Desi Chudai

गाँव के नाले में मोटे देहाती लंड से चुदवाया- Desi Chudai

मैं सविता रानी अपनी चुदाई की एक मज़ेदार घटना लिखने जा रही हूं जो मेरे साथ इसी बरसात के मौसम में एक दिन घट गई। मेरी उम्र 26 साल है और मैं बैंक में जाब करती हूं। पति थाने  में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं और उन्हें पैसा कमाने का बहुत शौक है।

हमारा गांव एक पहाड़ी पर स्थित है। पर वहां की सड़क बरसात में बंद हो जाती है क्योंकि रास्ते में एक नाला पड़ता है जिस की चौड़ाई ज्यादा होने के कारण उस पर अभी तक पुल नहीं है और जिस नाले में बरसात के मौसम में बाढ़ सी आ जाती है पर पानी का बहाव बहुत शांत रहता है।

इसलिए कभी कभी मुझे गाड़ी पकड़ने के लिए यह नाला पार करना पड़ता था पर पानी घुटने तक ही होता था। पर एक रोज़ बैंक में बहुत काम था और छुट्टी थोड़ा लेट हुई और मैं लास्ट बस से घर आ रही थी तो बारिश काफ़ी तेज़ हो रही थी। तो मैं परेशान थी कि अंधेरा होने वाला था और मुझे नाला अकेले ही पार करना पड़ेगा।

तभी मैंने बस में देखा तो हमारे ही गांव का लड़का जिसका नाम दीपक था और सभी उसे दीपू  कह कर बुलाते थे उसी बस में बैठा था। यह देख कर मुझे खुशी हुई कि मुझे घर तक पहुंचने के लिए साथ मिल गया था। रिश्ते में वह मेरे पति का चाचू लगता है पर उम्र में मुझ से दो साल छोटा है।

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गाँव के नाले में मोटे देहाती लंड से चुदवाया- Desi Chudai

वह बन्दा भी बड़ा इंट्रेस्टिंग किस्म का है इसलिए मेरे पति के साथ इसकी बहुत बनती है। मेरे पति ने एक बार मुझे बताया था कि दीपू  का मुकद्दर ही कुछ ऐसा है कि यह यहां भी जाता है कोई न कोई लड़की इसकी सहेली बन ही जाती है |क्योंकि इसकी बातें ही बड़ी मजेदार होती हैं। पर यह औरतों की बहुत इज्जत करता है। और इसलिए मैं भी कभी कभार इस से मज़ाक कर लिया करती थी।

उस दिन जब मैं बस में से उतरी तो बारिश बंद हो चुकी थी पर अंधेरा होने वाला था। पर मैं निश्चिंत थी क्योंकि मुझे साथ मिल गया था। दीपू  ने जब मुझे देखा तो मुस्कुरा कर बोला,”अच्छा तो आप भी आज लेट हो गई हो, मैं तो सोच रहा था|कि मुझे अकेले ही अंधेरे में नाला पार करना पड़ेगा” फिर मैंने कभी ऐसा ही कहा और फिर हम बातें करते हुए जब नाले के किनारे पहुंचे तो थोड़ी चांदनी हो चुकी थी।

दीपू  ने अपने जूते और पैंट उतार दी और फिर बोला कि नाले में पानी तो अभी कमर से ऊपर तक वह रहा है और फिर उसने अपनी शर्ट भी उतार दी और उन्हें अपने बैग में डाल लिया।

फिर मुझे बोला कि आपके तो सारे कपड़े भीग जाएंगे तो मैंने कहा कि मैं क्या करूं.

तो उसने कहा कि आप ने तो कुर्ता पहना हुआ है इसलिए आप भी अपनी सलवार और चप्पलें उतार कर मुझे देदो |

मैं इन्हें भी अपने बैग मैं डाल लेता हूं। और जैसे जैसे पानी गहरा आएगा आप अपना कुर्ता ऊपर उठा कर पकड़ लेना वह भी भीगने से बच जाएगा।

यह कहकर उसने मुड़कर अपनी पीठ मेरी तरफ घुमा ली। मैंने उसकी बात मान ली और अपनी चप्पलें उतार दीं और फिर अपने सलवार के साथ साथ अपनी पैंटी भी उतार कर चोरी से सलवार में लपेट कर अपने पर्स में डाल ली और पर्स दीपू  को थमा दिया|

