16 साल की छोटी कमसिन लड़की की चुदाई (Teen Sex Story)
एक पिता होने के नाते मोहन ने अपनी बेटी को दी यौन संतुष्टि। मोहन की 2 बेटी थी और एक बेटा। जब उसने अपनी सबसे छोटी बेटी (उम्र १६ साल) को रोज हस्तमैथुन करता देखा तो मोहन ने खुद उसकी चुत की खुजली मिटाने का फैसला किया।
अपनी कहानी छोटी लड़की की चूत की चुदाई से हमें मोहन बताना चाहता है की एक पिता को वो हर चीज करनी चाहिए जिससे उसकी औलाद को ख़ुशी मिलती है।
उस रात मुझे प्यास लगी तो मैं अपने कमरे से निकल कर पानी पीने गया तो मेरी नजर घर के शौचालय की तरफ गई। उसमे कोई था और वो काफी देर तक अंदर था।
मैंने देखा की मेरी दूसरी बेटी और बीवी सो रही थी पर घर का wi-fi तो अभी भी चालू था। मैं समझ गया की मेरी छोटी लड़की चुदाई फिल्मे देख हस्तमैथुन कर रही थी।
मैं वापस सोने चला गया क्योंकि ये तो उसकी नई नई जवानी है और ऐसा गन्दा काम करना आज के लड़का लड़कियों के लिए तो मामूली बात है। पर अगली रात उसको मैंने ऐसा करता फिर देखा। वो 1 घंटा बैठ कर अपनी योनी में ऊँगली करती थी। जैसे जैसे दिन बीते गए मेरी बेटी की हवस बढ़ती गई।
वो हर रात हस्तमैथुन करने लगी और उसकी ये जवानी देख मैं भी कामुक होने लोग। धीरे धीरे मेरा नजरिया अपनी छोटी गुड़िया के लिए बदल गया और मैं उसको चुदाई का सामान समझने लगा।
वह हर रात हस्तमैथुन करने लगी और उसकी जवानी देखकर मुझे भी कामोत्तेजना आ गई। धीरे-धीरे मेरी नन्ही गुड़िया के प्रति मेरा नजरिया बदल गया और मैं उसे हवश समझने लगी।
कभी-कभी मैं अपनी छोटी बच्ची की चुदाई की कल्पना करते हुए अपनी पत्नी से छुपते हुए अपना लिंग हिलाता था। उस रात मैंने अपनी छोटी लड़की को चोदना शुरू कर दिया। वो हमेशा की तरह बाथरूम में अपनी चूत में ऊँगली कर रही थी और मैं दरवाज़े के कीहोल में से उसे देख रहा था.
हमलोगो के पास इंग्लिश टॉयलेट था जिसपे बैठ कर वो अपनी चुत गांड के छेद में उंगली दिए जा रही थी। मेने देखा की उसने अपना पूरा हाथ अपने मुँह में डाला और उसे गिला कर अपनी चुत चोदने लगती तो कभी DJ की तरह बजाती।
ऊँगली करते करते उसके कोमल गुलाबी स्तन भी हिलते। बेटी के स्तन इतने बड़े थे मुझे तो पता ही नहीं था। कुछ देर बाद उसको इतना मजा आने लगा की वो खुद की दोनों चूची भी चूसने लगी।
बेटी बेहद सेक्सी दिख रही थी तो मैंने भी नजारे का मजा लेना शुरू कर दिया। मेने अपना लोहे सा लंड निकला और बेटी को देख उसे सहलाने लगा। पर मेरे जैसे मर्द के लिए हाथ काफी नही था।
मेने दरवाजा बजाय और कहा कौन है जो इतनी देर लगा रहा है जल्दी करो ! ये सुन बेटी डर गई और उसने अपने निचे के कपडे पहने और बाहर आ गई। जैसे ही उसने दरवाजा खोला मैंने उसका मुँह बंद किया और उसे वापस अंदर धकेल दिया। बेटी और खुद को बाथरूम में बंद कर दिया।
बेटी – पापा ?? क्या कर रहे हो ?
मैंने कहा – पहले ये बता मेरी गुड़िया तू जवान कब हो गई जो तेरी चुत से इतना रस निकलने लगा। बेटी (डरती आवाज में) – क्या आप क्या बोल रहे हो पापा ?
मैंने कुछ नहीं कहा और बेटी का मुँह बंद कर उसकी पैंटी (कच्छी) में हाथ दल दिया। मेरी आँखों में दिखती हवस और हाथ का गंदा काम देख बेटी को ताज्जुब हो गया।
उसको पता लग गया की आज मैं उसकी वासना को मिटाने वाला हूँ। मैंने उसका पजामा उतारा और उसके पैर खोल कर चुत में ऊँगली करने लगा।
बेटी की चुत बेहद गर्म और गीली थी। बेटी आनंद लेने लगी और उसने शर्म के मारे अपनी आँखे बंद कर दी।
ऊँगली करते करते मेने उसके स्तन चाटने लगा और उसकी निपल्स को भी चूस चूस कर लाल कर दिया।
बेटी – पापा अहह ममम!
