भउजाई मासूम जवान देवर के चोदना सिखवले – Bhojpuri xxx
Bhojpuri xxx: प्रणाम मित्र लोग, ई कहानी उस समय तक मेरे लण्ड पर बाल उग आए थे। मैं अक्सर रात को अपने बिस्तर पर नंगा लेट कर अपने लण्ड के बालों को सहलाया करता था एवं अपने लण्ड को खड़ा कर उसे सहलाता रहता था।
एक रात मैं अपने लण्ड को सहला रहा था। उसमे मुझे बहुत आनंद आ रहा था।अचानक मैंने जोर जोर से अपने लण्ड को अपने हाथ से रगड़ना शुरू किया। मुझे ऐसा करना बहुत अच्छा लग रहा था। अचानक मेरे लण्ड से मेरा माल निकलने लगा।
उत्तेजना से मेरी आँखे बंद हो गई। ५-६ मिनट तक मुझे होश ही नहीं रहा। ये मेरा पहला मुठ था।इसके पहले मुझे इसका कोई अनुभव नहीं था। मैंने बाथरूम में जा कर अपने लण्ड को धोया और बिस्तर पे आया तो मुझे गहरी नींद आ गई।
अगली सुबह मैं अपने कमरे से बाहर निकला तो देखा कि भइया अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहे हैं। उनकी शादी हुए २ साल हो गए थे।भाभी मेरे साथ बहुत ही घुली मिली थी। मैं अपनी हर प्रोब्लम उनको बताया करता था।
मेरे माता-पिता भी हमारे साथ ही रहते थे। थोड़ी देर में भईया अपने ऑफिस चले गए। पिता जी को कचहरी में काम था इस लिए वो १० बजे चले गए।मेरे पड़ोस में एक पूजा का कार्यक्रम था सो माँ भी वहां चली गई।
मैंने देखा कि घर में मेरे और भाभी के अलावा कोई नहीं है। मैं भाभी के कमरे में गया। भाभी अपने बिस्तर पर लेटी हुई थी। मैं उनके बगल में जा कर लेट गया। मेरे लिए ये कोई नई बात नहीं थी।
भाभी को इसमें कोई गुस्सा नहीं होता था। भाभी ने करवट बदल कर मेरी कमर के ऊपर अपना पैर रख कर अपना बदन का भार मुझे पे डाल दिया और कहा,क्या बात है राजा जो आप कुछ परेशान लग रहे हैं?
भाभी अक्सर मेरे साथ ऐसा करती थी।मैंने कहा,भाभी कल रात को कुछ गजब हो गया, आज तक मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ था।भाभी ने पूछा,क्या हुआ?मैंने कहा,कल रात को मेरे लण्ड से कुछ सफ़ेद सफ़ेद निकल गया|
मुझे लगता है कि मुझे डाक्टर के पास जाना होगा।भाभी ने मुस्कुरा के पूछा,अपने आप निकल गया?मैंने कहा,नहीं ! मैं अपने लण्ड को सहला रहा था तभी ऐसा हुआ।भाभी ने कहा,राजा बाबू ! अब आप जवान हो गए हो|
ये सब तो होगा ही ! लगता है कि मुझे देखना होगा।भाभी ने अपना हाथ मेरे लण्ड के ऊपर रख दिया तथा धीरे धीरे इसे दबाने लगी। इससे मेरे लण्ड खड़ा होने लगा।भाभी बोली,जरा दिखाइए तो सही !
मैं कुछ नहीं बोला। मैंने धीरे से अपने पैन्ट का बटन खोल दिया। भाभी ने मेरे पैन्ट को नीचे की ओर खींचा और उसे पूरी तरह उतार दिया। अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था।भाभी अंडरवियर के ऊपर से ही मेरा लण्ड को सहला रही थी|
बोली,क्या इसी से कल रात को सफ़ेद सफ़ेद निकला था?मैंने कहा,हाँ !भाभी ने कहा,अंडरवियर खोलिए !मैंने कहा,क्या भाभी जी ! आपके सामने मैं अपना अंडरवियर कैसे खोल सकता हूँ?
भाभी बोली,अरे जब आप मेरे को अपनी पूरी समस्या नहीं बतायेंगे तो मैं कैसी जानूंगी कि आपको क्या हुआ है? और मुझे क्या शरमाना? अपनों से कोई शरमाता है भला? जब आपके भइया को मेरे सामने अपने कपड़े खोलने में कोई शर्म नहीं है
तो फिर आप क्यों शरमाते हैं?मैं इस से पहले कि कुछ बोलता भाभी ने मेरा अंडरवियर पकड़ कर अचानक नीच खींच लिया। मेरा लण्ड तन के खड़ा हो गया।भाभी ने मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ लिया और कहा,अरे राजा बाबू !
