मोटी चाची के चूत, गांड में हमार लंड – bhojpuri sex story
bhojpuri sex story : दोस्तो, मेरा नाम अमन है| मैं पटना में रहता हूँ|मेरी उम्र 21 साल है| मैं दिखने में एवरेज लड़का हूँ| रंग सांवला है और शरीर से दुबला पतला हूँ|मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी तो मैं पॉर्न देख कर लंड हिलाता था|
मुझे हस्तमैथुन की आदत पड़ गई थी| मैं एक हफ्ते में 3,4 बार लंड हिलाता था|मेरे घर में मैं और मेरी मम्मी पापा रहते हैं|पापा एक प्राइवेट कम्पनी में जॉब करते हैं और मम्मी स्कूल टीचर हैं|
हमारे घर के दूसरी मंजिल को हमने रेंट पर दिया है| वहां एक बिहारी अंकल संजय कुमार और आंटी सरिता रहती हैं|अंकल भी कंपनी में जॉब करते हैं और आंटी हाउस वाइफ हैं|
आंटी की उम्र 42 की है, पर वे दिखने में32 साल की लगती हैं|उनके बड़ी बड़ी गांड … बड़े बड़े बूब्स ऐसे, जैसे फुटबॉल छाती पर रखकर घूमती हों|वे उम्र के हिसाब से कुछ अधिक मोटी हो गई हैं … लेकिन दिखने में मस्त हैं|
करीब एक साल पहले वो अंकल हमारे घर रहने आये थे|पहले कभी मैंने आंटी को गलत नजर से नहीं देखा था|वे हमारे घर में आती थीं … मम्मी से बातें करतीं … मुझसे भी बातें करतीं|
एक दिन दोपहर क़रीब एक बजे मैं कॉलेज से घर आया और खाना खाकर पढ़ाई करने लगा|कुछ देर बाद याद आया कि ऊपर कपड़े सुखाने डाले हैं, सूख गए होंगे तो मैं कपड़े उठाने ऊपर आ गया|
मैं जैसे ही कपड़े उतारने लगा, मुझे आंटी के बाथरूम से सिसकारी की आवाज आई|मैं धीरे से बाथरूम के पास गया और दरवाजे पर बने एक छेद मैं अन्दर देखने लगा|अन्दर का नजारा देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया|
अन्दर आंटी पूरी नंगी बैठी थीं|वे एक बैंगन को अपनी चूत में डालकर अन्दर बाहर कर रही थीं और आंखें बंद करके धीमी आवाज में सिसकरियां ले रही थीं|फिर अपनी चूत से बैंगन बाहर निकाल कर |
आंटी उसको मुँह से चाटतीं और वापस चूत में डाल लेतीं|मै उनको देख कर अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा|आंटी का बदन पानी से गीला था, बिखरे बाल और उनको पसीना भी आ रहा था|तो बड़ा ही कामुक दृश्य था|
आंटी का गोरा और मोटा पेट नीचे झूल रहा था इसलिए मुझे सिर्फ़ आंटी की झांट के बाल दिख रहे थे|उनकी बगलों पर भी बाल थे|कुछ देर बाद आंटी दीवार से लग कर लेट गईं और जोर जोर से बैंगन अन्दर बाहर करने लगीं|
अब उनकी काली चूत भी मुझे दिखने लगी थी|कुछ देर बाद ही आंटी का पानी निकलने लगा और एक हाथ से वो अपने रस को निकाल कर दूसरे हाथ पर लेने लगीं|फिर वे उस पानी को मुँह में डालकर पीने लगीं|
बाद में उन्होंने हथेली से पूरे चेहरे पर चूत का पानी लगा लिया|फिर उन्होंने अपनी चूत को धोकर साफ किया और नहाने लगीं|इतने में मेरा पानी निकलने लगा|जैसे ही मेरे वीर्य की एक बड़ी बूंद जमीन पर गिरी तो मेरे कदमों की हल्की सी आवाज आई|
