हम रसोई में भतीजी के चोद देनी – bhojpuri sex kahani
bhojpuri sex kahani: प्रणाम दोस्तों , हमार नाम धीरज हैं, मेरी उम्र 25 साल है और मैं पटना का हूँ…|मेरी नोकरी लग गई और मुझे उसके लिए मुंबई जाना पड़ा, मुंबई में मेरे दूर का भाई संदीप रहेता था जो मेरे से 11 साल बड़ा था|
मैंने मुंबई जाने से पहेले ही उसे फ़ोन कर दिया था और वोह मुझे स्टेशन लेने भी आया था, जब तक कोई और इंतजाम ना हो मैंने उसी के घर रुकने का सोचा था| स्टेशन पर वोह अपनी लड़की पूजा के साथ आया था|
पूजा बहुत ही मांसल और सुंदर थी, उसका एक एक स्तन जैसे की ठांस ठांस कर कपड़ो में भरा हुआ था, मैंने उसे 10 साल पहेले जब वोह 10 साल की थी तब देखा था, तब वोह एक बच्ची थी |
अब बच्चे पैदा करने कको तैयार ! मेरा लंड उसे देख कर पहेली नजर में ही खड़ा हो गया|मुझे संदीप के घर ठहरे एक हफ्ता हो गया था, पूजा से मैंने आँखमिचोली कब से चालू कर दी थी |
वोह भी जब मुझे उपर मेरे कमरे में खाना देने आती या पानी का जग देने आती तो तिरछी नजरो से देखती थी| अक्सर शाम के वक्त मैं लंगोट की साइज़ के बरमूडा में ही होता था और उसके आते ही लंड बरमुडे का आकार ऊँचा कर देता था|
एक दिन हमारे बोस की बीवी की बर्थ-डे थी और ऑफिस का सभी स्टाफ पार्टी में जानेवाला था इसलिए बोस ने सभी को तैयार होने के लिए लंच के वक्त ही छोड़ दिया, मैं घर आ गया और देखा की संदीप और सरला भाभी दिखाई नहीं दे रहे थे…!
मैंने पूजा को तभी बरामदे पर अपने बाल झटकते देखा, वह अपनी नीली नाईटी पहने बाल को टुवाल से झटक रही थी और शायद अंदर ब्रा नहीं पहेनी हुई थी इसलिए उसके मांसल स्तन इधर उधर हो रहे थे, मेरा लंड उबलने लगा|
मैं कुछ कहूँ उसके पहले ही पूजा बोली, मम्मी डेडी शांतानु अंकल के वहाँ गए है और रात को लौटेंगे| मेरे दिमाग में पूजा की चुदाई की योजना तभी बनने लगी और मेरा लंड पेंट में करवटे लेने लगा|
मैं मनोमन पूजा की चूत को लेने की योजना सोचते हुए अपने रूम में जूते और कपडे निकाल रहा था, मैं अपने कपडे उतार अपनी चड्डी में खड़े हुए पूजा के बारे में ही सोच कर अपने लंड के उपर हाथ फेर रहा था, मेरा लंड मांसल हुआ पड़ा था |
हाथ फेरने से मजा आ रही थी| तभी रूम का दरवाजा धम से खुल गया और पूजा वहाँ पानी का ग्लास लिए खड़ी थी, मैं जैसे ही दरवाजे की तरफ पलटा मैंने देखा की पूजा की नजर मेरे खड़े हुए लंड पर ही थी, उसके मुहं से हंसी निकल गयी |
वह ग्लास मेज पे रख के निचे चली गई, पहेले तो मुझे लगा की वह डर गई लेकिन फिर मैंने सोचा की उसकी हंसी बहुत शरारती थी, मैंने अपना मोबाइल निकाला और बोस को फोन किया की मेरे भैया की तबियत ख़राब है
इसलिए उन्हें ले कर अस्पताल जा रहा हूँ, मुझे आज कुछ भी कर के पूजा की चूत में अपने मांसल लंड के झंडे गाड़ने थे…! मैं निचे आया और देखा की पूजा किचन में खाना गर्म कर रही थी मैं किचन में घुसा |
मैंने देखा की पूजा अब भी दांतों में मुस्कुरा रही थी, मैंने बेसिन में हाथ धोने के बहाने बिलकुल उससे सट के लंड उसकी गांड पर अड़ा दियां और हाथ धोए, पूजा ने पलट कर मेरी तरफ देंखा और मैं उसे स्मित दे रहा था, वह भी हंस पड़ी|
