मौसी की जवानी रस गन्ने के खेतों निचोड़ डाला – Desi Chudai
Desi Chudai : दोस्तो, मेरा नाम अमित कुमार है|मैं मध्य प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहता हूँ|यह खेत चुदाई देसी मौसी की कहानी मेरे और मेरी सगी मौसी के बीच की चुदाई को लेकर है|
मेरी मौसी का घर मेरे घर से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर ही है, इसी वजह से मेरा वहां आना-जाना लगा रहता है|मेरे मौसा जी और मौसी मुझ पर बहुत ज्यादा विश्वास किया करते थे|
उन्हें कुछ भी काम करवाना होता था तो वे लोग सिर्फ मुझे याद करते थे|मौसी की एक लड़की और दो लड़के हैं|उनकी उम्र अभी छोटी है|एक बार मेरे मामा के घर में कोई बड़ी पूजा होनी थी, उस वजह से सबको आने को निमंत्रण दिया गया था|
मैं भी सपरिवार वहां पहुंच गया था|उसी वक्त किसी जरूरी काम के कारण मेरे मौसा को दिल्ली जाना पड़ा|बड़े मामा ने मुझे मौसी को लाने के लिए भेजा|मैं अगले दिन तैयार होकर बस पकड़ कर मौसी के यहां आ गया|
वैसे तो मौसी की हाइट बहुत कम है और फिगर भी कुछ खास नहीं है, लेकिन वे एकदम गोरी हैं|मैं जैसे ही घर पहुंचा तो मौसी तैयार बैठी थीं|वे लाल रंग के साड़ी में थीं|जब मैंने उनको देखा तो देखता ही रह गया|मौसी एकदम हुस्न की परी लग रही थीं|
उनकी चूचियां और गांड की तो बात ही निराली थी|मुझको लगा कि मौसी को वहीं पटक कर चोद दूं|मैंने किसी तरह अपने आपको संभाला और मौसी से कहा- एक घंटे बाद की बस है, इसलिए हमें अभी निकलना पड़ेगा|
बस स्टैंड घर से दूर था, तो जल्दी जाना जरूरी था|एक घंटा बाद हमारी बस आई|मैं और मौसी उसमें बैठ गए|बस पूरी खाली ही थी इसलिए मनपसंद सीट मिल गई|हम दोनों लोग पीछे से दूसरी सीट पर बैठ गए|एक ही सीट पर हम दोनों बैठ गए थे|
मौसी का जिस्म मेरे जिस्म से टच हो रहा था तो मुझे कुछ मजा सा आने लगा|आज वैसे ही मौसी की लेने का मन कर रहा था तो उनका स्पर्श और भी ज्यादा मादक लग रहा था|
मैं मौसी के साथ चिपका रहा और उन्हें चोदने के ख्याल में खो गया|दो स्टॉप के बाद बस और भी खाली हो गई|अब बस में सिर्फ चार लोग रह गए थे|मुझे मौसी को छूने के लिए मौका अच्छा लगा|
जैसे ही बस चली, मैंने अपना हाथ खिड़की की तरफ बढ़ा दिया|मौसी तो खिड़की पास ही बैठी थीं, इस वजह से मेरा हाथ मौसी की गर्दन को छूने लगा|मुझे और मजा आने लगा|
इसी मजा का अहसास करने के लिए मैंने आंखें बंद कर लीं ताकि उनकी चुदाई की याद अच्छे से आए और भरपूर मजा मिले|
यही सब मजा लेते लेते मेरा लंड कब खड़ा हो गया, मुझे पता ही नहीं चला|
तभी ड्राइवर में ब्रेक मारा और बस झटका खाती हुई रुक गई|उस झटके के कारण मौसी का हाथ सीधे मेरी जांघ पर आ गया और उन्होंने बहुत जोर से मेरी जांघ को पकड़ लिया|
मैंने आंख खोल कर देखा तो मौसी मेरे तने हुए लंड की तरफ ही देख रही थीं|तभी कंडक्टर आया और बोला- भैया, बस खराब हो गई है … पीछे से कोई साधन आता है, तो आप उससे निकल जाना
इस रोड पर जीपें भी चलती हैं| यदि आप लोग चाहें तो जीप में चले जाएं, पैसे मैं दे दूंगा|मैं बोला- ठीक है|जीप को आने में टाइम लग रहा था|मैं और मौसी एक दूसरे को चोरी चोरी नजरों से देख रहे थे|
काफी देर बाद एक जीप आई जिसमें बैठ कर हम लोग मामा के घर को चल दिए|जीप ने गांव के बाहर हम दोनों को उतार दिया और उधर से करीब 3 किलोमीटर का रास्ता बचा था|