आंटी की नज़र दरवाजे की तरफ गई| मुझे लगा कि उन्होंने छेद पर मुझे देख लिया है|मैं तुरंत डर कर नीचे आ गया|मैं थोड़ा डरा हुआ था|कहीं आंटी ने मुझे देख तो नहीं लिया?दिन भर मैं वही सोचता रहा|
शाम को आंटी हमारे घर आईं और मम्मी से बातें करने लगीं|मैं उन्हें बीच बीच में देख रहा था तो आंटी भी मेरी तरफ देख लेती थीं|मैंने महसूस किया कि आज आंटी मुझे अलग ही नजरों से देखने लगी थीं|
उस दिन से कुछ ऐसा हुआ कि आंटी बातों ही बातों में मुझे टच कर लेती थीं|ऐसे ही कुछ दिन गुजर गए|हमारे बीच सब अच्छा चल रहा था|अब मेरे मन में आंटी के लिए चुदाई की भावना उत्पन्न हुई |
मैं आंटी को अपनी कल्पनाओं में याद करके अपना लंड हिलाने लगा था|एक दिन मैं कॉलेज से आया और खाना खाकर टीवी देखने लगा|उसी समय आंटी नीचे आईं और मुझसे बोली, बेटा अमन , जरा ऊपर आना| एक काम है तुमसे|
मैं, जी ठीक है आंटी, चलिए|हम दोनों ऊपर गए|उनको बेड के अन्दर से कुछ सामान निकलवाना था तो मैंने बेड को ऊपर करके पकड़े रखा और आंटी ने अन्दर से एक बोरी निकाली|
मैं जाने वाला था तभी उन्होंने कहा, थोड़ा रुक जाओ, मैं चाय बना रही हूँ … पीकर जाना|तो मैं रुक गया|मैं सोफे पर बैठा था और आंटी किचन में गई थीं|तभी मेरी नज़र बेड पर तकिए पर गई|वहां साइड में एक लंबा बैंगन रखा था|
मैंने पास जाकर देखा तो बैंगन पर वैसलीन सी लगी हुई थी|तकिए की एक साइड में आंटी की चड्डी रखी दिखी|मैं समझ गया कि आंटी ने अभी चूत को शांत किया है और चड्डी भी नहीं पहनी है|
ये सब देख कर मेरा लंड टाइट हो गया|मैंने सोचा कि आंटी की चुदाई करने का यही अच्छा मौका है|मैं सोचने तो लगा था, पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी|तभी आंटी चाय लेकर आईं और हम दोनों चाय पीने लगे|
मेरे दिमाग में तो चुदाई का ख्याल चल रहा था| मेरा लंड टाइट हो गया| मेरी पैंट में टेंट बन गया था और मैं सोफे पर रखा कुशन को अपनी गोद में रख कर लौड़े को छुपाने लगा|
आंटी ने देख लिया था|मैं चुपचाप चाय पीने लगा|आंटी, क्या हुआ, इतने शांत क्यों बैठे हो?मैं, कुछ नहीं आंटी|आंटी, अच्छा एक बात बताओ, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं!मैंने शर्माते हुए कहा, नहीं नहीं आंटी … ऐसा कुछ नहीं है|
आंटी, तो मतलब तुमने अभी तक कुछ नहीं किया?मैं, क्या मतलब आंटी?आंटी, कुछ नहीं … वो हमारे बिहार में तुम्हारी उम्र के लड़कों के तो बच्चे तक पैदा हो जाते हैं|मैं शर्मा कर इधर उधर देख रहा था|
तभी आंटी ने मेरी जांघ पर हाथ रखा और बोलीं, उस दिन तुमने हमारे बाथरूम में क्या देखा?मैं अब थोड़ा डर गया, कुछ भी तो नहीं, कौन सी बात कर रही हैं आप?आंटी मेरी जांघ को हाथ से दबाकर बोलीं, अच्छा तुम्हें कुछ याद नहीं … बड़े भोले बनते हो!
