निहुरा के बड़ी बहिन के बुर चोदाई – bhojpuri sex story
bhojpuri sex story : हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम सूरज है और यह मेरी पहली सेक्स कहानी है| मेरी उम्र 21 साल है|यह कहानी मेरी बुआ की बेटी कजिन सिस्टर की है|उनका नाम सोनी है और उनकी उम्र 23 साल है|
वैसे तो मुझे पक्का नहीं पता … लेकिन बाकी लड़कियों की तुलना में वे बहुत ही कामुक और भरे बदन की मालकिन हैं|उनका फिगर 34-30-36 से कम का तो हो ही नहीं सकता है|वे अभी पढ़ाई कर रही हैं इसलिए उन्होंने शादी नहीं की|
मैं उन्हें दीदी कह कर बुलाता हूँ|यह भाई बहन घर सेक्स कहानी तब की है जब दीदी स्कूल की छुट्टियों में हमारे घर घूमने आया करती थीं|उस वक्त हमारे घर में दो ही कमरे थे|एक में मम्मी पापा और एक में मैं रहता था|
एक रूम ऊपर था और एक नीचे था|मम्मी पापा को सीढ़ी चढ़ने में दिक्कत न हो, इसलिए मैं ही ऊपर वाले कमरे में रहता था|जब कभी दीदी घर आतीं, वह मेरे कमरे में ही रहती थीं|
मैंने कभी दीदी के बारे में ऐसा नहीं सोचा था कि मैं उनके साथ सेक्स करूँगा|हालांकि वे खुले विचारों की थीं और मुझसे काफी हंसी मज़ाक किया करती थीं|वे मुझसे अपनी ज्यादातर बातें साझा करती थीं और मेरे साथ इतनी ज्यादा सहज थीं|
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कि कई बार तो मेरे सामने ही कपड़े चेंज कर लेती थीं|मेरे ख्याल से शायद उन्होंने भी मेरे साथ सेक्स के बारे में नहीं सोचा होगा|एक बार की बात है|उस वक्त मेरे दादाजी की तबीयत खराब हो गयी थी तो मम्मी पापा को गांव जाना पड़ा था|
उन्होंने दीदी और मुझे घर पर ही रहने को कहा और चले गए|अब मम्मी पापा घर नहीं थे तो हमारा भी मन नहीं लग रहा था|
हम लोग टीवी देखने लगे|काफी देर तक यूं ही टाइम पास करते रहे|
टीवी पर हॉलीवुड मूवी चल रही थी और अचानक उसमें एक बोल्ड सीन आ गया|उसके बाद नायक नायिका में किस होने लगी|वैसे तो मम्मी पापा के रहते हम ये सब नहीं देख सकते थे, पर आज तो कोई रोक-टोक थी ही नहीं|
यह सब देख कर दीदी को उनके बॉयफ्रेंड की याद आ रही थी|उन्होंने बाहर जाकर अपने बॉयफ्रेंड को कॉल किया और बातें करने लगीं|मैं आराम से टीवी देखता रहा|दीदी काफी देर तक बात करती रहीं|रात के दस बज चुके थे|
फिर दीदी अन्दर आ गईं|अब मुझे भी नींद आ रही थी|मैंने दीदी से कहा,मैं सोने जा रहा हूँ|दीदी ने हां में सिर हिला दिया|मैं ऊपर जाने लगा|तभी दीदी ने आवाज लगाई,रुक, मैं भी चल रही हूँ|फिर हम दोनों रूम में आ गए|
मैं सोने लगा और दीदी फोन चला रही थीं|रात के करीब 2 बजे मुझे अचानक आवाज सुनाई दी|यह दीदी के फोन की आवाज थी|मुझे समझ आ गया कि दीदी पोर्न मूवी देख रही हैं|
मेरी नींद तो उड़ ही गयी थी लेकिन मैं उठा नहीं और लेटे लेटे ही आह आह वाली आवाजें सुनने लगा|मैं कान खड़े करके अंदाज लगा रहा था कि क्या चल रहा होगा|मेरी पीठ दीदी की तरफ थी तो मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था|
कुछ देर ध्यान से सुना तो समझ आ गया कि यह आवाज मोबाइल से नहीं आ रही है बल्कि दीदी की आवाज है|दीदी शायद चूत में उंगली कर रही थीं क्योंकि मुझे उनकी गीली चूत की चप चप की आवाज साफ सुनाई दे रही थी|
मैं लेटा रहा|अब मेरा लंड भी अब फुंफकार मार रहा था|लेकिन मैं हिल भी नहीं सकता था क्योंकि हिलने से दीदी को पता चल जाता कि मैं जाग रहा हूँ|काफी देर तक यूं ही पड़ा रहने के बाद कब मुझे नींद आ गयी, कुछ पता ही नहीं चला|
