ठरकी आशिक ने मेरी बुर फाड़ दी – Antarvasna
Antarvasna : नमस्कार दोस्तो, मैं आप सबकी रंडी मल्लिका , जैसा नाम है, वैसी ही मेरी करतूतें हैं|मुझे मेरे दोस्त बहुत कहते हैं कि आ जा लंड के नीचे मेरी मल्लिका ,चोद कर पलट दूँगा तेरी काया|
आज मैं आप सभी को यही बताने वाली हूं कि मेरी काया पहली बार किसने पलटी थी और इसकी पीछे की क्या सेक्स कहानी थी|
ये ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड चुदाई कहानी उस वक्त की है, जब मैं अपने कॉलेज के ब्वॉयफ्रेंड से पहली बार चुद गई थी|दोस्तो, मैं बड़ी चुदक्कड़ लड़की हूं और 24 घंटे चूत चुदवाने के मूड में रहती हूं|
मैं हमेशा से ऐसी नहीं थी| जब तक मैंने स्कूल पास किया, तब तक मैं बहुत शरीफ लड़की थी|लेकिन कॉलेज में पहुंचते ही यारों ने मुझे बिगाड़ दिया|
कातिल हसीना को चुदाई के दर्द की तलाश – Antarvasna Sex Story
फिलहाल मेरी उम्र 22 साल है| ये बात दो साल पहले की है, जब मैं 20 साल की ताज़ा ताज़ा जवान हुई ही थी|उस वक्त 12 वीं पास करके मैंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया था|
इससे पहले मैंने कभी नहीं चुदवाया था और कॉलेज में ही मेरी पहली चुदाई हुई थी|मैं गोरी-चिट्टी और बोल्ड लुक वाली लड़की हूं|कोई भी लड़का मुझे देख कर अपने लंड की लार टपकाए बिना नहीं रह सकता था|
उस वक़्त मेरे चूचे थोड़े छोटे थे, बाकी सब तो सेम ही था|उस दिन मैं पहली बार कॉलेज में गई थी|सूट सलवार में मेरी पतली कमर, मोटी गांड और पकने को रेडी मस्त बूब्स थे|
मैं देखने से एकदम चोदने लायक माल लग रही थी|मैंने कॉलेज कैम्पस में दाखिल करते ही एक लड़के से पूछा- भईया, न्यू एडमिशन के किस काउंटर पर जाना होता है?
उसने जवाब देने के बजाए मुझे ताड़ना शुरू कर दिया|तभी उसके साथ के एक लड़के ने कहा- उधर चली जाओ|उस वक़्त मुझे समझ नहीं आया कि वो मुझे क्यों देख रहा था|
चूंकि मैं गांव के एक छोटे से स्कूल से कॉलेज में पहली बार गई थी, मुझे अब तक मर्दों की इस तरह की नजरों का कोई अनुभव ही नहीं था|खैर … मैं आगे बढ़ गई और काउंटर पर डॉक्युमेंट्स जमा करवा कर जाने लगी|
उसी क्लर्क से मैंने पूछ लिया था कि मेरी क्लास कहां है और उसने मुझे बता भी दिया था|जब मैं क्लास में गई तो देखा यहां का तो नियम ही अलग था|लड़के लड़की सब एक साथ ही बैठे थे|स्कूल में ऐसा नहीं था|
मेरा स्कूल सिर्फ लड़कियों के लिए ही था|मैंने चारों तरफ देखा, कहीं अकेली लड़की के पास बैठने की जगह दिखी ही नहीं|मजबूरन मुझे एक लड़के के साथ ही बैठना पड़ा|
वो लड़का बहुत हैंडसम लग रहा था, बिल्कुल किसी फिल्म के हीरो जैसा था|उसके स्टाइलिश बाल और शहरी कपड़े थे|मैं मन ही मन काफी खुश थी|मेरे बैठते ही उसने कहा- हाई|मैंने भी मुस्कुरा कर हाई बोल दिया|
मैंने अपनी लाइफ में पहली बार किसी लड़के को हाई बोला था|मुझे अन्दर से बड़ी गुदगुदी होने लगी थी|जब मैं उसके साथ बैठी थी तब उसने मुझे टच करना शुरू कर दिया|