आप तो बहुत जवान हो गए हैं।भाभी मेरे लण्ड को पकड़ कर सहला रही थी। मेरे लण्ड से थोड़ा थोड़ा पानी निकलने लगा। अचानक भाभी मेरे को जकड़ कर नीचे की तरफ़ घूम गई। इस से मैं भाभी के शरीर पर चढ़ गया।
भाभी का शरीर बहुत ही मखमली था। भाभी ने मुझसे कहा ,मुझे चोदियेगा?मैं कहा,मैं नहीं जानता।भाभी ने मेरे शरीर को पकड़ लिया और कहा,मैं सीखा देती हूँ, मेरा ब्लाउज खोलिए।
मैंने भाभी का ब्लाउज खोल दिया। भाभी का चूची एकदम सफ़ेद सफ़ेद दिख रहा था। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि भाभी का चूची इतना सफ़ेद होगा। मैं भाभी के चूची को ब्रा के ऊपर से ही सहलाने लगा।भाभी ने कहा,ब्रा तो खोलिए तब ना मज़ा आएगा।
मैंने भाभी का ब्रा भी खोल दिया। अब भाभी की समूची चूचियाँ मेरे सामने तनी हुई खड़ी थी। मैंने दोनों हाथो से भाभी की चूचियों को पकड़ लिया और कहा,क्या मस्त चूचियाँ है आपकी भाभी?मैं भाभी के चुचियों को धीरे धीरे दबा रहा था ।
अचानक भाभी ने कहा,मेरी साड़ी खोलिए ना ! तब और भी मज़ा आएगा।मैंने एक हाथ से भाभी की साड़ी को खोल दिया। भाभी अब सिर्फ़ पेटीकोट में थी। फ़िर मैंने भाभी को कहा,क्या पेटीकोट भी खोल दूँ?भाभी बोली ,हाँ।
मैंने बैठ कर भाभी के पेटीकोट का नाड़ा खोला और झट से उतार फेंका। अब मेरे सामने जो नजारा था, मैं उसकी कल्पना सपने में भी नहीं कर सकता था। भाभी की बुर एकदम सफ़ेद सी थी। उस पर घने घने बाल भी थे।
मैं भाभी की बुर को देख रहा था। कितनी बड़ी बुर थी। बुर के अन्दर लाल लाल छेद दिख रहा था।मैंने भाभी को कहा,आपके भी बाल होते हैं?भाभी सिर्फ़ मुस्कुराई। भाभी बोली , छू कर तो देखिये।
मैं भाभी की बुर को धीरे धीरे छूने लगा। भाभी की बुर के बाल एक तरफ़ कर के मैं उसे फैला के देखने की कोशिश करने लगा कि इसका छेद कितना बड़ा है। मुझे उसके अन्दर छेद तो नजर आ रहा था |
भाभी से ही मैंने पुछा,भाभी ये छेद कितना बड़ा है?भाभी ने कहा,ऊँगली डाल के देखिये न?मैंने बुर में ऊँगली डाल दी। मैं अपनी ऊँगली को भाभी के बुर में चारों तरफ़ घुमाने लगा। बहुत बड़ी थी भाभी की बुर।
मैं बुर से ऊँगली निकाल के भाभी के शरीर पर लेट गया। भाभी ने अपने दोनों पैर को ऊपर उठा के मेरे ऊपर से घुमा के मुझे लपेट लिया। मैंने भाभी के शरीर को जोर से पकड़ लिया।मेरी साँसे बहुत तेज़ हो गई थी।
मेरी पूरी छाती भाभी की चूचियों से रगड़ खा रही थी। भाभी ने मेरे सर को पकड़ के अपने तरफ़ खींचा और अपने होंठों को मेरे होंठों से लगा दिया। मैं भी समझ गया कि मुझे क्या करना है? मैं काफी देर तक भाभी के होठो को चूमता रहा।
चूमते चूमते मेरे शरीर में उत्तेजना भरती गई। मैं भाभी के होंठ छोड़ कर कुछ नीचे आया और भाभी की चूची को मुँह में ले कर काफ़ी देर तक चूसता रहा। भाभी सिर्फ़ गर्म साँसें फेंक रही थी। फिर भाभी अचानक बैठ गई |
मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया।मैं लेट कर भाभी का तमाशा देख रहा था। भाभी ने मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाना शुरू किया। वो मेरे लण्ड के सुपाड़े को ऊपर नीचे कर रही थी। मैं पागल हुआ जा रहा था।
भाभी ने अचानक मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। मेरा पूरा लण्ड मुंह में घुसा लिया। मैं एकदम से उत्तेजित हो गया।मैंने भाभी को कहा,भाभी प्लीज ऐसा मत कीजिये !लेकिन भाभी नहीं मानी।
