सब्जी वाले भैया की लंड की दीवानी – Antarvasna sex story
Antarvasna sex story मेरा नाम मालती है और मैं मुंबई की रहने वाली एक बहुत खुबसूरत और सेक्सी महिला हूँ| मेरी उम्र 28 साल है और मैं एक शादीशुदा महिला हूँ| मैं दिखने में गोरी हूँ और मेरा बदन एक दम भरा हुआ है|
मेरी हाईट 5 फुट 5 इंच है और मेरे दूध से भरे मोटे मोटे चुचे बहुत शानदार हैं और मेरी मोटी चूतड़ थोड़ी बहार की तरफ निकली हुई हैं| मेरे दो छोटे छोटे लड़के हैं और वो दोनों स्कूल में हैं|
मेरे पति बहुत बड़े शराबी हैं और वो प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं| दोस्तों आज जो मैं आप लोगो के लिए`मेरी और गैर मर्द के अवैध शारीरिक संबंध की सेक्स कहानी लिखने जा रही हूँ ये मेरी पहली सेक्स कहानी है |
मेरे जीवन की एक दम सच्ची घटना पर आधारित है| मैं उम्मीद करती हूँ कि आप लोगो को मेरी चुदाई की यहसेक्स कहानी बहु पसंद आयगी और इस सेक्स स्टोरी को पड़ने के बाद आप सभी कम से कम पांच बार मुठ जरुर मारेंगे|
चुत मेरी देसी चोदेगा पड़ोसी- antarvasna story
तो अब मैं आप लोगो का ज्यादा समय ना लेते हुए सीधा अपनी हिंदी सेक्स कहानी शुरू करती हूँ| दोस्तों मेरे घर में मैं और मेरे पति साथ में दो छोटे बेटे रहते हैं| पहले हमारा परिवार एक दम खुशाल परिवार था मेरे पति भी मुझसे बहुत प्यार करा करते थे|
लेकिन अब ना जाने मेरे परिवार को किसकी नजर लग गई थी की मेरे जीवन में मन्हुसिअत फ़ैल गई थी| Escorts in Mumbai मैं इसलिए खुश नहीं रहती थी क्यूंकि मेरे पति अब नामर्द जैसे हो गए थे उनका लंड खड़ा ही नहीं होता था और वो आज कल मुझे बिलकुल भी चोदा नहीं करते थे|
यहाँ भी देखें जीजा जी ने हम बहनों को चोदने के बाद माँ को भी चोदा मैं अभी जवान थी और मेरी प्यासी चूत को सेक्स करने के लिए लंड चाहिए था मेरी प्यासी चुतड भी लंड मांगती थी|
मेरा पति रात को काफी लेट घर आता था और शराब पी कर आता था और खाना खा पीकर गहरी नींद में सो जाया करता था| मुझे मेरे नामर्द पति के शराब पीने से कोई दिक्कत नहीं थी क्यूंकि वो मेरे साथ कभी बदसलूकी नहीं करता था |
बस दिक्कत यह थी की मेरी चूत को रोज लंड खाने की भूख लगती थी और मेरा नामर्द पति मेरे चूत को अपना लंड नहीं खिलाता था| लेकिन मेरा नामर्द पति अब मेरी चुदाई भी नहीं करता था ये बात मुझे बहुत खलती थी|
मैं हर बार सोचती कि काश कोई अच्छा सा मोटा लंड मेरी चूत में घुसे और मेरा रोम रोम भड़का दे| यही सब सोच कर मेरी चूत गीली हो जाती| मेरी चूत को लंड ऐसा चाहिए कि बस मेरी चूत को भोसड़ा बना दे|
एक दिन की बात है और मेरा पति काम पर गया हुआ था और मेरे दोनों बेटे भी स्कूल गए हुए थे| उस दिन मेरी प्यासी चूत में लंड खाने के लिए ऐसी आग लगी हुई थी कि मैं आप सभी को शब्दों में बता नहीं सकती|
मैं अपने आँगन में पीछे गई और वहां सीड़ी पर बैठ कर अपने ब्लाउज के दोनों हुक खोल कर और ब्रा को ऊपर खिसका कर अपने दूध से भरे मोटे मोटे चुचे बाहर निकाल कर बैठ गयी|
फिर अपनी साड़ी को ऊपर खिसका कर पेंटी भी उतार दी| उसके बाद मैं जोर जोर से अपनी चूत को रगड़ने लगी और एक हाँथ से अपने दोनों दूध से भरे मोटे मोटे चुचों को बारी बारी से मसल रही थी|
जब मैं ऐसा कर रही थी तब मेरे मुँह से आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां निकल रही थी| मैं जोर जोर से अपनी चूत को आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां लेते हुए रगड़ रही थी|
करीब 15 मिनट तक मैंने अपनी चूत को खूब रगड़ा और वहीँ रस्खलन हो गया मेरी चूत का| मुझे बहुत अच्छा लगा तो मैं 5 मिनट तक वहीँ नंगी ही लेटी रही|
