सेक्सी मल्लू आंटी के साथ रोमांस वाली चुदाई – Indian romantic sex
Indian romantic sex : नमस्कार दोस्तों ये कहानी मेरा दोस्त की माँ की है | नहीं यह मल्लू आंटी कोई चुदक्कड़ माल नहीं था| यह तो मेरे दोस्त सूरज की मम्मी थी जो उस रात कुछ बेकाबू हो गई थी बस|
मैं उसकी चूत में अपना लंड देने की फिराक में था लेकिन इस मल्लू आंटी ने मुझे केवल चूत में ऊँगली करने दी और अपने चुंचो का दूध पिलाया| बात पिछले मानसून की हैं जब मैं और सूरज कोलेज के पहले वर्ष के प्रोजेक्ट में लगे थे|
सूरज एक होंशियार लड़का था जिसके साथ में पढाई के लिए जाता ताकि मेरी कुछ हेल्प हो जाए| उसके पिताजी शीप में काम करते थे और साल में 4 महिना घर रहते और बाक़ी का समय वो शीप पर ही रहते|
सूरज की मम्मी और इस कहानी की हिरोइन मल्लू आंटी जिसका नाम सविता हैं वो कुछ 36 साल के ऊपर की हैं| सूरज के अलावा उसको अभी एक साल की एक छोटी बेटी भी हैं|
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पता नहीं अंकल को कुछ 17-18 साल के बाद चूत में अपना अंडा देने की सूझ पड़ी होंगी या तो फिर कंडोम फट गया होंगा| चलिए अब उस रात पर आ जाऊं जब यह बात बनी थी जिसे सोच के मैं आज भी मुठ मारता हूँ|
हमने ड्राइंग पढने का पक्का इरादा किया हुआ था लेकिन बरसात के चलते पावर बार बार जा रहा था| हैरान हो के सूरज कुछ 10:20 बजे सो गया और बोला की वो अब सुबह उठेगा|
मेरी गांड फटी थी इसलिए मैं मोमबत्ती की कम रौशनी में भी पढता रहा| कुछ 11:30 बजे बरसात कम हुई और पावर अब सही आने लगा|मैं पानी पिने के लिए होल में आया और देखा की सूरज की मम्मी सविता टेली देख रही थी|
उसने डिस्कवरी चेनल लगाया था जिस पे सिहं के उपर डाक्यूमेंट्री चल रही थी| मैंने सोचा की चलो थोडा रिलेक्स कर लूँ टेली देख के| आंटी को हाय बोल के मैंने सोफे पे अपनी गांड भी टिका दी| उस होल में केवल एक ही सोफा था |
इसलिए मुझे मज़बूरी में इस मल्लू आंटी के पास में बैठना पड़ा| हमारे बिच में कुछ सेंटीमीटर का ही फासला था|तभी डिस्कवरी के ऊपर सिंह मस्तियाने लगे| एक सिहं अपनी फिमेल पार्टनर की चूत में लंड डालने लगा|
साले डिस्कवरी वाले तो एनीमल बिपि दिखा रहे थे| मैंने देखा की मल्लू आंटी कम्फर्टेबल नहीं थी | मैंने सोचा की चलो मैं ही निकल लूँ| जैसे ही मैं उठा आंटी ने मुझे बैठने को कहा थोड़ी देर और वो बोली की वो भी कुछ देर में सो जाएँगी|
मैं डरते हुए वापस बैठा| मेरा 8 इंच का लंड सही में बड़ा टाईट हो चूका था उस वक्त|सिहं अभी भी मस्त सेक्सक्रीडा में लगे हुए थे|
डिस्कवरी वालों के हाईफाई केमरा सिहं के लंड और उसकी पार्टनर की चूत तक क्लोज़अप कर कर के दिखा रहे थे|मेरी लंड तो अब काबू के बहार हो रही थी|
तभी मैंने महसूस किया की मल्लू आंटी मेरे और भी करीब खिसक गई हैं जिसकी वजह से उसकी जांघ मुझे स्पर्श हो रही थी| मेरे तनबदन में आग लगी थी |