वो मेरे लण्ड को अपने मुंह में पूरा घुसा कर मज़े से चूस रही थी। अचानक मेरे लण्ड से माल निकलने लग गया। मेरी आँखें बंद हो गई। मैं छटपटा गया। मेरा सारा माल भाभी के मुंह में गिर रहा था लेकिन भाभी ने मेरे लण्ड को अपने मुंह से नहीं निकाला।
मेरा सारा माल भाभी पी गई।२-३ मिनट के बाद मुझे होश आया। देखा भाभी मेरे शरीर पर लेटी हुआ है और मेरे होठों को चूम रही है। भाभी बोली,अरे वाह राजा जी ! अभी तो खेल बांकी है। अब जरा मुझे चोदिये तो सही।
मैं बोला,क्या अभी भी कुछ बांकी है? अब क्या करना है मुझे?भाभी बोली,आप क्या करना चाहते हैं?मैं बोला,जिस तरह से आपने मेरे लण्ड को चूसा उसी तरह से मैं भी आपके बुर को चूसना चाहता हूँ।
भाभी ने बिस्तर पे लेट कर अपनी दोनों टांगें अगल-बगल फैला दी। अब मुझे भाभी की बुर की एक एक चीज साफ़ साफ़ दिख रही थी। मैंने नीचे झुक कर भाभी के बुर में अपना मुँह लगा दिया। पहले तो बुर के बालों को ही अपने मुंह से खींचता रहा।
फ़िर एक बार बुर के छेद पर अपने होंठ रख कर उसका स्वाद लिया।बड़ा ही मज़ा आया। मैं और जोर से भाभी के बुर को चूसने लगा। चूसते चूसते अपनी जीभ को भाभी के बुर के छेद के अन्दर भी घुसा दिया।
भाभी को देखा तो वो अपनी आँख बंद कर के यूँ कर रही थी जैसे कि कोई दर्द हो रहा है।तभी भाभी की बुर से हल्का हल्का पानी के तरह कुछ निकलने लगा। मैंने उसका स्वाद लिया तो मुझे कुछ नमकीन सा लगा।
थोड़ी ही देर में मेरा लण्ड तन के खड़ा हो गया था। मैं भाभी के होठ को चूमने के लिए जब उनके ऊपर चढ़ा तो मेरा लण्ड उनकी बुर से सट गया।भाभी ने मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ लिया और कहा,राजा जी अब मुझे चोदिये न !
मैंने कहा,अभी भी कुछ बाकी रह गया है क्या?भाभी धीमे से मुस्कुराई और कहा,अभी तो असली मज़ा बाकी है !मैंने कहा,आप ही बताइए कि मैं क्या करुँ?भाभी बोली,अब आप अपने लण्ड को मेरी बुर में डालिए।
मैंने कहा,इतना बड़ा लण्ड आपकी बुर के इतने छोटे से छेद में कैसे घुसेगा? भाभी बोली,आप डालिए तो सही !भाभी ने अपने दोनों पैरों को और फैलाया। और मेरे लण्ड को पकड़ के अपने बुर के छेद के पास ले आई और बोली,घुसाइए !
मैंने संदेहपूर्वक अपने लण्ड को उनकी बुर के छेद में घुसाना शुरू किया। ये क्याऽऽऽ? मेरा सारा का सारा लण्ड उनकी बुर में घुस गया। मुझे बहुत ही मज़ा आया। भाभी को देखा तो उनके मुंह से सिसकारी निकल रही थी।
मैंने झट से अपने लण्ड को उनकी बुर से बाहर निकाल लिया। भाभी ने कहा,यह क्या किया?मैंने कहा,आपको दर्द हो रहा था ना?वो बोली,धत ! आपके भइया तो रोज़ मुझे ऐसा करते हैं, इसमें दर्द थोड़े ही होता है, इसमें तो मज़ा आता है ! चलिए ! डालिए फ़िर से अपना लण्ड मेरी बुर के छेद में।
मैं इस बार अपने लण्ड को अपने आप से ही पकड़ कर भाभी के बुर के छेद के पास ले गया और पूरा का पूरा लण्ड उनकी बुर में घुसा दिया। भाभी के मुंह से एक बार फ़िर सिसकारी निकली। मैं उनकी बुर में अपना लण्ड डाले हुए १ मिनट तक पड़ा रहा।
मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि अब क्या करना है। मैं अपने दोनों हाथो से भाभी के चुचियों से खेलने लगा।भाभी बोली,खेल शुरू कीजिये ना।मैं बोला,अब क्या करना है?भाभी बोली,चोदना शुरू कीजिये ना !