सुबह जब उठा तो देखा दीदी उठ चुकी थीं और काम कर रही थीं|पर अब मेरे दिमाग में वही बात घूमने लगी कि रात को दीदी पोर्न देख कर चूत में उंगली कर रही थीं|मेरा लंड बिस्तर में ही फुंफकार मार रहा था|
मैं तुरंत बाथरूम में गया और दीदी के नाम की मुट्ठी मारने लगा|कुछ देर में ही मैं झड़ गया और मेरे लंड से ढेर सारा माल निकला|तभी दीदी ने चाय के लिए आवाज लगाई|मैं फ्रेश होकर बाहर चला गया और चाय पीने लगा|
दीदी बाथरूम में नहाने चली गईं|थोड़ी देर बाद दीदी की जोर से आवाज आई,सूरज इधर आ!मैं गया तो देखा कि दीदी टॉवल बांधकर खड़ी हैं|मुझे तो अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इतनी जल्दी मेरा सपना पूरा होने वाला है|
पर दीदी के चेहरे पर गुस्सा साफ दिख रहा था|तभी दीदी ने फर्श की तरफ इशारा करते हुए कहा,ये क्या है?मुझे याद ही नहीं रहा कि मैंने फर्श साफ ही नहीं किया था, मेरा माल वहीं गिरा हुआ था|मैंने घबराते हुए कहा,ये तो मैंने नाक साफ की थी|
दीदी कहने लगीं,मुझसे झूठ मत बोल … मुझे नहीं दिख रहा है कि यह क्या है?मैं घबरा गया और दीदी से बोलने लगा,प्लीज दीदी पापा को कुछ मत बोलना|मेरी हालत खराब थी|दीदी के सामने गांड फट रही थी कि पापा को न पता चल जाए|
तभी दीदी मेरी हालत देखकर हंसने लगीं|मुझे समझ नहीं आया कि यह हो क्या रहा है?फिर वे बोलीं,अरे पागल मैं मुट्ठी मारने के बारे में नहीं बोल रही हूँ| यह साफ तो कर देता कम से कम … गधा!वे जोर जोर से हंसने लगीं|
दीदी के मुँह से मुट्ठी मारना शब्द सुन कर मैं दंग रह गया|वे आगे बोलीं,अभी मैं फिसल कर गिर जाती पगले … आगे से सफाई का ध्यान रखा कर! चल अब जा, यह मैं साफ कर दूँगी|
मैं वहां से बाहर हॉल में आ गया|ये सारी बातें जो दीदी ने मुझसे कहीं, मेरे लिए ये सब एक ग्रीन सिग्नल की तरह थीं|अब तो मैं बेसब्री से दीदी को चोदने के लिए तैयार था|दीदी नहा कर बाहर आईं तो सब कुछ ऐसे सामान्य था, जैसे कुछ हुआ ही नहीं|
कुछ देर बाद दीदी ने किचन से आवाज लगाई,सूरज इधर आ!मैं अन्दर गया तो दीदी ने हेल्प करवाने के लिए कहा|वह ऐसे बर्ताव कर रही थीं, जैसे कुछ हुआ ही न हो|दिन भर इधर उधर की बातें और काम करते हुए |
मैं सिर्फ रात का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि मुझे रहा नहीं जा रहा था|और दीदी थीं कि सिग्नल ही नहीं दे रही थीं|मैंने कोशिश तो की सेक्स के बारे में इधर उधर की बातें करने की|पर कोई सिग्नल नहीं मिला तो मैं आगे नहीं बढ़ पा रहा था|
खैर … जैसे तैसे दिन निकल गया और हम खाना खाकर टीवी देखने लगे|आज मेरे हाथ में रिमोट था और मैं ऐसी मूवी तलाश कर रहा था जिसमें बोल्ड या किसिंग सीन हों|एक हॉलीवुड हॉरर मूवी मिली जिसमें काफी ज्यादा सीन थे|
कुछ देर देखने के बाद दीदी बाहर अपने बॉयफ्रेंड से बात करने चली गईं|मैं समझ गया कि दीदी का मूड बन रहा है|
आज दीदी काफी देर तक बात करती रहीं|करीब 11 बजे दीदी वापस आईं|तब तक मैं टीवी देख रहा था|
दीदी ने कहा,चल सोते हैं, रात काफी हो चुकी है|हम दोनों ऊपर आ गए|पर मुझे कहां नींद आने वाली थी|इस बार मैं दीदी की तरफ सिर करके सोया ताकि सब देख भी सकूं|
लेकिन काफी देर जगने के बाद भी दीदी आज अपनी चूत में उंगली नहीं कर रही थीं|आज मुट्ठी मारने की वजह से मुझे भी नींद आ रही थी|तो मुझे नींद लग गयी और दीदी अपने फोन में कुछ चला रही थीं|
करीब आधी रात को मेरी नींद खुली क्योंकि दीदी मेरे लोवर में हाथ डालने की कोशिश कर रही थीं|मेरी तो खुशी का ठिकाना नहीं था|लेकिन मेरा थोड़ा सा खुद पर से नियंत्रण खो देने का मतलब था सर्वनाश … क्योंकि सारा कार्यक्रम खराब हो सकता था|
