Gay Sex Story

चटकीला लौंडा बना लंड का गुलाम – Gay Sex Story

Gay Sex Story :दोस्तो,मैं गोपाल  इस कहानी में आपका स्वागत करता हूं।यह सेक्स कहानी सोनू की है जो ठेकेदार रामदयाल के खेतों में मजदूरी का काम करता था।सोनू 20 साल का सीधा सादा लड़का था जो असम का रहने वाला था|

पहाड़ी होने की वजह से वो गोरा और लड़कियों की तरह कोमल से बदन का था| उसका कद 5 फुट 5 इंच का था और शरीर भी ठीक था| वो देखने में काफी नाजुक बनावट का लगता था| इसलिए धूप काम करते हुए उसके गाल लाल हो जाते थे| उसके चूतड़ भी गोल गोल थे।

खेत में काम करते हुए जब उसकी पैंट पसीने में भीग जाती थी तो उसके गोल गोल गुदगुदे चूतड़ों में उसकी पैंट उसकी गांड की दरार में फंस जाती थी जिससे उसके चूतड़ और भी गोल दिखने लगते थे|

पैंट उसकी त्वचा से चिपकी होने के कारण ऐसा लगता था कि उसने पैंट के अंदर कुछ नहीं पहना हुआ है और वो नीचे से नंगा ही है।उसके इसी भोलेपन पर खेत के ठेकेदार रामदयाल की नज़र बनी हुई थी| वो अपने लंड की आग को उसकी गीली गांड चोदकर शांत करना चाहता था।

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चटकीला लौंडा बना लंड का गुलाम - Gay Sex Story

जब सोनू खेत में काम कर रहा होता था तो रामदयाल उसकी गांड को ही देखता रहता था।जब सोनू उसकी नजरों के सामने झुका होता था तो वो अपनी हवस में बेकाबू होकर होठों से सिसकारियाँ लेकर अपने हाथों को मलता रहता था कि जैसे अभी उसकी गांड में अपना लंड दे देगा।

वो ऐसे ही किसी मौके की तलाश में था| लेकिन उसको अभी तक ऐसा कोई मौका नहीं मिला था।एक दिन की बात है जब गर्मियों का मौसम था और धूप बहुत तेज थी| दोपहर का वक्त था.. खाना खाने का समय हुआ तो सोनू रामदयाल के पास आया और बोला, मालिक|

मैं खाना खाकर कुछ देर ट्यूबवेल पर नहाना चाहता हूं| बहुत गर्मी लग रही है।रामदयाल बोला,ठीक है लेकिन जल्दी करना| कभी वहीं बैठा रहे ट्यूबवेल के नीचे| खेत में बहुत काम है!सोनू बोला,ठीक है| मैं देर नहीं लगाऊँगा।

कह कर वो खाना खाने पास के पेड़ के नीचे बैठ गया और 10-15 मिनट में खाना खत्म करके वो नहाने के लिए तैयार हो गया।वो ट्यूबवेल के पास बनी हौद के पास जाकर अपने कपड़े उतारने लगा| पहले उसने अपनी बनियान उतारी|

जिसके उतारते ही उसकी गोरी छाती धूप में खिल उठी और उसके छोटे छोटे गुलाबी चूचक और भी सुर्ख नजर आने लगे| जैसे किसी लड़की के चूचक हों!रामदयाल यह नजारा दूर से देख रहा था| और अपनी हवस भरी नजरों को उसके चूचकों पर टिकाए हुए था|

फिर सोनू ने अपनी पैंट भी उतार दी| उसके गोल गोल चूतड़ों ढके हुए उसका वो गहरे लाल रंग का जांघिया उसकी जांघों को और गोरी बना रहा था।सोनू ने पैंट उतारकर एक तरफ रख दी| अब वो सिर्फ उस गहरे लाल जांघिया में ही हौदी के पास खड़ा था |

उसका गोरा बदन धूप में चमक रहा था।नहाने के लिए वो हौद के अंदर उतर गया और पानी में डुबकी लगा दी।हौद में खड़ा होकर वो अपने बदन को रगड़ने लगा और सारे बदन पर यहाँ वहाँ हाथ फिराने लगा|

वो अपने कोमल हाथों से अपनी छाती और चुचूकों को रगड़ कर धो रहा था| उसका गीला जांघिया उसके तरबूज जैसे गोल चूतड़ों पर चिपक गया और उसकी गांड किसी कमसिन लड़की की तरह लग रही थी।

रामदयाल अब अपने दांत पीसता हुआ हवस में पागल हो चुका था| वो सोनू को चोदने के लिए गर्म हो चुका था| इसी जोश में वो अपने लंड को अपने पजामे के ऊपर से ही सहला रहा था।

जब उससे और कंट्रोल नहीं हुआ तो वो भी हौद के पास आ गया और सोनू से बोला, चिन्नू… गर्मी को देखते हुए आज मेरा भी हौद में नहाने का मन कर रहा है.. जरा एक तरफ हो जा| मैं भी नहा लेता हूं।