इतना बोलते ही आंटी ने मेरे लंड को पकड़ा और बोलीं, ये क्यों खड़ा है?मैं इधर उधर देखने लगा| मुझे बहुत शर्म आ रही थी|तभी आंटी ने अपनी हाथों से मेरा चेहरा अपनी तरफ किया और मेरे होंठों के पास आकर किस करने लगीं|
आंटी मेरे होंठों को चूसने लगीं|और मैं सिर्फ़ आंख बन्द करके चुंबन का अहसास कर रहा था|आंटी, तुम भी करो ना … जैसे मैं कर रही हूँ|अब मैं भी उनके होंठों को चूसने लगा|हम दोनों कुछ मिनट तक किस करने में लगे रहे|
तभी आंटी मेरे गले को चूमने लगीं और एक हाथ से मेरी पैंट का बटन खोलने लगीं|उन्होंने पैंट को नीचे कर दिया|
फिर वे मेरी टी,शर्ट निकालने लगीं|अब मैं ऊपर से नंगा था और मेरी पैंट घुटनों तक नीचे थी|
मेरा लंड चड्डी में टेंट बना रहा था|आंटी मेरी छाती को चूमने लगीं और अपने होंठों से मेरे निप्पल को चूसने लगीं|फिर नीचे बैठ कर मेरी चड्डी नीचे कर दी|अब मेरा लंड आजाद हो गया था|
मेरा लम्बा काला लंड देख कर आंटी ने झट से उसे मुँह में भर लिया और चूसने लगीं|आंटी, आह क्या मस्त लंड है रे तेरा| इतना बड़ा तो तेरे अंकल का भी नहीं|उन्होंने लंड पर थूका और उसे फिर से मुँह में लिया|
आज पहली बार मेरा लंड कोई चूस रहा था|मैं अपनी आंख बन्द करके मजे ले रहा था| मुझे ऐसे लग रहा था, जैसे मैं स्वर्ग में हूँ|तभी आंटी ने मेरे हाथ पकड़ कर अपने मम्मों पर रख दिए और मैं दबाने लगा|
मेरा पानी निकलने वाला था; मैंने सिसकारी लेना शुरू किया तो आंटी जोर जोर से सर हिलाकर लंड चूसने लगी थीं|चप चप की आवाज़ आ रही थी|तभी मैंने उनके मुँह में अपना पानी छोड़ दिया और वो पीने लगीं|
आंटी ने लंड को चाट कर साफ कर दिया|मेरा लंड अब थोडा ढीला पड़ गया था|तभी आंटी मेरा हाथ पकड़ कर बेड की और ले गईं और अपनी नाईटी ऊपर करके लेट गईं, उन्होंने अपने पैर फैला दिए, मैं जैसा बोलूँ, वैसा करना|
मेरी चूत को ऊपर से चाटो|मैं झुक कर चाटने लगा|मुझे अजीब लग रहा था, पर मेरा पहली बार था तो मैं चाटने लगा|आंटी, आहा उह आह … चाट चूत में थूक और चाट|मैं वैसा ही करने लगा|
आंटी, ऊह आहा अमन आहा अमन चाट … चूत को फैलाकर अन्दर उंगली डाल और चाट!मैं चूत में उंगली करके चाटने लगा|
फिर मैंने उनकी चूत को फैलाया और जीभ अन्दर डालकर चाटने लगा|उनकी बड़ी सी चूत का छेद खुल गया था|
तभी उन्होंने तकिए के पास का बैंगन उठाया और मेरे हाथ में देकर कहा, ये डाल अन्दर … और चाटना चालू कर … आह उह!मैं वैसा ही करने लगा|उनकी चूत में बैंगन डाल कर जोर जोर से चूत चोदने लगा|
कुछ देर बाद आंटी बोलीं, जल्दी से तू मेरे मुँह की तरफ अपने पैर कर!मैंने उनकी तरफ पैर करके 69 की पोजीशन बना ली|आंटी ने मेरा लंड मुँह में भर लिया, वे लंड चूसने लगीं|थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड टाइट हो गया|
आंटी, आह आह अमन … अब डाल दे लंड अन्दर … रहा नहीं जाता|मैं उठा और अपनी पैंट और चड्डी पूरी निकाली और उनकी चूत के पास लंड लेकर आ गया|आंटी ने मेरा लंड छेद पर रखा और कमर को पकड़ कर कहा, अन्दर डाल दो|
