किरायेदार के मजबूत लौड़े से चूत मरवा ली – Indian Desi Chudai
Indian Desi Chudai : सेक्स कहानी में मैंने अपने घर में किराये पर आए नए लड़के को अपनी नंगी चिकनी चूत दिखाकर गर्म किया। वह मुठ मारने गया तो उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।हाय, मेरा नाम नीतू है| जैसा कि मेरा नाम है, सबको खुशियां बांटना मेरा काम है|
मेरी उम्र 28 साल है और आज भी मैं अकेली हूँ|मेरा फिगर 34-30-38 का है| हां, आपने अंदाजा लगा लिया होगा कि मैं मोटी सी हूँ| लेकिन दिखने मैं बहुत सेक्सी हूं| मेरे दूध एकदम तने हुए हैं |
मैं ज्यादातर समय ब्रा नहीं पहनती हूँ जिस वजह से गहरे गले वाले झीने कपड़े के ब्लाउज में से मेरे चूचों की घाटी अच्छे अच्छों की नजरों को अपनी तरफ खींच लेती है|
उसके बाद से तो वह मर्द या युवा लड़का मेरी चूचियों के निप्पलों को देखने की कोशिश में लग जाता है| ये सब देख कर मुझे बेहद सुकून मिलता है कि अभी मेरे यौवन का नशा मर्दों को मदहोश करने में सफल है|
मतलब यह कि हर कोई मुझे चोदना चाहता है लेकिन मेरी अपनी कुछ मर्यादित सीमाएं हैं| ऐसा नहीं है कि मुझे चुदाई पसंद नहीं| लेकिन हर किसी से नहीं चुद सकती हूँ|
जो मुझे पसंद आ जाता है, उसके लिए मैं बिछने को राजी हो जाती हूँ और जो पसंद नहीं आता है, उसकी हर कोशिश को मैं दरकिनार कर देती हूँ| अधिकांशत: मैं अपनी चूत की खुजली अपने किरायेदारों से मिटाती हूं|
देसी चूत में भिखारी का मोटा लंड – Desi Chudai Kahani
किरायेदार मजबूत लौड़े वाला हो, इसके लिए मैं हमेशा ऐसे लड़कों को किराये पर रखती हूँ जो दिखने में कड़ियल हों और मुझे अपनी बांहों में दबोच कर पीस दें| सुरक्षा के नजरिए से मैं ऐसे लौंडों को अपने मकान में कमरा दे देती हूँ
जो पढ़ने आए हों और एकाध साल में कमरा खाली करके वापस चले जाएं| ऐसा इसलिए कि अपनी भी सेफ्टी और उसकी भी सेफ्टी बनी रहती है| इसके अलावा लौड़े भी बदल बदल कर मिलते रहते हैं|
मैं चुदाई में आगे पीछे दोनों तरफ से चलती हूँ और मेरा मन यह है कि मैं किसी दिन दो पाटों के बीच में गेहूँ सी रगड़ कर पीस जाऊं| मतलब मेरी चूत और गांड दोनों में एक साथ ड्रिलिंग हो और वे दो मर्द मुझे कुचल कर चोद दें|
मन तो ये भी है कि मैं उसी दौरान अपने मुँह में भी एक लंड भर कर चुदवाऊं| पर देखो ये इच्छा कब पूरी होती है| चलिए मेरी कामनाओं और वासनाओं की फेहरिस्त तो काफी लंबी है|
आप सुनते सुनते थक जाएंगे मगर मेरी लालसाओं की लिस्ट कभी खत्म नहीं होगी|में हुआ यूं कि पिछले साल मेरे मकान में एक किरायेदार लड़का आया था, उसका नाम रोहित था|
रोहित B.B.A करने आया था| रोहित बड़ा ही आकर्षक बंदा था| उसकी लंबाई 5 फुट 9 इंच थी| उसका सीना भरा भरा सा था| उसे देख कर ही मेरा मन उसके लौड़े के नीचे आने का करने लगा था|
तब भी मैं खेली खाई हुई रांड जैसी हूँ, तो मैंने अपने चेहरे के भाव उसके सामने प्रगट नहीं होने दिए और एक सख्त मिजाज की साधारण महिला बन कर ही उससे बात की| वह भी काफी सभ्य लड़का था |
तो मुझे सारी बात करके मेरे घर के एक कमरे में रहने के लिए अपना सामान लेने चला गया और दो घंटा बाद वो मेरे घर में शिफ्ट हो गया|मैं अपने यहां जिस भी लड़के को रखती हूँ,
उसके लिए खाना आदि का भी इंतजाम खुद ही करती हूँ, जिससे मेरे घर में रहने वाले लड़के को किसी बात के लिए परेशान न होना पड़े| जब उसने मेरे यहां कमरा देखा था, तो उसकी प्यासी नजरें देख कर मैं समझ गयी थी
