गर्लफ्रेंड की जुदाई में भाभी संग रजाई में (Sexy Bhabhi Sex Story)
मैं आपको अपनी एक कहानी सुनना चाहता हूं जो कि मेरे मकान के किराएदार भाभी की। भाभी का नाम आरती है वो 28 साल की है और उसके छोटे छोटे बच्चे भी हैं। जवान औरत से सेक्स करना और औरत को छोड़ना हर जवान लड़के का सपना होता है।
मेरा भी था किसी अलहद, मस्त, जवान औरत की गांड मारी जाए और उसकी चुत में ज़बान डाल कर उसका रस चखा जाए। औरत की भारी-भरी कासी उठान लिए ब्लाउज में कायदे दूध से भरी चुचियां (स्तन) हमेशा हिलते हुए मुझे अपनी ओर अकार्शित करती और मैं उनको दबने के सपनों में खो जातकी कब ब्लाउज के बटन खोल उन चुचियों को आजाद करूंगा, ब्लाउज के हुक खोल कर, ब्रा हटा कर, दोनो चुचियां (स्तन) अपने हाथों में ले दबूंगा। कब औरत के बूब्स, मेरे हाथ में आएंगे?
कब मैं भी उन निपल्स को मुह में लेकर चुसुगा ? भाभी भी मुझसे बहुत घुली-मिली पतली, कभी भी कोई कम होता तो उनका ये देवर हमेशा कम करने को तैयार रहता था।
एक दिन की बात है मैं रात को 11 बजे भाभी के घर खिड़की से देखा तो मेरी सांसे थम गई। भाभी पुरी नंगी हो पेट के बाल लेती थियार उनकी मस्त, मसाला गांड ऊपर की ओर थी। भइया उनकी पीठ पर सरसों के तेल से मसाज कर रहे हैं साथ-साथ वो उनके चुतार का मसाज कर रहे हैं। भाभी हल्के-हलके मुंह से अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह। कर रहिन थी। हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्। और जब भइया तेल लगाकर अपनी भाभी के चुतर फैला कर गांड में अंदर घुसा डालते तो भाभी कह उठती, “धीरे-धीरे डालो बाबा दर्द होता है।
भैया लुंगी पहनने अपने हाथों से उनके ऊपर जांगो पे बैठ कर दोनो चुटारो का मसाज कर रहे हैं। गंड की मालिश से भाभी बहुत खुश नजर ए राही थी.भाभी के उल्टा हो लेने से मैंने देखा, कि भैया हल्के से जाने दें कर पीछे से उनकी गांड में अपनी जबान भी लगा रहे थे |
वे, जिस से भाभी आआआह ऊ करती जाती फिर पीछे से ही भइया ने भाभी के चुतरोन को पहला जिस से उनकी चोट भी दो फंको में बट गए और चुत के गुलाबी छेद में उन्गली डाल वो अंदर-बहार करने लगे। भाभी को अजीब सा नशा चढ़ने लगा। वो माधोश होने लगी।
भैया धीरे से भाभी के गांड के नीचे ए गए और अपनी ज़बान से भाभी की चुत को गोद-गोद कर चटना शुरू किया इस से भाभी की सिसकियान और सांसे और गरम और तेज हो गई थी।
फिर भाभी अपनी पीठ के बल लेट गए और भैया ने उम्र वाले अपने की मालिश शुरू की। भाभी के दोनों टैंगो को फैला कर उनकी गोरी, मसल झंगों को रागद कर मालिश किया और अपने अंगो से चोट के दोनो सिंघारों का मसाज किया।
फिर खूब सारी ठूक डाल कर उनकी चुत तो लेप लगा दिया फिर अपनी ज़बान से चुत को रागद लाल कर उसके गुलाबी छेद में ज़बान अंदर-बहार करके, उन्गली से तेज से अंदर-बहार कर चुत को गीला कर छोड़ने का प्रोग्राम बनाया|
भइया बार-बार भाभी की चुत के ठीक बीच ऊपर उठी हल्की कली, घुंघराली झंटो को भी अपने मुह से होने में दबा कर नोचते जिस से भाभी को बहुत नशा चाहिए। झंटो के नीचे छूट की सुन्दरता देखते ही बनती थी।
बड़ा ही सुहावना सीन था जिसे देख मेरा लुंड तन कर कुतुब मीनार सा टाइट खड़ा हो गया था और चढ़ी में लुंड ने पानी भी छोड़ दिया था। मेरा लौड़ा भी खड़ा हो मन में भाभी को छोड़ने का हो गया। मैंने देखा भैया भाभी के सर की तरफ टैंगो को कर लेने दें और भाभी की चुत में ज़बान से खेल रहे हैं और भाभी भैया का 6 इंच लंबा और तीन अनगल मोटा लौड़ा पकड़ कर अपनी ज़बान से भैया के लुंड का गुलाबी हिंसा चाट रही थी|
थोड़ी देर में भाभी ने भैया का लौड़ा मुह में और शांति के साथ-साथ अंदर-बहार का मजा कर हमम ऊ ये कह हाथ से मजबूती से लंड पकड़ कर लुंड को पूरा कहदा कर दिया। अब भैया ने लंड को भाभी की छुट्टी कर अंदर डाला और लुंड खाप की आवाज़ के साथ नरम रेशम सी चिकनी चोट की मखमली गहरी में समा गया। अंदर-बहार लुंड चला भैया ने भाभी को जन्नत की सैर करवानी शुरू की।
