हम माई के रंडी बना के चोद देनी – bhojpuri sex kahani
Bhojpuri sex Kahani : मेरा नाम संतोष है| मैं काठमांडू में अपनी माँ और पापा के साथ रहता हूँ|हम घर में सिर्फ तीन जन ही रहते हैं जिसमें पापा अक्सर काम की वजह से बाहर ही रहते हैं|यह अक्टूबर माह की चुदाई मॅाम्मी सेक्स कहानी है|
मेरे पापा काम की वजह से बाहर गए हुए थे, तो घर में माँ और में ही था|मैं पूरे दिन अपने मोबाइल में पॉर्न देखता रहता था| माँ घर के कामों में व्यस्त रहती थीं|मेरी माँ की आगे 32 साल की थी पर वे इतनी हॉट लगती थीं|
जैसे 24 साल की करारी लौंडिया हों|माँ के मोटे मोटे दूध ओर मोटी गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो जाता था|मेरी माँ के होंठ इतने रसीले हैं कि मेरा उन्हें चूसने का दिल करता था|मगर मैं यह सब माँ से कहने से डरता था|
एक रात की बात है| माँ और मैं खाना खाकर अपने अपने कमरे में चले गए|मैं जल्दी ही सो गया था|रात के 2 बजे के आस पास मेरी आंख खुली तो मुझे वॉशरूम जाने की जरूरत महसूस हुई|मैं चला गया|
उधर वॉशरूम से आने के बाद मैं अपने कमरे में जा ही रहा था कि मुझे माँ के कमरे से कुछ आवाज़ सुनाई दी|यह आवाज हंसने की थी|पहले तो मैं डर गया कि इतनी रात में यह कौन हंस रहा है|
फिर मैंने माँ के कमरे में झांक कर देखा, तो माँ फोन पर बात कर रही थीं|उस वक्त मेरी माँ ने नाइट सूट पहना हुआ था|मैंने खिड़की का पल्ला जरा सा खोल लिया और माँ की बातें सुनने लगा|माँ पापा से बात कर रही थीं|
माँ पापा से कह रही थीं- मेरी जान आपके बिना तो जरा भी जी नहीं लगता है| मेरी चूत तो आपके लंड के बिना सूनी हो गयी है|
उन दोनों की बातें चलती रहीं और मैं सुनता रहा|
बीच बीच में माँ कभी अपनी चूचियों को मसलतीं, तो कभी अपनी चूत खुजलाने लगतीं|इस तरह से माँ ने पापा से काफी देर तक बात की|फोन रखने के बाद माँ अपनी जगह से उठीं और अपनी अलमारी में से एक प्लास्टिक का लंड निकाल लाईं|
वह प्लास्टिक का लंड काफी लंबा और मोटा था|मैं माँ को देख रहा था कि वे इस प्लास्टिक के लंड से क्या करने वाली हैं|अब माँ ने अपना नाइट सूट उतारा और एक तरफ रख दिया| मेरी माँ ने नाइट सूट के नीचे कुछ भी नहीं पहना था|
मेरी माँ नंगी हो गईं|फिर उन्होंने ड्रेसिंग टेबल से तेल की शीशी उठाई और तेल को टपका कर उस प्लास्टिक के लंड पर लगाने लगीं|यह देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था कि आज तो प्लास्टिक के लंड से माँ अपनी चूत चोदेंगी|
कुछ देर बाद माँ ने अपनी चूत पर भी तेल लगाया और वे अपनी दो उंगलियों को अपनी चूत में चलाने लगीं|फिर वे प्लास्टिक के लंड को धीरे धीरे अपनी चूत पर फेरने लगीं|
वे लंड से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थीं और अपनी पूरी टांगें फैला कर मजा ले रही थीं|जिस समय माँ अपनी चूत को डिल्डो से रगड़ रही थीं, उसी समय वे अपने एक हाथ से अपने दूध भी दबा रही थीं|
उस वक्त मेरी नजर माँ के मम्मों पर गई|उनके दूध बड़े ही मस्त थे और एकदम तने हुए थे|चूत पर लंड फेरते फेरते से माँ ने उसे अपनी चूत के अन्दर घुसेड़ लिया|जैसे ही माँ ने लंड को चूत में डाला, उनके मुँह से एक आह सी निकल गई|
अब वे लंड को अन्दर बाहर करने लगीं और उनके मुँह से ‘आह आई …’ की आवाज़ आने लगी|माँ कुछ ही देर में उस डिल्डो को तेज़ तेज़ अन्दर बाहर करने लगीं|करीब दस मिनट तक ऐसे ही चलता रहा|
फिर माँ का पानी निकल गया तो वे ऐसे ही सो गईं|मैं भी अपने कमरे में जाकर सो गया|जब सुबह मैं सोकर उठा तो काफी देर हो गयी थी|माँ किचन में नाश्ता बना रही थीं|मैंने फ्रेश होकर नाश्ता किया और मोबाइल चलाने लगा|
