Gay Sex Story

दोस्त की लपलपाती गांड मारी- gay sex story in hindi

दोस्तो, मैं आपका पुराना साथी आजाद गांडू एक बार पुन एक कहावत है कि बन्दर कितना भी बूढ़ा क्यों न हो जाए, गुलाटी खाना नहीं भूलता. ठीक यही बात गांड मराने वाले शौकीन लोगों की होती है|

वो जब भी अपने सामने माशूक लौंडे को देखते हैं, उनकी गांड में लुकलुकी होने लगती है,मैं एक दिन पत्नी को छोड़ने स्टेशन गया था| उसे ट्रेन में बिठा कर लौटा, तो प्लेट फार्म पर ही सोनू गांड मराने का शौक क्या क्या न कराए का पात्र दिखा|

मैं उसके पास गया. वह बैंच पर बैठा था, उसने मुझे देखा तो एकदम से चौंक गया,मैंने पूछा  सोनू यहां कैसे?वह बोला- मैं यहां भोपाल से आया था, यहां से सीधी मुंबई को ट्रेन मिलती है. मैंने रिजर्वेशन करा रखा था, ट्रेन लेट है, तो बैठा हूं. तुम यहां कहां?

मैं- मेरी यहां पोस्टिंग है, मैं यहीं जॅाब में हूं. तुम मुंबई क्यों जा रहे हो?सोनू ,मैंने भी एम कॉम कर लिया था. फिर टेस्ट दिया था, तो सिलेक्ट हो गया. अब ज्वाइन करने जा रहा हूं|

मैं- बधाई हो … ट्रेन कितनी लेट है?सोनू लगभग 6 घंटे. मैं, तो यहां क्या कर रहे हो, मेरा पास ही घर है. सरकारी फ्लैट है, वहीं चलते हैं,सोनू अरे यहीं ठीक बैठा हूं, न जाने कितनी दूर होगा?

मैं- अरे यार पास ही है, चल कर देख ले, नखरे नहीं कर यार, कब तक बैठा रहेगा?वो मान गया और हम दोनों फ्लैट पर पहुंच गए,स्टेशन से मेरे फ्लैट का लगभग दस मिनट का रास्ता था|

नशे में दोस्तों से गांड मरवाकर मजा लिया -Gay Sex Story in Hindi

दोस्त की लपलपाती गांड मारी- gay sex story in hindi

मेरी पत्नी खाना बना कर गई थी. हम दोनों ने मिल कर खाया हां मैं बताना भूल गया लगभग चार साल पहले मैं ग्वालियर एक डिपार्टमेंटल ट्रेनिंग में गया था, वहीं सोनू मिला था|

तब वह BA का स्टूडेंट था,उस वक्त वो बीस-बाईस का रहा होगा, अब 24 का होगा.सोनू पंजाबी मुंडा गोरा भूरा मस्त , अब पहले से ज्यादा तगड़ा हैंडसम हो गया था| मैं उस पर मरता था, उसकी दो तीन बार मिली भी, मजा भी किया, मैं उम्र में उससे तीन चार साल बड़ा था|

हम दोनों लेट गए. उसने अपने पैंट शर्ट उतार दिए थे.मैंने उससे लोअर पहन लेने का कहा, तो उसने मुस्करा कर मना कर दिया,हम दोनों बगल बगल में लेटे थे,मैंने उसके लंड पर अंडरवियर के ऊपर से हाथ रखा, तो उसने मुस्करा कर हाथ हटा दिया|

मैंने उसका एक चूमा लेकर कहा- क्या बात है, नाराज हो क्या?वह बोला तो कुछ नहीं, बस मेरी तरफ पीठ कर ली. अब उसके चूतड़ मुझे चिढ़ा रहे थे, मैंने उसका अंडरवियर नीचे खिसकाया तो बोला- तुम मानोगे नहीं|

इस पर मैंने कहा- यार मूड नहीं है तो कोई बात नहीं,मैं उसका अंडरवियर नीचे ही रहने दिया और उसके चूतड़ सहलाने लगा,अब उसके चूतड़ पहले से बड़े बड़े हो गए थे,मैंने पूछा, तेरा दोस्त कहां है?

वह बोला- उसकी शादी हो गई है, वह गांव में शिफ्ट हो गया,मैं, तो अब तो कम ही मिलता होगा?वह- हां कभी कभी मैं, तो काम कैसे होता है?
सोनू मुस्करा दिया|

मैं उसके चूतड़ों पर हाथ फेरते फेरते उसकी गांड पर उंगली फेरते हुए कहने लगा- तो बहुत दिनों से इसे कुछ मिला?शायद मेरी सुन कर उसकी गांड हरकत करने लगी थी.

मैंने ये देखा तो अपनी उंगली पर थूक लगाया और उसकी गांड पर फिर से रख दी.थोड़ी थोड़ी अन्दर की, तो वह हल्के हल्के से आ आ करने लगा,कुछ देर में गांड ढीली हो गई|

मैंने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड पर टिका दिया,गांड का मुँह लंड सुपारा लायक खुलने लगा तो मैंने थोड़ा सा धक्का लगा दिया,मेरा सुपारा अन्दर घुस गया था. मैं रूक गया और उसका चुम्बन लेने लगा|

उससे पूछा- डालूं?वह हंसने लगा- पेल तो दिया है, अब क्या पूछ रहे हो,मैंने अगला धक्का लगा कर पूरा लंड अन्दर कर दिया और उससे चिपक गया. मैंने उसे औंधे होने का इशारा किया और उस पर चढ़ बैठा|

अब मैं उसकी गांड में लंड डाले उसके चुम्बन लेने लगा होंठों गालों गर्दन सब चूम डाले.उसने हंस कर दांत निकाल दिए, धीरे धीरे उसकी गांड भी हरकत करने लगी.
मैंने उससे पूछा- लग तो नहीं रही?

