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मेरी चुत की अनबुझी प्यास की कहानी – Antarvasna

Antarvasna : मेरी गर्म चूत सेक्स की भूखी रही हमेशा| मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चूत मारने लगा, उसके दोस्त भी मुझे पेलने लगे। तो मैं चुदाई की दीवानी होती चली गई। मेरा नाम सुनीता है।

मैं 34 साल की बड़े मम्मों और चूतड़ों वाली एक चुदक्कड़ औरत हूं।मेरा रंग गोरा है। गदाराई चूत, कमर तक आने वाले काले बाल, चूत जैसी गहरी नाभि, गोल गोल गाल!तो मेरा जिस्म किसी के लंड को खड़ा करने के लिए काफी है।

पहले मैं आप लोगों को मैं अपनी चूत का इतिहास बताती हूं। शादी के पहले से चुदाई कराने के कारण ही मैं इतनी हॉट सेक्सी बन पाई हूं| मैं जितनी बार चुदती मेरे मम्मे और चूतड़ उतने बड़े होते जाते।

शुरुआत में मेरा शरीर ऐसा नहीं था| फिर जब मेरा बॉयफ्रेंड मुझे दवाई खिला कर मेरी चूत मारने लगा और उसके दोस्त भी अपना लन्ड मेरी चूत में पेलने लगे।तो मैं चुदाई की दीवानी होती चली गई।

इसके बाद मुझे जहाँ चुदने का मौका मिलता, मैं अपनी जांघें फैला कर अपनी चूत परोस देती। मेरे माता पिता मुझे किसी शादी ब्याह में ले जाते तो किसी लड़के या रिश्तेदार से चुद कर ही वापस आती थी।

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मेरी चुत की अनबुझी प्यास की कहानी - Antarvasna

कई बार तो मेरे सगे रिश्तेदार ने ही मेरी चूत की आग बुझाई थी। अब मैं किस रिश्तेदार का नाम लूं? मेरी वासना इतनी बढ़ गई थी कि कभी कभी मन करता कि अपने बाप को पटा कर चुदवा लूं।पर मेरी प्यास बुझाने के लिए मुझे समय समय पर लंड मिल जाता था।

एक बार मैं अपने पड़ोस में चुदाई करते पकड़ ली गई| तब छोटी होने के कारण में मामला संभाल नहीं पाई। जिसके कारण मेरे माता पिता जल्दी से मेरी शादी कराने में लग गए| फिर एक सोनू नाम के लड़के ने मुझे पसंद किया|

वो अपने मां बाप की इकलौता बेटा था। बाद में जब उसकी फोटो देखी तो मुझे हंसी आ गई| इस लड़के से तो मैं पहले भी चुदवा चुकी थी| मैंने भी सोचा यह अच्छा हुआ अब मैं खुल कर चुदवा सकती हूं।

शादी तय होने के बाद वो मुझे चोदने के लिए बुला लेता था| मैं भी बिना किसी डर के अब चुदवा सकती थी।हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी सारे राज बताए कि किस किस को चोदा है या चुदी हूं| हम दोनों खुल गए थे।

उसने मुझे इतना चोदा कि मैं गर्भवती हो गई| मैंने यह बात अपने मां बाप को नहीं बताई| और कुछ दिनों में हमारी शादी हो गई| उस हरामी ने मुझे छोटी उमर में मां बना दिया|

पर इसका भी फायदा था| मां बनने के बाद जितना चूदो दर्द नहीं सिर्फ मज़ा आता है।भले ही मैं कितनी बड़ी रण्डी चुदक्कड़ थी। पर उसके लिए लक्की थी। शादी के बाद उसे बड़ी कंपनी में नौकरी मिल गई। उसके लिए हम दूसरे शहर चले गए|

मैंने सोचा था कि यहां रह कर मैं कई सारे लंडों से चुदाई कराऊँगी। फिर मैं सोनू और सास ससुर के साथ शहर आ गई। शहर में किसी से जान पहचान भी नहीं कोई किसी से बात भी नहीं करता|और गर्भवती होने से चुद भी नहीं पा रही थी|