वहां से हम दोनों को पैदल ही जाना था|उस वक्त शाम के करीब 7 बज रहे थे|जैसे ही हम लोग पैदल चलने लगे, मौसी ने मेरा हाथ पकड़ लिया|उन्हें सुनसान रास्ते पर डर लग रहा था|
मौसी के गोरे नाजुक हाथ मेरे हाथ में थे और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी नाजुक कली के फूल मेरे हाथ में आ गए हों|
मुझे फिर से मजा आने लगा|कुछ दूर जाने के बाद मैंने मौसी से कहा- अब हम लोग खेतों में से चलेंगे तो जल्दी पहुंच जाएंगे|
मामा के गांव के लोग ज्यादातर जल्दी पहुंचने के लिए खेतों में से जाते थे, यह बात मौसी को मालूम थी … इसीलिए वे तैयार हो गईं|कुछ दूर चलने के बाद मौसी ने कहा- मुझको पेशाब करना है|मैंने कहा- आप थोड़ी दूर जाकर कर लो|
लेकिन मौसी बोलीं- मुझे डर लग रहा है … इसीलिए तुम मेरा हाथ पकड़े रहो और मेरे साथ तुम भी बैठ जाओ|मैंने सोचा कि इसी बहाने मौसी की गांड दिख जाए तो मजा आ जाएगा|मैं भी मौसी के साथ बैठ गया|
सामूहिक चुदाई कुत्ते कुतिया जैसी- Desi Chudai
मौसी अपनी साड़ी ऊपर करके बैठ गईं|कसम से दोस्तो … उतने अंधेरे में भी हल्की रोशनी में मौसी की गांड क्या लग रही थी|अब मुझसे बर्दाश्त करना बहुत मुश्किल हो रहा था … मैंने दूसरे हाथ से मौसी की गांड को छू लिया|
मौसी ने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत थोड़ी बढ़ गई|मैंने फिर से छू लिया और इस बार दबा भी दिया|मौसी ने मेरी तरफ देख कर कहा- क्या कर रहे हो?मैंने तुरंत सॉरी बोला|
मौसी ने कहा- तेरी गर्लफ्रेंड नहीं है, जो तू इस आंटी पर लाइन मार रहा है?इतना कह कर वे हंसने लगीं|मैंने कहा- कौनउम्रदराज … मौसी आप तो किसी जवान लड़की को भी फेल कर दोगी!
इतना कह कर मैंने मौसी की गांड को दुबारा रगड़ दिया|अब मौसी खड़ी हो गईं और बोलीं- लगता ही तेरी गर्लफ्रेंड तुझे देती नहीं है|देसी मौसी की इस बेबाकी पर मैं तो हैरान हो गया|
फिर मौसी ने कहा कि बोलता क्यों नहीं है … नहीं देती है न?मैंने कहा- नहीं मौसी, आजकल की लड़कियां देती कहां हैं, सिर्फ खर्चा करवाती हैं|मौसी यह सब सुन कर हंसने लगीं|
उनकी हंसी में अलग की शरारत झलक रही थी|मौसी बोलीं- अच्छा, इसका मतलब तूने अब तक कुछ भी नहीं किया है?
मैंने कहा- मौसी, लेने के अलावा सब कुछ किया है|मौसी बोलीं- अच्छा बता, क्या क्या किया है?
मैंने कहा- मौसी उसको किस किया है| उसके दोनों बूब्स को भी दबाया है|इतना बोलते बोलते मैंने मौसी के गाल पर एक किस कर दिया|मुझे लगा कि मौसी गुस्सा करेंगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ|
उन्होंने कहा कि अच्छा तो तूने गाल पर किस किया है!मुझको लगा कि सिग्नल ग्रीन है|मैंने बिना कुछ बोले मौसी के होंठों पर अपने होंठ रखे और चूसने लगा|मौसी ने कुछ नहीं कहा|
करीब दो मिनट तक चूसने के बाद मैंने उनको छोड़ दिया और कहा- मौसी, मैंने ऐसे भी किस किया था|मौसी कुछ नहीं बोलीं|
वे कुछ पल चुपचाप खड़ी रहीं|उनके यूं मौन रहने से मुझे डर लगने लगा|मैं मौसी को सॉरी बोलने लगा|
मौसी ने कहा- चुप हो जा और यहां से चल!कुछ दूर चलने के बाद एक गन्ने का खेत आ गया था|मौसी मेरा हाथ पकड़ कर खेत के अन्दर ले गईं और किसी भूखी शेरनी की तरह मेरे ऊपर टूट पड़ीं|
मैंने कहा- अरे मौसी रुक जाओ|उन्होंने मुझे चुप रहने का इशारा किया और मुझे चूमने लगीं|मुझे भी सेक्स चढ़ने लगा|
मैं मौसी के बूब्स को ब्लाउज के ऊपर से दबाने लगा |