बहुत दिन बाद हम मिले हैं, तुम जैसा मस्त माशूक बड़ी किस्मत से मिलता है,उसने गांड चला कर हां में जवाब दिया,अब मैं शुरू हो गया,धक्कम पेल धक्कम पेल … अन्दर बाहर अन्दर बाहर,फिर मैं थोड़ा रूका तो वह पीछे मुड़कर देखने लगा| मैंने कहा- क्या बंद कर दूँ? वह बोला- क्या हुआ गांड फट गई तुम्हारी? मैं मरा जा रहा हूं और गांड तुम्हारी फट रही है, क्या बात है?

मैं बोला- यार … तुम्हारी बहुत दिनों बाद मिली, मेरे लिए ये सपनों जैसा है,कभी सोचा न था कि तुम्हारी कभी फिर मिलेगी. आज का दिन जिंदगी भर याद रहेगा,वो बोला- लगे रहो … मजा आ रहा है.

मैं घुटने मोड़े उसकी जांघों पर बैठा था वह औंधा लेटा था. उसकी गांड में मेरा लंड पिला हुआ था.मैं बैठे बैठे ही उसके चूतड़ मसलने लगा. उसने अपनी टांगें और चौड़ी कर लीं|

अब उसकी ढीली हो गई थी,मैं फिर से धक्कम पेल चालू हो गया,फिर उस पर लेटा रह गया,उसके चुम्बन लेने लगा,वह बोला- झड़ गए क्या? आज बड़ी देर लगे रहे, पूरी कसर निकाल ली, मेरी ऐसी तैसी कर दी|

तुम तो मुझे ऐसे चोद रहे थे, जैसे कोई नई लौंडिया पटाने पर उसे चोदता है कि साली छड़क न जाए.मैंने हंस कर उसकी चुम्मी ले ली,वो बोला लौंडे की तो कसके बेरहमी से रगड़ देते हैं|

मैंने कई लंडों से अपनी रगड़वाई है,तजुर्बा है, पर तुम अलग हो, तुमने प्यार से मारी इसके लिए थैंक्यू. इसी लिए तो मैं तैयार रहता हूं. वैसे अब मेरी कोई नहीं मारता दोस्त, सब न जाने कहां कहां जॉब पर चले गए|

तड़पती गांड का अनजान लंड से उद्घाटन- Indian gay sex story

दोस्त की लपलपाती गांड मारी- gay sex story in hindi

आज वर्षों बाद तुम मिले हो.मैं शरमिंदा हो गया- यार, तू मेरी मार ले, वह जोर से हंसा- अब मुझे जिसकी मारना होगी, सो मारूंगा. बुरा मत मानना तुम मेरे लिए माशूक नहीं रहे. पहले कभी तुम्हारी मारी थी … मगर अब तुम मोटे हो गए हो. पहले भी तुम मेरे से तगड़े थे|

तुम शक्ल से अभी भी हैंडसम हो, पर मेरे से बड़े हो न. मैं किसी और माशूक की मारूंगा,वैसे भी तुम्हें पता है कि मैं लौंडियाबाज हूं. मुझे अब चुत में ज्यादा मजा आता है.मैं, तो लौंडिया दिलवाऊं?

वह हंसा- मैं सैट कर लूंगा, तुम रहने दो,वह अब भी बहुत माशूक था और लौंडिया पटाने में एक्सपर्ट आइटम था. वह सही कह रहा था. उसने बताया- मेरी शादी हो गई, बीवी को ज्वाइन करने के बाद ले जाऊंगा|

मैंने कहा- यार तेरी बीवी तेरी जैसी पटाखा तो नहीं होगी,वह हंसने लगा- जब देखो, तब बताना, पर यह बात मेरी बीवी से मत कहना, कई लोग कह चुके हैं.
कुछ देर रेस्ट करने के बाद हम दोनों स्टेशन पर पहुंचे|

हमारे स्टेशन पहुंचने के बाद ट्रेन आई. एक डिब्बे के बाहर मेरे एक सीनियर खड़े थे, जो टी.टी.ई. थे. मुझे देख कर बोले- कहां? मैंने कहा- सर, ये मेरा दोस्त है, इसे मुंबई जाना है, ट्रेन में स्लीपर का टिकट है, आप बैठा लें|

उन्होंने स्वीकार कर लिया,मैं एक्स्ट्रा रूपये देने लगा तो सोनू बोला- मैं दे दूंगा.
सर बोले- साले रुपए अपनी गांड में डाल ले, तेरे इस हीरो दोस्त को मैं नहीं ले जा पाऊंगा|

मैं उनके पैर छूने झुका, घुटने छू लिए. वे हंस दिए और बोले- इसे लंच कराऊंगा और कुछ? लौंडिया दिलवाऊं? मैं बोला दादा, लड़का मैरिड है,वे हंसे अच्छा बीवी के मारे इधर उधर मुँह मारने में गांड फटती है, कब शादी हुई?

सोनू छह माह पहले,सर जी- तभी, अभी नई नई मिली है,हम सब हंस पड़े, ट्रेन चल दी,सोनू चला गयामुझे सोनू की बड़ी मस्त लगी थी|
ये मेरे गांड मराने मारने के किस्से आपको एक एक करके सुनाता रहूंगा, आपको पसंद आ रहे हैं|

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