मैं आधी खुली आंखों से सब देख रहा था|दीदी बड़ी सावधानी से मेरे लोवर में हाथ डाल रही थीं|उन्होंने मेरे लंड को हल्के से हाथ लगाया और मेरा लंड खड़ा होने लगा|मेरा खुद पर नियंत्रण ही नहीं रहा|अचानक ही दीदी उठ कर बाहर चली गईं|
मैं वही पड़ा सब देख रहा था कि अब क्या होने वाला है|तभी दीदी हाथ में तेल की शीशी ले आईं और इस बार उन्होंने मेरी लोवर उतारने की कोशिश की|मैं भी तैयार था, मैंने हल्का सा ऊपर उठकर उनको लोवर नीचे करने दिया|
हालांकि उनको मुझ पर कोई शक नहीं हुआ कि मैं जाग रहा हूँ|अब वह मेरे लंड पर तेल की धार डालने लगीं और दूसरे हाथ से हल्के से लंड सहलाने लगीं|मेरा लंड काफी गीला और चिकना कर देने के बाद दीदी थोड़ा नीचे सरक कर आईं|
अब वे मेरे लंड को चूमने लगीं|मैं आपको बता नहीं सकता कि मैं कैसे सब्र कर रहा था|ऐसा लग रहा था कि अभी दीदी के मुंह में लंड डाल दूँ|पर मुझे लग रहा था कि इसे सब खराब हो जाएगा इसलिए मैं ऐसे ही पड़ा रहा|
अब दीदी ने एक हाथ अपनी चूत पर फेरना चालू किया और मेरा लंड धीरे धीरे चूसने लगीं|मैं तो जैसे स्वर्ग में था|पर मैं भी कहां इतनी जल्दी झड़ने वाला था|अब तो न दीदी से रहा जा रहा था और ना मुझसे …
दीदी ने अपनी सलवार और पैंटी निकाल कर साइड में रख दी और बड़ी सावधानी से मेरे ऊपर आने लगीं|मैं समझ गया कि आज दीदी मुझसे चुद कर ही मानेंगी|उन्होंने अपने दोनों पैर के बीच मुझे लिया और चूत पर लंड को सहलाने लगीं|
दीदी की चूत काफी गीली और गुलाबी थी|अब तक मेरा लंड भी काफी गीला और चिकना हो चुका था|मेरे लंड का साइज़ लगभग साढ़े छह इंच का है और खासी मोटाई लिए है|दीदी धीरे धीरे लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं|
एक तरफ उनको लग रहा था कि कहीं मैं जग न जाऊं, दूसरी तरफ लंड की मोटाई ज्यादा होने से वह धीरे धीरे उसे अन्दर डाल रही थीं|अब वह सुपारे पर ही ऊपर नीचे होने लगीं|मैं आपको बता नहीं सकता दोस्तो कि मैं किस तरह का आनन्द ले रहा था|
धीरे धीरे उन्होंने पूरा लंड अन्दर कर लिया और उस पर धीरे धीरे चुदने लगीं|अब मेरे सब्र का बांध टूट चुका था और मुझसे रहा नहीं गया|मैंने उनके हाथों को पकड़ा और बिजली की गति से उनको नीचे ले लिया|
मैं खुद उनके ऊपर आ गया और बोला,धीरे धीरे कब तक चुदोगी दीदी, आओ मैं तुम्हें अपने रॉकेट से तारे दिखा लाऊं!
दीदी तो शर्म के मारे लाल हो गईं,हट … ये क्या कर रहा है पागल! कब जागा?
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मैंने कहा,मैं सोया ही कहां था दीदी … तब से जाग ही तो तो रहा हूँ … और अब काहे की शर्म| अब तो बस रोज ही चुदना है|
मैं अपनी दीदी को जोर जोर से चोदने लगा|दीदी की चूत गीली हो गई थी तो चप चप की आवाज आ रही थी|
अब मैंने उनको पूरी नंगी कर दिया और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए|मैंने दीदी को घोड़ी बनाया और चोदने लगा|इसी तरह से कई पोज में धमाकेदार चुदाई की|उस रात को हम दोनों कई बार झड़े|
अगले 3 दिन तक रात और कभी कभी दिन में भी मैंने दीदी को हचक कर चोदा और घर सेक्स का मजा लिया|फिर गांव से मम्मी पापा आ गए|लेकिन तब भी रात में हम दोनों चुदाई जरूर करते|
तब से लेकर अब तक जब भी सोनी दीदी घर आती हैं, मैं रात में उनको चोदता हूँ|फ्रेंड्स, कैसी लगी आपको मेरी यह सेक्स कहानी|भाई बहन घर सेक्स कहानी पर आने विचार प्लीज मेल से बताएं|अपना मूल्यवान समय देकर इस सेक्स कहानी को पढ़ने हेतु आपका बहुत धन्यवाद|