबई चले गये। वही पर उनकी पोस्टिंग थी। मैं चुद भी नही पाई। चूत में लंड भी नही खा सकी। मेरी सुहागरात अधूरी रह गयी थी।फिर उन्होंने दूसरे दिन काल किया कि अब 3 महीने बाद ही आ पाएंगे।

ये सुनकर मैं बहुत दुखी हुई थी। जिसके लिए मैं इस घर में आई थी वो मुझसे बहुत दूर थे। मैं इसे अपनी किस्मत समझ कर तन मन से सास ससुर की सेवा करने लगी। धीरे धीरे मेरे ससुर मुझे इधर उधर हाथ लगाने लगे।

वो भी नेवी में थे और कैप्टन के पद पर रिटायर हुए थे। वो अब 60 साल से जादा के हो चुके थे पर उनकी फिटनेस कमाल की थी। बड़ी बड़ी मूंछे वो रखते थे। मैं उसका पूरा ख्याल रखती थी।

मुझे ये बात पता थी की उसकी नियत मुझ पर काफी गंदी है। वो मुझे चोदना चाहते है। पर फिर भी मैं उनकी सेवा करती थी। टाइम टाइम से चाय पानी, दवाइयां, खाना देती थी। घर में मैं साड़ी ब्लाउस पहनती थी।

एक दिन उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं डर गयी। फिर मुझे वो किस करने लगे। मैं बहुत नाराज थी। मैं रोने भी लगी थी। उन्होंने अपने पजामे को खोलकर मेरे हाथ में लंड दे दिया। फ्रेंड्स मैंने पहली बार अपने ससुर का लंड देखा।

11” लम्बा और 3” मोटा किसी नीग्रो आदमी की तरह। मैं तो देखकर ही डर गयी थी। पहले उन्होंने जबरदस्ती मुझे किस किया। फिर हाथ में लंड दे दिया।चल चूस इसे” वो बोले|आपकी शिकायत मैं सूरज से करूंगी” मैंने नाराज होकर कहा|ठरकी ससुर ने बहु की चूत में बीज भरा - Sasur bahu ki chudai
तुझे जो करना है कर ले। मैं एक दिन तुझे चोदकर रहूँगा। तू चुदने के लिए ही मेरे घर आई है। तेरी चूत पर हमारा अधिकार है। मेरा बेटा नही है तो क्या हुआ। मुझसे ही चुदा लिया कर” वो कहने लगे|

मैं और तेज तेज रोने लगी। इस वजह से शायद रहम करके उन्होंने मुझे छोड़ दिया। आपको बताया नही मैंने की मैं एक लम्बे चौड़े कद वाली लड़की हूँ। मेरा कद 5’ 6” का है। मेरा शरीर भरा हुआ गोल गुदाज है |

बेहद सेक्सी है। मेरा फिगर 36 32 38 का है। मेरी भरी जवानी देखकर सभी मर्दों के लौड़े खड़े हो जाते है और सभी मुझे चोदने को मरने लग जाते है।उपर वाले ने मुझे पैदा ही किया है चुदने के लिए। अगर ऐसा नही होता|

तो |वो मुझे इतनी हॉट, सेक्सी और चिकनी लड़की क्यों बनाता। उस दिन वाली घटना की वजह से मैं अपने ससुर से सावधान रहने लगी थी। मुझे पता था की ये सांप कभी भी मुझे डस सकता है। कभी भी वो मेरा जबरदस्ती काम लगा सकते है।

इसलिए मैं बचके रहने लगी थी। इस तरह से 3 महीना गुजर गया था। मैं खुश थी की अब मेरे पति सूरज घर आएंगे।आप कब आ रहे है??” मैं फोन पर पूछने लगी|अभी काम का काफी तनाव है। इसलिए किसी भी सिपाही को छुट्टी नही मिली है।

अब 3 महीने बाद ही आऊँगा” सूरज ने उस तरफ से जवाब दिया।ये सुनकर मैं बहुत दुखी हो गयी थी। मैं अभी कच्ची कली थी। एक बार भी चुदी नही थी। इसलिए मैं सेक्स करने को तडप रही थी। उधर मेरे ससुर जी बार बार मुझे चोदने को मर रहे थे।