सोनू बोला, ठीक है मालिक!रामदयाल जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतारने लगा| वो 30-35 साल का.. 6 फीट लम्बा और तगड़े शरीर का इन्सान था।कमीज उतारते ही उसकी मर्दाना छाती नंगी हो गई| अगले ही पल उसने पजामे का नाड़ा भी खोल दिया और पजामा नीचे गिरा दिया|

तो उसके पहने हुए हल्के आसमानी रंग के अंडरवियर में उसका मोटा सा लंड लटका हुआ दिखने लगा| जिसकी टोपी पर हवस की लार लगी होने के कारण वहां से अंडरवियर गीला सा हो गया था।

वो बिना देर किए हौदी के पानी में उतर गया| सोनू भी एक तरफ खड़ा होकर नहा रहा था।अब रामदयाल अपना बदन रगड़ने लगा और ऐसा करते करते सोनू की तरफ मुंह करते हुए अपने अंडरवियर के ऊपर से ही लंड पर भी हाथ फिराने लगा|

हाय क्या चोदते हो उफ्फ्फ तौबाआह…- Antarvasna Sex Story

चटकीला लौंडा बना लंड का गुलाम - Gay Sex Story

जैसे लंड को भी नहला रहा हो।लेकिन सोनू उसकी इस हरकत पर ध्यान नहीं दे रहा था इसलिए उसकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया रामदयाल को नहीं मिल रही थी।2 मिनट तक ऐसे ही चलता रहा।अब सोनू ट्यूबवेल के नीचे सिर करता हुआ झुक गया और नहाने लगा|

ऐसी मुद्रा में सोनू के पीछे खड़े रामदयाल के अंडरवियर में उसका लंड सोनू की गांड से कुछ इंच की दूरी पर ही रह गया था| उसकी गांड पर गिर रहा पानी उसके जांघिया को थोड़ा नीचे सरका ले आया था जिससे सोनू के गोरे चूतड़ों की दरार दिखने लगी थी।

उसके चूतड़ों की दरार देखकर रामदयाल की हवस बेकाबू हो गई और उसने पीछे से सोनू की छाती में हाथ डालते हुए उसको ऊपर उठाकर अपनी मजबूत बाहों में जकड़ लिया और उसके चुचूकों को चुटकी में भींचने लगा।

सोनू एकदम से सहमा, क्या कर रहे हो मालिक?क्यों मेरी जान| क्या हुआ| थोड़ा मजा दे दे मुझे भी..मालिक आप ये क्या कर रहे हो?तुझे प्यार कर रहा हूं चिकने!नहीं| मैं ऐसा लड़का नही हूं| मुझे छोड़ दो मालिक!तो कैसा लड़का है तू ही बता दे?

मैं ये सब काम नहीं करता मालिक| मुझे जाने दो!अपने मालिक की बात नहीं मानेगा तू? कहकर रामदयाल और जोर से उसकी चूचियों को मसलने लगा।उसका लौड़ा अब तक पूरा तन कर उसकी गांड में घुसने को हो रहा था।सोनू कहने लगा, मुझे जाने दो मालिक!

 

नहीं मेरी जान| आज तो मैं अपने लंड की प्यास तेरी गांड से बुझाकर ही रहूंगा।रामदयाल पीछे से ही उसको दबोचे हुए उसके गालों को किस करने लगा| जिससे उसके गाल बिल्कुल लाल हो गए| वो उसकी चूचियों को मुट्ठियों में भरकर दबाए जा रहा था|

जिससे उसमें सेक्स भरता ही जा रहा था।अब सोनू को भी इस खेल में मज़ा आने लगा था।वो सोनू पर अपनी पकड़ मजबूत करते हुए उसको कच्ची कली की तरह नोंचे जा रहा था| कभी उसके गालों पर काटता| कभी उसकी गांड को मसल देता। सोनू को और मजा आ रहा था।

इसी चिपटा चिपटी में उसने सोनू का जांघिया नीचे हौदी में निकाल दिया| अब सोनू का जांघिया उसके घुटनों में फंसा हुआ पानी पर तैर रहा था और उसके गोरे गोरे चूतड़ नंगे हो चुके थे जिन पर रामदयाल के अंडरवियर में बना तंबू रगड़ खा रहा था।

रामदयाल ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया और उसका 7 इंच का लंड सीधा उसके चूतड़ों पर जा लगा| उसके नंगे चूतड़ों का स्पर्श पाकर उसका लंड और पागल हो गया और वो उसको बुरी तरह नोंचने लगा।अब उसने सोनू की गांड में उंगली डाल दी|

अंदर बाहर करने लगा।गांड में उंगली से सोनू को अच्छा लग रहा था| अब वो रामदयाल को पूरा सहयोग दे रहा था।रामदयाल को भी उसकी गांड में उंगली डालते हुए बहुत मजा आ रहा था.. वो उसकी गांड में उंगली अंदर बाहर करता रहा…अब उसने उंगली निकाली|

लंड की टोपी गांड पर लगा दी| उसको हौद की एक किनार पर झुका दिया और गांड में लंड को उतारने लगा।सोनू चीखा, हाय मालिक| मर गया बहुत दर्द हो रहा है!बस-बस हो गया मेरी जान बड़े ही प्यार से चोदूंगा तुझे| बस एक बार ही दर्द होगा| फिर तो तू मेरा गुलाम बन जाएगा!