उनका साया उठा कर दोनों हाथों से उनकी मस्त गांड को दबाने लगा|कुछ देर किस करने के बाद मौसी ने पैंट निकालने का कहा|मैंने तुरंत अपना पैंट निकाल दिया और मौसी तत्काल अपने घुटनों पर बैठ कर|
किसी माहिर खिलाड़िन की तरह मेरे लंड को चूसने लगीं|मैं तो एकदम से जन्नत में चला गया था|मौसी ने मेरे टट्टों को सहलाते हुए उन्हें जीभ से चाटा तो लंड की मां चुदने लगी|लंड इतना अधिक कड़क होने लगा था मानो बस अभी फट जाएगा|
तभी मौसी ने धीरे से मेरे एक टट्टे को मुँह में भर लिया और चूसने लगीं|अब तो और भी अधिक आनन्द आ रहा था|
मैं उनके सर को अपने लौड़े पर दबाने लगा|उसी वक्त मौसी ने टट्टे को अपने दांतों से हल्का सा काट लिया|
मुझे मीठे दर्द के साथ मजा भी आया|मेरी आह के साथ एक गाली भी निकल गई- उई मादरचोद … क्या मजा दे रही है साली रांड!मौसी ने यह सुना और हंस कर लंड को गप कर लिया और हाथ से सहलाती हुई लंड चूसने लगीं|
मैं मस्ती से लौड़े की चुसाई करवाता रहा और उनके दोनों मम्मों को दबाता रहामौसी कुछ देर तक लंड चूसने के बाद नीचे लेट गईं और बोलीं- ले भोसड़ी के … अब मेरी चूत चाट मादरचोद रंडी के जने … आ जा!
उन्होंने मुझे गाली देकर अपना बदला पूरा कर लिया था|उस वक्त काफी अंधेरा हो गया था और उसी अंधेरे में जैसे ही मैंने मौसी की चूत पर हाथ लगाया, मौसी ने कामुक सिसकारी भरी|
मुझे उनकी चिकनी चूत का अहसास करते ही समझ में आ गया कि मौसी अपनी झांटों की नियमित सफाई करती हैं|मैं भी एक भूखे शेर की तरह उनकी चूत को चाटने लगा और दाने को होंठों से दबा कर काटने लगा|
मौसी ‘आह ऊह … आह चूस ले बहन के लंड आह … मजा आ गया आज तो …’ करने लगीं|कुछ देर बाद मैंने उनकी चुत से मुँह हटाया|तो मौसी ने कहा- चल अब ज्यादा टाइम नहीं है| जल्दी से अपना लंड चुत में डाल दे|
मैंने बिना देर किए पोज बनाया और अपना लंड उनकी चूत पर लगा दिया|लंड का सुपारा चुत को पुचकारने लगा|चुत भी लंड से लाड़ करने लगी|मैंने थोड़ा सा धक्का मारा ही था कि मेरा पूरा लंड मौसी की चुत के अन्दर घुसता चला गया|
मौसी मुझे गाली देने लगीं- आह मां के लौड़े … साले लंड पेल रहा है या गर्म सरिया पेल रहा है कमीने … मेरी चुत फाड़ देगा क्या?मैं हंस दिया और मैंने एक दो झटकों में अपना पूरा लंड उनकी चुत की जड़ में ठांस दिया|
मुंबई में देसीअनचुदी फुद्दी चोदी – Desi Chudai
अब देसी मौसी खेत चुदाई का मजा लेने लगीं और उन्होंने अपनी गांड उठाते हुए कहा- जल्दी जल्दी पेलो … मजा आ रहा है|मैं अपनी पूरी ताकत से मौसी की चुत में धक्के देने लगा और उनके बूब्स को पकड़ कर मसलने लगा|
मुझे उस वक्त ऐसा लग रहा था कि मैं उनके बूब्स उखाड़ ही लूँगा|करीब पांच मिनट की खेत चुदाई के बाद मैं मौसी की चुत में ही झड़ गया|देसी मौसी भी झड़ गई थीं|
अब मौसी उठीं और अपनी साड़ी ठीक करके बोलीं- तेरा पहला परफॉर्मेंस अच्छा था … पर इसमें अभी सुधार की काफी जरूरत है!मैंने कहा- आप सुधार कर देना!
उन्होंने हल्की सी मुस्कान बिखेरी और कहा- घर पर किसी को मत बताना तो परफॉर्मेंस पक्का सुधार दूंगी!मैंने मौसी को अपनी बांहों में लेकर उन्हें एक किस किया और हम दोनों घर की तरफ चल दिए|
इसके बाद जब भी मुझे मौका मिलता, मैं मौसी के घर पहुंच कर अपना परफॉर्मेंस सुधारने की कोशिश करता हूँ|अब तक मैं बीस मिनट की दौड़ लगाने लगा हूँ; पीछे से भी मस्त चुदाई करना सीख गया हूँ|