कई बार रात में मेरा सेक्स करने का दिल करता था। ससुर का 11” लंड तो देख ही चुकी थी।इसलिए उसे ही याद कर करके चूत में ऊँगली कर लेती थी। कभी चूत में बैगन, मूली डालकर आनंद ले लेती थी।

इस तरह से मैं अपनी वासना की आग बुझा रही थी। मेरा दिल भी करता था की रात के अकेलेपन में कोई मर्द मेरा साथ निभाये। मुझे नंगा करके किस करे। मेरी 36” की बड़ी बड़ी चूची को मुंह में लेकर चुसे। फिर मुझे लंड चुसाये।

मेरा भी मन करता था। कभी कभी ससुर को लेकर दिमाग में कल्पना कर लेती थी की वो मुझे जोर जोर से चोद रहे है। इस तरह से मैं टाइम पास कर रही थी। एक दिन मेरी सास डॉक्टर के पास दवा लेने गयी थी।

ससुर जी मुझे अकेला पा लिए और आकर पीछे से पकड़ लिए। मैं गैस पर खाना बना रही थी। वो मुझे पीछे से किस करने लगे। उसका लंड उनके पजामे में खड़ा हुआ था और मेरी गांड में चुभ रहा था।

अरे डरो मत बहु!! मैं तो तुमसे बहुत मोहब्बत करता हूँ, बस थोड़ा सा प्यार तुम भी करो” ससुर जी बोले|उन्होंने गैस बंद कर दी जिससे वो मेरे साथ छेड़खानी कर सके। उसके बाद मेरे ब्लाउस के उपर से मेरी चूची को मसलने लगे।

मैं ओह्ह माँ…|ओह्ह माँ…उ उ ह उ उ उ…|| आआआआहहहहहहह …|” करने लगी। ससुर जी 7 फुट के लम्बे चौड़े बलिष्ठ बदन वाले मर्द थे इसलिए मेरी उनके सामने एक नही चली।वो पीछे से मुझे ऐसे जकड़े हुए थे जैसे शेर हिरन को जकड़ लेता है।

मैं हाथ छुड़ाने की असफल कोशिस कर रही थी। उनका लंड मेरे चूतड़ में बहुत चुभ रहा था। ससुर के आगे मैं छोटी बच्ची जैसी लग रही थी। फिर उन्होंने मुझे गोद में उठा लिया और सीधा बेडरूम में ले गये। बिस्तर पर लिटा दिया।

मेरे सामने उन्होंने अपना कुरता पजामा उतार दिया। फुल नंगे हो गये।नही आप मुझे नही चोद सकते!! मैं हल्ला मचाउंगी। पुलिस को बुला लुंगी” मैं चीखकर बोली|तू कुछ भी कर ले पर आज तुझे तो मैं चोद कर रहूँगा” वो कहने लगे|

फिर मेरे पास आकर मेरे ब्लौस खोलने लगे। मैं चिल्लाने लगी। उन्होंने 3 4 चांटे जोर जोर से मारे मुझे। मैं रोने लगी। उन्होंने मेरा नीला कलर का ब्लाउस उतारा और ब्रा भी खोल डाली।

फिर मेरी फुटबाल जैसी दिखने वाली बड़ी बड़ी चूचियों को हाथ से दबा दबाकर चूसने लगे। मैं नाराज थी।उन पर कोई असर नही था। वो मेरी रसीली चूची को मुंह में लेकर पीने लगे। फिर मेरी साड़ी खोलने लगी। मेरे साये को उतार दिया।

मैंने काली कलर की पेंटी पहनी थी जो काफी सेक्सी दिख रही थी। अब वो मेरे पेट को चाटने लगे। मेरी तरह मेरा पेट भी बिलकुल दूध जैसा रखा हुआ था।वो मुंह लगाकर पीने लगे। फिर मेरे पैर की ऊँगली को किस करने लगे।

उसे मुंह में लेकर चूसने लगे। फिर मेरी सफ़ेद कदली जैसी जांघो पर किस करते और सहलाते। आपको बता दूँ की मेरी जांघ बहुत चिकनी और सेक्सी थी। मैं अचानक से फिर से फूट फुटकर रोने लगी।अब क्या हुआ तुझे??” ससुर पूछने लगी|