फिर दीपू  ने मुस्कुराते हुए पर्स और चप्पलों को भी अपने बैग में डाल लिया और फिर बैग को अपनी गर्दन के पीछे टांग कर सैट कर लिया। और मुझे कहा,”अब आप यहीं पर मेरा इंतजार कीजिए |

मैं पहले यह सामान नाले के उस पार छोड़ कर आता हूं फिर मैं आपको पकड़ कर नाला पार करवा दूंगा.”और वह मुझे वहीं छोड़ कर पानी में चला गया और काफ़ी देर के बाद जब बह बापस आया तो तो उसने अपनी बनियान भी उतार दी थी|

सिर्फ अंडरवियर में था। फिर उसने बताया कि नाले में पानी छाती तक गहरा था और उसकी बनियान भीग चुकी थी और बह उसे निचोड़कर नाले के उस पार ही छोड़ आया है।

तो मैंने कहा कि तब तो मेरा कुरता भी भीग जाएगा। तो उसने कहा कि अगर आपने अंदर बनियान पहनी है तो आप अपना कुर्ता भी उतार कर मुझे दे दो मैं उसे अपने सर पर बांध लूंगा और बह भीगने से बच जाएगा।

फिर मैंने कहा कि ठीक है पर तुम मेरी तरफ अपने पीठ करदो मुझे कुर्ता उतारते शर्म आ रही है.बह अपना मुंह दूसरी तरफ़ करके खड़ा हो गया तो मैंने अपना कुर्ता उतार दिया |

बनियान के अंदर पहनी हुई ब्रा भी उतार दी और उसे कुर्ते में डाल कर गठरी सी बना ली और अपनी बनियान को नीचे खींच कर अपनी चूत और नितम्बों को छुपाने की कोशिश करते हुए कुर्ता दीपू  को थमा दिया।

जब दीपू  मेरे कुर्ते को अपने सिर पर बांधने लगा तो मैंने अपने सिर के लम्बे बालों को इकट्ठा कर के सिर पर जूड़ा बना लिया और अपने हाथों से अपनी बनियान को नीचे खींच कर पकड़ लिया।अब हम दोनों पानी में जाने लगे। तो दीपू  ने आगे बढ़ते हुए कहा,” आप मेरी बांह को ज़ोर से पकड़ कर रखना और जबतक नाला पार न हो जाए छोड़ना मत।”

तो मैंने कहा,” नहीं तुम ही मेरी बांह पकड़ कर मुझे नाला पार करवा दो,” तो बह मेरी बात मान गया और उसने अपने दांए हाथ से मेरी बांई बांह को कंधे के थोड़ा नीचे से पकड़ लिया और अब हम दोनों पानी में उतर कर चलने लगे।

नाले का पानी दीपू  की तरफ से वह कर मेरी तरफ से निकल रहा इसलिए मेरी तरफ़ बहाव थोड़ा कम था।थोड़ा आगे जाने पर पानी गहरा आ गया और मेरी कमर तक पहुंच गया तो मेरी बनियान भी ऊपर उठ गई और मेरे दोनों स्तन नंगें हो गये। जब पानी का बहाव बढ़ने लगा तो मैं डर गई और बोली, दीपू  मुझे अच्छे से पकड़ लो नहीं तो मैं वह जाऊंगी।

तो दीपू  ने मेरी बाईं बांह उठा कर अपनी गर्दन पर रख दी और अपने बांएं हाथ से मेरा बायां हाथ पकड़ लिया और अपनी दाईं बांह मेरी पतली क़मर में डाल कर मुझे नाला पार करवाने लगा। पानी बहुत ज्यादा होने के कारण मेरे पांव उखड़ने लगे तो मैं उससे लिपटने लगी।

तो दीपू  ने कहा कि ऐसे तो चलना मुश्किल हो जाएगा आप मेरी पीठ पर चढ़ जाओ मैं तुम्हें अपने पीठ पर उठा कर पार करा दूंगा और उसने खींच कर मुझे अपनी पीठ पर चढ़ा लिया | मैं उसके गले में अपनी बाहें डाल कर उसकी पीठ पर लटक गयी तो उस ने अपने दोनों हाथ पीछे करके मेरी जांघों में फंसा लिए और मुझे ऊपर उठा लिया।

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अब मेरी चूत उसकी कमर पर चिपकी हुई थी और मेरे दोनों स्तन उसकी पीठ से लगे हुए थे। मैंने भी अपनी दोनों टांगें उसकी कमर से लपेटी हुई थीं। ग़ैर मर्द के स्पर्श से मेरी चूत गीली हो गई थी और मैं गर्म हो रही थी।

