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हॉट जवान सासु मां की हवस – sasu maa ki chudai

sasu maa ki chudai :नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अंकित है और मैं मुंबई का रहने वाला हूं|मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं। मैं काफी समय से अपनी रियल फॅमिली सेक्स की कहानी शेयर करना चाहता था लेकिन कभी लिखने का मौका ही नहीं मिल पाता था|

काफी दिनों में अब जाकर मैंने ये कहानी पूरी की है।यह कहानी 2 साल पहले की है जो मेरे साथ बीती सच्ची घटनाओं पर आधारित है, मेरी शादी को जब 1 साल ही हुआ था।मेरी पत्नी का नाम कामिनी है, घर में सभी प्यार से उसे कामो बोलते हैं|

मैं औफिस में काम कर रहा था, तभी मेरी बीवी का कॉल आया|वो रोने की हालत में थी|मैंने उसे शांत करते हुए पूछा तो उसने बताया, मां बड़ी मुसीबत में फंस गयी हैं।मुसीबत क्या थी, यह बताने से पहले मैं आपको थोड़ी सी ससुराल की कहानी बता देता हूं।

मेरे ससुराल में कामो के अलावा 4 लोग हैं, मेरी सास सुमन , मेरा साला रवि और उसकी पत्नी सिवनी !रवि कामो से 1 साल छोटा है और उसकी शादी मुझसे 6 महीने बाद हुई थी।पर जबसे रवि की शादी हुई थी, तब से ही मेरे ससुराल में लड़ाई झगड़े चल ही रहे थे।

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हॉट जवान सासु मां की हवस - sasu maa ki chudai

ऐसा ही झगड़ा आज भी हुआ था और बात ज्यादा बढ़ गई और रवि और सिवनी घर छोड़ कर जाने की बात कह रहे थे।मैं यह सब जान कर ऑफिस से कार लेकर सीधा ससुराल निकल गया जो मेरे औफिस के पास ही है|

मैंने कामो को बोल दिया कि तुम कल सुबह मैट्रो से आ जाना।हालांकि मेरे औफिस से ससुराल का रास्ता 15 मिनट का ही है पर मुझे पहुंचने में ट्रैफिक की वजह से आधा घंटा लग गया।मैंने पहुंच कर कार बाहर ही पार्क की और सीधा अंदर चला गया|

सभी दरवाजे खुले थे और कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था।मेरे ससुराल का घर दो मंजिला बना हुआ है|जिसमें नीचे की मंजिल पर 2 बैडरूम, लिविंग रूम और किचन है ऊपर एक हॉल और एक बैडरूम है।

मुझे जब घर में कोई नहीं दिखा तो मैं सासु माँ के कमरे में पहुंच गया|वो बैड पर पड़ी रो रही थी|उन्हें इस हाल में देखकर मेरा दिल दुख गया क्योंकि मैं उनसे बहुत प्यार करता था और वो मुझसे!

दोस्तो, मैं अपनी सासू माँ के बारे में बता दूँ … उनकी उम्र का मुझे ठीक से पता तो नहीं, पर 40 के आसपास ही होगी क्योंकि ‌पुराने टाइम में जल्दी शादी हो जाती थी और जल्दी ही बच्चे!पर वो लगती 30 की हैं।

उनके पूरे शरीर पर जरा सा भी फैट नहीं है, रंग बिल्कुल दूधिया गोरा और चेहरा तो ऐसा है कि कोई भी फिदा हो जाए|नशीली आंखें और गुलाबी होंठ।पर सच कहूं तो मैंने कभी गलत नजर से उन्हें देखा भी नहीं था।कहानी पर आता हूं!