क्या आप मुझे सिर्फ आज ही चोदेंगे या रोज???” मैंने आशु बहाकर कहने लगी|सिर्फ आज!! उसके बाद तू आजाद है। देख किसी से कहना मत वरना मर्दों का क्या है, बदनामी तेरी हो होगी” ससुर जी बोले|ठीक है” मैं कही|

ये जानकर की सिर्फ आज की बात है मैं चुप हो गयी। जो जो वो करना चाहते थे मैंने करने दिया। वो मेरी दोनों जांघो को खूब किस किये। फिर चूत पर आ गये। मेरी चड्डी को पकड़कर उतार दिए। मैं नंगी उनके सामने थी।

डर और भय के कारन मैंने अपनी आँखे बंद कर ली। उन्होंने मेरी टांग खोली और चूत के दर्शन करने लगे।मेरी चूत लाल लाल किसी अमेरिकन लड़की जैसी थी। बहुत ही सुंदर। फिर वो मुंह लगाकर चाटने लगे थे।

मेरे और ससुर जी में संवाद बंद हो गया था क्यूंकि सब कुछ वो ही कर रहे थे। मेरे बस में कुछ नही था। वो इंचार्ज थे। उनके सामने मेरी कोई औकात नही थी। मेरी चिकनी साफ चूत का दर्शन उन्होंने पहले किया और मुंह लगाकर चाटने लगे।

अब मुझे भी अच्छा लगने लगा था।वो किसी भूखे आदमी की तरह मेरी बुर चाट रहे थे। मैं ओहह्ह्ह… अह्हह्हह… अई|| अई|| अई… उ उ उ उ उ…” किये जा रही थी। मैं हथियार डाल चुकी थी। वो बस चूस रहे थे।

ससुर से चुद कर बहु को चरमसुख की प्राप्ति – Sasur bahu ki chudai

ठरकी ससुर ने बहु की चूत में बीज भरा - Sasur bahu ki chudai

पाव की तरह फूली चूत के चिकने होंठ किशमिश की तरह रसीले लग रहे थे जिसे तो मुंह में लेकर खींच खींच कर चूस रहे थे। ”खूब मजा लिया उन्होंने। मैंने शांत होकर चुसवा रही थी। अब मुझे भी काफी अच्छा लगने लगा था।

मेरे ससुर जी को औरत को को खुश करने की हर कला आती थी। वो शिद्दत से मेरी चूत के दाने को हिला हिलाकर नोच नोचकर चूस रहे थे।… ऊँ…ऊँ…ऊँ…लगता है आप आज मुझे खा जी जाएंगे” मैंने कही|

वो खूब चाटे। फिर अपने 11” सेना वाले लंड को हाथ ले लेकर हिलाने लगे। वो मुठ देने लगे और आनन्दित होने लगे। मुझे मालुम था की अभी ये अपनी बंदूक चलाएंगे। ऐसा ही हुआ। उन्होंने मुठ दे देकर अपने लंड को खड़ा किया।

फिर मेरी बुर में घुसेड़ दिया। मैं कुवारी कन्या थी, ये देखकर उन्होंने लंड का सुपाडा चूत पर सेट किया और एक नेवी वाला धक्का दिया। 5” लंड मेरी चूत में घुस गया। मेरी चुद्दी की सील टूट गयी।मेरे खून से बेड की चादर लाल हो गयी।

मुझे इतना दर्द हुआ की आपको क्या बताऊं। मैं तो एकदम से जैसे तड़प उठी, मेरा सुंदर सपना मेरा सबसे दर्दनाक सपना बन गया था। तभी ससुर जी ने फिर से 3 4 सेकंड बाद ही फिर से एक सेना वाला बलिष्ठ धक्का अपने मोटे लंड से मार दिया।

इस बार लगा की मैं मर जाउंगी। मैं उसके गालो पर चांटे मारने लगी।उसको मुक्के मारने लगी पर इसका कोई फायदा नही था। ससुर जी का वजन भी इतना जादा था की मैं कुछ नही कर सकती थी।क्या हुआ दर्द हो रहा है क्या???” वो पूछने लगे

