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पढ़ने के बहाने पड़ोसन भाभी की चूत का शिकार – Bhabhi ki Chudai Hindi Mein

Bhabhi ki Chudai Hindi Mein: कैसे हो दोस्तो!मैं अपनी कहानी शुरू करने से पहले अपना परिचय देना चाहूंगा।मेरा नाम मोहन है और मैं दिल्ली से हूं।मैं 5.8 फीट हाइट वाला नॉर्मल लड़का हूं। मेरे लन्ड का साइज 7 इंच है।

अब मैं आपको ज्यादा बोर ना करते हुए सीधी अपनी भाभी की मस्त चुदाई पर आता हूं।यह मेरे साथ तब हुआ था जब मैं नया,नया जवान हुआ था।उस वक्त मेरी उम्र लगभग 20 साल थी।

मैं बारहवीं कक्षा पास करने वाला था।उन दिनों सेक्स में मेरी रूचि बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही थी।कुछ समय के बाद हमारे पड़ोस में एक परिवार रहने के लिए आया।उसमें एक अंकल,आंटी और उनके बेटा बहू थे।

उनका बेटा लगभग 33 साल का था और उसकी बीवी 30 के करीब थी।जब मैं उस दिन स्कूल से लौटा मैंने पहली बार उसे देखा।मैं उसे देखता ही रह गया।उसका फिगर तो मुझे नहीं पता था|

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पढ़ने के बहाने पड़ोसन भाभी की चूत शिकार - Bhabhi ki Chudai Hindi Mein

लेकिन वो भाभी देखने में मस्त माल लग रही थी।मुझे पहली नजर में ही उससे प्यार हो गया और मैं उसी दिन से उसी के सपने देखने लगा।बस मौका देखता था कि कैसे उसके पास जाया जाए।

धीरे,धीरे बातचीत शुरू हुई।भाभी मुझे काम बताने लगी और मैं उसके सारे काम कर दिया करता था।उनकी फैमिली से मेरी अच्छी बनने लगी।जो लोग कहते हैं कि आज किसी को देखा

कल सेक्स कर लिया, ये सब झूठ की बातें हैं।सेक्स तक पहुंचने के लिए बहुत टाइम देना पड़ता है, इंतजार करना पड़ता है।इसी बीच मेरे एग्जाम पास आ गए और मुझे पेपरों की चिंता रहने लगी।

भाभी ने मेरी चिंता को देख ऑफर दिया कि वो मुझे पढ़ा दिया करेगी।मैं अब रोज उनके घर पढ़ने के लिए जाने लगा।अब यहां से वासना का असली खेल शुरू हुआ।भाभी के पास जब मैं पढ़ने के लिए बैठा होता था

तो उसकी क्लीवेज को घूरता रहता था।उन्होंने ने भी ये बात भांप ली थी।उसके पति काम पर रहते थे, अंकल भी कहीं चले जाते थे।दिन के समय घर में सास,बहू ही रहा करते थे।

आंटी के घर में रहने के कारण ही मेरा गांड फटती रहती थी कि कुछ ऐसा वैसा कर दिया तो लौड़े लग जाएंगे।लेकिन कहते हैं, कामदेव के घर देर हो सकती है, लेकिन अंधेर नहीं।हुआ यूं कि अंकल,आंटी तीर्थ यात्रा पर निकल गए।

पांच दिन के बाद वे लोग लौटने वाले थे।अब घर में केवल भाभी ही रहती थी।पहले दो दिन नॉर्मल ही बीते।मैं बस चूचियों की क्लीवेज और गांड को ही चुपके से ताड़ लिया करता था।

एक दिन मुझसे रुका न गया, मेरा लंड बुरी तरह से तना हुआ था।मैं बहाना बनाकर बाथरूम में मुठ मारने चला गया।सेक्स इतना चढ़ा था कि दरवाजा भी बंद करना याद नहीं रहा।