मैं जैसे ही उनके पास पहुंचा और उनको आवाज़ दी, मम्मी क्या हुआ है?सासू माँ उठी और मेरे सीने से लग कर रोने लगी।मैंने उन्हें सम्हालते हुए पूछा, आखिर हुआ क्या है? बताओ तो सही।

उन्होंने रोते रोते बताना शुरू किया, रवि और सिवनी से आज फिर लड़ाई हुई और बात ज्यादा बढ़ गई और वो दोनों घर छोड़ कर चले गए।मैंने उन्हें समझाया, आप कुछ दिन हमारे घर चल कर रह लो, मैं रवि को समझने की कोशिश करुंगा|

लेकिन इस बात पर वो नहीं मानी|दरअसल बात यह थी कि मेरे ससुर की मृत्यु कुछ साल पहले हो गयी थी, जब कामो पढ़ रही थी|जवानी में उनके चले जाने से सासू माँ काफी आहत हुई थी मगर उन्होंने खुद को किसी तरह सम्भाल लिया

क्योंकि ससुरजी का बिजनेस चल रहा था तो पैसे की परेशानी नहीं हुई|मगर शारीरिक सुख से वंचित सासू माँ ने कुछ समय बाद अपने जवान होते बेटे को सहारा बना लिया।ये बातें सुनकर मैं भी सकते में था|

उनके घर में लड़ाई के कारणों में से एक ये भी था जो सिवनी को पता चल गया था|लेकिन कामो अभी इस बात से अनजान थी।ये बातें करते हुए हमें लगभग आधा घंटा हो गया था और सासू माँ अभी तक ऐसे ही मेरे सीने से चपकी हुई थी|उनकी गर्म सांसें मुझे महसूस हो रही थी।

तभी मेरा फोन बजा, मैंने देखा कामो का फोन था|उसने फोन उठाते ही पूछा, आप पहुंचे या नहीं? सब ठीक है ना?सासू माँ मुझसे बिल्कुल चिपकी खड़ी थी, उन्हें सब कुछ साफ सुनाई दे रहा था|

तो उन्होंने फोन लेकर खुद बात करना शुरु कर दिया, बेटी, मैं बिल्कुल ठीक हूं| तुम चिंता मत करो| एक बार को तो मैं बिल्कुल टूट गई थी मगर अंकित के रूप में मुझे नया सहारा मिल गया है।

मैं उनकी इस बात को उस समय तो नहीं समझा लेकिन बाद में अच्छी तरह से समझ आ गया।फिर वो फोन मुझे पकड़ाकर फिर से मेरे सीने से लग गई जिसकी उस समय जरूरत तो थी नहीं क्योंकि वो अब नॉर्मल हो गयी थी|लेकिन अब उनके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था।

मैंने फ़ोन लेकर बात पूरी की|उधर से कामो का जवाब आया, तुम मम्मी का ध्यान रखना, मैं कल 11,12 बजे तक आ जाऊंगी।अब मेरा ध्यान सासू माँ की तरफ गया तो महसूस किया कि उनके हाथ अब मेरे बालों और पीठ को सहला रहे हैं|

मेरे सामने अब सारा माजरा आ चुका था|अब ये बेटे की जगह मुझसे अपनी शारीरिक जरूरतों को पूरा करने वाली हैं|अब मैं भी इतना बेवकूफ तो हूं नहीं कि कोई औरत इतना आगे बढ़ जाए और मैं कुछ ना करूं!

बस दिक्कत यह थी कि ये मेरी सास है इसलिए मैं थोड़ा संकोच कर रहा था।मैं बस इसी असमंजस में उलझा हुआ था कि सास ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए और कुछ देर के लिए मैं उनकी सांसों की गर्मी में बह गया और किस करने लगा|

कुंवारी फुद्दी की सील कार में तोड़ी part-1- Antarvasna

हॉट जवान सासु मां की हवस - sasu maa ki chudai

अब उनका एक हाथ मेरे बालों में चल रहा था और दूसरा हाथ पैंट के ऊपर से मेरे लंड को टटोलने लगा|कुछ मिनट बाद मुझे होश आया तो मैंने प्यार से खुद को अलग करते हुए कहा, मम्मी सम्भालिये अपने आप को … ये आप क्या कर रही हैं?

वो बोली, देखो बेटा, मैंने अपने जीवन का सच तुम्हें साफ़ साफ़ बता दिया कि मैं किस मुसीबत में हूं| इससे अब तुम ही निकाल सकते हो।मैंने कहा, लेकिन मम्मी, मैं कामो से बहुत प्यार करता हूं| उसे पता चलेगा तो क्या होगा?