मेरे पति को शहर की हवा लग गई थी। मेरी चूत की चुदाई ना कर पाने के कारण वो रंडियों के पास जाने लगे। और इधर मेरे घर से जाते ही पापा ने मां को चोद कर उन्हें भी गर्भवती कर दिया।

कुछ महीनों के बाद मैंने एक प्यारे लड़के को जन्म दिया। उसका नाम कारण रखा|उसके बाद मैंने सोचा कि अब जी भर चुदाई कराऊंगी|पर जैसे कि मेरी किसमत ही खराब थी। मेरे पति की प्रमोशन हुआ और उन्हें विदेश जाने का आदेश मिला।

लेकिन मेरे सास ससुर ने मुझे जाने से मना कर दिया जिससे मैं भी नहीं जा सकी।सोनू ने मुझसे कहा कि वो जरूर कुछ महीनों में आएगा और मेरी चुदाई करेगा।और उसका क्या था |

रंडियों को चोदने मैं उसे भी मज़ा आने लगा था| तड़पने के लिए मेरी चूत ही रह गई|शहर में किसी से चुदवाते डर लगता| मैंने सुना था कि लोग वीडियो बना कर ब्लैकमेल करने लगते है।

मैंने ससुर जी को देखा पर वह इतने बुड्ढे हो गए थे मुझे चोद ही नहीं सकते थे।फिर भगवान ने मुझ पर दया की और मेरा भाई पैदा हुआ। इस बहाने मुझे गांव जा कर चुदने का मौका मिल गया|

मैं अपने सास ससुर के साथ अपने मायके चली गई| वहाँ जाने के पहली रात को ही मैं घर से बाहर जाकर खेत में जिस पड़ोसी के साथ पकड़ी गई थी| उसी से चुदवा रही थी|जितने दिन मैं वहां रही उतनी रात मैंने गांव के अलग अलग लंड से चुदाई करवाई।

मैं गांव के लड़कों के लिए मुफ्त की रण्डी थी। गाँव मेरे लिए स्वर्ग जैसा था। फिर मेरा समय खत्म हो गया और मुझे वापस शहर आना पड़ा। मैं अपने पर कंट्रोल करने लगी। अपने चूत में खीरा, मूली, बैगन डाल कर शांत करती|

सेक्स से ध्यान भटकाने के लिए मैं कॉर्स करने लगी। मेरे सास ससुर ने भी मेरा साथ दिया कुछ साल में मुझे रेलवे में टिकट काउंटर पर नौकरी मिल गई। मैंने तय किया कि अब गांव जाकर चुदाई नहीं कराऊंगी|

मेरा बेटा बड़ा हो रहा था| अगर मेरे बारे में ऐसा किसी ने कहा तो मैं क्या मुंह दिखाऊंगी। मेरी चूत की चु़दाई के लिए मेरे पति 6 महीने 1 साल में एक बार आते थे।और मैं उनसे खूब चुदवाती।

उसके बाद मैं यहां क्या कर सकती थी ज्यादा से ज्यादा अपनी चूत में उंगली करके शांत कर लेती। फिर कुछ साल बाद मेरे ससुर मर गए और फिर मेरी सास भी!मैं उनसे रिहा हो गई| पर मेरा बेटा बड़ा हो रहा था।

मेरे पति ने विदेश आने को कहा पर यहां सब फैला पड़ा था तो मैंने मना कर दिया।अब मैं आज के समय में आती हूं। मेरे पति विदेश में एक अच्छी पोस्ट पर हैं| हमारे यहां पैसों की अब कोई दिक्कत नहीं है। मैंने अपने भाई कमल की मदद की और उसे एक अच्छे स्कूल में डाल दिया।

अब मैंने गांव जाना भी छोड़ दिया है। मेरा बेटा 20 साल का है। कॉलेज में पढ़ता है। और वो भी एक अच्छे खासे लंड का मालिक है।आप सोच रहे होंगे कि मुझे कैसे मालूम?

