Antarvasna

दोस्त की बहन की गुलाबी चुत फाड़ दी – Antarvasna

Antarvasna : नमस्कार दोस्तों ,मैं रोहित चौधरी आपके सामने अपनी जिन्दगी की एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ।
मैं पिछले 1 सालों से कहानी पढ़ रहा था तो मैं ने सोचा आज अपनी भी हॉट गर्ल  सुनाई जाये|

पहले मैं आप सब लोगों को अपने बारे में बता देता हूँ| मैं 27 साल का एक जवान लड़का हूँ|मेरी हेल्थ थोड़ी कम है लेकिन ठोकने की क्षमता बहुत ज्यादा है और जब तक नीचे लेटी दो बार नहीं झड़ जाती है, तब तक मेरा इंजन चालू रहता है|

दोस्तो, मैं उस समय दिल्ली में रहता था … पर अब मैं मुंबई के पास के शहर में रह कर सरकारी नौकरी कर रहा हूँ|जब मैं दिल्ली में था, तब फेसबुक पर एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई|वैसे वे मेरे एक दोस्त की बहन की ननद थीं|

मैंने जब उनसे अपनी सैटिंग जमाई तो मैं उन्हें दीदी कहने लगा था|मैंने उन्हें फेसबुक पर हैलो का मैसेज किया तो उधर से दो दिन बाद जवाब आयाधीरे धीरे हमारी बात होने लगी|फिर धीरे धीरे ही फ्रेंडशिप में सेक्सी बातें भी होने लगीं|

दोस्त की बहन की गुलाबी चुत फाड़ दी - Antarvasna

एक दिन उन्होंने बताया कि वे अपने पति से खुश नहीं हैं|मैंने समझ लिया कि उनको लंड की जरूरत है|मौके का फायदा उठाते हुए मैंने भी उनसे दोस्ती बढ़ाई और पहले उनकी फैमिली के बारे में सब जाना|

उनकी सास, जेठ-जेठानी, पति, बच्चे सबके बारे में जानकारी निकाली|फिर धीरे धीरे मैं दोस्ती में उन्हें अपना प्यार जताने लगा|
हम दोनों पास आते गए|आखिर एक दिन मैंने बोल दिया- मैं आपसे मिलना चाहता हूँ!

वे भी मुझसे मिलना चाहती थीं, तो उन्होंने भी मुझे अपने शहर अहमदाबाद बुला लिया|कुछ दिन के लिए उनकी सास जेठ व जेठानी को शादी में दो दिन के लिए ललितपुर जाना था|यह मौका हम लोगों के मिलने के लिए सही था|

हम दोनों ने भी मिलने का प्लान भी बना लिया था|जिस दिन उन सभी को शादी में जाना था, उस दिन सुबह 10 बजे ही वे लोग घर से निकल गए|उनके पति अपनी शॉप पर 10 बजे चले जाते थे और वे एक बजे खाना खाने आते थे|

खाना खाकर वे तुरंत वापिस भी चले जाते थे, फिर सीधे रात को 10 बजे घर वापिस आते थे|उनके पति के जाते ही मैं उनके घर पहुंच गया|माफी चाहता हूँ मैंने आपको उनका नाम ही नहीं बताया उनका नाम पिंकी है|

वे दिखने में जरा सांवली थीं लेकिन फिगर लाजवाब थी|एक बच्चे की मां होने के बाद भी उनके चूचे एकदम कड़क थे, जरा भी नहीं ढलके थे|नीचे गांड पूरी भरी हुई थी|उन्हें कोई एक बार देख भर ले, तो उसका उसी वक्त लेने का मन हो जाए|

मुझे तो उन्हें देख कर हैरानी हुई थी कि इनके पति बिना चुदाई करे कैसे सो जाते होंगे|मेरे पास ऐसी औरत हो तो मुझे तो पूरी पूरी रात नींद ही न आये|मैं जब उनके घर पहुंचा, तब वे एक नीले रंग की कुर्ती और सफेद रंग की लैगी पहनी हुई थीं|

जैसे ही उन्होंने दरवाजा खोला, एक पल के लिए तो मैं उन्हें देखता ही रह गया|क्या क़यामत लग रही थीं वे!मेरा तो वहीं दरवाजे पर ही खड़ा हो गया … मैं भूल ही गया था कि मैं अभी घर के बाहर हूँ|

उन्होंने हाथ पकड़ कर मुझे अन्दर खींच लिया और डांट कर बोलीं- अन्दर आना चाहिए न पहले … अभी कोई देख लेता तो!मैंने इसके लिए सॉरी बोला और झट से उन्हें अपनी बांहों में भर लिया|

शायद वे भी बहुत दिन की प्यासी थीं, उन्होंने भी मुझे कसके अपने सीने से चिपका लिया|कुछ देर तक एक दूसरे से चिपके रहने के बाद हम दोनों अलग हुए और वे मुझे सोफ़े पर बैठने का कह कर मेरे लिए चाय बनाने किचन में गईं|

