Antarvasna

मौसी की कुंवारी बेटी की अन्तर्वासना – Antarvasna

Antarvasna ;नमस्कार दोस्तो,मैं रोशन चौधरी, 26 साल का नौजवान हूं|मेरे शरीर की लंबाई 5|4 इंज है| मेरे लंड का आकार8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है।मैं बिहार के मीनापुर जनपद रहने वाला हूं और मैं अभी 12th की तैयारी कर रहा हूं|

मैं आप सभी को बता दूं कि मौसा की लड़की का नाम चांदनी है| उसके शरीर का साइज 32-28-34 है|ये बात उन दिनों की है जब मैं अपनेमौसा जी के घर पर रह के पढ़ाई कर रहा था|

हालांकि, मेरे मनमें चांदनी को लेकर कोई भी गलत सोच नहीं थी और हम लोग अच्छे दोस्त थे|हमारी बातें कुछ खास नहीं होती थी लेकिन जब भी हमें समय मिलता तब हम बातें कर लेते थे|

चांदनी भी 12 वीं में थी और हम दोनों की 1 महीने बाद यूपी बोर्ड की परीक्षा आने वाली थी|मैं रोज देर रात तक पढ़ाई करता था|एक दिन मौसी बोली,रोशन बेटा, तुम चांदनी को पढ़ा दिया करो, अगर तुम्हें कोई दिक्कत ना हो|

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मौसी की कुंवारी बेटी की अन्तर्वासना - Antarvasna

मैंने भी मौसी को हां कर दिया|अगले दिन से मैं जब भी पढ़ाई करता, तो उस समय चांदनी भी मेरे रूम में आ जाती|ऐसे ही एक दिन हम पढ़ रहे थे कि चांदनी ने बात शुरू की|

हम पढ़ाई के साथ-साथ हंसी मजाक भी करने लगे थे|ठंड के दिन चल रहे थे|उस दिन घर में कुछ रिश्तेदार आए थे|शायद वे लोग आज रुकने वाले थे|

मैं अपने कॉलेज से वापस आया और हाथ मुंह धोकर, कपड़े चेंज किए|तभी मौसी मेरे रूम में आई और बोली,रोशन , खाना लगा दिया है तुम खा लो, बाकी सब लोगों ने खा लिया है|

मैंने खाना खाया और अपने ट्यूशन के लिए निकल पड़ा|जब मैं वापस आया तो देखा कि जो रिश्तेदार आए थे वो लोग अभी भी घर पर ही थे|मैंने मौसी से पूछा,ये लोग रात को रुकने वाले हैं?

मौसी बोली,शायद हां|शाम हो गई थी तो चांदनी भी कोचिंग सेंटर से वापस आ गई थी|रात के करीब 9 बज गए थे हम सबने साथ में खाना खाया|फिर मैं अपने कमरे में पढ़ने के लिए चला गया|

तभी मौसी आ गई और बोली,रोशन आज तुम और चांदनी एक कमरे में सो जाना|मैंने भी हां में सिर हिलाया| आप सब को मैं ये बता दूं कि मेरेमौसा जी के 2 लड़के और 1 लड़की है| बड़े लड़के का नाम अजित है |

छोटे लड़के का नाम अंकित है|अमन की उम्र यही कोई 13 साल होगी| मैं और अमन ही अब तक एक कमरे में सोते थे|लेकिन आज मौसी ने चांदनी को भी सुलाने के बोला था|हम दोनों पढ़ रहे थे रात के करीब 11|20 हो गए थे|

मैंने बोला,चांदनी , अगर तुमको नींद आ रही हो तो तुम सो जाओ|उसने कहा,हां आ तो रही है लेकिन इस बेड पर तीन लोग कैसे सो सकते हैं?मैंने कहा,तुम ठीक कह रही हो| ऐसा करते है कि मैं नीचे फर्श पर सो जाता हूं |

तुम दोनों बेड पर सो जाना|मैंने अपना बिस्तर उठाया और नीचे फर्श पर लगा दिया और वहीं लेट गया|ना जाने कब आंख लग गई|रात के करीब 1 बजे के आसपास जब ठंडी लगी तो मैंने करवट बदल ली

मुझे लगा कि कोई मेरे बिस्तर में लेटा हुआ है|पर मैं नींद इतनी ज्यादा आ रही थी कि मुझे लगा कि यह मेरा भ्रम है|कुछ देर बाद मैंने अपनी आंखें बंद कर ली और सो गया|तभी लगा कि किसी ने अपना हाथ मेरे सीने पर रखा हो|

मैंने उसका हाथ पकड़ के अपने से अलग कर दिया|थोड़ी देर बाद उसका हाथ मेरी कमर पर था|मैंने इस बार उसका हाथ हटा कर एक साइड कर दिया|यह और कोई नहीं बल्कि चांदनी थी|

मैं वापस सो गया|उसने करवट बदल ली और मेरे तरफ मुंह कर के घूम गई|और इस बार उसका हाथ मेरे लंड पर रखा था|अब तो नींद मुझे भी नींद नहीं आ रही थी तो मैं बस आंखें बंद करके लेटा रहा|

मेरे दिल की धड़कन तेजी से बढ़ गई थी, मेरा अपने आप पर से कंट्रोल नहीं रहा था|अब मेरे भी लंड में आग सी लग गई थी|अब बस चूत चाहिए थी|मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके अपने हाथ को उसके बूब पर रख दिया

धीरे-धीरे हल्के हल्के हाथों उसके बूब्स को दबाने लगा|उसकी तरफ से कोईप्रतिक्रिया नहीं हुई तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई| उसने टॉप और लोवर पहन रखा था|मैंने उसके लोवर में हाथ डाल दिया|