तभी दीपू  ने कहा,” आशु मेरी कमर में कुछ चुभ रहा है मुझे लगता है कि यह आपके नीचे के बाल हैं.”तो मैंने कहा,” पिछले हफ्ते ही साफ़ किए थे मुझे क्या पता था कि तुमको चुभेंगे आज सुबह भी साफ़ कर लेती” और फिर हम दोनों हंसने लगे |

फिर थोड़ी देर बाद दीपू  ने कहा कि अब पानी थोड़ा कम आ गया है और बहाव भी कम है अब तुम नीचे उतर सकती हो और फिर मैं नीचे उतर गई और हम एक दूसरे की कमर में हाथ डाल कर पानी में चलने लगे।

मैंने कहा कि मुझ से चला नहीं जा रहा तो दीपू  ने कहा,” पानी में तुम्हारा बज़न तो फूल जैसे हल्का लग रहा था अब तो मैं तुम्हें अपने आगे टांग कर भी ले जा सकता हूं” मैं यह सुनकर बहुत खुश हो गई तो मैंने कहा कि उठा कर टांग लो अपने गले से तो बह रुक गया।

पानी अभी भी मेरे स्तनों तक था पर बहाव नहीं था। मैं झट से उसके गले में बाहें डाल कर उच्छली और अपनी दोनों टांगें फैला कर उसकी कमर से लिपटा दीं उसने भी मेरे नितम्बों के नीचे हाथ रख कर मुझे उपर उठा लिया। मैं हिचक उठी जब उसका लंड मेरी चूत को छूने लगा।

मैंने पूछा कि मेरे नीचे यह क्या छू रहा है तो उसने कहा,” यह मेरा ही है जो खड़ा हो कर तुम्हें अपने उपर उठाने की कोशिश कर रहा है।” मैं लंड का स्पर्श अपनी प्यासी चूत पर पाकर बहुत गर्म हो गई |

तो मैंने अपने एक हाथ से दीपू  के कंधे को पकड़े रखा और दूसरे हाथ को नीचे करके अपनी चूत के पास ले गयी।मेरी चूत चिपचिपी हो गई थी और जब मैंने दीपू  के लंड को पकड़ा तो जान कर हैरान हो गई।

उसका लंड बहुत लम्बा और मोटा था और तना हुआ था। तो मैंने कहा,” दिल कर रहा था तुम से अभी चुदवा लूं पर तुम्हारा तो बहुत बड़ा है मैं इसे अपने अंदर नहीं ले सकती मुझे माफ़ करना” तो दीपू  ने मेरे गाल पर किस किया और बोला,” तो आधा ही लेलो।”

मैंने कहा यह आधा क्या थोड़ा भी नहीं ले सकती यह मोटा ही बहुत लग रहा है। तुम्हारा लंड है या मूसल इससे तो मेरी चूत का भोसड़ा बन जाएगा।” दीपू  ने कहा,” मैं जबरदस्ती नहीं करुंगा तुम कोशिश कर के देख लो पर एक बात बता देता हूं |

मेरा लंड जो लड़की भी अपनी चूत में एक बार लें लेती है उसे इतना मज़ा आता है कि बह जिसे कभी भुला नहीं सकती आगे तुम्हारी मर्ज़ी। उसकी बातें सुनकर मेरा मन ललचाने लगा और मैंने थोड़ा हिम्मत करके अपनी टांगें और फ़ैलाईं और उसके मोटे लंड को अपनी चूत के मुंह पर सैट कर के उसे अंदर घुसाने की कोशिश करने लगी।

लंड अंदर तो नहीं जा रहा था पर लंड के सुपाड़े की गर्मी से मैं इतनी उत्तेजित हो गई कि मैंने खीज कर कहा,” मैं इतना तड़प रही हूं और दीपू  तू तमाशा देख रहा है।तू भी जोर का धक्का लगा और फाड़ दे मेरी चूत अब मुझ से रहा नहीं जा रहा।” तभी दीपू  ने मेरे दोनों चूतड़ों को अपने हाथों में कस कर पकड़ लिया और एक जोरदार धक्का लगा तो मेरे मुंह से चीख निकल गई और उसका आधे से ज़्यादा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया।

मैं हाय हाय करने लगी और दीपू  के गले से लिपट गई।थोड़ी देर बाद दीपू  जब लंड अंदर बाहर करने लगा तो मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था पर बाद में मैं फिर गर्म हो गई और कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी।

जब मैं पूरे जोश में आ गई तो दीपू  ने एक और जोरदार धक्का लगाया और पूरा लंड जड़ तक मेरी चूत में घुसा दिया.मैं फिर चीखी और उसके गाल पर थप्पड़ मारने लगी और बोली,” मर जाने तू ने तो मुझे मारने की सोची है क्या?”