वो कभी पीछे मुड़ने के बहाने मुझे स्पर्श करता तो कभी हिलने डुलने के बहाने|लेकिन मुझे उसकी इस बात का जरा भी बुरा नहीं लगा|पता नहीं क्यों … शायद ये ही जवानी की चुभन होती है|
मेरे कोई विरोध न करने से उसे भी समझ आ गया था कि ये लौंडिया पट सकती है|कुछ समय बाद जब क्लास खत्म हुई तो ना जाने मेरे मन में क्या आया, मैंने एक कागज पर नंबर लिख कर डेस्क पर छोड़ दिया और बाहर आ गई|
शाम को उसका फोन आया|उसका नाम विकास था|मैंने छत पर जाकर बहुत सी बातें की|अब हमारी नजदीकियां बढ़ने लगी थीं| रोज़ बात करना, साथ बैठना मुझे गर्म करने लगा था|
फिर धीरे धीरे विकास मुझे अपनी बांहों में भी लेने लग गया था| मुझे चूमने लगा था और मेरे दूध दबाने लगा था|फिर एक दिन मैं कॉलेज में गई तो वो रूठा बैठा था|मेरा ब्वॉयफ्रेंड नाराज़ था, तो मैं उसे मनाने लगी|
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उसने बहुत नखरे दिखाए और बाद में बोला कि उसे मेरे साथ सेक्स करना है|मैं तो सुनकर हक्की-बक्की रह गई|मैंने मना किया तो वो प्यार की कसमें देने लगा|उस समय मैं इतनी होशियार नहीं थी, जल्द ही उसकी बातों में आ गई|
विकास अपनी ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड चुदाई का सब कुछ पहले से ही प्लान करके बैठा था|मेरे हाँ करते ही मुझसे कहने लगा- आओ, मेरे पीछे बैठ जाओ|वो मुझे बाइक पर बैठा कर अपने दोस्त के फ्लैट पर ले गया|
दरवाजे से अन्दर घुसते ही उसने दरवाजा बंद किया और मुझे बांहों में ले कर किस करने लगा|फिर कुछ ही पलों में वो तो जैसे मुझ पर टूट ही पड़ा था| मेरी गर्दन पर, गाल पर होंठों पर उसने मुझे बहुत चूमा|
उसने मुझे जकड़ रखा था, तो मैं उससे अलग ही न हो सकी|मगर मुझे उसकी बांहों में सुकून मिल रहा था|धीरे धीरे वो मेरे मम्मों को भी मसलने लगा| उसके बूब्स मसलने से मेरे बदन में एक लहर सी दौड़ गई|
उस वक्त वो मुझे हमेशा की तरह प्यारा नहीं लग रहा था बल्कि एक प्यास बुझाने वाला देवता सा लग रहा था|मैं मस्त हो गई थी|जब वो मुझे किस करके हटा, तब उसने मुझे भूखे कुत्ते की तरह देखा, मैं डर सी गई|
वो बोला- डरो मत बाबू, ये तो मेरे प्यार करने का तरीका है|मुझे जरा सुकून मिला|मैंने उससे कहा- कुछ होगा तो नहीं ना?
विकास – नहीं बाबू, मैं बहुत आराम से और कंडोम लगा कर करूंगा| तुम्हें कुछ नहीं होगा, सिर्फ मजा आएगा|
अब तक मुझे सिर्फ ये पता था कि सेक्स भी कोई चीज होती है, लेकिन ये नहीं पता था कि चुदाई में इतना दर्द भी होता है|खैर … विकास ने मुझे गोद में उठा लिया और बेडरूम में ले गया|उसने मुझे बड़े प्यार से बेड पर लेटा दिया|
मैं इस सबको उसका प्यार समझ रही थी लेकिन मैं नहीं जानती थी कि ये बकरे को हलाल करने से पहले की तैयारी है|वो कुछ दो मिनट के लिए बाथरूम में गया|जब वापस आया तो मैंने पूछा|
मैं. क्या करने गए थे?विकास.कंडोम लगाने|मैं मुस्कुरा दी और मैंने भी जरा नॉटी होते हुए कहा- जब तोहफा मुझे मिलना है … तो छिपा कर गिफ्ट पैक करके दो या सामने पैक करो, आना तो मेरे पास ही है!