इस पर वो बोली, हम उसे पता नहीं चलने देंगे| और वैसे भी मैं उससे उसका प्यार छीन थोड़ी रही हूं, प्यार बांटने से बढ़ता है कम थोड़ी होता है। रवि और सिवनी तो इस बात को समझे नहीं … तुम तो समझो।

मैं भी अब इस बात को समझ चुका था कि ये आज कैसे भी मुझे सैक्स के लिए मना ही लेंगी|तो मैंने भी मन में सोचा कि जो होगा देखा जायेगा और आगे बढ़कर सास को बांहों में भरकर बोला, बस करो मम्मी, अब और शर्मिंदा ना करो|

आपको जो ठीक लगता है, करो| मैं आपकी किसी बात पर ऐतराज नहीं करुंगा| बस एक बात ध्यान रखना कि मैं कामो से बहुत प्यार करता हूं और मेरे दिल में पहली जगह हमेशा कामो की है।यह सुनकर वो मुस्कुराई और कुछ बोलना चाहती थी

लेकिन मैंने अब कुछ बोलने सुनने का मौका नहीं दिया और उनके होंठों को चूसने लगा।कुछ ही पलों में हम सैक्स के नशे में खोने लगे, हमारी आंखें अब बंद हो चुकी थी और हाथ एक दूसरे के शरीर पर रेंग रहे थे।

सासू माँ ने अब आंखें खोली और मेरी शर्ट के बटन खोल दिए|मैंने नीचे बनियान नहीं पहना था|वो मेरे सीने पर किस करने लगी| वो इतने जोश में थी कि अपने दांतों से काट भी रही थी|उनकी इस हालत को देखकर लग रहा था कि बहुत दिनों से कुछ मिला नहीं है|

मैंने पूछ ही लिया, मम्मी कब से आप प्यासी हो?तो वो बोली, लगभग 6 महीने हो गए| जबसे रवि की शादी हुई है, वो मुझसे प्यार करना तो दूर ढंग से बात भी नहीं करता| शादी से पहले तो 1,2 दिन का गैप भी बड़ी मुश्किल से देता था|

वो मुझसे सारी बाते शेयर करता था| और कामो की शादी के बाद तो घर में हम दोनों ही रह गये थे तो निडर होकर जब जहां उसका मन करता, वहां शुरू हो जाता था।मैं समझ गया कि किस तरह सासू माँ का दिल टूटा है|

जब कोई इतनी जल्दी बदल जाये तो दुख होता ही है।सासू माँ ने अपनी बात पूरी करके चुम्मा चाटी फिर शुरू कर दी|वे सीने से अब पेट तक पहुंच गई और नीचे पहुंच कर मेरी बैल्ट खोली, फिर पैंट का बटन और चैन खोलने लगी|

मेरा लंड भी अब पूरा खड़ा हो चुका था और मेरे पेट पर सासू माँ की गर्म सांसें पूरे शरीर में करंट सा दौड़ा रही थी|तभी सासू माँ ने एक और झटका दे डाला, उन्होंने मेरे पैंट और अंडरवियर दोनों खीचकर नीचे कर दिये|

उनके नीचे जाते ही लंड किसी स्प्रिंग की तरह उछलकर उनके गाल पर चांटे जैसा लगा।उन्होंने फिर लंड को दोनों हाथों से पकड़ा और निहारने लगी|मैंने टोकते हुए पूछा, क्या देख रही हो मम्मी इतनी गौर से?