चोदो मेरी चुत!मैंने लंड को उनकी चूत में डाला और चोदने लगा|आंटी, आहा अमन आह धीरे आह|आंटी ने मुझे अपने ऊपर को खींच लिया और मुँह पकड़ कर होंठों पर किस करने लगीं|
मैं जोर जोर से चोदने लगा| आंटी की नाईटी दिक्कत कर रही थी तो मैंने उसे ऊपर उठाया और सर की तरफ से निकालने लगा|
उन्होंने निकल जाने दी|मैं आंटी के ऊपर चढ़ा था और आंटी ने मेरी पीठ को पकड़ कर जकड़ रखा था|
आंटी के मोटे और गोरे बदन पर मैं पतला सा लड़का कबड्डी खेल रहा था|मैं अब धीरे धीरे धक्के दे रहा था और आंटी के बड़े बूब्स दबा रहा था|हम दोनों पसीने से भीग गए थे|आंटी, आहा उह आह चोद आहा थोड़ाजोर से पेल … उई आह|
मैं जोर जोर से चुदाई करने लगा|तभी आंटी की बॉडी में जैसे करंट सा दौड़ने लगा|वो ‘आह आह अमन आह …’ कीसिसकारियां लेती हुई कांपने लगी थीं|मुझे उन्होंने अपनी ताकतवर टांगों में एकदम से भींच लिया था |
तभी आंटी की चूत से उनका गाढ़ा पानी निकलने लगा|मुझे अपने लौड़े पर आग सी लगती महसूस हुई|वे निढाल हो गईं और मैं पूरे जोर से उन्हें चोदने लगा|पूरे रूम में पच पच की आवाज़ आ रही थी और आंटी सिसकारियां लेती हुई कांप रही थीं|
वे मेरा नाम ले रही थीं|तभी उन्होंने मुझे अपनी ऊपर से हटाया और लंड के पास आकर चूसने लगीं|फिर वे वापस लेट कर पैर ऊपर करके चोदने को कहने लगीं|मैं फिर से चोदने लगा|
मेरा एक हाथ आंटी की जांघों पर था और एक हाथ से उनके बूब्स दबाकर चूस रहा था, साथ ही अपनी क़मर हिलाकर आंटी को चोद रहा था|मैंने स्पीड बढ़ा दी और आंटी की चूत में ही झड़ गया|फिर लंड निकाल कर आंटी के मुँह के पास ले गया|
आंटी लंड को चूसने लगीं, उन्होंने लंड चाट कर साफ कर दिया|वे मुझे भी चूत चाटने को बोलीं|मैं चूत के पास गया और चाटने लगा|आंटी की चूत से पानी बह रहा था; चादर पर भी स्पर्म गिरा था|मैंने चूत चाट कर साफ की और हम दोनों किस करने लगे|
आंटी, मजा आया?मैं, बहुत मजा आया|आंटी, चलो बाथरूम में चलो| हम दोनों नहाते हैं|मैंने टॉवल लपेट ली और अब मैं आंटी के साथ बाथरूम में आ गया और नंगा हो गया|हमने नहाना शुरू किया|आंटी ने मेरे शरीर पर साबुन लगाया और मैंने उनके|
हम दोनों नहाने में मस्ती कर रहे थे|उन्होंने मेरे लंड पर साबुन लगाया और मैंने उनकी चूत पर| फिर एक दूसरे से चिपक कर नहाने लगे|मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया तो मैंने आंटी की चूत में पेल डाला|
साबुन लगा होने के कारण लंड पूरा अन्दर बाहर सटासट आ जा रहा था|तभी आंटी मूतने लगीं|मैं उन्हें चोदे जा रहा था|आंटी, आहा आहा … बस करो अब आहा!मैं, आंटी एक बार बस और!मैं जोर जोर से चोदने लगा|
मुझे आंटी ने नीचे बैठाया और लंड को चूत में डालकर ऊपर नीचे होने लगीं|उनकी पीठ मेरी तरफ थी|आंटी एक हाथ से अपने बूब्स दबा रही थीं और एक हाथ से मेरी जांघों को पकड़ कर झूला झूल रही थीं|
मैंने उनकी बड़ी गांड़ को फैलाया, तो उनकी गोरी गांड का काला छेद दिखने लगा|वो बहुत टाइट था|मेरे हाथ में साबुन लगा था, तो मैंने एक उंगली गांड में डाल दी|आंटी, आहा क्या कर रहा है| गांड में मत डाल!