थोड़ी देर बाद मैं भी उनके पीछे किचन में आ गया और पीछे से हग करके बोला- मुझे चाय नहीं, दूध पीना है!उन्होंने कहा- थोड़ा इंतजार तो करो … अभी सब मिलेगा!लेकिन मेरी तो हालत पतली हो रही थी, मुझसे तो कंट्रोल ही नहीं हो पा रहा था|

मैं आपको बता दूँ कि यह मेरी लाइफ का दूसरी बार का सेक्स था|पहली बार एक कामवाली को पैसे देकर चोदा था|
तब जल्दबाजी वाला और बिना कपड़े उतारे वाला सेक्स हुआ था तो खास मजा नहीं आया था|

आज पूरी तरह से नंगी करके चोदने के लिए चूत मिली थी|मैंने पिंकी जी को पलटा कर एक हाथ गले में डाला और वहीं किचन में ही किस करना शुरू कर दिया|वे भी मेरा साथ देने लगीं|

पिंकी दीदी थोड़ी ज्यादा ही तेज तेज किस कर रही थीं … जैसी सालों की प्यासी हों|मैंने भी उनकी प्यास को समझ लिया था| उन्हें वहीं किचन की स्लैब पर बिठाया और किस करने लगा|वे भी पूरा साथ दे रही थीं|

हम दोनों का किस अब गर्म हो चला था|कभी वे अपनी जुबान मेरे मुँह में डालतीं, तो कभी मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डाल देता|दीदी अपनी उम्र से छोटी उम्र के लड़के के साथ अच्छे से मस्ती कर रही थीं|

कुछ देर बाद उन्होंने मुझे रोकते हुए कहा- बेडरूम में चल कर करते हैं!वे मेरा हाथ पकड़ कर मुझे ले जाने लगीं तो मैंने उनका हाथ झटक दिया|दीदी मेरी तरफ देखने लगीं तो मैंने अपनी पैंट की चैन खोली और अपना 6 इंच लंड उनके सामने कर दिया|

वे समझ गईं, पहले तो वे वहीं नीचे बैठ कर अपने हाथ से धीरे धीरे मेरे लंड को हिलाने लगीं|मैं मस्त कामुक निगाहों से दीदी की आंखों में देखने लगा|वे बड़े प्यार मेरी आंखों में देख रही थीं और आराम से एक अनुभवी रांड की तरह लंड हिला रही थीं|

मुझे असीम सुख प्राप्त हो रहा था|फिर मेरी आंखें अपने आप बंद होने लगी थीं|मुझे होश ही नहीं था कि कब लंड दीदी के मुँह में चला गया|बस मुझे तो पहली बार असली जन्नत का सुख मिल रहा था|

कुछ देर बाद मेरे हाथ पांव कड़क हो गए और मैं डिस्चार्ज होने लगा|जब मेरा हो गया और मैंने देखा कि मेरा लंड अभी भी उनके मुँह में था|तो मैंने पूछा- माल?वे हंस कर बोलीं- कीमती चीजों को बर्बाद नहीं जाने देते!

दोस्त की बहन की गुलाबी चुत फाड़ दी - Antarvasna

दीदी हंसती हुई खड़ी हुईं और मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ कर बेडरूम में ले गईं|बेडरूम में पहुंचते ही मैंने उन्हें बेड पर धक्का दे दिया और सीधा उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें किस करने लगा … उनके होंठों को चूसने लगा|

वे भी मेरा साथ दे रही थीं|किस करते में एक हाथ से मैं उनके चूचे दबाने लगा और मैंने ब्लाउज के बटन खोल कर उसे निकाल दिया|ब्रा में कसे उनके चूचे मस्त लग रही थे| मैंने ब्रा भी हटा दी और चूचों को आज़ादी दे दी|

वे चूचे हिला कर चूसने का न्यौता देने लगीं|मैं सीधे ही दीदी के चूचों पर टूट पड़ा|एक को हाथ से दबाते हुए और दूसरे को मुँह में लेकर पीने लगा|दीदी के मुँह से लगातार कामुक सिसकारियां निकल रही थीं| वे मेरे सर को अपने चूचों पर दबा रही थीं|

वे बार बार जल्दी से एक बार डालने के लिए बोलने लगीं|मुझे भी चुदाई किए बहुत समय हो गया था इसलिए मैं भी कंट्रोल नहीं कर पा रहा था|मैंने उठ कर दीदी की साड़ी निकाली और साथ ही उनका पेटीकोट को भी निकाल दिया|

उन्होंने भी जोश जोश में मेरे सारे कपड़े निकाल दिए|मैंने अपनी चड्डी निकाल कर दूर फेंकी और उनको बेड पर लिटा कर उनकी टांगों से पैंटी को खींच कर निकाल दिया|मेरे सामने बिना झांटों वाली क्लीन चूत थी|