बेटी काम वासना के मजे लेने लगी तो मेने पैंट से अपना लिंग और दोनों गोटे खींच और बाहर निकाल दिए। बेटी आँखे फाड् कर मेरे लिंग को देखने लगी तो मैंने लंड उसके मुँह के सामने कर दिया।
बेटी – नहीं !! पापा नहीं !! मम्मी देख लेगी !!
मेने कहा – कुछ नहीं हो गए मेरी गुड़िया। ये कह कर मेने उसके मुँह में लंड दे दिया और बेटी के मुँह को चोदने लगा। मैंने मुँह चोदते चोदते उसका साँस लेना मुश्किल कर दिया और बेटी के मुँह में काफी सारा थूक जमा हो गया।
उसने सारा थूक मेरे लंड पर गेरा और मैं उसकी चुत गांड चोदने के लिए तैयार हो गया। मैने अपना लिंग धीरे से उसकी चुत में डाला और अपनी छोटी सी लड़की की चुदाई शुरू कर दी।
बीवी की जगह मुझे अपनी छोटी लड़की की चूत की चुदाई करने में ज्यादा आनंद आने लगा। उसकी चुत जवान और टाइट थी जो काफी अच्छा एहसास मेरे लंड को दे रही थी।
बेटी की चुत छोटी थी और मेरा लिंग बड़ा और मोटा इसलिए उसे आनंद के साथ साथ दर्द भी होने लगा। और दर्द की वजह से वो रोने लगी पर मैं अपना लिंग अंदर बाहर करता रहा और बेटी को बोलै बाबू कुछ नही हो गए बस थोड़ा देर और सहन कर लो।
बेटी ने सर हिला कर हाँ कहा और मैं उसे मजे से चोदता रहा। तभी मेरी बीवी ने उसकी रोटी आवाज सुन ली और उसे बाहर बुलाने लगी। हम दोनों ने चुदाई वही रोक दी और मैंने बेटी को कोई बहाना बनाने को कहा।
बेटी – मम्मी मेरे दिन चल रहे है तो दर्द हो रहा है आज बस और कोई बात नहीं है।
माँ – अच्छा तुमने बताया नहीं साफ कपड़ा तो है न तुम्हारे पास ?
बेटी – हाँ सब है !!
माँ – ठीक है आराम से बाहर आना।
इसके बाद मेरी बीवी फिर सोने चली गई। छोटी सी लड़की की चुदाई करते करते सुबह के 5 बज गए पर मैं उसे चोदता रहा। बेटी के दोनों स्तन मस्त लाल थे चुत का हाल मेरे लंड की मार से बेहाल था और बेटी की आँखे आनंद के नशे और दर्द के अद्भुत एहसास से भरी थी।
बेटी चुत से पहले ही पानी निकल गया था पर मैं उसे फिर भी चोदे जा रहा था। चुत को आराम देने के लिए मेने उसकी गांड चोदना शुरू क्या किया बेटी में मानो नई जान सी आने लगी। मेरी ये कहानी तब की है जब मेने बेटी की पहली बार चुदाई की थी पर आज भी मैं बीवी से छुप कर बेटी की लॉकडाउन में चुदाई करता हूँ।
जब मेने जिगरी यार के साथ की कॉल गर्ल की चुदाई तो मेने पहली बार किसी लड़की की चुत देखी थी। उसके बाद मैंने कई रंडी लड़कियों को चोदा और फिर मेरी बीवी का नंबर आया पर किसी में भी वो मजा नहीं था जो मेरी बेटी की चुत में था।
उसकी गांड की चुदाई पहली बार हो रही थी। बेटी ने बताया की उसने आज तक गांड में ऊँगली भी नहीं दी थी। और मेरा मोटा लंड लेने के बाद मानो उसके दर्द की हद पार हो गई हो
उसकी गांड का छेद गजब का था उसकी चुत में उनलगी करता करता बाथरूम में मैं उसकी गांड में लंड भी दे रहा था। जब सुबह के 4 बजे तो मेरे गोटो ने अपना माल छोड़ा।
बेटी की गांड लसलसा माल से भर गई। जब मेरी हवस बुझी तो मैंने उसे राहत के दो पल दिए और हम छुपके से नहाने के बाद फिर सोने चले गए। ये थी मेरी बेटी की चुत गांड की चुदाई कहानी। उस हवसी रात ने हमारा रिश्ता बदल दिया। मेरी छोटी गुड़िया उसके बाद मुझे कामुक नजरो से देखने लगी और हम एक दूसरे की हवस हर रात मिटाने लगे।