मैं, आंटी बहुत मजा आया है, एक बार गांड भी मारने दो ना!आंटी, गांड में बहुत दर्द होता है, मगर मैं तेरे लिए हर दर्द सह लूंगी| पर अभी नहीं| तेरा पहली बार है| गांड में डालेगा तो तेरे लंड में जलन होगी, क्योंकि मेरी गांड टाइट है|
अभी कुछ दिन चूत को ही चोद|तभी मैं झड़ गया और आंटी मेरे ऊपर से उठ गईं|फिर 69 में होकर हम दोनों ने चूत और लंड को चूसकर साफ किया|मैं तभी आंटी के मुँह में मूतने लगा|आंटी ने मजे से मुँह खोला और मूत पीने लगीं|
उन्होंने लंड को पकड़ कर अपने चेहरे को भी गीला किया और मूत से नहाने लगीं|फिर हम दोनों ने पानी से नहाया और मैं कपड़े पहन कर नीचे आ गया|तब 3:30 बजे थे|मैं बहुत खुश था|फाइनल मुझे चूत चोदने मिल गई थी|
उस दिन के बाद जब भी मेरा मन करता, मैं आंटी को चोद लेता|आंटी ने मुझसे गांड भी मरवाई थी|पर आंटी भी बहुत चालू चीज थीं; ये मुझे उस रात को पता चला था|हुआ यूं कि एक दिन अंकल की नाइट शिफ्ट थी तो मैं खुश था|
मैंने सोचा था कि मम्मी पापा के सोने के बाद मैं ऊपर जाकर आंटी को चोदूंगा|रात के एक बजे तक मैं जागा रहा, फिर मुझे लगा अब मम्मी पापा सो रहे होंगे तो मैं उनके कमरे में बिना देखे ऊपर चला गया|
मैं आंटी को आवाज देने वाला था कि अन्दर से मुझे पच पच की आवाज़ आई|मैंने खिड़की की दरार से अन्दर देखा, तो पापा और आंटी पूरे नंगे थे|आंटी डॉगी स्टाइल में पापा से चुद रही थीं|
मेरे पापा आंटी को गाली दे देकर चोद रहे थे, साली रंडी … तेरी चूत की आग मैं बुझाऊंगा| तेरा पति गांडू है, जो तेरी प्यास नहीं बुझा पाता| उसकी भी गांड मारूंगा|पापा गांड पर थप्पड़ मार मार कर चोद रहे थे|
वे बाद में आंटी के मुँह में झड गए|मैं नीचे आकर सोने लगा|पर मुझे नींद नहीं आ रही थी|फिर पापा के नीचे आने की आवाज आई तो मैं थोड़ी देर बाद ऊपर गया|आंटी सो रही थीं|मैंने एक आवाज दी तो वो देखने लगीं|
बेटा हमरा के घोड़ी बना के खेत में चोद दिहलस – bhojpuri sex kahani
आंटी, तू इतनी रात को कैसे आया?मैं, मेरी नींद खुली थी और चोदने को मन किया, तो आ गया|आंटी, अभी नहीं, अभी मेरा मन नहीं है|मैं, प्लीज आंटी बस एक शॉट मारूंगा|आंटी मान गईं|मैं अन्दर गया, आंटी नाईटी उठा कर लेट गईं|
तो मैं बोल, आंटी ऐसे नहीं, डॉगी स्टाइल में लूँगा|आंटी डॉगी स्टाइल में हो गईं|उन्होंने चड्डी नहीं पहनी थी और चूत के ऊपर पापा का पानी लगा था|मैं, आंटी, आपकी चूत पर तो स्पर्म लगा है| आपने चुदाई की क्या?
आंटी,वो तेरी अंकल ड्यूटी जाते समय चोद कर गए थे|मैंने लंड डाला और चोदने लगा|मैं आंटी की गांड पर थप्पड़ मार कर चोद रहा था|जैसी पापा ने गालियां दी थीं, मैंने वो ही रिपीट कर दीं|
आंटी,अच्छा तुझे पता चल गया कि मैं तेरे पापा से चुदवाती हूँ|मैं,हां अभी कुछ देर पहले ही देखा था| कब से चुदवा रही हो?
आंटी,आज दूसरी बार था|मैं आंटी को चोदने लगा|क़रीब 10 मिनट बाद मेरा पानी निकला|
अब आंटी रात को पापा से चुदवाती हैं और दिन में मेरे से|पाठको,आपको यह सेक्सी बिहारी आंटी सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी, तो कमेंट्स में बताना|आप मुझे मेल भी कर सकते हैं|