वो बोली, कुछ बस यही देख रही हूं कितना बड़ा और मजबूत लिंग है तुम्हारा, कामो ने तुम्हें चुनकर कोई गलती नहीं की।दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि कामो से मैंने लव मैरिज की है और दोनों के घरवालों की रजामंदी से ही हमारी शादी हुई|

हालांकि हम दोनों शादी से पहले भी खूब सैक्स करते थे और वो भी यही ऊपर कामो के रूम में! लेकिन सासू माँ को इन बातों का पता नहीं है।यदि आप लोगों की अच्छी प्रतिक्रिया मिली तो अगली कहानी में

मैं अपनी प्यारी कामो के साथ हुई रोमांटिक और कामुक घटनाओं के बारे में लिखूँगा।तो मैंने सासू माँ से पूछा, आप तो इसे लेकर गलती नहीं कर रही हैं?और हंस पड़ा।उन्होंने भी हंसते हुए कहा, गलती तो है … पर इस गलती में मजा बहुत आयेगा।

यह कहकर वो मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी| मैं पूरे मज़े में आंखें बंद कर के लंड चुसवा रहा था और वो पूरे जोश में लंड को अपने गले की गहराई तक उतार कर चूसे जा रही थी|मेरे मुंह से अब मादक आवाजें निकलने लगी थी।

अब मेरी हालत खराब होने लगी थी, मैं अब झड़ने वाला था।मैंने उन्हें बताया कि मेरा होने वाला है|तब भी वो नहीं हटी और उल्टा अपने हाथों से मेरे चूतड़ों को कस कर पकड़ लिया|अब मैं हिल भी नहीं पा रहा था, ज्यादा हिलता तो गिर जाता।

मेरे हाथ सासू माँ के बालों में चल रहे थे|मैं भी जोश में था और उनके होंठों को चूसना और चूचियों को दबाना और पीना चाहता था पर इस हालत में ये सब करना मुश्किल है इसलिए मैं भी आंखें बंद कर बस चुसाई के मज़े लेने लगा|

अपने हाथों से पकड़ कर मैं सासू माँ के सर को लंड पर आगे पीछे करने लगा।वो भी लगातार लंड चूसे जा रही थी।अब मैं चरम सीमा तक पहुंचने वाला था, मैंने कहा, मम्मी मेरा हो गया … आ आ आ आ!पर वो हटीं नहीं बल्कि पूरी पिचकारी अपने गले में उतार ली|

जब वो मेरे वीर्य का कतरा कतरा सटक गयी तब जाकर मेरा लौड़ा उनके मुंह से बाहर आया।अब लंड सासू माँ के थूक से बिल्कुल लथपथ था और धीरे धीरे मुरझाने लगा था,|वे तो हांफती हुई जमीन पर ही बैठ गई, मैंने हाथ पकड़ कर उन्हें उठाया और सीने से लगा लिया|

कुंवारी फुद्दी की सील कार में तोड़ी part-2- Antarvasna

हॉट जवान सासु मां की हवस - sasu maa ki chudai

मैंने उनके माथे को चूमा और कहा, अब से तुम मेरी हो और तुम्हें किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं।वो मुस्कुराई और अपने पल्लू से मेरा लंड साफ़ किया|तभी मुझे ध्यान आया कि सारे दरवाजे खुले पड़े हैं और हम यहां चुदाई में लगे हुए हैं।

मैंने पैंट पहनी और शर्ट के बटन बंद करते हुए गेट बंद करने चला गया।बाहर जाकर मैं कार घर के अंदर पार्क करके घर में आ गया और मेन,डोर भी बंद कर लिया|इतने में सासू माँ भी अपने कपड़े ठीक करती हुई मेरे पास आई और बोली, तुम यहीं लिविंग रूम में बैठो

मैं अभी तुम्हारे लिए कॉफी लाती हूं| और डिनर में क्या बनाऊं, बताओ? क्या तुम्हारी पसंद का पुलाव बना दूं और साथ में …सैक्स की गर्मी कुछ कम होते ही उनका सासू माँ वाला प्यार जाग गया था|

तो मैंने कहा, मम्मी, आप ये सब रहने दो| बस दो कॉफी ले आओ| दोनों बैठ कर पीते हैं और खाना मैं आर्डर कर देता हूं।वो इससे सहमत हो गईं और कॉफी बनाने लगी|मैं उन्हें सोफे पे बैठ कर निहारने लगा क्योंकि किचन सामने ही है|

