पापा के साथ बुझाई हवस ही आग – Baap Beti Chudai
Baap Beti Chudai : मैं चंडीगढ़ में रहती हूँ। ऐसे मैं असम की रहने वाली हूँ। अभी एक महीने ही हुए हैं मैं चंडीगढ़ आई हूँ। औरचंडीगढ़ मुझे बहुत ही अच्छा लगा और आजकल चुदाई का भी खूब मजे ले रही हूँ |
वो भी अपने ही घर में अपने पापा के साथ। ऐसे कैसे संभव हो पाया वो आपको सब बता रही हूँ।असल में ये मेरे सौतेले पापा है। मेरे असली पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे |
तो मेरी मम्मी दुबारा शादी की है मेरी मम्मी की उम्र अभी 34 साल है और नए पापा का उम्र 40 साल है। मेरे नए पापा की बीवी किसी और के साथ भाग गई और फिर तलाक ले ली।
मेरी मम्मी और पापा की मुलाक़ात एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर हुआ है। बात धीरे धीरे आगे बढ़ी और मम्मी ने दूसरी शादी कर ली। मैं अकेली संतान हूँ तो मैं भी अपनी मम्मी के साथ हीचंडीगढ़ आ गई। मेरे नए पापा का अपना बिजनेस है।
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बहुत पैसे वाले है और सबसे बड़ी बात तो ये है की बहुत अच्छे इंसान हैं| देखने में भी बहुत सुन्दर है हॉट और सेक्सी हैं| मेरी मम्मी भी बहुत सुन्दर है |
अभी भी मेरे में और मेरी मम्मी में ज्यादा अंतर नहीं है लगता है हम दोनों बहन रहें।जब चंडीगढ़ आई तो बहुत खुश रहने लगी मैं और मेरी माँ। क्यों की हम दोनों की खुशियां फिर से लौट आई थी।
मेरा अपना कमरा मम्मी पापा का अलग कमरा। बड़ा सा फ्लैट और दो दो गाड़ियां किसी चीज की कोई कमी नहीं। पापा भी खूब मानते हैं।
बात चुदाई तक कैसे आई अब जानते हैं।हुआ ये की मम्मी भी कई वर्षों से लंड की भूखी थी। और मेरे नए पापा को भी चूत चाहिए थे। तो दोनों ऐसे रह रहे थे जैसे की एक लड़का और लड़की हो|
रात नौ बजे ही उन दोनों का कमरा बंद हो जाता था। और फिर पूरी रात मेरे कानो में सिर्फ आह आह आह की आवाज जो मेरी मम्मी करती थी |
चुदाई करवाते हुए वही आती थी।तो मैं भी हॉट हो जाती थी। वो दोनों बंद कमरे में चुदाई करते थे और मैं दरवाजे के पास खड़ी होकर मैं सिर्फ अपनी चूचियां दबाती थी
अपनी चूत सहलाती थी। और इससे ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकती थी।जब वो दोनों शांत होते थे तो मैं भाग कर अपने कमरे में आ जाती थी|
फिर पापा निकलते थे फ्रेंच जांघिया में बाथरूम जाने के लिए तो उनको देख देख कर मेरी चूत और भी ज्यादा गीली हो जाती थी।
मैं अपने कमरे से झांकते रहती थी। उन लोगों को लगता था मैं सो गई हूँ पर कहा सोती मैं चुदाई की आवाज और सेक्सी आवाज सुनकर तो मेरी नींद उड़ जाती थी |
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फिर लंड के सपने देखती थी।फिर जब मम्मी आती थी। तो वो भी मात्र तौलिया लपेटकर वो भी सिर्फ निचे उनकी चूचियां ऐसे ही बाहर रहती थी।
तो मुझे लगता था काश मुझे भी ऐसी ही कोई चुदाई करता। दोस्तों माँ फिर से शादी करती है और उनको बेटी होती है।उस बेटी का क्या हाल होता है |
वो मेरे से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। क्यों की दूसरी शादी में दूसरी पारी शुरू हो जाती है तो माँ बाप का हनीमून किसी जवान कपल से भी हॉट होता है।
भुगतना जवान बेटी को पड़ता है क्यों की घर का मौहौल पूरा चुदाई का प्यार का रहता है और जवान बेटी सिर्फ महसूस ही कर सकती है।धीरे धीरे मैं काफी कामुक हो गई और मेरी अन्तर्वासना भी जाग गयी।
मैं भी चुदाई का सपना देखने लगी। मैं सच बताऊँ तो पापा से मुझे प्यार हो गया था पर ये सिर्फ मुझे पता था। मैं उनके सपने देखती थी लगता था जैसा वो मेरी मम्मी को संतुष्ट करते हैं वैसा काश मुझे करते तो कितना अच्छा होगा।