मेरी नज़र माँ पर ही थी कि माँ अब क्या करने वाली हैं|कुछ देर बाद माँ ने कहा- बेटा, मैं नहाने जा रही हूँ, तुम कहीं बाहर मत जाना!मैंने कहा- ओके माँ , मैं कहीं नहीं जाऊंगा|
माँ के जाते ही मैं बाथरूम के वेंटीलेशन तक अपनी पहुंच बना कर उधर से माँ को नहाते हुए देखने लगा|तब माँ ने कपड़े उतारने शुरू किए और वे पूरी नंगी हो गईं|मैंने सोचा कि माँ तो अभी बाहर नहीं आएंगी तो मैं भी नंगा हो गया |
माँ को नंगी देखते हुए मुठ मारने लगा|माँ का गोरा बदन देख कर मुझसे रहा नहीं जा रहा था|मैं तेज तेज हाथ चलाते हुए लौड़े की मुठ मारने लगा|मुठ मारने में मैं इतना खो गया था कि मुझको याद ही नहीं रहा कि मैं कहां खड़ा हूँ|
माँ ने अपनी नजर ऊपर की और मुझको वेंटीलेशन से देखते हुए देख लिया|उस वक्त मैंने अपनी आंखें बंद कर रखी थीं तो मुझे पता नहीं चल सका|माँ ने बाथरूम का दरवाजा खोला तो देखा कि मेरा 7 इंच का लंड खड़ा था और मैं मुठ मार रहा था|
मुझको देख कर माँ ऐसी हो गईं मानो उन्होंने मुझे देखा ही ना हो|अब माँ ने बाथरूम में जाकर उसका दरवाजा बंद करके मुझको आवाज़ लगाई- बेटासंतोष , टॉवल दे देना जरा!मैं माँ की आवाज सुनकर एकदम से हड़बड़ा गया|
मैंने कहा- आ रहा हूँ माँ |तब मैंने जल्दी से कपड़े पहने और माँ को टॉवल पकड़ा दिया|माँ नहाकर बाहर आ गईं और उन्होंने मुझसे कुछ नहीं कहा|उसी रात को बहुत तेज़ बारिश हो रही थी|
हम दोनों ने रात का खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गए|मैंने अपने कमरे में जाकर अपने सारे कपड़े उतारे और लेट गया|मैं पूरा नंगा था और मेरा लंड खड़ा था|थोड़ी देर बाद लाइट चली गयी|माँ मेरे कमरे में आ गईं|
वे अन्दर आकर मेरे पास लेट गईं|उनके आने से मैं हड़बड़ा गया और कंबल ओढ़ कर सोने की एक्टिंग करने लगा|माँ ने भी मेरा कंबल ओढ़ लिया और वे मेरे साथ लेट गईं|माँ के पैर मेरे पैर से छू गए|मेरा लंड और खड़क हो गया और एकदम टाइट हो गया|
माँ को अहसास हुआ कि मैंने लोवर नहीं पहना है|तब माँ ने हाथ से टटोल कर देखा तो मैं पूरा नंगा लेटा हुआ था|माँ लेटी रहीं|अब माँ को भी जोश चढ़ने लगा क्योंकि उन्होंने काफी समय से लंड नहीं लिया था|
माँ ने अपनी सामने से खुलने वाली नाइटी खोल कर चूचियां और चूत नंगी कर ली|अब मेरी माँ भी पूरी नंगी हो गयी थीं, चुदाई मॅाम्मी सेक्स के लिए तैयार थी|उन्होंने धीरे धीरे मेरे पैरों को अपने पैर से रगड़ना शुरू किया |
पैर से आगे बढ़ते हुए उन्होंने मेरा लंड पकड़ लिया|मैं तो सोने की एक्टिंग कर रहा था, इसलिए ऐसे ही लेटा रहा|मेरी माँ अब अपने हाथ से हल्के हल्के से मेरे लंड को सहलाने लगीं|तो मेरा लंड और टाइट होने लगा|
लंड अब काबू से बाहर हो रहा था और कभी भी फट सकता था|मेरी माँ ने लंड को लोहा बनते महसूस किया, तो वे और तेज़ तेज़ मेरे लंड को मुठियाने लगीं|अब माँ ने कंबल हटाया और अपनी नाइटी पूरी तरह से अपने बदन से हटा दी|
वे मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं|मेरा लंड पापा के लंड से शायद ज्यादा लंबा और मोटा था इसलिए माँ को उसे अपने मुँह में पूरा लेने में नहीं आ रहा था|
माँ मेरे लंड को चूसती रहीं और जब उन्हें लगा कि अब लंड को चूत में खा लेना चाहिए तो वे एकदम से मेरे लौड़े पर अपनी चूत सैट करके बैठने लगीं और उसे झटके से अपनी चूत में डाल लिया|
एकदम से लंड ने चूत को फाड़ा, तो माँ की चीख निकल गयी और साथ में मेरी भी!माँ समझ गईं कि मैं सोने का नाटक कर रहा हूँ|उन्होंने अब ऐसे ही बार बार किया, तो लंड उनकी चूत में घुसने लगा|
मेरे लौड़े का अभी तक तागा तक नहीं टूटा था तो मुझे दर्द हो रहा था और इसी वजह से मेरी फिर से चीख निकल गयी|माँ ने कुछ देर में मस्त होकर कहा- मुझको पता है कि तू जाग रहा है| अब खुल कर मजा ले ले बेटा!