क्या मैंने उससे चुदाई कराई है?नहीं , मैं अपने बेटे कारणसे नहीं चुदी हूँ।पर मैं उसकी मां हूं ,बचपन से उसे देख रही हूं| कभी छुपकर तो सोते समय खड़े लंड को देखकर कभी तो सोचती कि अपने बेटे से ही चुद जाऊँ!पर ऐसा करने में भी डर लगता था|

फिर मैं अपने लैपटॉप में मां बेटे की चु़दाई वाली वीडियो मतलब पोर्न देखने लगी थी| मेरी आग फिर जल उठी थी।मैं अपने चूत में ठंडा खीरा डाल कर अपनी चूत की आग बुझाती थी और अपनी चूचियों को मसलती थी|

देखते देखते मैं एक डेटिंग साइट पर पहुंच गई।मैंने अपनी प्रोफाइल बनाई और वहाँ ताक झाँक करने लगी| बहुत लोग चूत और लंड की तलाश में थे| मुझे भी कई लोगों ने मैसेज किया।मैं भी खूब मज़े लेकर बात करने लगी|

फिर मैं हर रात उस साइट पर जाने लगी|मुझे कई लोग अपने लंड की तस्वीर भेजते| बदले में मैं भी उन्हें अपनी चूचियों और चूत की फोटो, उंगली करते हुए वीडियो भी भेजती।एक रात मैं एक लड़के से चैट कर रही थी मुझे पता चला कि वो इंडियन है। मेरे बेटे के जैसे था|

मैंने पूछा, कहाँ के हो?उसने अपने शहर का नाम बताया वो शहर ज्यादा दूर नहीं था। मैंने सोचा कि बेटे का लन्ड तो मिलने से रहा क्यों ना इसी से चु़दाई कराई जाए।पहले तो यह ग़लत लगा फिर मैंने सोचा मेरा पति भी तो रंडियों को चोदता है। मेरे करने में क्या बुरा है?

मैं उसके बारे में पूछताछ की पता चला कि उसका नाम अंकित है। वह पढ़ने के लिए दूसरे शहर आया है।मैंने उसे बातचीत मैं अपने बारे में बताया और चुदाई के लिए पूछा उसने हां कर दी।मैं उससे बहुत चुदना चाहती थी पर मेरे बेटे के होते हुए यह मुश्किल था।

मैंने प्लान बनाया मैंने लैपटॉप से अपने काम से तीन दिन की छुट्टी की अर्जी दी। और मुझे छुट्टी मिल गयी।सुबह मैंने कारणसे कहा, बहुत दिन हो गए मामा के यहाँ गए … कुछ दिन के लिए चलते हैं।कारण, कितने दिन के लिए मम्मी?

मैं, मैंने तीन दिन की छुट्टी ली है और आज शुक्रवार है|कारण, मतलब आज कल और परसों … मतलब सीधे रविवार तक।मै, प्लीज़ बेटा मना मत करना|कारण, ठीक है मैं चलूंगा।

मैं, पर एक प्रॉब्लम है, मेरी छुट्टी कल से दी गई है और मैंने दोपहर की टिकट भी बुक कर दी है ऐसा करते हैं कि तुम दोपहर को चले जाना और मैं काम से सीधे बस पकड़ कर आ जाऊँगी।

मैंने अपने कुछ कपड़े भी पैक करके रख दिए और अपने बेटे से ले जाने को कह दिया।वह बोला, कॉलेज के आने के बाद मैं चला जाऊँगा।मैंने नाश्ता किया|काम के बजाय मैं रात की तैयारी करने लगी।

पहले मैं ब्यूटी पार्लर गई| वहाँ पूरे शरीर की वैक्सिंग कराई, फेशियल सब कराया।फिर वहाँ से समय गुजारने और आराम के लिए स्पा गई| शरीर की मालिश कराई|मेरे मन में कब से खलबली मच रही थी कि कब शाम हो।

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मेरी चुत की अनबुझी प्यास की कहानी - Antarvasna

तभी मेरे बेटे का फोन आया, उसने बताया कि वो निकल गया है।मैंने बाथरूम में जाकर अंकित को फोन किया और उसे आज रात आने को कह दिया।उसके बाद मैं वहाँ से निकली और रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाया।

फिर शॉपिंग करने लगी| मैंने वीट ली ताकि अपने चूत को चिकना बना सकूं|मैंने नई छोटी काली ब्रा और पैंटी खरीदी|फिर मैं मेडिकल शॉप पर गई और गर्भनिरोध की गोलियां ली |