कहकर उसने एक और जोर का धक्का मारा और पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया।सोनू कराह उठा, मर गया मालिक… आह.. जान निकल गई..बस-बस हो गया| मेरी जान…रामदयाल लंड डालने के बाद कुछ देर तक सोनू पर यूं ही झुका रहा|

उसके निप्पलों को चुटकी में दबाता रहा| फिर उसने धीर धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरु किया।सोनू को अभी भी दर्द हो रहा था लेकिन रामदयाल का मजा बढ़ता ही जा रहा था| वो उसकी गांड में लंड को पेलना शुरु हो चुका था|

उसके मुंह से आह… आह… आह… की लंबी-लंबी आहें निकल रही थीं।कुछ देर बाद सोनू का दर्द भी कम हो गया और वो भी रामदयाल का साथ देने लगा| अब सोनू ने खुद ही रामदयाल के हाथों को अपनी कमर पर कसवा दिया और गांड को चुदवाने लगा।

दोनों ही सिसकारियां लेने लगे, ईस्स… आह… ओह… मालिक.. मजा आ रहा है.. आह… आह.. अंदर डालते रहो हां.. मेरी जान.. आह… इस्स.. आह… आह… तुझे खूब चोदूंगा आज!

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आह…ओह…आह… हां मालिक| चोदते रहो बस| आह…आह..आह… आपका लंड लेने में बहुत मजा आ रहा है! चोदो मुझे… अपने लंड से ..आह.. आह…!दोनों ही इस समलिंगी सेक्स का आनन्द ले रहे थे और चुदाई में खोए हुए थे।

अब रामदयाल उठा और हौद की पटरी पर टांग फैलाकर बैठ गया| उसका लंड उसकी जांघों के बीच में टॉवर की तरह खड़ा हुआ था| उसने सोनू को अपने पास आने का इशारा किया।

सोनू पास आ गया और बिना कहे ही मालिक की बात समझ गया| और अपनी गांड की फाकों को चौड़ी करते हुए अपने मालिक के लंड पर बैठ गया और उछल उछल कर चुदने लगा।

फिर से दोनों सिसकारी लेने लगे आह.. आह.. मजा आ रहा है.. सोनू मेरी जान.. तू तो बिल्कुल रंडियों की तरह चुद रहा है..मुझे भी आपके लंड से बुहत मजा मिल रहा है मालिक.. आह.. आह.. मन करता है ऐसे ही चुदता रहूं आपसे..

 

कहते हुए वो रामदयाल के लंड पर उछल उछल कर चुद रहा था.. उसने अपने दोनों हाथ रामदयाल की दोनों जांघों पर टिकाए हुए थे और लंड को गांड में अंदर बाहर करवाते हुए आंखें बंद करके गांड चुदाई का आनन्द ले रहा था।

दीप राम भी उसकी कमर को कसकर पकड़े हुए उसे अपने लंड पर उछाल रहा था| जब उसका लंड का टोपा उसकी गर्म गांड में अंदर जाकर लग रहा था तो उसके आनंद की सीमा न रहती थी.. वो उसकी गांड को बुरी तरह चोद देना चाहता था।

कुछ देर बाद रामदयाल ने उसे उठने को कहा और फिर से हौद की पटरी की दीवार पर झुका दिया| झुकते ही लंड उसकी गांड में उतार दिया और दोगुनी स्पीड से उसकी गांड को चोदने लगा।अब सोनू की चीखें निकलने लगीं, आह आराम से मालिक.. दर्द हो रहा है।

लेकिन रामदयाल अपनी धुन में लगा हुआ उसकी गांड को बुरी तरह पेल रहा था| और उसके बालों को नोचता हुआ उसे घोड़ी बनाकर चोदे जा रहा था।रामदयाल की जांघें सोनू की गांड पर जाकर थप्प थप्प लग रही थीं

जिसके उसको चुदाई का और जोश चढ़ रहा था। वो उसके छेद को अपने मोटे लंड से पेल पल कर फाड़ने पर तुला हुआ था।दो मिनट बाद ही उसका बदन अकड़ने लगा और वो सोनू की गांड में पिचकारी मारने लगा और सारा वीर्य उसकी गांड में उड़ेल दिया।

सोनू की गांड फट चुकी थी और वो दर्द से कराह रहा था… रामदयाल उस पर निढाल होकर गिर पड़ा था।उस दिन के बाद सोनू अपने मालिक के लंड का गुलाम बन गया था| रामदयाल ने उस कली को चोद-चोदकर फूल बना दिया।

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