उनकी मटकती हुई गांड को देख कर मैं फिर से गर्म होने लगा।वो कॉफी ले कर मेरे पास आई और सोफे पर मुझसे बिल्कुल चिपक कर बैठ गई|ऐसे पहली बार वे मेरे साथ बैठी थी|मेरा ध्यान कॉफी पर कम और उनके ऊपर ज्यादा था|

वो साथ में खाने के लिए चिप्स भी लाई थी, अब वो चिप्स उठाकर अपने हाथ से मुझे खिलाते हुए बोली, ये भी खाओ ना!यह देखकर मैं भी चिप्स उठाकर बोला, ये लो, आप भी खाओ!और चिप्स अपने होंठों में दबाकर उन्हें खिलाने लगा|

इस बहाने हम एक,दूसरे को फिर से किस करने लगे।किस करते करते मैं सासू माँ के ऊपर झुक गया और उनको सोफे पर लगभग लिटा दिया और खुद उनके ऊपर लेट गया|अब मैंने होंठों से नीचे बढ़ना शुरु किया, पहले ठुड्ढी पर, गले पर उनके सीने तक पहुंच गया|

उनकी सांसें तेज़ होती जा रहीं थी|मैंने अब उनके ब्लाउज को खोल दिया और चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा|फिर मैंने ब्रा खोल दी और चूचियां चूसने लगा|वो अब कुछ बोल नहीं पा रही थी, बस आह … ऊह … की आवाजें निकाल रही थी।

कुछ देर ऐसे ही मजे लेने के बाद वो बोली, अरे अंकित , कॉफी तो पी लो, ठंडी हो जाएगी, मेरे दूध बाद में पी लेना।मैंने उनके कहने पर कॉफी जल्दी से फिनिश की और वो भी पीने लगी।कॉफी पीकर मैंने खाना आर्डर किया और फिर से सासू माँ पर कूद गया|

उन्होंने अपने बदन से ब्रा और ब्लाउज को अलग किया और फिर सोफे पर लेट कर मेरा स्वागत किया|पर इस बार मेरा कुछ और ही प्लान था, मैंने उनकी दोनों टांगों को उठाया जिससे उनकी साड़ी फिसल कर पेट पर पहुंच गयी और टांगें पूरी नंगी हो गयी|

मैंने उनकी टांगों को पैरों से चूमना शुरू किया और धीरे धीरे उनकी चूत तक आ गया| फिर पैंटी को भी उतार दिया|अब उनकी गुलाबी चूत मेरी आंखों के सामने थी| चूत के होंठ उत्तेजना की वजह से फूले हुए थे और उनमें से कामरस बह रहा था।

चूत के अगल बगल में हल्की हल्की झांटें आ रही थी जो उसकी सुंदरता पर चार चांद लगा रही थी|मैंने पहले चूत के होठों को हल्के से चूमा और चूत को चूसना शुरु किया|चूत से निकलने वाले कामरस की महक से मेरे ऊपर भी एक खुमार सा चढ़ता जा रहा था|

मैं कभी उसे चाटता, कभी अंदर जीभ डालके चलाने लगता और कभी चूत को चूसने लगता था।कमरे में बस सासू माँ की सिसकारियां गूंज रही थी|बीच बीच में वो कहती, छोड़ दे … मारेगा क्या?

लेकिन दूसरे ही पल अपने पैरों से मेरे सिर को अपनी चूत में दबा लेती और बोलती, चूसता रह बस ऐसे ही जिंदगी भर!उनकी हालत से लग रहा था कि उनको बहुत ज्यादा मजा आ रहा है।कुछ देर बाद उन्होंने मुझे पूरी ताकत से जकड़ लिया और फिर कांपने लगी|

मेरे मुंह को कुछ पल अपनी चूत में दबाने के बाद उनका शरीर ढीला पड़ गया|मैं उठा तो देखा वो मुस्कुरा रही थी और आंखें बंद करे पड़ी थी| उनके दोनों हाथ उनकी चूचियों पर थे यानि इस बीच वो अपने हाथों से अपनी चूची दबा रही थी।तभी डोरबैल बजी।