क्योंकि मैं उससे बिना कंडोम के चुदना और उसका गर्म वीर्य अपनी चूत में लेना चाहती थी।मैंने शराब भी खरीदी और कुछ खाने पीने की चीजें भी खरीदी|अब शाम हो रही थी।मैं घर चली गई|

मैंने अपने पर्स से घर की दूसरी चाभी निकाल कर दरवाजा खोला|फिर मैंने कारणको फोन लगा कर कह दिया, यहाँ काम बहुत बढ़ गया है और मेरी छुट्टी भी कैंसिल हो गई है|

मैं नहीं आ सकती| तुम सोमवार तक वहीं रहना|उसने ‘ठीक है’ बोलकर फोन काट दिया।मैंने पूरे घर की खिड़कियां बंद की| फिर रसोई में जा कर वेस्टेन स्टाइल में चिकन पकाने लगी|

यह होने के बाद मैं नहाने के लिए बाथरूम में चली गई|घर में कोई था नहीं तो मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद नहीं किया|मैंने हॉल में साड़ी ब्लाउज, पेटीकोट पूरे कपड़े उतार दिए| मैं हॉल में पूरी नंगी थी।

मैंने अपने को आइने में देखा| मैं अपनी झांटों में से चूत को फैला कर देखने लगी।तब मैंने बाल सफा क्रीम ली और शावर के नीचे आ कर भीगने लगी।मैं अपनी झांटों से खेलने लगी| कुछ देर बाद मैंने शावर बंद किया और कैंची से झांटों को काटने लगी।

झांटें काटने बाद मैंने क्रीम लगायी और फिर अपनी चूत मसलने लगी|मेरे मुंह से आ||ह आ||ह आह्ह और चूत से चपचापाने की आवाज़ आ रही थी|इसी बीच मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर अपनी गहराई नापने लगी।

फिर मैंने अपनी चूत साफ़ की और नहा कर बाहर निकली।अपने शरीर को पौंछ कर मैं अपनी नई काली पैंटी पहनने लगी।वह पैंटी मेरी जांघों तक आने पर तंग होने लगी| मैं खींच तान कर उसे अपनी बड़ी चूतड़ों के ऊपर ला पाई।पैंटी मेरे चूतड़ों की दरार में ही फंस कर रह गई|

मेरे दोनों चूतड़ों खुले उभरे और बीच में पतली सी पैंटी की पट्टी जो मुड़ का रस्सी बन गई थी।वही रस्सी मेरी चूत की फांकों के बीच से होते हुई ऊपर गहरी नाभि तक गई थी|

दूर से देखो तो लगता था कि मैंने सिर्फ पैंटी का कमर का पट्टा ही पहना है।इतनी टाइट पैंटी थी कि मेरे चूत ने पानी से भीगो दिया था।मैं अपनी ब्रा पहनने लगी| पहले मैंने ब्रा को बंद कर दिया और उसे ऊपर से पहनने लगी|

वो भी बहुत टाइट थी। मेरे मम्मे ऊपर नीचे से दिख रहे थे, बस निप्पल ही ढके थे| चूचियां दबाती ब्रा और चूत रगड़ती पैंटी मुझे मादक और गर्म कर रहे थे।मैंने पेटीकोट और ब्लाउज़ नहीं पहनी

एक नीले रंग की पारदर्शी साड़ी पहन ली साड़ी के बाहर से ही मेरी ब्रा में दबी चूचियां और पैंटी में चूत दिख रही थी।तभी अंकित का फोन आया, हैलो मैं अंकित हूं|मैं, हाँ बोलो?अंकित, वहाँ सब तैयार है?मैं, तुम्हारी माल चुदने को तैयार है| जल्दी आ जाओ|

मैंने फोन काट दिया और ओवन में खाना गर्म होने रख दिया।फिर मैंने ए सी को बढ़ाया| फिर कुछ मेकअप किया और टेबल लगा कर इंतजार करने लगी।कुछ देर बाद बेल बजी|मैं दौड़ के दरवाजा खोलने गयी|