मैं मुठ मारने में मशगूल था और वहां से गुजरते हुए गलती से भाभी ने मुझे देख लिया।मेरी गांड फट गई।लंड एकदम से सो गया।मेरे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं।मैं शर्मिंदा होकर बाहर गया, भाभी से नजरें नहीं मिला पा रहा था।

जिस बात का मुझे डर था, वही हुआ।मेरे बाहर आते ही भाभी बोली, क्या कर रहे थे ये तुम अंदर?सुनकर मेरी हवा टाइट हो गई।मैं चुप रहा।भाभी फिर से बोली, बताओ, नहीं तो फिर मैं तुम्हारी मम्मी से बात करती हूं!

मैं एकदम से भाभी के पैरों में लेट कर माफी मांगने लगा।भाभी ने मुझे डांट कर भगा दिया।उस रोज पूरा दिन मेरी गांड फटी रही।मैं अगले दिन पढ़ाई करने भी नहीं गया।फिर भाभी ने मम्मी के पास फोन किया।

मम्मी ने मुझे भाभी के पास ट्यूशन भेज दिया।भाभी के पास जाने के बाद वो बोली, देखो, तुम जो कर रहे थे, इस उम्र में सबको अच्छा लगता है। मैं किसी को नहीं कहूंगी, लेकिन पढ़ने आ जाया करो, नहीं तो फेल हो जाओगे।

मैंने भी भाभी को कह दिया कि वो मेरी गलती थी।लेकिन मैंने बोल दिया कि मैं उनको पसंद भी करता हूं और उनको सोचकर ही मैं बाथरूम में वो सब कर रहा था।भाभी ने इस बात पर मुझे गुस्से में थप्पड़ मार दिया।

मैंने सोचा कि ये तो फिर से मां चुद गई।ये मैंने क्या बक दिया।लेकिन फिर भाभी हंसने लगी और बोली, कोई बात नहीं, तुम चाहो तो मैं तुम्हारी मदद कर सकती हूं।मैंने पूछा, क्या मतलब?

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वे बोली, देखो, मैं तुम्हारी खुशी के लिए अपने प्राइवेट पार्ट दिखा सकती हूं लेकिन उसके आगे कुछ नहीं होगा।मुझे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ कि भाभी खुद ये कह रही थी।

मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई थी।मैं खुशी से झूमकर बोला, जी भाभी, जैसा आप कहोगे, वैसा ही होगा।यह सुनने के बाद भाभी ने किताबें एक साइड में रख दीं उसने अपनी साड़ी का पल्लू कंधे से उतार दिया।

ब्लाउज में भाभी की मोटी चूचियां और क्लीवेज दिख रही थी। ब्लाउज उतारकर भाभी ने अलग कर दिया और ऊपर से ब्रा में आ गई।सामने का नजारा देख मेरा लंड उफान पर आ चुका था और मेरी पैंट में झटके देने लगा था।

फिर भाभी ने ब्रा खोल कर अलग कर दी।उसकी मोटी चूचियां, गुलाबी निप्पलों वाली, मेरी सामने थीं।ऐसे गुलाबी निप्पल देखकर मेरे मुंह में लार का सैलाब बहने लगा।बहुत मन कर रहा था चूची पीने का।

मैंने भाभी से रिक्वेस्ट किया कि एक बार बस हाथ लगाने दें।वे मान गई।मैंने चूचियों को हाथों से छूकर देखा।बहुत नर्म थीं!मैं उनको दबाकर देखने लगा।भाभी बोली, छूकर देखने की बात हुई थी।

मैंने कहा, प्लीज भाभी, बस थोड़ा सा दबाने दो।फिर उसने हाथ हटा लिया और मैं चूचियों को भींचने लगा।कुछ ही देर में भाभी की सांसें भी गहरी होने लगीं।मैं मुंह पास ले गया और चूचियों पर रख दिया।