“लगता है खाना आ गया!”ये कहकर मैं अपने रुमाल से अपने होंठों को पौंछता हुआ बाहर चला गया।फिर हमने खाना खाया और फिर मैंने कामो को फोन किया और उसे बताया, मैंने मम्मी को समझा दिया है| वो अब बिल्कुल ठीक है|

तुम भी खाना खाकर सो जाओ।मेरे फोन रखते ही उसकी कॉल मम्मी के पास आ गई और वो दोनों रोज की तरह इधर उधर की बातें करने लगी।मैं सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा और एक सिगरेट जला ली।करीब आधा घंटा उनकी बातें चली|

फिर सासू माँ घर के काम निपटाने के बाद वो मेरे पास आई, बोली, बिस्तर लग गया है, कितनी देर में चलोगे?ये शब्द उनके मुंह से सुनकर मेरे सारे शरीर में करंट सा दौड़ गया क्योंकि ये वो शब्द हैं जो सिर्फ पत्नी ही अपने पति से कहती है।

मैंने कहा, मम्मी, आप यहां बैठो मेरे पास … अभी चलते हैं|वो मेरे पास आई और झट से मेरी गोद में बैठ गई, मेरे गाल पर किस करके बोली, आई लव यू अंकित ! आज के बाद मुझे कभी अकेले में मम्मी मत कहना अब!मैंने कहा, तो क्या कहूं मेरी जान?

“मेरा नाम लिया करो सुमन … जैसे हर कोई पति अपनी पत्नी का लेता है|”मैंने कहा, ओके सुमन , आई लव यू टू!और हमारे होंठ फिर भिड़ गए।उनके हाथ अब मेरे बटन खोलने लगे तो मैंने रोक दिया और बोला, तुमने जब बिस्तर लगाया है, तो अब वहीं करेंगे।

इतना कहकर मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और किस करता हुआ बैडरूम तक ले गया।वहां जाकर मैंने उन्हें आराम से बैड पर लिटा दिया और उनके कपड़े उतारने लगा|पहले मैंने ब्लाउज उतारा, फिर ब्रा उतारी और फिर साड़ी को उतारने लगा|

लेकिन साड़ी लेटकर उतर नहीं रही तो वो खुद ही उठी और एक ही पल में साड़ी उतार कर फेंक दी और मुझसे आकर चिपक गई|
मैंने अब उनके पेटीकोट का नाड़ा खोला और नीचे गिरा दिया|

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हॉट जवान सासु मां की हवस - sasu maa ki chudai

जब तक उन्होंने मेरी शर्ट उतार कर फेंक दी और अब वो बैड के कोने पर बैठ कर मेरी पैंट खोलने लगी|फिर मेरा अंडरवियर भी उतार दिया और लंड को सहलाने लगी, उसको हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी जैसे मुठ मारते हैं।

मैंने सासू माँ को लिटा दिया उनकी पैंटी को उतार दिया|अब मैं उनकी साइड में लेट गया और लौड़ा उनके मुंह के पास कर दिया|वो लंड चूसने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा|इस तरह से हम काफी देर तक एक दूसरे को चूसते रहे।

फिर मैं उठकर उनकी टांगों के बीच में आ गया और उनके दूध पीने लगा|कुछ देर ऐसे ही चूसने के बाद मैंने सासू माँ की आंखों में देखा और अंदर डालने के इशारे का इंतजार करने लगा|वो भी काफी अनुभवी थी, वो समझ गई कि मुझे सिग्नल का इंतजार है|

उन्होंने मेरी आंखों में देखते कहा, आ जाओ अब … एक पल भी मत गंवाओ।मैंने भी अगले ही पल लंड हाथ से चूत पर सेट किया और डाल दिया अंदर!लंड और चूत दोनों ही घंटों हुई चुसाई से गीले हुए पड़े थे इसलिए एक ही धक्के में लंड चूत की गहराई में उतर गया।