विकास खुश हो गया और बोला- अच्छा जी … अगली बार से ध्यान रखूँगा|इसके बाद वो खिलखिलाकर मेरे ऊपर चढ़ गया|पहले उसने बड़े रोमांटिक स्टाइल में मेरे होंठों को चूसा|
फिर धीरे धीरे उसका हाथ मेरे मम्मों से होकर कमर तक आ गया|वो मेरी कमर को मसल रहा था|थोड़ी देर बाद मुझे महसूस हुआ कि उसने मेरी पैंटी में अपना हाथ घुसा दिया है|
वो अब मेरी चूत पर अपनी उंगलियों को फिराने लगा|ऐसा करने से मैं सिहरने लगी| मेरे होंठों पर एक नशीली खुमारी सी चढ़ने लगी|लगभग दो मिनट ऐसा करने के बाद वो खड़ा हुआ और मेरा सूट सलवार निकालने लगा|
मैं भी मदहोश हो गई थी तो विरोध करने का तो सीन ही नहीं था|जब वो मेरे कपड़े उतार रहा था तो मैंने अंडरवियर में से ही उसका बड़ा लंड महसूस किया|जब मेरे सारे कपड़े निकल गए|
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तब मेरे गोल मटोल छोटे छोटे अमरूदों की साइज़ के मम्मे देख कर वो मचल गया|वो बोला- बाबू, अब देखो मैं कैसे इन्हें दबा दबा कर प्रगति के पथ पर ले जाता हूं|वो मेरे बूब्स को जोर जोर से दबाने लग गया और चूसने लगा|
बीच बीच में विकास मेरी चूचियों को इतनी जोर से मसल देता, जिससे मुझे होने लगता|वो दर्द मुझे आज भी याद है|मैंने कहा- बड़ा दर्द हो रहा है बाबू|उसने कहा- प्यार का दर्द है बेबी … मीठा मीठा प्यारा प्यारा|
पर उस भोसड़ी वाले को कौन बताए कि उसके प्यार के मीठे दर्द के चक्कर में मेरे मम्मों की चटनी बन रही थी|उसने मेरे दोनों बूब्स को अच्छे से मसलने के बाद खूब चूसा और काटा भी था|
जिसके काटने का एक निशान आज भी मेरे लेफ्ट दूध पर बना हुआ है|साला बड़ा मादरचोद आशिक़ था, चुदाई की निशानी भी छोड़ गया|फिर वो उठा, उसने मेरी चूत पर एक बार उंगली फिराई और एकदम से उंगली चूत में डाल दी|
मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी; उसकी उंगली फिसल कर फटाक से अन्दर चली गई|अब तो दो सेकंड बाद उसकी उंगली चूत में अन्दर बाहर होने लगी|
वो इतनी तेज़ फिंगर करने लगा था कि फच घच की आवाज सुनाई देने लगी|‘उम्मह आह्ह ह्ह ऑय आह्ह प्लीज़,
मेरी एक जोरदार चीख निकली और उसकी स्पीड उसी के साथ और बढ़ गई|
अब तो वो 2-3 उंगलियां मेरी चूत में डालने लगा था| मैं लगातार कामुक आहें भर रही थी|ये बात मुझे बाद में पता चली थी कि मर्द के आगे जितनी ज्यादा चिल्लाओ, उसकी स्पीड उतनी ही बढ़ जाती है|
उसने मेरी चूत में से पानी निकलने तक फिंगरिंग की|बाद में उसने अपनी अंडरवियर को उतारा| उसका बड़ा मोटा और लंबा लंड मेरे सामने था|उसके बाद में तो मैं कई मर्दों से चूत मरवा चुकी हूं और मुझे काफी एक्सपीरिएंस हो गया है|
इस बात के बेसिस पर मैं कह सकती हूं उस वक्त उसका लंड 7 इंच का रहा होगा|मेरी चूत गर्म थी और वो कहावत है ना कि लोहे पर हथौड़ा और चूत पर लौड़ा, तभी मारो, जब वो गर्म हो|
बस देर किस बात की थी| उसने मेरी चूत में अपना लंड बिना किसी तेल लगाए ही आधा लंड घुसा दिया|मैं चिल्ला उठी- आह्हह ह्ह्ह मांम्म्म् उहउ उउउ उफ्फ मर गई!मुझे बहुत दर्द हो रहा था|
मेरी चूत में पहली बार कोई लंड गया था इसीलिए चूत की सील भी टूट गई थी|चूत से खून आ रहा था|मैं डर गई और विकास से मिन्नतें करने लगी- प्लीज़ विकास इसे निकाल लो बहुत बड़ा है … आहह मैं मर जाऊंगी उफ्फ!