फिर मैं उठी और नहाने चले गई| जब मैं नहा कर आई तो बाहर सब्जी वाले भैया की आवाज़ आई| मैंने सोचा कि चलो रात के लिए सब्जी ले लूं| उस समय मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी और एक पतले से कपड़े का गाउन पहना हुआ था|
मेरा बदन गीला था तो उसमे मेरा गाउन चिपक गया और मेरे मोटे मोटे चुचों के नुकीले निप्पलस साफ़ नजर आने लगे थे| ये बात मुझे मालुम थी लेकिन मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा था|
क्यों की मै बहुत ज्यादा चुदाई हुई पड़ी थी गली का कुत्ता भी यदि मुझे चोदना चाहता तो मै उससे भी कुतिया बन चुदवा लेती| कुछ देर बाद हमारी गली में सब्जी वाले भैया सब्जी बेचने आये और मैं अपने कपड़े सही करके सब्जी लेने बाहर गई और सब्जी लेने लगी|
मैं देख रही थी कि सब्जी वाले भैया मुझे और मेरे दूध से भरे मोटे मोटे चुचों को गन्दी नजर से घूर घूर कर देख रहे थे| मुझे उस सब्जी वाले भैया का मुझे ऐसे गन्दी नजरों से देखना बहुत अच्छा लग रहा था |
मैं उस सब्जी वाले भैया से अपनी चूत चुदवा तो नहीं सकती थी क्यूंकि और भी लेडीज वहां पर उस सब्जी वाले भैया से सब्जियां ले रही थी| सब्जी लेने के बाद मैं घर आ गई|
मुझे इतना अंदाजा हो गया था कि सब्जी वाले भैया का तो पक्का लंड खड़ा हो ही गया होगा| वो सब्जी वाले भैया हर हफ्ते आता था क्यूंकि वो हर एक एरिया में जाता था|
यहाँ भी देखें, लंड घुसता है मज़ा आता है हमारे कॉलोनी के काफी लोग उसे सब्जी लेते थे क्यूंकि वो एक दम ताजा सब्जियां बाजार से लाता था और भाव भी कम लगता था|
अगले हफ्ते वो सब्जी वाले भैया फिर हमारी कॉलोनी में सब्जी बेचने आये और मै फिर से बहुत चोदासी हो उठी लेकिन उस समय मेरे घर में सब लोग थे तो मैं उसके मोटे लम्बे लंड से अपनी प्यासी चूत नहीं चुदवा सकी |
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लेकिन हाँ मैंने उसे इशारो इशारो में समझा दिया था कि मेरी चूत प्यासी है और मुझे एक मोटे लम्बे लंड की बहुत ज्यादा जरुरत है| ऐसे ही करते करते मुझे काफी दिन हो गए |
उस सब्जी वाले भैया के मोटे लम्बे लंड से चुदवाने का मौका नहीं मिल पा रहा था कि कैसे मैं उसे अन्दर बुलाऊं और उससे अपनी चूत चुद्वाऊ ? मैं हर दिन बस उस सब्जी वाली याद में अपनी उँगलियाँ चूत में चलाती|
जिस सब्जी वाले भैया से मै चुदने की प्लानिंग कर रही थी वो लगभग ३७ साल की उम्र के आस पास होंगे और उसका बदन फिल्म एक्टर सलमान खान की तरह एक दम गठीला था और उसकी कदकाठी एक पहलवान के जैसी थी|
मैं तो बस ये सोच कर अपनी प्यासी गरम चूत से पानी निकाल लेती कि कितनी बेरहमी से वो मुझे चोदेगा| फिर दिन वो मेरे घर के सामने से निकल रहा था और उस दिन उसने सब्जी का ठेला भी नहीं लिया था| मैं
ने उसे रोका और पूछा कि आज तुम सब्जी नहीं लाये क्या ? तो उसने कहा भाभी जी गया था बाजार लेने सब्जी| पर बहुत महंगी पड़ रही थी क्यूंकि जहाँ से सब्जियां आती हैं वहां ट्रक फंसे हुए हैं|
मैंने कहा अच्छा तो अभी कहाँ जा रहे हो भैया? तो उसने कहा कि अरे भाभी जी कहीं नहीं बस पान की दुकान जा रहा हूँ पान लगवाने| मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है अगर आज मैं इसे अपनी प्यासी चूत चुदवा भी लूं तो किसी को शक भी नहीं होगा|
मैंने उससे कहा कि भैया घर के अन्दर आओ मुझे तुमसे एक काम है| उसने अन्दर आते हुए कहा हाँ बोलिए भाभी जी| मैंने कहा देख आज मेरे घर में कोई नहीं है और मुझे लंड की बहुत जरूरत है| मुझे तुझसे अपनी चूत चुदवाना है|
तो उसने कहा अरे भाभी जी चूत चोदने के लिए तो मैं हमेशा तैयार हूँ| इतना कह कर उसने मुझे अपने गले से लगा लिया और वो कभी मेरे बदन को सहलाता तो कभी मेरी मोटी चुतड को जोर जोर से दबाता|
