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देसी हीरोइन की चुत खेत में फाड़ी – Antarvasna

Antarvasna : मेरा नाम मुकेश है और मैं अपने गाँव का सबसे हट्टा-कट्टा पहलवान हूँ। मेरी चौड़ी छाती और ताकतवर शरीर देख हर औरत कामुक हो जाती। मुझे कई सारी औरते मन ही मन पसंद करती थी जिस कारण मैंने कई सारी अलग अलग लड़कियों के साथ सेक्स किया।

पर रंडी चोदना किसे पसंद है आखिर ? रंडियो की गांड चुदाई करते करते मैं थक गया और अब मैं बस एक ही लड़की को चोदना चाहता था। उस लड़की का नाम अनीता था जो गाँव के सबसे अमीर आदमी की लड़की थी। अब अनीता तो काफी पढ़ी लिखी लड़की थी मैं जब भी उसके पास जाता तो घबरा जाता।

उसका बात करने का तरीका और मटकती गांड देख मेरे शरीर से पसीने और लंड से पानी छूटने लगता। अब हार मान कर मैं आप लोगो की तरह हिंदी सेक्स कहानियाँ पड़ने लगा और अपने लिंग पर जोर से मुठ मारने लगा। मेरा ये काम रोज का हो गया था।

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देसी हीरोइन की चुत खेत में फाड़ी - Antarvasna

मैं बस आंखे बंद करता और अनीता के लटके स्तन और पानी टपकती चुत के सपने देखता रहता। उन दिनों मुझे ये भी पता लगा की मेरे पड़ोस के लड़के गे थे इसलिए वो मुझे घूर घूर कर देखते थे और मुझे लगता था की वो लोग मेरी बॉडी से जलते है और मेरी जैसी बॉडी बनाना चाहते है।

उसके कुछ दिन बाद अनीता अपने पिता जी के खेतों में चल रहा काम देखने आई थी। उनके पिता जी ने मजदूरों को पैसा दे कर अपने खेत में काम करने के लिए बुला रखा था। तभी मैं भी कहा अपने साथियों के साथ।

उस दिन अनीता को देख मेरा दिल तेजी से धड़कने लगा और मेरे दोस्तों ने कहा जा साले जा। साथियों के सामने झंड न हो जाये इस लिए मैं अनीता के पास जा कर खड़ा हो गया। मुझे देखते ही अनीता की दोनों सहेलिया शर्मा कर हसने लगी तो मेरी छाती गर्व से चौड़ी हो गई।

अनीता – तुम तो मुकेश हो न ?

मैंने कहा – हाँ हाँ !!

मेरी उत्सुकता देख अनीता की सहेलियां समझ गई की मैं अनीता से क्या चाहता हूँ। उन दोनों ने अनीता का हाथ पकड़ा और उसे दूर लेजा कर कुछ कहने लगी। उन तीनो के बीच किया खिचड़ी पक रही थी |

मुझे तो पता नहीं लगा पर उसके बाद जो हुआ काफी मजेदार था। बात करने के बाद अनीता मेरे पास आई और उसकी दोनों सहेलियां वहां से चली गई।

अनीता – तुम यहां मेरा खेत देखने आये हो क्या ?

मैं आया तो अनीता के कामुक शरीर को देखने था पर जब अनीता ने ये पूछा तो मेरे मुँह से हाँ निकल गई। उस दौरान मैंने देखा की सहेलियों से बात करने के बाद अनीता के हाव भाव ही बदल गए।

मेरे हाँ बोलने के बाद अनीता ने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खींचते हुए अपने खेतों में ले गई जहा मुझे देसी चुदाई करने का मौका मिला।

कुछ देर कर हम दोनों ने दिल खोल कर बाते की और सब कुछ सही जा रहा था। उस वक्त मैंने अपने अस पास देखा तो कोई नहीं था और हम दोनों अनाज के खेत में थे।

अपने आप को अनीता के साथ अकेला पा कर मेरी अन्तर्वासना बढ़ने लगी और मैं अनीता को हवसी आँखों से देखने लगा। मेरी नज़र सिर्फ अनीता के दूधो पर थे जिस वजह से मेरा लिंग अकड़ गया।

मैंने अनीता की गर्दन पर हाथ रखा और कहा ” मुझे तुम्हारे साथ चुदाई करनी है !! अनीता , क्या ?? छी हमे लगा था की तुम तो सिर्फ प्यार से बतियाने आए हो।

मैंने अनीता की सलवार में हाथ घुसाया और उसकी चुत रगड़ने लगा। अनीता मेरी आँखों में दिलचस्पी देख कामुक होने लगी उसने अपने कोमल हाथ मेरे कंधे पर रखा और मेरा मुँह पास खींच कर मेरे होठों पर चूमने लगी। उसके बाद हम दोनों ने खेत में ही सेक्स करना चालू कर दिया।