जैसा मैंने लैपटॉप में देखा था, वैसा ही था वो अच्छा जवान तंग शरीर वो टीशर्ट और जींस में आया था।उसकी उम्र लगभग 27 साल होगी।मैंने उसे अंदर बुलाया और दरवाजा लॉक कर दिया|हम दोनों गले मिले|

उसने गले मिलते मेरे चूतड़ों को थोड़ा दबाया| मेरी पैंटी पहले से ही टाइट होने से और उसके दबाने मेरी चूत में आग लग गई।फिर उसने मुझे ऊपर से नीचे तक देखा| मेरे मम्मों पर हथेली रख दी|

मैंने उसे हाथ मुंह धोने के लिए बाथरूम में भेजा, मैं टेबल पर इंतजार करने लगी।वह आया| हम साथ डिनर करने लगे|मैं, क्या तुमने पहले कभी किसी को चोदा है?अंकित, चोदा है पर सिर्फ रंडियों को! कभी आप जैसी माल को नहीं चोदा।

मैं, मुझे माल के जैसे नहीं रण्डी की तरह चोदना| और तुम मुझे आप नहींसुनीता बोल कर पुकारो।अंकित, ठीक है रण्डी सुनीता ।उसने शराब की बोतल ली और पैग बनाने लगा।मुझे भी उसने एक ग्लास दिया|

मैंने पहले कभी शराब नहीं पी थी, मैंने कभी शराब नहीं पी| कैसी होती है?अंकित, तो आज पी लीजिए| इससे चुदाई में और भी मज़ा आता है|मैं भी मुस्कुराते हुए पीने लगी।टाइट ब्रा पैंटी की वजह से मैं गर्म हो रही थी।

मैंने खाना खत्म किया और शराब पीते पीते कमरे में चली आयी। मैं बिस्तर पर बैठ गई|मेरे पीछे पीछे वो भी शराब लेकर आया|उसने शराब रखी और मेरे पास बैठ गया|एक झटके में मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरे ऊपर फैलकर मुझे किस करने लगा।

मैंने भी उसे अपने हाथ से जकड़ लिया और अपने होंठ जीभ चलाने लगी|उसका एक हाथ मेरे चूची पर, दूसरा मेरी चूत पर!ब्रा पैंटी टाइट होने से वह अपना हाथ अंदर नहीं डाल पा रहा था।हमारा किस बंद हुआ, मैं फर्श पे खड़ी हो गई|

वो नीचे मेरी साड़ी खींचने लगा| मैंने नीचे पेटीकोट नहीं पहना था। साड़ी निकलते ही उसे मेरी चूत काली पैंटी में फंसी दिखी|उससे मेरी पैंटी सरक नहीं रही थी तो उसने फाड़ दी और मेरी चिकनी चूत के दर्शन किए|

उसने मुझे खींचा और लेट गया| मैं बिस्तर पर चढ़ी अपने पैर को घुटने से मोड़ कर अपनी चूत उसके मुंह पर दे दी।वह मेरी चूत में अपनी जीभ से चोदने लगा।और इधर मैंने मेरे मम्मे भी आजाद कर लिए|

मैं अपनी चूचियों को दबा कर मस्त हो रही थी ‘हम्म्म आह अह ’ की आवाजें मुंह से निकलने लगी थी।फिर मैं उसके लन्ड की तरफ मुड़ गई। लेट के मैं उसकी जींस की हुक खोलने लगी|

मैंने उसकी अंडरवियर सरकाई तो लपलपाता लंड मेरे मुंह के सामने आ गया। उसकी भी झांटें नहीं थी|मैंने उसका लन्ड अपने मुंह में ले लिया, चूसने चाटने लगी|उधर मैं चूत चटवा रही थी और आगे लंड चाट रही थी| मुझे उसका लन्ड लोहे जैसा लग रहा था।

मैं झड़ने वाली थी।मैंने अंकित से कहा, अंकित, लो थोड़ा पानी पी लो|और उसके मुंह पर झड़ गई|अंकित बोला, क्या मस्त चूत है तेरी! इतनी टाइट चूत मैंने कभी नहीं चाटी|उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और बेड पर से उतर कर नीचे खड़ा हो गया|

