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सोनपुर मेला में बिहारन भाभी की मस्त चुत मारी – Antarvasna sex story

मेरा नाम रोमोहित  कुमार है, मैं पहली बार अन्तर्वासना पर कहानी लिख रहा हूँ। आप लोगों को पसंद आई या नहीं, आप मुझे ज़रूर बताइएगा।यह पांच नंबबर 2010 की बात है| मैं बिहार से शाम की ट्रेन से अपने घर आ रहा था।

जिस बोगी में मैं बैठा था, वहीं एक भाभी भी बैठी थी, वो भी हमारे गंतव्य की तरफ जाने वाली थी, वो भी पटना  की रहने वाली थी। हम दोनों में काफ़ी बातें हुईं,उसका नाम कोमल था, किसी बीमा कंपनी में काम करती थी।

देखने में वो बहुत सुंदर थी और बातचीत में काफी सुशील थी, उसके रूप पर कोई भी पागल हो सकता था। उसका सुगठित जिस्म बहुत आकर्षक था, चूचियों का साइज़ 32 था| कमर का साइज़ 30 और गांड का उभार 32 इंच का था।

उससे बातें करते-करते सफ़र कब कट गया, पता ही नहीं चला। वो मुझसे बोली- आप थोड़ी देर मेरा बैग देखिए, मैं बाथरूम से होकर आती हूँ। मैं बोला- ठीक है जी।

वो बाथरूम से फ्री होकर आई और मेरे पास बैठ कर मुझसे बतियाने लगी।

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उसने मुझसे पहली बार पूछा- आपका घर कहाँ है? मैं बोला- बस आपके घर से 4 किलोमीटर दूरी पर।

इसके बाद काफी देर तक उससे खुल कर बात होती रही और अंत में उसने मुझे अपना मोबाइल नम्बर देते हुए कहा- अब हमारी और आपकी कब मुलाकात होगी.. पता नहीं, इसलिए फोन नम्बर से एक-दूसरे सम्पर्क में रहेंगे।

स्टेशन आ चुका था, वो ट्रेन से उतर कर घर चली गई। घर पहुँच कर उसने मुझे कॉल किया और बोली- मैं घर पहुँच गई हूँ,क्या आप भी अपने घर पहुँच गए?

मैंने कहा- हाँ पहुँच गया।

उस रात हम दोनों ने बहुत बातें की। उससे मेरी बात खुल कर होने लगी और धीरे-धीरे हम दोनों सेक्स की बातें करने लगे। वो फोन पर ही मुझे किस करने लगी,मैं भी करने लगा।फिर रात में ही हम दोनों ने तय किया कि सुबह हम लोग कहीं बाहर जाएँगे।अगली सुबह दस बजे उसने स्टेशन पर पहुँच कर कॉल की, उस वक्त मैं भी वहीं था।

हम लोग ट्रेन से समस्तीपुर गए वहाँ हमने सिनेमा देखने का तय किया, सिनेमा हॉल में फिल्म देखने लगे। उधर से करीब छह बजे बाहर निकले। सिनेमा देख कर फिर हम लोग सोनपुर के लिए निकल गए, वहाँ मेला लगा हुआ था।

हम लोग 8 बजे पहुँच गए, मेले में दो घंटे तक घूमते रहे। फिर जब काफी थक गए, तो वो बोली- यार दस बज चुके हैं| अब नींद आ रही है।

वहाँ से ऑटो लेकर हम दोनों हाजीपुर गए.,वहाँ एक होटल में कमरे के लिए गए।

होटल वाले ने पूछा- ये कौन हैं? मैंने बताया- मेरी वाईफ है। उसने 500 रुपए में एक कमरा दे दिया।

मैं रूम में पहुँच कर फ्रेश होने लगा, वो भी बाथरूम में आ गई तो हम दोनों साथ-साथ में बाथरूम में एक दूसरे के अंग को छूते हुए मजे करने लगे। मैं उसे वहीं पर अपनी बांहों में लेकर किस करने लगा।

चूमा-चाटी में ही उत्तेजना बढ़ गई और मैंने उसको पूरा नंगी कर दिया, वो भी मेरा साथ दे रही थी, वो भी बहुत गर्म हो चुकी थी। हम दोनों ने 69 की पोज़िशन में होकर बहुत देर तक चूत लंड को चूसा चाटा, मैं उसकी चूत का पूरा पानी पी गया।

फिर मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा, मम्मे चूसते-चूसते लाल कर दिए, उसके पूरे बदन पर मैंने जगह-जगह निशान बना कर लाल कर दिया।

वो बोली- अब रहा नहीं जाता.,चोद डालो। मैंने अपना लम्बा लौड़ा हिला कर उससे चूसकर गीला करने के लिए कहा, तो मेरा लौड़ा चूस कर वो बोली- प्लीज़ अब जल्दी से डाल दो।

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मैंने उसके पैर फैला कर चूत में लण्ड पेल दिया। वो छटपटाने लगी, बोली- दर्द हो रहा है प्लीज़ निकालो।

मैंने उसकी एक बात न सुनते हुए उसकी चुदाई जारी रखी। अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेलने लगा.. पर कसी हुई चूत होने के कारण ठीक से ऩहीं जा रहा था।कुछ देर की शुरूआती दिक्कत के बाद मैंने उसे ज़ोर-ज़ोर से पेलना चालू कर दिया। वो बहुत चीख रही थी।

देखा कि उसकी चूत से खून बह रहा था। कुछ देर के बाद वो खुद अब मेरा साथ देने लगी और नीचे से ठोकर देने लगी। मस्ती का आलम था।

चुदाई के बाद फिर चुदाई और बस सारी रात मस्ती ही मस्ती थी। तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली चुदाई की कहानी। आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लगी कमैंट्स मे जरूर बताय

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