फिर क्या, अब तो सिग्नल मिल गया था मुझे, केवल सही पटरी पर चलना था बस| मैंने पूजा को कहा पूजा खाने में क्या बनाया है| पूजा बोली, भिंडी और रोटी, मैं हंसा और बोला मुझे कभी रोटी बनानी नहीं आई |
अब तो अच्छा रूम मिल गया तो खाना मुझे ही बनाना है कुछ दिनों में, पूजा बोली कोई बात नहीं मैं आपको सिखा दूंगी बाद में| मैंने कहा बाद में क्यूँ आज ही सिखा दो, में रोज रोज थोड़ी ऑफिस से जल्दी आता हूँ|
पूजा अभी भी होंठो को दबाये मुस्कान दे रही थी, वह हां या ना कहे उसके पहेले मैंने अपने शर्ट की बाएं चढ़ाई और मैं प्लेटफोर्म के पास जाके खड़ा हुआ, मैंने पूजा के हाथ से बेलन लिया और चोकी पर रोटी बेलने लगा, मुझे वैसे रोटी बनानी आती थी|
बस मैं पूजा को घास डाल रहा था| पूजा बोली ऐसे नहीं, लाओ मैं बताती हूँ, मैंने कहा मेरे हाथ यही रहेने दो और बताओ| पूजा ने बेलन के उपर रहे मेरे हाथ पर अपने हाथ रखे, उसके कंपन दे रहे हाथ उसकी जवानी में आई गरमावट के आसार दे रहे थे|
उसके बड़े चुंचे मेरे कमर से लड़ते थे और मेरा लंड इधर बोखलाता जा रहा था| उसने मुझे रोटी बेलवाई पर मैंने इस दौरान कितनी बार उसकी उँगलियाँ दबाई और उसे अपने इरादे इसके द्वारा स्पष्ट कियें|
पूजा ने ऊँगली हटाई नहीं और मैं समझा के वह भी लंड खाने को तैयार है| मैने कहा पूजा तूम आगे आओ, मैं देखता हूँ पीछे से|पूजा आगे आया गई और मैंने पीछे से बेलन को पकड़ा, मेरा तना हुआ लंड उसकी गांड से दूर था|
लेकिन मैं बिच बिच में बेलन घुमाने के बहाने अपने लंड को उसकी फेली गांड से टकरा देता था, मैंने देखा की पूजा की साँसे अब तेज हो चली थी और जब में लंड उसकी गांड से टकराता तब उसके होंठ कितनी बार दांतों के निचे जाते थे|
मैं एक कदम आगे बढ़ा औ मैंने अब लंड उसकी गांड पर टिका दिया बिना पीछे लिए, उसकी गांड से मेरा लंड बिलकुल मस्त टच हो रहा था क्यूंकि उसने शायद अंदर पेंटी नहीं डाली थी…! पूजा बोली, चलो खाना निकाल दूँ|
आपको…! मैंने कहा पूजा , आज मेरे कुछ और ही खाने की इच्छा है…|! पूजा हंस [पड़ी और बोली क्या खाओगे चाचा, मैंने कहा जो आप प्यार से खिला दे भिंडी के अलावा…पूजा फिर हंसी| मैंने अपना हाथ आगे किया |
उसकी कमर के उपर रख दिया, पूजा की आँखे बंध हुई और वह सिसकारी लगाने लगी| मेरे हाथ अब तेजी से चल रहे थे और मैंने उन्हें उपर लेकर पूजा के मांसल चुंचो को सहेलाना और दबाना चालू किया, पूजा मुझे पीछे धक्के दे रही थी |
यह जताना चाहती थी की उसे कुछ नहीं करना है अपर उसके स्तन के कड़े हुए निपल्स और उसकी बढ़ती साँसे उसकी गर्मी का बयान कर रही थी| मैंने अपने दोनों हाथ अब उसके चुन्चो पर रख दिए |
लंड भी उसकी गांड में कपड़ो के साथ ही घुसाने लगा| एकाद मिनिट लंड उसकी गांड पर लगाते ही पूजा भी अब बेबस हो गई और अपना हाथ पीछे कर के मेरे लंड को सहलाने लगी|
मैंने अब बिना वक्त गवाँए अपने कपडे उतारने शरू कियें, पूजा ने जैसे ही मेरे 8 इंच मांसल लंड को देखा वह ख़ुशी से झूम उठी और मेरे लंड को हाथ लगा कर खेलने लगी उसके कोमल हाथ में मेरा लंड मजे से खेलने लगा|