मेरी दोनों टांगों को पकड़ कर उसने खींचा और मेरी जांघों को फैला दिया।फिर बोला, देख कर लगता नहीं कि इस चूत की चुदाई भी हुई है।मैंने कहा, जल्दी से अपना लन्ड डाल और अपनी रण्डी बना ले।

उसने अपने लंड को चूत से छुआया और झट से अंदर डाल दिया|इतने महीनों के बाद चूत किसी लंड से भरा है।वो दोनों हाथ मेरे चूचियों पर रख कर दबाने लगा, रण्डी कैसे चुदती है मैं बताता हूं।फिर वह मेरी चूत को पेलने लगा।

मेरे मुंह से सिसकारियां ‘आह ओह उम्म’ निकलने लगी|सिसकारियों को सुन कर वह मुझे किस करने लगा| मैंने भी उसे जोर से पकड़ रखा था|वो पूछने लगा, बता कहाँ लेगी मेरे रस को? चूत में या मुंह में?मैंने कहा, चूत में अपने रस डाल साले।

वह चूत में अपना गर्म वीर्य डालने लगा और चोदता रहा|फिर अपना लन्ड निकाल कर मेरे मुंह के सामने लाया|उसका लन्ड वीर्य से लथपथ था| उसने लंड मेरे मुंह में डाल दिया, ले स्वाद चख अपनी चूत का और मेरे लन्ड के रस का!

लन्ड छोटा हो रहा था| मुझसे लंड साफ़ करावा के वह लेट गया|पर मेरी चूत आग शांत नहीं हुई थी| मैं उसके लन्ड के ऊपर बैठ के उसके लन्ड को अपने चूत से दबा रही थी।

अंकित, रुक जा तू तो रण्डी की तरह कर रही है।उसका लंड थोड़ा खड़ा हुआ| मैंने अपने हाथ से उसे चूत पर लगाया और बैठ गई|वह मेरे चूतड़ों को पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगा| उसका लंड मेरी चूत में सख्त हो गया था|

मैं भी अपने होंठ चबाते उसके लन्ड पर बैठ कर चुद रही थी।उसने मुझे कुतिया बनने को कहा|मैं अपनी गान्ड उठा कर कुतिया बन गई।“अब तेरी चूत नहीं … तेरी गान्ड फाड़ूंगा!”

यह सुन कर मैं घबरा गई|मैंने अब तक चूत तो बहुत चुदवायी पर आज तक गान्ड नहीं मरवाई थी।उसने मेरी नंगी गान्ड के छेद पर थूक लगाया|मैं उसे मना करने लगी।

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मेरी चुत की अनबुझी प्यास की कहानी - Antarvasna

मैं उसे गाली देने लगी, अरे भोसड़ी वाले मादरचोद मत चोद ना! साले भड़वे!वो मेरी गाली सुन कर जोश और गुस्से में आने लगा|मैंने उसे तेल लगाने को भी कहा|मैंने अपने हाथ से पीछे लंड पकड़ना चाहा पर उसने मेरी कमर को पकड़ लिया था|

अपना लन्ड मेरे गान्ड में डालने लगा|मैं चीखने लगी, माई ई ई… आ|| आ ह उम्म्म!उसने अपने हाथ से मेरा मुंह बंद कर दिया।अंकित, अब पता चलेगा साली को … रण्डी की गान्ड कैसी होती है।

मैंने गान्ड के पास हाथ लगाया तो देखा कि खून था।वो बिना कुछ सुने मेरी गान्ड को बेरहमी से चोदने लगा था।थोड़ी देर में मुझे गान्ड चुदाई में मज़ा आने लगा|कुछ देर के बाद झड़ गया और बेड पर लेट गया|

मैंने उसके लन्ड को देखा तो वह मेरी गांड के खून से सना था।लड़खड़ाते हुए कदमों से मैं बाथरूम में गई। वहां मैंने पेशाब किया अपनी चूत और गान्ड में उंगली डाल कर पानी से साफ किया।

बाहर आई तो देखा कि अंकित नंगा सो गया था| मैंने ए सी कम किया और उससे लिपट कर सो गई।कैसी लगी मेरी कहानी? कमेंट्स करें और मेल में बताएं| अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट antarvasnastory.net.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।

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