मुझसे रहा नहीं गया| मेरे मुँह में पानी आने लगा था|मैंने अपना मुँह दीदी की चूत पर लगा दिया और अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा|वे अपना आपा खोती जा रही थीं और मेरा सर अपनी चूत पर दबाए जा रही थीं|

साथ ही चूत में मस्ती आने से दीदी अपना सर बिस्तर पर पटक रही थीं और आह आह कर रही थीं|उस वक्त वे एक बिन पानी की मछली की तरह तड़प रही थीं|अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था|मैंने सीधा उठ कर अपने पैंट से कंडोम निकाला|

तो वे मेरा हाथ पकड़ कर बोलीं- इसके बिना करते हैं, मजा आएगा|मुझे डर लग रहा था|वे बोलीं- मैं गोली खा लूँगी, तुम करो|मैंने भी आव देखा न ताव, सीधा चढ़ गया पेलने के लिए|

तब मैंने उनसे कहा- एक बार मुँह में लेकर गीला कर दो इसे!उन्होंने उठ कर सीधा मुँह में लेकर थोड़ी देर में मेरे लंड को अपने थूक से गीला कर दिया|फिर वे सीधा लेट गईं और अपने पैर खोल कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया|

मैंने भी अपने हाथ से लंड को उनकी चूत पर रखा और एक जोरदार झटका दे मारा|उनके मुँह से तेज आवाज निकली|
मैंने ताव ताव में एक ही झटके में आधा लंड चूत में पेल दिया था|

उन्होंने मुझे रुकने को बोला, मैं भी उनकी आवाज सुन कर डर गया था तो रुक गया|कुछ ही देर मैं दीदी का दर्द कम हुआ तो वे भी नीचे से हरकत करने लगीं|मैं समझ गया और अपने लंड को आगे पीछे करने लगा|

फिर जब लंड ने थोड़ी जगह बना ली, तब एक और कड़क झटका मार कर लंड पूरा अन्दर तक घुसेड़ दिया|दीदी के मुँह से फिर से ‘आह मर गई …’ की आवाज निकली|लेकिन इस बार मैं नहीं रुका, अपने झटके देते रहा|

कुछ ही देर बाद उन्होंने साथ देना शुरू कर दिया था और खुद को ऊपर आने के लिए कहने लगी थीं|मैंने हां कहा और उन्होंने मुझे अपने नीचे ले लिया|वे मेरे ऊपर चढ़ गईं|

दीदी खुद अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में सैट करके बैठ गईं और मेरे लंड पर कूदने लगीं|क्या बताऊं दोस्तो, वह इतना असीम आनन्द था, जो शायद मैं पहले कभी नहीं ले पाया था|आज मुझे असली सुख मिल रहा था|

थोड़ी देर बाद वे वापिस नीचे आने के लिए कहने लगीं|मैंने अब उन्हें कुतिया बनाया और खुद बेड के नीचे खड़े होकर पीछे से उनकी चूत चोदने लगा|जब मैं झटके मार रहा था, तब मेरी नजर दीदी की गांड पर गयी|

मैंने बिना सोचे एक उंगली उनकी गांड में डालनी चाही| लेकिन अचानक से हुए गांड के छेद पर हुए हमले से वे छिटक कर आगे को बढ़ गईं|

ठरकी बॉयफ्रेंड को हवस का शिकार दोनों बहने – Antarvasna

दोस्त की बहन की गुलाबी चुत फाड़ दी - Antarvasna

दीदी बोलीं- उधर अभी नहीं, एक बार चूत की प्यास बुझा दो … फिर उसे भी ले लेना|मैंने भी समझदारी दिखाते हुए वापिस उनकी चूत पर फोकस किया और चुदाई करने लगा|

वे अब अपनी चरम सीमा पर आ गई थीं और तेज तेज आवाजें निकालने लगी थीं|मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और तेज तेज झटकों के साथ उन्हें पेलने लगा|वे लगातार आवाज किए जा रही थीं|मैं भी अपने चरम पर आ गया था|

हम दोनों एक साथ तेज धार के साथ खाली होने लगे|वे भी बहने लगीं और मैंने भी अपना माल उनकी चूत में छोड़ दिया|झड़ने के बाद हम दोनों वहीं बेड पर कुछ देर आराम करने लगे|

फिर समय देख कर मैं उठ गया और उनके पति के खाना खाने आने से पहले ही निकल गया|बाहर जाकर मेडिकल स्टोर से मैंने टैबलेट ले ली और उनके पति के निकलते ही वापिस उनके पास आ गया|

उनकी सास और जेठ जेठानी दो दिन बाद आने वाले थे, तो मैंने दो दिन तक दीदी की अच्छे से ली और उन्हें भी जवान लंड का मजा दिया|

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