हाँ बहुत!! प्लीस अपना लौड़ा बाहर निकाल लीजिये” मैंने रो रोकर कहापर वो नही सुने और धीरे धीरे मुझे चोदने लगे। आज फर्स्ट टाइम किसी से चुदा रही थी। मेरा सेक्स करने का सुंदर सपना एक बुरे दर्द भरे सपने में बदल गया था।

वो लंड को आगे पीछे करने लगे। मेरी चुदाई शुरू कर दिए। आआआहहह… ईईईई… ओह्ह्ह्… अई|| अई|| अई… अई|| मम्मी…” मैं करने लगी। ”मेरी चूत अभी अभी फटी थी इसलिए रह रहकर खून निकल आता था।

बेड तो मेरे खून ने तर बतर हो गया था। ससुर जी धक्के पर धक्के देते रहे। मैं दर्द से जूझती संघर्ष करती रही। आखिर उन्होंने मेरी बुर फाड़ डाली और अपन चुदाई की रफ्तार बढ़ा दी। मैं मम्मी… मम्मी… सी सी सी सी||

हा हा हा… ऊऊऊ… ऊँ|| ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ…” करती रही।फिर ससुर जी अंदर ही झड़ गये। वो पसीना पसीना हो गये थे। फिर वो चले गये और बाथरूम में जाकर नहाने लगे। उन्होंने पूरा 1 महीना तक मुझे परेशान नही किया।

फिर एक बड़ी अच्छी से बनारसी साड़ी लाकर दी। मुझे आँख मारने लगे थे। उस पहली सील तोड़ चुदाई को मैं कभी नही भूल सकती थी। फिर एक दिन फिर से मौसम बन गया था।मैं छत पर सफाई कर रही थी। इतने में बारिश होने लगी।

मैं उसमे भीग गयी।मेरी साड़ी ब्लाउस सब कुछ भीग गया। मेरी चूचियां बारिश के पानी में गीली होकर मेरे बदन से चिपक गयी। उसी समय ससुर जी भी किसी काम से छत पर आ गये थे। वो भी भीग गये थे।

उनकी नजरे मेरे रसीली भीगी भीगी चूचियों पर जाने लगी थी। उनका लंड भी खड़ा हो गया था। आकर मेरा हाथ पकड़ लिए।नही नही आज नही ससुर जी!!” मैंने कहने लगी|तू बेकार में टेंसन लेती है। चल चुदाई का मजा लेते है|

वो बोले और मुझे छत पर ही पकड़कर सीने से लगाकर किस करने लगे। मैं नाकाम रह गयी कुछ नही कर सकी। उन्होंने छत पर ही मेरी साड़ी खोल डाली और मुझे नंगा कर दिया। अपने कपड़े उताकर मुझे नंगा किया और मेरे लिप्स पर किस करने लगे।

मैं हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ… ऊँ… ऊँ… ऊँ सी सी सी… हा हा|| ओ हो हो…” करने लगी। बारिश अभी भी बहुत जोरदार हो रही थी। वो पहले आकर मेरे लिस्प पर किस करने लगे। फिर मेरी नंगी चुचियों को मसलने लगे।

बारिश के पानी में भीगकर मेरा बदन बहुत ही सेक्सी दिख रहा था। जल रहा था। मेरे ससुर आज फिर से मेरा काम लगाने वाले थे और अंदर से मेरा भी चुदने का दिल कर रहा था। वो बारिश में ही मेरी सफ़ेद सेक्सी चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगे।

मैं कराहने लगी। मजा लेने लगी। काफी देर उन्होंने दबा दबाकर मेरे स्तनों का रस निकाला। फिर अपने 11” को लेकर फेटने लगे। बारिश में भीगकर वो और भी जादा मोटा और खूंखार लौड़ा दिख रहा था।

वो लंड की छड़ को मेरी चूत की वेदी पर पीटने लगे। मुझे नशा सा हो रहा था। काफी देर उन्होंने पिटाई की। फिर लंड के 3” मोटे सुपारे से मेरी चूत पर घिसने लगे। मैं सिसकारी लेने लगी। ओह्ह माँ… ओह्ह माँ… उ उ ह उ उ उ…