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दिमाग में हजारों सवाल घूम रहे थे| क्या यह मल्लू आंटी मुझ से चुदवाना चाहती हैं क्या? इसी सवाल के इर्दगिर्द दुसरे कई सवाल मंडरा रहे थे|
अब तो मुझे यकीन हो गया की यह मल्लू आंटी कुछ करने का सोच रही है क्यूंकि वो मुझ से और भी सटक के बैठ गई थी| उसकी कोमल कोमल जांघो का स्पर्श मेरी जांघो के ऊपर होने लगा था |
मुझे जैसे की गुदगुदी होने लगी थी| मैंने एक मिनिट और इस आंटी का तमाशा देखा और फिर मुझ से रहा नहीं गया|मैंने अपने हाथ को सीधा ही मल्लू आंटी की चूत पे रख दिया| आंटी ने मेरी तरफ देखा और वो कुछ नहीं बोली|
मेरी हिम्मत तुरंत बढ़ गई और मैंने आंटी के बूब्स को मसलना चालू कर दिया| आंटी ने इधर उधर देखा और फिर वो मेरा हाथ पकड़ के खड़ी हुई| वो सीधे मुझे अपने बेडरूम में ले गई|
पलंग पे सोई उसकी बेटी को उसने उठा के निचे फर्श पे छोटा गद्दा डाल के लिटा दिया| फिर आंटी मुझे ले के बेड में सो गई|मैंने अपनी पेंट खोलनी चाही तो आंटी ने मुझे इशारे से नहीं कहा|
उसने अपनी नाईटी को उठा के अपने भारी चुंचे बहार निकाले| शायद आंटी कुछ मस्ती करना चाहती थी बस, और उसे सेक्स नहीं करना था अभी| मैंने अपने हाथ को आंटी की चूत के ऊपर रखा
मैंने नाईट पेंट के अंदर धीरे से हाथ को अंदर सरका लिया|मल्लू आंटी की चूत गुच्छेदार थी जिसके ऊपर ढेर सारे बाल थे| आंटी ने अपने चुंचे पकड़ के मेरे मुहं में डाल दिए|
मैंने अपनी एक ऊँगली आंटी की चूत में डाली और उसे अंदर बहार करने लगा| आंटी भी अपने चुंचो को दबाते हुए उन्हें मेरे मुहं में देती रही| तभी मेरे मुहं में कुछ प्रवाही आया| अरे यह तो मल्लू आंटी का दूध था
जो उसके चुंचो से निकल के मेरे मुहं में आया था| उसकी बेटी स्तनपान करती थी इसलिए उसका दूध चालू ही था अभी तक|मैंने अपना हाथ चूत से निकाला और मैंने चूंचे जोर जोर से दबाये
ताकि बहुत सारा दूध निकले जिस से मैं अपनी भूख मिटा सकूँ| आंटी अब अपने चुंचे छोड़ के खुद अपनी चूत में ऊँगली करने लगी| मैंने आंटी का ढेर सारा दूध पिया और फिर उसका हाथ मेरे लंड पे रख दिया|
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आंटी मेरे लंड को मसलने लगी और मेरी उत्तेजना बढती ही जा रही थी| 2-3 मिनिट में तो मेरा वर्जिन लंड आंटी की टच बर्दास्त नहीं कर सका और ढेर सारा माल पेंट में ही निकल गया|
आंटी के हाथ के ऊपर भी वीर्य की चिकनाहट आ गई थी| उसने झट से हाथ निकाला और चद्दर पे घिस लिया| मैं उठा और मैंने अपनी ऊँगली मल्लू आंटी की चूत में घुसेड दी|
फिर मैं 10 मिनिट तक मल्लू आंटी की चूत को अपनी ऊँगली से चोदता रहा|शायद इसीलिए आंटी ने होल का टीवी ओन रखा था, की उसकी सेक्सी मोन की आवाज टीवी की आवाज में दब सकें|
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