मुझे भी अच्छा लग रहा था उसका ऐसा करना और मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी| फिर वो अपने होंठ मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ के पास ले कर आये तो मैंने तुरंत उसके चेहरे को पकड़ कर अपने होंठ से उसके होंठ को दबा दिया और चूसने लगी| वो सब्जी वाला भी मेरे गुलाबी गुलाबी होंठ को चूस रहा था|
हम दोनों ने 10 मिनट तक एक दुसरे के होंठ को चूसा और खूब चुम्मा चाटी करी|फिर मैंने सब्जी वाले भैया का लम्बा मोटा लंड अपनी गांड और चूत में लेने के लिए अपना गाउन उतार दिया और बस ब्रा पेंटी में उसके सामने खड़ी हो गई|
वो सब्जी वाले भैया मेरे पास आये और मेरे ब्रा के ऊपर से ही मेरे दूध से भरे मोटे मोटे चुचे बहुत जोर जोर से मसलने लगा तो मेरे मुँह से आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां निकलने लगी|
यहाँ भी देखें , हवस में आकर सिस्टर की ही कर दी योनी ठुकाई फिर उसने मरे मोटे मोटे चुचों को मेरी ब्रा की पकड़ से आजाद कर दिया और मेरे दोनों चुचों को अपने मुँह में ले कर किसी छोटे बच्चे की तरह चूसने लगा |
तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए उसके लंड को पेंट के ऊपर से ही मसलने लगी| उसके बाद मैंने उसके कपड़े उतार कर उसे भी पूरा नंगा कर दिया |
उसके लम्बे मोटे लंड को अपने हाँथ में ले कर जीभ से चाटने लगी तो वो आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए निप्पलस दबाने लगा|
सब्जी वाले भैया का लम्बा मोटा लंड चाटने के बाद मैं उसके लंड को अपने मुँह के अन्दर ले कर चूसने लगी तो वो भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए मेरे मुँह को बहुत जोर जोर से चोदने लगा| सब्जी वाले भैया का लंड बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था |
ब्लोजॉब के दौरान उनका लंड मेरे गले की देवर से जाकर टकरा रहा था| मुझे काफी मजा आ रहा था| फिर सब्जी वाले भैया ने मुझे लेटा दिया और मेरी सेक्सी पेंटी को उतार कर मेरी प्यासी चूत को किसी भूखे कुत्ते की तरह चाटने लगे |
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तो मैं उई माँ… आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए आन्हे भरने लगी| मेरी चूत को उसने बहुत अच्छे से चाटा और मुझे मदहोश कर दिया दोस्तों चूत चटवाते वक्त मैं बहुत ज्यादा चुदासी हो उठी थी|
फिर उसने अपने फौलादी लंड को मेरी प्यासी चूत के लाल गुलाबी होठों में टिका कर एक जोरदार झटके के साथ अन्दर पेल दिया और मेरी प्यासी चूत की शानदार चुदाई शुरू कर दी तो मैं भी आह… आह…| आहा ऊनंह ऊम्मंह… आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह करते हुए गैर मर्द के लौड़े से चुदाई के मजे लेने लगी|
वो काफी देर तक मुझे ऐसे ही अपनी रंडी बनाकर चोद रहा था और फिर उसने एक दम से अपनी चुदाई तेज कर दी और जोर जोर से शॉट लगाते हुए चोदने लगा तो मैं भी आहा ऊनंह ऊम्मंह आहाआ ऊनंह ऊम्म्ह आहा ऊउन्न्ह उम्म्हं आआहा ऊउन्न्ह की सिस्कारियां भरते हुए चुदाई में उसका साथ देने लगी|
आधे घंटे की चुदाई करने के बाद सब्जी वाले भैया ने अपना गरम गरम वीर्य मेरे मुँह में छोड़ दिया और मैं उनके लंड से निकला सारा सफेद सफेद वीर्य शरबत की तरह पी गई|
सब्जी वाले भैया के साथ सेक्स करके मेरी प्यासी चूत को बहुत सुकून मिला था|सब्जी वाले भैया के साथ सेक्स करने बाद उसको मैंने चुपके से घर से बाहर किया| दोस्तों आब तो हमें जब भी सेक्स करने का मौका मिलता है हम चुकते नहीं हैं |
अब मैं भी बहुत खुश रहने लगी हूँ मैंने सब्जी वाले भैया को अपना पति मान लिया है| मेरी कहानी चुदाई की कहानी कैसी लगी कमैंट्स में जरुरुर बताना और सेक्सी कहानी के ले हमरी साइड antarvasnastory.net.in बने रहे |