मैंने अनीता का सूट उतरा और उसे स्तनों पर अपना थूक गिरा गिरा कर चाटने चूसने लगा। जल्द ही अनीता की चुत गीली होने लगी और मेरा लंड भी लसलसा होने लगा। अब मैं करता भी तो क्या लड़की मेरे सामने चुत खोले लेटी थी और मुझे लंड की मजबूरी थी।

मैंने अनीता की सलवार का नाड़ा खोला और कच्छी उतार कर उसकी चुत देखने लगा। अनीता की चुत गुलाबी लाल थी और उसमे से पानी टपक रहा था। तभी अनीता ने मेरा हाथ पकड़ा और मेरी दो ऊँगली ले कर अपनी चुत में घुसाने लगी।

उस वक्त मुझे पता लगा की रंडियो की चुत चोदने से मुझे मजा क्यों नहीं आता था। अनीता की चुत टाइट थी और ऊँगली डाल कर मुझे ये पता लग गया था की इस चुत की चुदाई आज तक कोई नहीं किया।

मैंने जल्दी से अपनी पैंट और चपल उतारी और अनीता को जमीन पर लेटा कर उसकी चुत में लंड देने लगा।भोसड़े में लंड जाते ही मेरे लंड को जो गर्माहट मिली उस से मुझे मज़ा ही आ गया। अनीता चुदाई करते हुए मेरी छाती और कंधो पर हाथ फेरने लगी।

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देसी हीरोइन की चुत खेत में फाड़ी - Antarvasna

उसे मेरा मर्दाना और पहलवान शरीर काफी पसंद आ रहा था। कंधे और छाती सहलाते हुए वो मेरी चूतड़ों को भी हाथ लगाने लगी और मुझे अजीब सा मजा देने लगी।

कुछ देर बाद मैंने अनीता को कस कर गले लगा लिया और अपनी कमर हिला हिला कर लोढ़ा अंदर बाहर देता रहा। चुदाई में मुझे काफी मजा। अनीता के मुलायम दूधो में अपना मुँह दे कर मैं उसकी टाइट चुत चोदे जा रहा था।

अनीता – अहह अहह उठ उह्ह्ह नहीं इतना तेज मत करो !!

मैंने कहा – क्यों क्या हुआ ??

अनीता – नहीं मैंने आज तक सिर्फ अपनी दो ऊँगली का इस्तेमाल किया है तुम्हारा काफी बड़ा है मेरे लिए !!

मैंने कहा – अहह अहह !!! थोड़ी देर सहन कर लो ना !!

अनीता – नहीं अब मुझे जलन हो रही है नीचे !!

मैंने अनीता की एक बात न मानी क्यों की मैं उस वक्त झड़ने वाला था। मैंने अनीता का सर पकड़ा और उसके होठों और जीभ को जम कर चूसने चूमने लगा। अनीता के बड़े होठों किसी गुलाब की पंखुड़ी जैसे थे।

चूमते हुए हम दोनों का मुँह थूक से लसलसा हो गया और साथ ही चुत लंड ने भी पानी छोड़ना शुरू कर दिया।अनीता अपनी चुत से सफ़ेद माल चढ़ने लगी और मैं अपने लंड से सफ़ेद पिचकारी।

हम दोनों के लिंग इतनी गंदे और चिपचिपे हो गए की बस हमे जल्द से जल्द नहाने का दिल करने लगा। झड़ने के बाद भी मैं अनीता को किसी फूल की तरह देखने लगा जिसे मैं तोड़ना चाहता था।

मैंने अनीता की गन्दी चुत से अपना लोला निकाला और उसे बेशर्मो की तरह फिरसे चाटने लगा। अनीता की चुत का स्वाद कुछ अच्छा तो नहीं था पर उस वक्त मैं अनीता की सिसकियाँ निकलवाने के लिए कुछ भी कर सकता था।

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अब इतनी जबरदस्त चुदाई के बाद मेरे लोडे में तो जान थी नहीं पर मैं फिर भी अनीता को खूब चोदना चाहता था।इसलिए मैंने अनीता की चुत गांड चाटना शरूर कर दिया।

करीब 20 मिनट बाद अनीता ने फिरसे अपनी चुत से पानी निकला और उसके बाद वो बेहोशी की हालत में चली गई। चुदाई करते करते शाम के 7 बज गए और अँधेरे में ये सब करना कुछ ठीक नहीं था।

मैं चाहता तो अनीता की चुत से 3 से 4 बार पानी और निकाल सकता था क्यों की वो पुरे मूड में थी पर मैंने ऐसा नहीं किया। कुछ देर नंगा आराम करने के बाद हमने कपड़े पहने और मैंने अनीता को उसके घर छोड़ दिया।

उस दिन के बाद अनीता मेरे मर्दाना शरीर से प्यार कर बैठी और अब वो मेरी प्रेमिका है। ये बाद अनीता की सहेलियों के अलावा किसी को नहीं पता थी। हमने कई बार और सेक्स किया और मुझे हर बार अनीता का थुल थुला शरीर चोदने में मजा आया।

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