उसकी पैंटी के ऊपर से मैं उसकी चूत सहलाने लगा|कुछ देर बाद एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया और उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा|अचानक से उसने आंखें खोल दी मेरी तो गांड फट गई|

अगर इसने घर पर किसी को बोल दिया तो क्या होगा, मेरी तो बहुत बेज्जती हो जाएगी|मैंने अपने हाथ को उसकी चूत से हटा लिया और करवट लेकर लेट गया|थोड़ी देर बाद उसने मेरी कमर पर हाथ रखा|

अब मैं समझ चुका था कि इसके दिल में भी कुछ है|मैं फिर से हिम्मत जुटाकर उसके चूचे दबाने लगा|मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए|कभी मैं उसके ऊपर के होंठो को चूसता, तो कभी वो मेरे होठों को चूसती|

ऐसे हम एक दूसरे के होंठो को चूसे जा रहे थे|मैंने अपने हाथ को उसके लोवर के अंदर डाल दिया और उसकी चूत मसलने लगा|कभी मैं उसके होठों पर काट लेता, तो कभी उसके बूब्स को चूसता|

उसके दोनों निप्पल, चूसने से बहुत कड़क हो गए थे|ये सब काफी देर तक चला फिर हम 69 के पोजिशन में आ गए|वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, मैंने भी खुल के उसका साथ दिया|

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उसका लोवर खींच कर मैंने अलग कर दिया और उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत चाटने लगा|मैंने उसकी पैंटी भी निकाल दी और अब उसकी गुलाबी चूत बिल्कुल नंगी थी|

मैं किसी भूखे भेड़िए की तरह उसकी गुलाबी चूत पर टूट पड़ा और उसकी चूत को कभी अपनी जीभ से चोदता तो कभी अपनी उंगली से चोदने लग जाता|हम दोनों एक नई दुनिया में आ गए थे ऐसा लग रहा था|

जैसे इस आनंद का कोई अंत ही न हो|मैं इस पल को जी भर के जीना चाहता था|थोड़े ही देर के बाद चांदनी अब झड़ने वाली थी उसकी सिसकारियां निकलने लगी|मैंने अपने होठों को उसके होठों पर रख दिया और किस करने लगा|

उसकी आवाज मेरे होठों के अंदर ही दब के रह गई|लेकिन इस बीच मैंने उसके चूचे दबाने चालू रखे|वह फिर से गर्म हो चुकी थी|उसने मेरी आंखों में आंखें डाल कर देखा जैसे कह रही हो कि बाबू अब और मत तरसाओ

अपना लंड अब मेरी चूत में डाल दो|मैं अभी उसको और तड़पना नहीं चाहता था तो मैं फिर से उसके चूचे चूसने लगा|वह बिल्कुल नागिन जैसी ऐंठने लगी|उसने अपने होठों पर मेरा लंड लगाया चूसना शुरू कर दिया|

दोस्तो, आपको क्या बताऊं कितना अच्छा लग रहा था अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था|मैं समय की नजाकत को समझ कर देर न करते हुए उसके टॉप को भी निकल दिया| मैंने अपना लोवर खींच कर उतार दिया|

मैंने रजाई को एक साइड किया उसके कमर के नीचे एक तकिया लगा दिया और उसके दोनों पैरों को फ़ैला दिया|उसके पैरों के बीच में आ कर उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए और दोनों चूचे दबाने लगा|

उसने मस्त होकर अपनी आंखें बंद कर ली|मैंने अपने लंड को उसकी चूत के मुंह पर सेट किया और धीरे से उसकी गुलाबी फूली हुई चूत में ऊपर से ही लंड को रगड़ने लगा|

वह और भी तड़प उठी मैंने अपने लंड को एक झटके के साथ उसकी गुलाबी फूली चूत में उतार दिया|एकदम से वह दर्द से तड़प उठी, उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे|मैंने वैसे ही लंड को उसकी चूत में डाले रखा|

मैं उसके होठों पर किस करता रहा|मेरे लंड का कुछ हिस्सा, अभी दो ही इंच गया होगा कि उसकी चूत से लगातार खून निकलने लगा|ये सब देख कर वो डर गई|मैंने उससे कहा,पहली बार ऐसा होता है| फिर दर्द भी नहीं होगा|

उसने कहा,हमें ये सब नही करना था|फिर मैंने उसको समझाया|जब थोड़ा दर्द कम हुआ तो मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी|मैंने एक और जोर का झटका लगाया इस बार लंड आधे से ज्यादा चूत में जा घुसा और उसकी चीख निकल पड़ी|

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तब मैंने अपने लंड की स्पीड बढ़ा दी|धीरे-धीरे उसका दर्द कम होता रहा, अब वह भी मेरा साथ देने लगी|उस रात हम दोनों ने मजा लेकर चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ एक दूसरे से चिपक कर सो गए|

उसके बाद हमने कई बार सेक्स का मजा लिया|मैंने चांदनी की गांड भी मारी|उसकी गांड की चुदाई मैंने कैसे की और इसके लिए चांदनी को मनाया ये सब आप मेरी आने वाली अगली कहानी में पढ़ेंगे|

मेरे प्यारे दोस्तो, आपको मेरी सेक्सी कहानी पढ़ कर खूब आनन्द आया होगा|आप मुझे बताएं कि आपको मौसी की कुंवारी बेटी की अन्तर्वासना कहानी कैसी लगी?

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