मैं बोला,अभी भी कुछ बाकी है? अब क्या करुँ?भाभी बोली,मेरे बुध्धू राजा बाबू ! अपने लण्ड को धीरे धीरे मेरी बुर में ही आगे पीछे कीजिये।मैं बोला,मैं समझा नहीं।
भाभी बोली,अपनी कमर को आगे पीछे कर के अपने लण्ड को मेरी बुर में आगे पीछे कीजिये।मैंने ऐसा ही किया। अपने कमर को आगे पीछे कर के लण्ड को भाभी के बुर में अन्दर बाहर करने लगा। भाभी का शरीर ऐंठने लगा।
मैं बोला,निकाल लूँ क्या भाभी?भाभी बोली , नही ! और जोर से चोदिये।मैंने भाभी की कमर को अपने हाथ से पकड़ लिया और अपने लण्ड को उनकी बुर में आगे पीछे करने लगा। मुझे अब इसमें काफ़ी मजा आ रहा था।
मेरा लण्ड उनकी बुर से रगड़ा रहा था। मैं पागल सा होने लगा। ५ मिनट तक करने के बाद देखा कि भाभी की बुर से पानी निकल रहा था। भाभी अब निढाल सी हो रही थी। मैंने भाभी के शरीर पर लेट कर उनकी चुदाई जारी रखी।
भाभी बोली,जल्दी जल्दी कीजिये राजा जी !मैं बोला,कितनी देर तक और करुँ?वो बोली,मेरा तो माल निकल गया है, आपका माल जब तक नहीं निकलता तब तक करते रहिये।
मैंने और जोर जोर से उनको चोदना जारी कर दिया। उनका सारा शरीर मेरे चुदाई के हिसाब से आगे पीछे हो रहा था। उनकी चूचियां भी जोर जोर से हिल हिल कर ऊपर नीचे हो रही थी। मुझे ये सब देखने में बहुत मज़ा आ रहा था।
सोच रहा था कि ये चुदाई का खेल कभी ख़तम ना हो।तभी मुझे लगा कि मेरे लण्ड से माल निकलने वाला है। मैं भाभी को बोला,भाभी मेरा लण्ड से माल निकलने वाला है।भाभी बोली,लण्ड को बुर से बाहर मत निकालिएगा।
सब माल बुर में ही गिरने दीजियेगा।मैंने उनको चोदना जारी रखा। १५-२० धक्के के बाद मेरे लण्ड से माल निकलना शुरू हो गया। मेरी आँख जोर से बंद हो गई। मैंने अपने लण्ड को पूरी ताकत के साथ भाभी की बुर में धकेलते हुए|
उनके शरीर को कस के पकड़ के उनको लिपट कर उनके ही शरीर पर गिर गया, बोला,भाभी, फ़िर माल निकल रहा है।भाभी ने मुझे कस के पकड़ के मेरे कमर को पीछे से पकड़ कर अपने तरफ़ नीचे की ओर खींचने लगी।
२ मिनट तक मुझे कुछ होश नहीं रहा। आँख खुली तो देखा मैं अभी भी भाभी के नंगे शरीर पे पड़ा हूँ। भाभी मेरे पीठ को सहला रही थी। मेरे लण्ड से सारा माल निकल के भाभी के बुर में समां चुका था। मेरा लण्ड अभी भी उनके बुर में ही था।
हलवाई लोग एक संगे मम्मी के चोद लेले – bhojpuri xxx
मैं उनके चूची पर अपने सीने के दवाब को बढ़ते हुए कहा,क्या इसी को चुदाई कहते हैं?भाभी बोली, हाँ, कैसा लगा?मैंने कहा,बहुत मज़ा आता है ! क्या भईया आपको ऐसे ही करते हैं?वो बोली,हाँ, लगभग हर रात को !
मैं कहा,क्या अब मुझे आप चोदने नहीं दोगी?वो बोली,क्यों नहीं? रात को भइया की पारी और दिन में तुम्हारी पारी।मैंने कहा,ठीक है।भाभी बोली,जब तुम्हें मौका नहीं मिले अपने हाथ से ही लण्ड को सहला लेना और माल निकाल लेना।
मैंने कहा,ठीक है। उसके बाद मैंने अपना लण्ड को उनकी बुर से निकाला। भाभी ने उसे अपने हाथ में लिया और कहा कि रोज़ इसमें तेल लगाया कीजिये। इस से ये और भी बड़ा और मोटा होगा।
भाभी के बुर को मैं फ़िर से सहलाते हुए पुछा,मुझे नहीं पता था कि इस के अन्दर इतना बड़ा छेद होता है।भाभी बोली,सुनिए, कल आप अपने लण्ड के बाल को शेव कर लीजियेगा। मैं भी आज रात को शेव कर लूंगी।
तब कल फिर आपको चोदने के और भी तरीके बताऊँगी। और हाँ ! यह बात किसी को बताइयेगा नहीं। इसके बाद भाभी ने मुझसे और भी कई तरीकों से अपनी चुदवाई कराई। आज तक किसी को इस बात का नहीं चला।