तो दीपू  मार खाता हुआ जोर से हंसने लगा,” तू मुझे मार ले जितना मारना है मैं तो तेरी चूत अच्छी तरह मार के छोड़ूंगा और बह धक्के पे धक्का लगाने लगा. फिर मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मैं दीपू  के लंड से उच्छल उच्छल कर चुदवाने लगी और थोड़ी ही देर में झड़ गई और उसके गालों को चूमने लगी पर बह मुझे खींच खींच कर चोद रहा था|

फिर मैंने उसे कहा कि अपना माल अंदर न गिराए उस अपनी स्पीड बढ़ा दी और फिर एक जोर का धक्का लगा कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और मेरा हाथ खींच कर उसमें पकड़ा दिया.

मैंने दो तीन बार ही लंड पकड़ कर हाथ को आगे पीछे किया कि उसके लंड ने बहते हुए पानी में अपना माल गिरा दिया और बह हांफने लगा। फिर मैं पानी में नीचे उतर गई और हम एक दूसरे से लिपट कर चूमा चाटी करने लगे।

जब हम नाला पार कर रहे थे तो बह कभी मेरे मम्मे दबाने लगता कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ फेरता. मैं फिर से गर्म होने लगी तो मैंने उसके अंडरवीयर पर हाथ फेरना चाहा तो बह बिल्कुल नंगा था तो जब मैंने पूछा तो उसने बताया कि चूत मारते मारते उसका अंडरवीयर नाले में ही बह गया।

फिर मैंने मज़ाक करते हुए पूछा कि लंड है या वह भी वह गया तो उसने झट से मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया जो फिर से तन कर खड़ा हो गया था।जब हम नाले के पार पहुंचने वाले थे और पानी घुटनों के नीचे तक ही था|

पैरों के नीचे रेत थी तो सामने एक बड़ा सा पत्थर आ गया। तो दीपू  ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और मेरे दोनों मम्मे दबाने लगा और बोला कि एक बार और कर लेते हैं और मैं भी मान गई फिर मैं उस बड़े से चौड़े पत्थर पर बैठ गई और दीपू  मेरे सामने अपना लंड पकड़ कर खड़ा हो गया।

मैंने झट से उसका लंड पकड़ लिया और उसे अपने मुंह में ले कर चूसने लगी। फिर मैं अपनी टांगें फैला कर बैठ गई और उसे मेरी चूत चाटने को कहा। बह नीचे बैठ कर मेरी चूत चाटने लगा मुझे ।

मुझे बहुत मज़ा आने लगा और मैं बहुत उत्तेजित हो गई और उसे चोदने के लिए कहा।मैंने खड़े होकर अपनी टांगें फैला दी और उसी पत्थर पर झुक गई उसने पीछे आकर मेरी चूत पर हाथ लगा कर देखा तो चूत बहुत गीली थी |

उसने झट से लंड उस पर रखा और एक ही झटके में पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया और फिर हम दोनों एक दूसरे का साथ देते हुए चुदाई का मज़ा लेने लगे।इस बार उसने काफ़ी देर तक चोदा और मैं अब दो बार झड़ गई फिर मैं थोड़ा झुकी और उसका लंड अपनी चूत में से बाहर निकाल लिया |

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पत्थर पर बैठ कर मुंह में ले कर आगे पीछे करने लगी और काफ़ी देर बाद बह मेरे मुंह में ही झड़ गया। मैं उसका सारा वीर्य पी गई और चाट चाट कर उसके लंड को साफ़ कर दिया फिर हमने कपड़े पहने और अपने अपने घर को आ गये।

रात भर मैं उसके मोटे लंड को याद करते हुए अपनी चूत सहलाती रही और सोचती रही कि काश इतना बड़ा लंड मेरे पति का भी होता तो मज़ा ही आ जाता।दूसरे दिन जब वह मुझे मिला तो मेरी नज़रें उसे देख कर झुक गई।