मैंने भी पूजा के कपड़े अब एक एक कर के दूर करने शरू कर दिए और उसके मांसल भरे हुए चुंचे मेरा लंड उठाने लगे, मैंने उसके चुन्चो को अपने दोनों हाथो में लेकर सहेलाना और दबाना शरू कर दियां, पूजा अब भी सिसकारियाँ ले रही थी|
थोड़ी देर में हम दोनों बिलकुल नग्न हो गए और मेरा लंड पूजा के भरपूर मांसल शरीर को देख और भी तन रहा था| मैंने पूजा को उठा के किचन के प्लेटफोर्म पर बिठा दियां और उसकी टांगे खोल दी उसकी बिना बाल वाली चूत मस्त सेक्सी लग रही थी|
मैंने धीमे धीमे उसके चूत के ऊपर हाथ फेरा और धीमे से एक ऊँगली अंदर सरका दी, अंदर इतना पानी निकला था की मेरी ऊँगली पूरी भीग गई, पूजा की चुदाई का ख़याल मेरे लंड को हिलाने लगा| मैंने धीमे से पूजा की नाभि पर जीभ लगाईं |
धीमे धीमे जीभ को निचे लाता गया और उसकी चूत के होंठो को अपनी जीभ से संतृप्तता देने लगा, पूजा मेरे बालो को नोंचने लगी और उसके मुहं से बहुत ही सिसकारियाँ निकलने लगी…ओह होऊ ओह आआह्ह्ह…आहा|
मैंने उसके मांसल चूत पर जीभ फेरना चालू ही रखा| दो मिनिट की चुसाई के बाद मैंने जीभ निकाली और पूजा को निचे बैठाया और उसके मुहं में अपना मांसल लंड दे दिया, पूजा केन्डी खा रही हो वैसे लंड को चूसने लगी|
मेरा लंड मैं उसके गले तक घुसाने की कोशिश कर रहा था पर लंड के मांसल होने की वजह से वह अंदर तक जा नहीं रहा था|पूजा और मैं दोनों अब ओरल सेक्स से संतृप्त होने लगे थे और अब हम दोनों को भी सही देसी चुदाई का मजा लेना था|
मैंने पूजा को वही प्लेटफोर्म पर लेटाया और उसकी टांगे निचे रखी, पूजा की मांसल चूत मेरे लंड के पास ही पड़ी थी| मैंने एक झटका दियां और इस सेक्सी योनी में अपना लंड पूरी तरह घुसेड दिया, पूजा के मुहं से चीख निकल पड़ी||
बड़का गांड वाली भउजाई ने चुदाई के मज़ा देले – bhojpuri bhabhi ki chudai
ओह मम्मी मार डाला…|मैंने अपना हाथ उसके मुहं पर रख दिया और लंड को बिना हिलाए उसकी चूत में ही रहेने दिया| एकाद मिनिट के बाद उसकी चूत एडजस्ट हो गई और मैंने धीमे धीमे पूजा की चुदाई चालू कर दी|
पूजा भी अब लंड से एन्जॉय करने लगी थी और उसने भी अपनी बड़ी गांड उठा उठा के मुझ से चुदवाना चालू कर दिया| वोह अपनी गांड आगे पीछे कर के मांसल लंड को पूरा अन्दर लेने लगी मैंने भी उसके चुंचे, गर्दन, कंधे और पेट पर किस देते हुए
उसकी चुदाई 10 मिनिट तक चालू रखी| पूजा की चूत अब झाग निकालने लगी थी और यह झाग मेरे लंड के उपर आ रहा था, पूजा ने मुझे कस के पकड़ा और मैं समझ गया ककी वह झड चुकी है|
मैंने अब अपने झटके और भी तेज कर दिए और उसकी मस्त चुदाई जारी रखी, 2 मिनिट के बाद मेरे लंड ने भी पानी निकाल दिया और हम दोनों वहीँ प्लेटफोर्म पर चिपक के पड़े रहे…|!!!
फिर तो यह चुदाई का सिलसिला एक साल तक जारी रहा…मैंने वही उनके घर के करीब एक रूम रख ली ताकि पूजा वहा आ जा सके||कभी कभी उसके मम्मी डेडी घर ना होने पर मैं उसके घर जा के भी उसकी चुदाई कर देता था……!!!