यह सुनकर मैंने आंखें खोलीं और माँ को चोदना शुरू कर दिया|मैंने माँ के दूध चूसते हुए उनको तेज़ तेज़ चोदना चालू कर दिया|माँ वासना में गाली देती हुई कहने लगीं- साले तुझको शर्म नहीं आ रही है |
कि तू आज अपनी ही मां को चोद रहा है| साले मादरचोद तूने जिस जगह में अपना लंड डाला है ना, भोसड़ी के उसी जगह से तू पैदा हुआ था!तो मैंने जवाब दिया- माँ आज आप शर्म-वर्म को छोड़ो और मेरे लंड का मज़ा लो!
मैंने धक्के मारने तेज़ कर दिए|माँ चिल्लाती रहीं कि आह धीरे धीरे चोद|पर मैं नहीं रुक रहा था, मैं अपनी माँ की चूत पेलता रहा|जब मैं थक गया तो मैंने माँ के रसीले होंठों को चूसा और माँ के मम्मों को पिया|
मुझे ऐसा लगा कि माँ के मम्मों में से दूध निकल रहा था|मैंने दूध पिया और उनके दोनों दूध बारी बारी से चाटते चूसते हुए माँ की चूत तक आ गया|मैं माँ की चूत को चाटने लगा|माँ की चूत बड़ी रसीली थी … मैं चूत के रस को पीने लगा|
अपनी चूत चटवाने में माँ को बड़ा मजा आ रहा था|वे भी मेरे सर के बाल पकड़ कर मुझे अपनी चूत में दबाने लगीं|माँ गाली देने लगीं- आह चाट ले मादरचोद … आह कितना मजा दे रहा है तू … सच में इतना मजा तो तेरे बाप ने भी कभी नहीं दिया है|
देवर भउजाई के चूची चूस के चोद दिहलस – bhojpuri xxx
आह और चाट आह!यही सब कहते हुए माँ ने मेरा सिर अपने दोनों पैरों में दबा लिया और वे अपनी गांड उठा कर तेज़ तेज़ चूत चटवाने लगीं|माँ की पेशाब निकल गई, मूत की तेज़ धार निकली तो मैंने उसे भी पी लिया|
मैं चूत को लगातार चाटता रहा|उस दौरान माँ की बार बार थोड़ी थोड़ी पेशाब निकल रही थी|मैं हर बार उनकी पेशाब को पीता रहा|फिर मैं फ़्रिज़ में से पेस्ट्री निकाल कर लाया और उसको माँ की चूत में लगा कर चाटने लगा|
इस तरह से मैं माँ की चूत को काफी देर तक चाटता रहा|आखिरकार माँ की चूत से रस निकल गया और मैं उनके नमकीन रस को चाट गया|अब मैंने अपना लंड माँ के मुँह में दे दिया|माँ भी लंड चाटती चूसती रहीं|
मैंने अपने लंड को माँ की चूत में फिर से पेल दिया और 20 मिनट के बाद मेरा वीर्य माँ की चूत में ही निकल गया|उस दिन के बाद से माँ और मैं रोजाना सेक्स करते हैं|
एक तरह से मैंने अपनी माँ से शादी कर ली है|आपको यह चुदाई मॅाम्मी सेक्स कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताएं कमेंट्स में!