दोनों हाथों से एक चूचे को पकड़ कर आम की तरह उसका रस चूसने लगा।फिर दूसरी को भी ऐसे ही पीने लगा, और कुछ ही पल में भाभी के निप्पल गुलाबी से लाल हो गए।वे हल्के से कसमसाने लगी तो मुझे हिम्मत मिल गई।

अब मैंने जोर जोर से दबाते हुए भाभी की चूचियों को पीना शुरू कर दिया।भाभी को बहुत मजा आने लगा और वो खुद ही मेरे सिर को चूचियों पर दबाते हुए मुझे चूचियां पिलाने लगी।

अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था।मैं नीचे हाथ ले जाकर भाभी की चूत को टटोलने लगा।मैंने साड़ी में हाथ देकर पैंटी के ऊपर से चूत को रगड़ना शुरू कर दिया।भाभी सिसकारने लगी |

आह्ह राजा … ओह्ह … बहुत मजा देता है तू तो … चूस ले अच्छी तरह … आह्ह … आह्ह।अब खुद ही भाभी ने साड़ी को खोल दिया और पेटीकोट समेत पैंटी भी नीचे खींच दी।मैं भाभी की चूत देखकर उस पर टूट पड़ा।

मैंने उसकी टांगों को चौड़ी किया और चूत में मुंह देकर जीभ से चाटने लगा।भाभी पगला गई … मेरे सिर को चूत में दबाने लगी।उसकी नंगी चूचियां उसकी छाती पर पसरीं थीं|

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वो टांगें खोलकर मुझसे चूत चटवाने का पूरा मजा ले रही थी। ऐसा लग रहा था जैसे भाभी ने मेरे लिए स्वर्ग के द्वार खोल दिए थे।कुछ ही देर में उसकी सिसकारियां बहुत तेज हो गईं।एकदम से भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया।

आह्ह … आह्ह की आवाजों के साथ भाभी की चूत पानी फेंकने लगी।मैं चूत से निकला सारा गर्म रस अपने मुंह में उतारता चला गया।जब चूत पूरी तरह से खाली हो गई तो मैंने अपना मुंह उठाया।

भाभी ने फिर एकदम से मुझे पीछे धकेला और मेरी पैंट खींचकर अंडरवियर भी नीचे कर दिया।मेरा 7 इंच का लंड चूत की प्यास में तड़पता हुआ लगातार आंसू बहा रहा था।उसका मुंह पूरा गीला हो गया था।

भाभी ने प्रीकम लगे मेरे लंड को अपने गर्म मुंह में लिया तो मैं जैसे किसी और ही दुनिया के आनंद में खो गया।सच में दोस्तो, मुंह में लंड जब जाता है तो ऐसा आनंद आता है कि क्या कहने।

मैं तो जैसे 7वें आसमान में उड़ रहा था।भाभी भी मस्ती से लंड को चूसे जा रही थी।चूसते हुए वो बोली, मेरे पति से तो बहुत बड़ा है तेरा।ये कहकर वो और ज्यादा मस्ती से लंड को चूसने लगी।

पहली बार मैंने लंड चुसवाया था तो मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया और बहुत जल्दी झड़ गया।मुझे थोड़ी निराशा हुई।लेकिन भाभी ने समझाया कि पहली बार में ऐसा हो जाता है।

कुछ देर हम लोगों ने एक दूसरे की पसंद नापसंद के बारे में बातें की।फिर भाभी ने एक बार दोबारा से मेरे लंड को मुंह में लिया और चूसने लगी।अबकी बार मुझे लंड चुसवाने में और ज्यादा मजा आ रहा था।

जल्दी ही मेरा 7 इंची लंड फिर से पूरे आकार में आ गया।लंड पूरा तान देने के बाद भाभी बोली, जल्दी कर रोहित, कोई आ जाएगा।भाभी ने लंड को फिर से मुंह में लिया और इस बार उस पर पूरी लार लगा दी।