पर मेरा ख्वाब हकीकत में बदल गया पर पहल मुझे ही करना पड़ा और वो मुझे चोद दिया। ऐसा कैसे हुआ अब बताती हूँ। एक दिन मेरी नानी का तबियत खराब हो गया |
वो पंजाब में रहती है। उनको कोरोना हो गया और वो काफी बीमार हो गई।वो पंजाब से फ़ोन आया तो माँ को पंजाब जाना पड़ा। आजकल माँ वहीँ गई सिर्फ वो मुझे नहीं ले गई।
पापा भी बोले नहीं नहीं ये नहीं जाएगी। क्यों की आजकल सेफ नहीं है। पापा तो एक बाप की हैसियत से ये सब कह रहे थे।मेरे अंदर गुदगुदी तभी होने लगी।
अब मुझे पता चल गया की मैं रहूंगी चंडीगढ़ में मम्मी जाएगी पंजाब और पापा रहेंगे घर में। और शाम को मम्मी चली गयी। पापा वो सब कुछ मुझे लाकर दिए |
ताकि ऐसा ना लगे मुझे मेरी माँ की कमी हो। वो बहुत ही ज्यादा केयर करने लगे।पर मैं बेताब थी कोई बहाना सोच रही थी कैसे चुदुँ क्या |
बोलूं अगर उन्होंने मना कर दिया तो। फिर मैं हमारी वासना पर कहानियां पढ़ी जिसमे मेरे जैसा ही सिचुएशन था एक बेटी थी और वो भी अपने पापा से चुदती थी।
मुझे मजा आ गया। लगा की जब वो चुद सकती है तो मैं क्यों नहीं।खाना पीना खाकर पापा अपने कमरे में चले गए और मैं भी अपने कमरे में।
उस रात मैं नाईट सूट ऐसी पहनी थी जिसमे मेरा जिस्म साफ़ साफ़ दिखाई दे।मेरी चूचियां गोल गोल दिखाई दे रही थी यहाँ तक की निप्पल भी पता चल रहा था।
गोल गोल गांड मेरे बाहर की तरफ दिखाई दे रहे थे। अच्छे से तैयार भी हो गई थी। पर पापा ने कोई लाइन नहीं दियाउन्होंने मुझे देखा तो सही पर उनका मन ललचा नहीं था।
मैं चाहती थी की उनका मन हो जाये मुझे चोदने को इसलिए मैं आगे पीछे डोल रही थी।दोस्तों पर काम नहीं बना, गुस्सा भी आ रहा था।
अपने कमरे में चली गई और वो भी अपने कमरे थे। फिर मैं हमारी हिंदी सेक्स स्टोरी पर कहानियां पढ़ने लगी। कुछ कहानिया पढ़ते पढ़ते ही मेरे शरीर में बिजली दौड़ने लगी।
मैं अपनी चूचियों को सहलाने लगी और मैं चूत में ऊँगली करने लगी।34 रु की एक गोली लिंग बनाएं फौलादीमेरे दांत कटकटा रहे थे। मेरे होठ सुख रहे थे।
मैं कामुक हो गई थी। और मेरी चूत काफी गीली हो गई थी। तभी मुझे कुछ आवाज सुनाई दिया वो पापा की आवाज थी।मैं उठी और उनके कमरे तक गई तो दरवाजा थोड़ा खुला हुआ था।
टीवी चल रही थी।वो नंगे थे और अपना लंड का हस्थमैथुन कर रहे थे जोर जोर से आगे पीछे थूक लगा लगा कर।मैं पागल हो गई देखते ही, एक तो पहले से ही गरम थी |
उसके बाद उनको देखि तो रहा नहीं गया और उनके कमरे में चली गई। वो चुपचाप देखने लगे।कुछ भी नहीं बोले मैं उनके पास जाकर खड़ी हो गयी|
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करीब 10 मिनट तक उनको देखि और फिर तुरंत ही उनका लंड पकड़ कर मुँह में ले ली। उन्होंने भी तुरंत ही मेरे बाल पकड़ कर अपना लंड मेरी मुँह में देने लगे।
फिर मेरे कपडे उतार दिये।उन्होंने मेरी चूचिया पीना शुरू कर दिया निप्पल दांतो से काटने लगे| मेरी गांड को सहलाने लगे मेरे होठ को चूमने लगे |
फिर मेरी चूत चाटने लगे| मैं पागल हो गई थी मुझे इसी दिन का और इस पल का ही इंतज़ार था।उन्होंने अपना लंड मेरी चूत पर लगाया |
तीन चार कोशिश में ही लंड मेरी चुत के अंदर डाल दिए। मैं दर्द से कराह उठी। शायद थोड़ा खून भी निकला था पर पता नहीं चला। करीब पांच मिनट की चुदाई के बाद ही मैं कामुक हो गई।
मैं तुरंत ही उनपर चढ़ गई अपनी चूचियां उनके मुँह में दे दी। उनके मुँह पर बैठ गई पहले चूत चटवाई फिर गांड और फिर उनके लंड पर बैठकर पूरा अपने चुत में ले ली।
फिर क्या था दोस्तों पूरी रात उन्होंने थोड़ा समय ले ले कर मुझे चोदा और मै भी अपनी जिस्म की ज्वाला को अपने पापा से शांत की।
उसके बाद तो पापा का लंड मुझे भा गया आज मम्मी को गए कई दिन हो गए है वो मुझे खूब चोदते हैं और मैं भी खूब मजे ले रही हूँ।