जब मैंने ज्यादा मिन्नतें की तो विकास को सच में लगा कि मुझे दर्द हो रहा है|उसने कुछ देर के लिए खुद को रोक लिया, उसने लंड चूत से बाहर निकाल लिया|
फिर जब एक मिनट हो गया और मैं कुछ सामान्य सी हो गई|तो वो अचानक से मेरे ऊपर चढ़ गया और मेरी चुदाई के लिए रेडी हो गया|
इस बार उसने मेरी एक ना सुनी, मेरे पैरों को चौड़ा किया और मेरी चूत पर थूक लगा कर लंड को रगड़ा|फिर इस बार एक ही झटके में पूरा लंड चूत में डाल दिया| लंड ने चूत को चीर दिया था|
मैं तड़फ रही थी, मगर विकास रुका ही नहीं| वो झटके पर झटके देता चला गया|मेरी हालत इतनी खराब हो गई थी कि मुझसे चिल्लाया भी नहीं जा रहा था|वो मुझे बहुत बुरे तरीके से चोद रहा था|
अब तो भोसड़ी वाला मुझे गालियां भी देने लगा था|चूँकि ये मेरा पहला संभोग था तो मुझे उसकी इस बात का बहुत बुरा लगा|वो मुझे ताबड़तोड़ चोदे जा रहा था|
जब कुछ मिनट बाद मैं नॉर्मल हुई और मज़ा आने लगा, तो मैं भी कमर मटकाने लगी|मुझे अब दर्द कम और मज़े का अहसास ज्यादा हो रहा था|वो मेरे ऊपर था, मुझे किस करते करते अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था|
उसका लंड जैसे ही अन्दर जाता तो जैसे जन्नत ही मिल जाती|वो मुझे प्यार भी कर रहा था|जब उसे लगा कि उसका रस छूट गया है, तब उसने लंड को बाहर निकाला और कंडोम निकालकर बाथरूम की तरफ चला गया|
थोड़ी देर बाद जब वो वापस आया तब उसमें एक खुशी सी थी और एक नई ताज़गी भी थी|वो मेरे पास आकर लेट गया|मेरे दोनों मम्मों पर उसने एक एक चूमा लिया और फिर से चोदने बैठ गया|
इस बार उसने मेरी टांगों को कुछ ज्यादा फैलाया और उसमें हाथ डालने की कोशिश करने लगा|अब मुझे दर्द नहीं होने वाला था|मैं बस नशे से में होकर उसी का नाम पुकारे जा रही थी|
आह … विकास … बाबू क्या कर दिया तुमने आह्ह मजा रहा है|उसने फिर से अपना लौड़ा मेरी चूत में पेल दिया और बीस मिनट तक मुझे हचक कर चोदा|फिर मेरी चूत में ही अपना रस टपका कर मेरे साथ चिपक गया|
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मुझे भी अपने पहले आशिक से चुद कर बेहद मजा आया था|आप सोच रहे होंगे कि ये सब यहीं खत्म हो गया, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है|इसके बाद तो उसने मेरी गांड भी मारी थी |
जो मैं अपनी अगली गांड चुदाई वाली सेक्स कहानी में बताऊंगी|विकास के बाद तो मेरे सामने लौड़ों की लाइन लग गई| मेरी चूत एक के बाद एक हर साइज़ के लौड़े गड़प करने लगी|
आशा करती हूं आपको मेरी ये ब्यूटीफुल गर्लफ्रेंड Xxx चुदाई कहानी काफी पंसद आयी होगी| मुझे मेल करना न भूलें|आपके लिए मेरे दिल से निकली एक शायरी अर्ज है|मेरी चूत खींच के मारो!
तो मिलती हूं नेक्स्ट सेक्स स्टोरी में| बताना जरूर मैं कैसी लगी … उम्माहह|ऐसी कयामत भरी चुदास कहानी पढ़ने के लिए www.antarvasnastory.net.in पर बने रहना।
हम आपको पूरा यकीन दिलाते हैं आपकी पसंद की हर कहानियां लेकर आएंगे। और चुत औऱ लन्ड की गर्मी शांत करते रहेंगे।