लंड मिलते ही सासू माँ की आंखें बंद हो गई और होंठ दांतों से काटने लगी।मैंने अब धक्के लगाने शुरू किए और उनके चुच्चे दबाने लगा।वो बस ‘आह … ऊह … जोर से करो …’ यही चिल्लाये जा रही थी।मेरी भी अब स्पीड बढ़ गई थी|

जैसे जैसे मेरी स्पीड बढ़ रही थी, उनके चिल्लाने की आवाज़ भी बढ़ती जा रही थी।मैंने अब उनके होंठों पर होंठ रख दिए और धक्के की स्पीड भी बढ़ा दी।ऐसे काफी देर चुदने के बाद वो बोली, मैं अब ऊपर आऊंगी|

तो मैं सासू माँ के ऊपर से हट गया और उनको मौका दिया अपना ज़ोर दिखाने का!मैं लेट गया|वो मेरे ऊपर आई और एक हाथ से लंड पकड़ा और उस पर बैठ गई|अब दोनों हाथ मेरे सीने पर टिकाए और ऊपर नीचे होकर चुदाई करने लगी।मैं उनके उछलते मम्मों से खेल रहा|

कुछ ही देर उछलने के बाद उनकी हालत खराब हो गई और वो लौड़े की सवारी छोड़ मेरी बगल में लेट गई|मैं तुरंत उठकर उनकी टांगों के बीच में आ गया और उनकी चूत में फिर से लंड डाल कर उनका बाजा बजाने लगा|

इतनी देर हुई चुदाई से उनकी हालत खराब हो चुकी थी, वो अब चिल्ला भी नहीं रही थी, बस टांगें चौड़ी करके चुदाई का मज़ा ले रही थी।फिर थोड़ी और चुदाई के बाद उनके शरीर ने ज़वाब दे दिया और उन्होंने मुझे जकड़ लिया|फिर वो ज़ोर से चिल्लाई और ढीली पड़ गई|

मैंने भी इसी बीच अपनी पूरी ताकत से धक्के मारे और फिर मैं रुक गया।सासू माँ झड़ चुकी थी पर मेरा निकलना अभी बाकी था|तो मैंने लंड बाहर निकाला और उनके हाथ में दे दिया|मैं बोला, ये अभी और प्यार चाहता है तुम्हारा!

तो वो बोली, मेरे ऊपर आकर मेरे मम्मों के बीच में डाल कर इसका रस मेरे ऊपर छोड़ दो।मैंने वैसा ही किया और कुछ देर उनकी चूचियों के बीच रगड़ने के बाद ऐसी पिचकारी छूटी कि सासू माँ के मुंह, गला और छाती सब गीले हो गए।

मेरी बुर के दीवाने ठरकी अंकल – Bur Chudai

हॉट जवान सासु मां की हवस - sasu maa ki chudai

मैं तो निढाल होकर एक तरफ लेट गया|सासू माँ 5 मिनट तक मेरे माल को उंगलियों से उठा उठा कर चाटती रही।जब सारा माल साफ हो गया तो मेरे कान में बोली, मुझे बाथरूम जाना है और उठकर चलने की मेरी हालत नहीं है।

मैंने उठकर उन्हें गोद में उठाया और बाथरूम तक पहुंचाया।फिर गोद में लेकर बैड पर लिटाया और नंगे ही एक दूसरे की बांहों में सो गये।सुबह देर से हमारी नींद खुली तो देखा कि 10 बजे हुए हैं|हमने उठकर एक साथ शावर लिया और रसोई में आकर दोनों नाश्ता बनाने लगे|

नाश्ता करने के बाद हम दोनों सोफे पर बैठ गये और टीवी देखते हुए कामो का इन्तजार करने लगे।इसी बीच हमारा फिर मूड बन गया तो सासू माँ को मैंने अपनी गोद में बैठा कर सोफे पर ही चोद दिया।फिर सासू माँ नीचे आई और मेरा लंड चूसकर माल गटक गई।

वो लंड चूसने के बाद खड़ी ही हुई थी कि कामो आ गयी।कामो ने आकर सासू माँ समझाया और कुछ दिन के लिए हमारे घर ले गए।फिर तो मौका देखकर हम दोनों अकसर चुदाई करने लगे।

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