मेरा लंड पूरा चिकना हो गया।मैंने भाभी की चूत में उंगली डाली और तेजी से कई बार अंदर बाहर की।भाभी चुदने के लिए मचल उठी।उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और खुद ही लंड को चूत पर लगवा लिया।

फिर बोली, चोद दे अब, रुका नहीं जा रहा।मैंने कोशिश की लेकिन लंड अंदर नहीं गया।भाभी ने फिर से लंड को चूत के थोड़ा अंदर तक फंसाकर सेट किया।मैंने धक्का मारा तो अबकी बार लंड चूत में प्रवेश कर गया।

भाभी की चूत बहुत टाइट थी।वे ठीक ही कह रही थी कि उनके पति का लंड बहुत ही छोटा होगा।शादी के इतने दिनों के बाद भी भाभी की चूत पूरी तरह से टाइट थी, जैसे कि बिना चुदी हुई चूत हो।

ऐसा लग रहा था जैसे लंड किसी गर्म भट्टी में चला गया हो।मैं भाभी की चुदाई करने लगा।वे भी बार बार मुझे अपने ऊपर खींचकर मेरे होंठों को चूसने लगती थी।होंठ चूसते हुए चूत चोदने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।

मेरे लंड में तूफान सा उठने लगा था जैसे कि कुछ बाहर निकल कर आने वाला है बदन से।मैं अब पूरा लंड अंदर करता और फिर पूरा बाहर निकाल कर फिर से पूरा का पूरा अंदर घुसा देता।

कुछ देर ऐसा करने के बाद फिर से मैं भाभी की चुदाई तेज स्पीड में करने लगा।मेरे झटकों के साथ भाभी की चूचियां जोर जोर से हिल रही थीं।उसके मुंह से लगातार आह्ह … आह्ह … हए … आहह् … ओह्ह … की कामुक आवाजें निकल रही थीं।

मुझे भाभी की चुदाई करते हुए दस मिनट के लगभग समय हो गया था।अब मुझे बीच में ही रोक भाभी उठ गई और घोड़ी बन गई।भाभी की गांड देख मेरे मुंह में पानी आ गया।

मैंने भाभी की गांड को जीभ से खूब चाटा।अब मैं पीछे से भाभी की चुदाई करने लगा।वे घोड़ी बनकर चुदने लगी।इसी बीच उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मेरा पूरा लंड भीगकर और ज्यादा चिकना हो गया।

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पढ़ने के बहाने पड़ोसन भाभी की चूत शिकार - Bhabhi ki Chudai Hindi Mein

भाभी की चूत में जब लंड जा रहा था तो जोर जोर से पच पच की आवाजें आने लगीं।इसके 2 मिनट के बाद ही मेरे लंड ने भी फूट फूट कर लावा निकाल दिया और भाभी की चूत में ही मैं ढेर हो गया।

कुछ देर के बाद मैं उठा और भाभी ने मेरे लंड को चाटकर साफ किया।मैंने कुछ देर उनकी चूचियां पीं और फिर उनकी चूत को बाथरूम में धुलवाया।फिर हमने कपड़े पहन लिए।

भाभी की मस्त चुदाई करने के बाद मैं भी अपने घर आ गया।हमारे पास दो दिन का समय और बचा हुआ था।इन दो दिनों में हमने चुदाई का खूब मजा लिया।उसके बाद अंकल,आंटी यानि भाभी के सास,ससुर आ गए।

उसके बाद भी जब हमें थोड़ा सा भी मौका लगता तो हम चुदाई कर लेते थे।मैंने उसके बाद भाभी की गांड की चुदाई भी की।भाभी की गांड चुदाई की कहानी मैं आपको आने वाले समय में बताऊंगा।

आपको मेरी सेक्सी भाभी की चुदाई की ये भाभी की मस्त चुदाई कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बताना।मुझे कमेंट्स या ईमेल में लिखें।

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