फिर उसने मुझसे पूछा कि फिर कब मिलोगी तो मैंने कहा कि अभी तक सूजी हुई है  गधा कहीं का। तो तो बह हंस कर बोला घोड़ी कहीं की।और फिर वहां से भागने लगा तो मैंने उससे कहा कि रात भर मैं सो नहीं सकी तो उसने कहा कि मुझे बुला लेना था नींद का इंजेक्शन लगा देता |

तो मैंने कहा कि आज रात को मैं अपने कमरे की गली वाली खिड़की खोल कर रखूंगी तुम मुझे सरिए की रांडों में से ही इंजैक्शन लगाने आ जाना। तो वह मान गया।और फिर रात को जब सारे घर वाले सो गए |

तो मैं लाइट बंद करके अपने कमरे को अन्दर से लाक करके नंगी हो गई और दीपू  का इंतजार करने लगी। तभी ज़ोर की बारिश शुरू हो गई और लाइट भी चली गई बारिश इतनी तेज थी कि मेरे कमरे के अन्दर तक फुहारें आने लगीं।

मैं बहुत नाउम्मीद हो गई कि इतनी बारिश में दीपू  कहां आएगा और मैं अपने बैड पर नंगी ही लेट गई और दीपू  के तने हुए लंड को याद करके अपनी चूत को सहलाने लगी ।

तभी रात के बारह बजे किसी ने खिड़की खटखटाती तो मैं दौड़ कर खिड़की के पास चली गई तो मैंने बिजली की चमक में देखा तो भीगा हुआ दीपू  ही था.मैंने सरिए की रांडों मैं से अपने हाथ बाहर निकाल लिए और दीपू  को अपनी तरफ़ खींच लिया और फिर हम ने एक दूसरे के होंठों को चूसना शुरू कर दिया।

दीपू  अपने हाथों से मेरे मम्मों को दबा रहा था और मैं अपने हाथ से उसके अंडरवीयर बाहर निकले हुए लंड को सहलाने लगी। तभी मैं बैठ गई और उसके लंड को पकड़ कर खड़की के अंदर खींच लिया और उसे चूमने लगी ।

फिर मैंने लंड को अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी। उसका लंड तनकर लोहे की तरह हो गया था।और मैं भी बहुत उत्तेजित हो गई थी। जब मुझ से रहा नहीं गया तो खिड़की से अपनी गांड़ लगा कर झुक गई और दीपू  के तने हुए लंड को अपनी गीली चूत पर सेट कर लिया।

मेरी गान्ड और कमर पर पानी की ठंडी फुहारें पड़ रही थीं और दीपू  खिड़की के बाहर से मुझे जोर जोर से चोदने लगा। आज उसका मोटा और लम्बा लंड मेरी चूत में फचाफच जा रहा था |

मैं मज़े ले ले कर चुदवा रही थी और फिर मैं झड़ गई और उसका लंड अपनी चूत में से बाहर निकाल दिया और फिर बैठकर उसे अपने मुंह में ले लिया और मुखमैथुन करने लगी ।

थोड़ी देर बाद दीपू  ने भी मेरे मुंह में पिचकारी छोड़ दी। फिर मैंने उसके लंड को अच्छी तरह चाट कर साफ़ किया और फिर खड़ी हो गई। बारिश से मैं पूरी तरह भीग चुकी थी|

फिर हमने एक दूसरे के भीगे हुए जिस्मों को सहलाया तो दीपू  ने कहा,”आशु अगर बुरा न मानो तो एक रिक्वेस्ट है” तो मैंने कहा कि बताओ मैं तुम्हारी हर ख्वाहिश पूरी करुंगी।

तो उसने कहा,”मेरा एक दोस्त मेरे पास आया हुआ है,वह शादी शुदा है, उसने कयी बार अपनी बीवी को मेरे बड़े लंड से चुदवाया है। क्योंकि उसका लंड लम्बा तो बहुत है पर थोड़ा पतला है।

अगर तुम अपनी गांड़ उससे मरवाने के लिए मान जाओ तो तुम्हारा अहसान मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगा।”तो मैने थोड़ी देर सोचा और फिर कहा,” ठीक है ले आओ पर अगर उसका लंड मोटा हुआ तो मैं उससे अपनी चूत ही मरवाउंगी” तो वह मान गया और थोड़ी देर बाद वह दोनों खिड़की के बाहर आ गए।

उसका दोस्त अंडरवियर पहन कर खिड़की से चिपक गया तो मैंने हाथ बढ़ा कर जब उसका अंडरवीयर नीचे किया और लंड पकड़ा तो उसका लंड आगे से बहुत पतला था पर लोहे की तरह सख्त था.