कि यही मेरा अगला शिकार है| अब मुझे शिकार ऐसे करना था कि उसको लगे कि मैंने आंटी को पटा कर चोद दिया| लेकिन उसे पता ना चले कि गेम की मास्टर माइंड आंटी है| कुछ ही दिन बाद मैंने रोहित को अपनी चूत के दर्शन करा दिए|
हुआ यूं कि उस दिन रोहित सुबह चाय पीने मेरे यहां नीचे आया था| उस दिन जब वह चाय पीने आया, तो मैं नीचे बैठी थी और अपनी साड़ी को घुटनों के ऊपर की हुई आलू छील रही थी| रोहित आया तो मैंने कहा- बेटा चाय गर्म करके मुझे भी दे देना|
रोहित चाय लेकर आया, तो मैंने टांगें खोल कर अपनी चूत के दर्शन उसे करवा दिए|उस दिन मैंने अपने बाल भी साफ किए थे और अपनी बुर के लहसुन पर हल्की सी लाल लिपस्टिक भी लगा रखी थी|
मेरी साड़ी इस तरह से खुली हुई थी, जिससे ऐसा लग रहा था कि मैंने ध्यान ही नहीं दिया कि मेरी साड़ी से मेरी चूत झलक रही है| मेरी सफाचट चूत देख कर रोहित की हालत खराब हो गई
क्योंकि उसके लोअर में उसका लंड खड़ा हो गया था| वह चाय लेकर अपने कमरे में जाने लगा था, तो मैंने जाल फेंका|मैंने रोहित से कहा कि बेटे यहीं बैठ कर चाय पी लो| अब रोहित तो खुद यही चाह रहा था|
चाय पीते पीते मैंने रोहित को 2-3 बार और बुर दिखा दी| चाय पीकर मैंने रोहित से कहा- अच्छा बेटा, मैं जरा बाथरूम होकर आती हूं| तुम बैठना, मैं बस अभी आई| रोहित ने कहा- जी आंटी|
मैं बाथरूम गई और सोचा कि अगर रोहित चुपके से मुझे पेशाब करते देखने आता है, तो समझो आज ही चुदाई हो जाएगी| मैंने बाथरूम जाकर दरवाजा हल्का सा खुला छोड़ दिया और धीरे से झांका, तो रोहित दबे पांव बाथरूम की तरफ आ रहा था|
मैं दरवाजे की तरफ मुँह करके बैठ गयी और नीचे देखते हुए पेशाब की धार छोड़ने लगी|‘सरर्ररर सरर्र …’ मेरी चूत से मूत निकलने लगा| मेरी चूत के खुले छेद में से धार निकलने लगी|
पूरा मूत निकलने के बाद मैंने चूत मैं उंगली डाल कर बची खुची बूंदें भी निकाल कर बाल्टी में से पानी लेकर उंगली डाल डाल कर चूत को धोने लगी| मेरी चूत में मैं अपनी उंगली कुछ इस तरह से डाल रही थी
जिससे रोहित को साफ साफ मेरी चूत का छेद दिखाई दे जाए| इसके बाद मैं आराम से खड़ी हुई और साड़ी को नीचे करके धीरे धीरे बाहर आयी| बाहर आयी, तो देखा रोहित शरीफ बच्चा बन कर अपनी जगह बैठा हुआ है|
मैंने कहा- ठीक है रोहित, अब तुम जाओ| कुछ सामान मंगवाना था| वह मैं बाद में बता दूँगी, तो तुम ले आना| रोहित ‘जी आंटी|’ कह कर चला गया| अब मेरी बारी थी कि देखूँ कि जो नज़ारा रोहित ने देखा है, उसका परिणाम क्या हुआ!
मैं भी दबे पांव रोहित के कमरे की तरफ गई और दरवाज़े की झिरी में से देखा, तो रोहित लोअर नीचे किए हुए अपने खड़े हुए लंड पर तेल लगा रहा था| तेल लगाने के बाद रोहित ने मुट्ठी मारना शुरू की|
उसका लंड ना ज्यादा बड़ा था और ना छोटा … साढ़े 6 इंच का लंड था| उसका सुपारा सेक्स के अतिरेक से लाल हो रहा था और रोहित कल्पना में मुझे चोदते हुए लंड हिला रहा था| उसकी आंखें बंद थीं|
अब सही वार करने का समय था| मैंने दरवाजा खोल कर अन्दर कदम रखा और बोली- रोहित जाओ तो चाभी इतना कह कर मैं चुप हो गई| मेरी आवाज से अचानक से रोहित की आंखें खुल गईं और वह चौंक उठा|
मैं बोली कि ये क्या कर रहे हो तुम? रोहित बोला- व||वह|| आंटी कुछ नहीं बस थोड़ा दर्द हो रहा था तो मैं ,मैंने कहा- बेटा, वह दर्द ऐसे हाथ से ठीक नहीं होता! ‘तो फिर क्या करूं आंटी!’ रोहित बोला|
मैंने कहा- बेटा या तो कोई गर्ल फ्रेंड बना लो या शादी कर लो| रोहित बोला- आंटी अभी मेरे पास इस सबके लिए समय नहीं है|मैं चुप रही| फिर वह आगे बोला कि आंटी बुरा ना मानो तो आप मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ न!