फिर भाभी बोली अब गांड भी तो मारो। इतने सुनने पर भैया ने भाभी की छुट्टी से लुंड को निकल कर गंड के छेड़ पे लगा धक्का डाला। गंड की धुनाई कर भैया 3-4 मिनट में झड़ गए। उनके लुंड से गरम वीर्य का फुवरा देख मेरा भी लौड़ा भीग आया। पर क्या कर्ता डाबे पाव वापस वापस आकार सोना पड़। बड़ी मुश्किल से रात कटि। अब मैंने भी भाभी कि गांड मरने की सोची। कच्छ दिन बड़ा मौका मिल गया। एक दिन मैं अचानक भाभी के बेडरूम में घुसा।
भाभी नहीं कर तौलिया लपेट कर निकली थी। वो मुझे देख कर समझ तो गए की इस लड़के को मेरी छूट चाहिए पर मुस्कुरा कर बोली- “आज घर में कोई नहीं है, सब शादी में गए हैं, कल तक हम दोनों अकेले हैं इस घर में।
मैंने कहा – “जनता हूं, भाभी आप बहुत सुंदर हो।” “आज इतना टैरिफ क्यों?” भाभी ने मुस्कान कर कहा। “वो भाभी आज मेरे दिल की तमन्ना पुरी कर दो।” “क्या है तुम्हारी तम्मना?” भाभी के चेहरे पर एक कातिल हसीना वाली मुस्कान थी।
आपकी गांड मरनी है, सच भाभी इतनी खूबसूरत जवान, मदमस्त, भरी-फुली हुई सांचे में ढली गांड, मैंने आज तक नहीं देखी। इतनी मसल है तुम्हारी गांड, गोरी गोरी गांड के दर्शन करवा दो भाभी, तुम्हारी ख़ूबसूरती की कसम ज़िंदगी भर तुम्हारा गुलाम रहेगा,” ये कह मैं उनके तौलिये से लिपट गया, और उनको अपनी बहनों में उठा लिया।
भाभी को बहनों में भर, बाहो में उठाने से उनका तौलिया निकल कर जमीन पर गिरा। और वो ब्रा और पेंटी में एक गईन थी। हल्की गुलाबी ब्रा और पैंटी में वो बहुत ही मदक लग रही थी। वो मुस्कान उठी मैंने भी जल्दी से उनके होने को अपने होंटों में कैद किया और 3-4 मिनट तक होंट अपने होंटो में दबाये रखा।
ज़बान से ज़बान लड़ रही थी और ठूक का अदन प्रदान हो रहा था। मैं अनकहोंट चूस्ता वो मेरे। बहोत मिले वे उन्के हौसला अफजाई करते हैं। गुलाबी, मुलायम और गुलाब की पंखुड़ी की तरह। उनकी गॉड में ऊपर उठाये था उनकी दोनो गोरी जंघे मेरे कमर के इधर-उधर थी।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी मालिश करने लगा। भाभी की ब्रखोल उनकी दोनो बड़ी-बड़ी चुचियां पीने लगीं। निपल्स तो बहुत ही मीठे हैं। अपनी उंगली को चुटकी में लें, अपने निप्पल की मालिश करें और फिर उसे चूसें।
दोनो बूब्स की अच्छी तरह मर्दन किया जिस से उनकी चुचियां टाइट हो फूल कर बड़ी हो गई और फिर उनकी तोंदी को बबन से छत। भाभी, जो हिरन के मोती के गोरों को सूंघती थी। भाभी ने कहा, जल्दी से पैंटी उतारो और चैटिंग करके खुजली दूर करो।
मैं भी एक होनहार दीवार के साथ अपने जीवन की योजना बनाने लगा और बिना समय मिले अपनी जीभ से उनकी चुत को सिलने लगा। हेय्या यार, कितना मज़ा देते हो य्य्यी आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऊ उनको अपनी चुत की ख़ुजली और जलान शांत में बड़ा मज़ा मिल रहा था। मेरी जीभ भाभी के मुँह में और चल रहे हैं सावन के तारे।
थोड़ी देर मैंने उनके चुतर ऊपर किया गंड के नीचे एक तकिया रख दिया जिसे मैंने उनके गांड के ऊपर भी अपने प्यार का लेप लगा दिया। मैं चुत को अपने में दबाना फिर ज़बान बहार कर गंद के काले छेद पर भी ठुक लगा कर हल्के से ज़बान से गंद सहला देता जिस सेंकी जवानी को एक करंट लगता है।
अब मैं लंड को तैयार कर चुका था। मैंने भाभी को कहा टांगे फैला लो ताकि गांड में लंड डालने में असनी हो। जोर लगा कर धक्का दिया जिस से लंड गांड के अंदर एडमिट हो गया। बड़े मजा लेकर गांड मारी।
फ़िर मैं नीचे सीधा चलो गया और भाभी सामने की ओर मुह कर मेरे लंड पर अपनी गंड टीका बैठ गए। मैने उनकी गांड को फिर चीरना शुरू किया और पीछे से हाथ बढ़ा दोनो चुचियां दबाने लगा। नीचे गांड की धुनाई करता जाता है|
और पीछे से दोनों बूब्स की मलिश जिसे उन्हें आराम मिलता है। गांड के अंदर बहार करने से लुंड को एक अलग ही सुख मिल रहा था। साथ ही मैंने अपनी डोनो अनग्लियों को सामने चुत के गुलाबी छेड में अंदर डाल चुत की फक्किंग भी कि जिससे भाभी को दुगना मजा मिल सके और वो जन्नत की सैर का भरपुर आनंद ले सके।
थोड़ी देर मैंने लुंड को गांड से खींच लिया और भाभी के बूब्स पर सारा सदका (वीर्य) गिरा दिया। भाभी की गांड की सैर कर मैं उनका गुलाम बन गया, आज भी उनकी गांड मारने जाती हूं। कृपया मुझे कहानी के बारे में बताएं।