आआआआहहहहहहह…” करने लगी।ससुर ने लंड तेजी से चूत में घुसा दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगे। मैंने उनको सीने से चिपका लिया था क्यूंकि बारिश का पानी हम दोनों को भीगा रहा था। काफी ठंडा पानी था और मुझे ठंडी लग रही थी।

मेरे सेक्सी ससुर फटाफट मुझे चोद रहे थे। मुझे खा रहे थे। मैंने सब कुछ आराम से करवा लिया। उनको किस भी किया। काफी देर उन्होंने में चोदा।बहु!! घोड़ी बनो” वो कहने लगी|मैं बन गयी। वो मेरी गांड को पीने लगे।

जीभ लगा लगाकर मुंह लगा लगाकर। बारिश के पानी से मेरी गांड भीगकर और भी कामुक दिख रही थी। वो मुंह लगाकर उसे चाट रहे थे जिससे मुझे बड़ी सुखद फिलिंग हो रही थी।

फिर उन्होंने धीरे धीरे अपने दमदार लंड को मेरी गांड में घुसा दिया और चोदने लगे। मुझे काफी दर्द हो रहा था क्यूंकि रोज रोज तो ऐसा करती नही थी। पहले उनका लौड़ा एक चौथाई घुसा, फिर आधा घुसा, फिर ताकत लगाकर|

उन्होंने उसे जड़ तक अंदर पंहुचा दिया। फिर 15 मिनट गांड मारी और दोनों सेक्सी चूतडो पर माल गिरा दिया।हवसी ससुर ने बहु की चूत में अपना बीज बात उस समय की है जब मेरी नई नई शादी हुई थी।

वो नेवी में जॉब कर रहे थे। शादी के बाद जब मैं ससुराल गयी तो सुहागरात भी नही हो पाई थी। उनके पास काल आ गयी थी उनके बोस की। इसलिए पति फौरन ही मुझे छोड़कर मुंबई चले गये। वही पर उनकी पोस्टिंग थी।

मैं चुद भी नही पाई। चूत में लंड भी नही खा सकी। मेरी सुहागरात अधूरी रह गयी थी।फिर उन्होंने दूसरे दिन काल किया कि अब 3 महीने बाद ही आ पाएंगे। ये सुनकर मैं बहुत दुखी हुई थी।

ससुर ने घाघरा सरका के फुद्दी मार ली – Sasur bahu ki chudai

ठरकी ससुर ने बहु की चूत में बीज भरा - Sasur bahu ki chudai

जिसके लिए मैं इस घर में आई थी वो मुझसे बहुत दूर थे। मैं इसे अपनी किस्मत समझ कर तन मन से सास ससुर की सेवा करने लगी। धीरे धीरे मेरे ससुर मुझे इधर उधर हाथ लगाने लगे।वो भी नेवी में थे और कैप्टन के पद पर रिटायर हुए थे।

वो अब 60 साल से जादा के हो चुके थे पर उनकी फिटनेस कमाल की थी। बड़ी बड़ी मूंछे वो रखते थे। मैं उसका पूरा ख्याल रखती थी। मुझे ये बात पता थी की उसकी नियत मुझ पर काफी गंदी है।

वो मुझे चोदना चाहते है। पर फिर भी मैं उनकी सेवा करती थी। टाइम टाइम से चाय पानी, दवाइयां, खाना देती थी। घर में मैं साड़ी ब्लाउस पहनती थी।एक दिन उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया। मैं डर गयी। फिर मुझे वो किस करने लगे।

मैं बहुत नाराज थी। मैं रोने भी लगी थी। उन्होंने अपने पजामे को खोलकर मेरे हाथ में लंड दे दिया। फ्रेंड्स मैंने पहली बार अपने ससुर का लंड देखा। 11” लम्बा और 3” मोटा किसी नीग्रो आदमी की तरह। मैं तो देखकर ही डर गयी थी।

पहले उन्होंने जबरदस्ती मुझे किस किया। फिर हाथ में लंड दे दिया।चल चूस इसे” वो बोले|आपकी शिकायत मैं सूरज से करूंगी” मैंने नाराज होकर कहा|तुझे जो करना है कर ले। मैं एक दिन तुझे चोदकर रहूँगा।

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