मैं बोली कि बेटा मैं तुमसे 10 साल बड़ी हूँ, लेकिन तुम्हारी यही इच्छा है तो ठीक है … यही सही| बस रोहित को तो मानो मुँह मांगी मुराद मिल गई| वह मेरे ऊपर टूट पड़ा| उसने मेरा ब्लाउज उतार कर फेंक दिया|
ब्रा तो मैंने पहनी ही नहीं थी| अब मैंने अपना एक दूध पकड़ कर उसके मुँह में दे दिया, जिसे वह काटने लगा| मैंने कहा- बेटा इसे पियो, काटो मत| ‘सॉरी आंटी …’ कह कर रोहित मेरे दोनों दूध बारी बारी से चूसने लगा|
मैं नीचे से उसका लंड पकड़ कर सहलाती रही| फिर हम दोनों ने अपने कपड़े उतार दिए और बिस्तर पर आ गए| मैंने रोहित का सिर पकड़ कर अपनी चूत पर लगा दिया| रोहित मेरी चूत चाटने लगा|
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अब मेरी चूत में से पानी रिसने लगा| और जल्द ही चूत में से गर्म गर्म पानी बाहर आने लगा, जिसे मैंने रोहित के मुँह मैं छोड़ना शुरू कर दिया| वह रस चाटता गया| कुछ देर बाद चूत साफ करके रोहित मेरी तरफ देखने लगा|
मैंने अब रोहित को नीचे लिटाया और अपनी चूत उसके मुँह पर टिका दी| रोहित की जुबान मेरी चूत के अन्दर घूमने लगी| कुछ देर बाद मैं रोहित के मुँह से उतर कर नीचे को आ गयी| उसका लंड गजब हिल रहा था|
मैंने रोहित का लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल दिया| रोहित नीचे से शॉट मारने लगा| मैं उसके मुँह में अपनी चूचियों को देती हुई उसके लौड़े को अपनी चूत में लेने लगी|
उसका लंड काफी मजा दे रहा था| कुछ ही देर बाद मेरी चूत के अन्दर विस्फोट होने लगे और मेरा पहला स्खलन हो गया| मैंने कहा- रोहित, बस एक मिनट रुको| मैं उसके लौड़े से उतर कर नीचे लेट गई |
रोहित ने सामने से आकर मेरी एक टांग को अपने कंधे पर रख ली| उसने लौड़े को मेरी चूत की फांकों में सैट किया और झटके से अपना लंड अन्दर घुसा दिया| मैंने आह की आवाज निकाल कर उसका उत्साह बढ़ाया |
वह धीरे धीरे धक्के देने लगा| कुछ देर बाद मेरा पानी फिर से इकट्ठा हो गया और मुझे मजा आने लगा| मैं थोड़ा सा उठ कर बैठ सी गई| रोहित का लंड अभी भी मेरी चूत में ही चल रहा था|
मैंने रोहित से कहा- अब पूरा अन्दर डाल कर धीरे धीरे आधा निकालना| रोहित ने पूरा लंड घुसा कर आधा बाहर निकाला| उसने 15-20 ऐसा किया| इससे हुआ ये कि मेरा जो पानी इकट्ठा हो गया था, वह पेशाब के रूप में निकलने लगा|
रोहित का लंड बाहर निकलता, तो मेरी कुछ पेशाब छूट जाती और लंड अन्दर जाता, तो रुक जाती| इस क्रिया मैं रोहित को भी मजा आने लगा| इस तरह मैंने पूरी पेशाब रोहित के लंड की पंपिंग के साथ निकाल दी|
अब रोहित बोला कि आंटी अब आप घोड़ी बन जाओ| मैं बिस्तर के नीचे खड़ी होकर हाथों के बल झुक गई| रोहित पीछे से आया और मेरी चूत में लंड घुसा कर चोदने लगा| इस पोज में उसका पूरा लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था|
कुछ देर बाद रोहित बोला- अन्दर ही छोड़ दूँ आंटी या बाहर छोड़ूँ? मैंने कहा- बेटा अन्दर ही छोड़ दो| रोहित ने तुरंत पिचकारी छोड़ दी और मेरी चूत को वीर्य से भर दिया| थोड़ी देर बाद हम अलग हुए|
इस तरह से मैंने किरायेदार से चुदवा लिया| दोस्तो आपको ये चुदाई सेक्स कहानी कैसी लगी, आप मुझे बताइए|फिर मैं आपको बताऊंगी कि मैंने कैसे रोहित के 4 और दोस्तों के साथ संबंध बनाए|
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