मैंने उसे अपने मुंह में ले कर काफ़ी देर तक चूसा और फिर अपनी गांड़ के छेद पर थोड़ी क्रीम लगाई और फिर गांड़ खिड़की से चिपका कर झुक गई तो दीपू  के उस दोस्त ने मेरी गान्ड पर पहले अपना हाथ फिराया फिर अपनी एक उंगली मेरी गान्ड में घुसा दी और आगे पीछे करने लगा।

जिससे मेरी गांड़ के अंदर तक क्रीम चली गई। फिर उसने अपना थोड़ा सा लंड अंदर घुसा दिया और धक्के लगाने लगा फिर जब उसने अपना पूरा लंड अंदर घुसा दिया तो मुझे काफी दर्द होने लगा |

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तो मैंने अपना एक हाथ पीछे करके जब लंड को चैक किया तो उसका लंड पीछे से काफी मोटा था पर मैं यूंही झुकी रही और अपनी चूत को सहलाती रही और काफ़ी उत्तेजित हो गई।

काफ़ी देर बाद जब मैं बहुत उत्तेजित हो गई तो उसने मेरी गांड़ के अंदर ही अपनी तेज पिचकारी छोड़ दी और फिर आहिस्ता आहिस्ता अपना लंड बाहर निकाल लिया। पर मेरी चूत तब लंड लेना चाहती थी । तभी दीपू  खिड़की के पास आया और मेरे एक मम्मे को पकड़ कर थैंक्यू बोलने लगा.तो मैंने कहा,” तेरे थैंक्यू की मां की लन, जल्दी से अपना लंड निकाल और मेरे भोसड़े में डाल दें, गांड़ मरवाते मरवाते मेरी फुद्दी फिर से गर्म हो गई है

तो दीपू  ने कहा,” तो फिर पकड़ ले मेरा लंड और डाल ले अपनी फुद्दी में” और मैं दीपू  का गधे जैसा लंड फिर अपनी चूत में ले कर चुदवाने लगी ।दीपू  के काफ़ी धक्कों के बाद जब मैं झड़ गई |

उसका लंड अपनी फुद्दी में से निकाल कर चूसने लगी तो दीपू  ने अपना लंड पीछे खींच लिया और फिर मैंने खड़े होकर जब उसे से इसका कारण पूछा तो दीपू  ने कहा,” सिर्फ आज अगर तुम अपनी गांड़ में मुझे पानी निकालने दोगी तो तुम जब कहोगी मैं अपना लंड लेकर तुम्हारी फुद्दी की सेवा के लिए हाजिर हो जाया करूंगा।

पर अगर तुम ने एसा नहीं करने दिया तो मैं फिर कभी तुम्हारे काम नहीं आऊंगा” मैं मजबूर हो कर दीपू  के गधे जैसे लंड से अपनी गांड़ मरवाने को तैयार हो गई और फिर मैंने कहा,” ठीक है|

पर आहिस्ता आहिस्ता करना” फिर मैंने पास ही रखी हुई पांड्स कोल्ड क्रीम की डिबिया में से ढेर सारी क्रीम अपने हाथ में लेकर दीपू  के फनफनाते लंड पर लगाई और कुछ उंगली से अपनी गांड़ के अंदर तक लगाई और फिर चमकती बिजली में अपनी टांगें फैला कर खिड़की से अपनी गांड़ लगा कर झुक गई।

दीपू  ने जब अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गांड़ में घुसाया तो मुझे बहुत दर्द हुआ पर फिर उसने आहिस्ता आहिस्ता धक्के लगाने शुरू कर दिए और अपना पूरा लंड मेरी गांड़ में उतार दिया और फिर तेज़ तेज़ धक्कों के साथ मेरी गांड़ में झड़ गया।

जब बह अपना लंड बाहर निकालने लगा तो मेरा दिल नहीं कर रहा था कि यह बाहर निकाले। जब लंड बाहर निकल गया तो हम दोनों खड़े होकर एक दूसरे को किस करने लगे और फिर उसका दोस्त भी आ गया |

उसने भी मुझे किस किया और मुझे थैंक्स कहा कर दोनों चले गए। मैंने बाथरूम में जाकर अपनी गांड़ और फुद्दी को अच्छी तरह धोया और फिर कपड़े पहन कर सो गई।दोस्तों आपको ये नाले में चुदाई कैसी की कहानी मस्त लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे|

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